रविवार, 31 मार्च 2013
डॉक्टर ने 3 साल के बच्चे का लिंग काटा, इलाज के नाम पर किया था भर्ती
देवलापार. क्षेत्र के टुय्यापार ग्राम में रहने वाले सुरेन्द्रसिंग राठौर की विवाहित बेटी अंजु अमरसिंग भट्टेचोर निवासी अडेगांव त. मौदा ने यह आरोप लगाया है कि उसके तीन साल के बच्चे का लिंग कामठी के एक निजी अस्पताल के चिकित्सक ने ऑपरेश्न के दौरान काट डाला।
जानकारी के अनुसार कामठी (कन्हान) स्थित हायटेक हॉस्पिटल में अंजु ने अपने बच्चे अंशु को इलाज के लिए ले गई। अंशु शरीर व दिमाग से पूरी तरह स्वस्थ है।
केवल उसे हाल ही में पेशाब करने में परेशानी हो रही थी। इसलिए अंजु ने रामटेक के डॉ. आष्टनकर को अंशु को दिखाया। उन्होंने 8 दिन की दवा देकर 8 दिन बाद आने को कहा। 8 दिन बाद भी आराम नहीं लगने पर अंजु डॉ. आष्टनकर के पास पहुंची।डॉ. ने जांच कर कामठी के हायटेक हास्पिटल ने जाने की सलाह दी। उसी आधार पर अंजु अपने परिवार एवं बच्चे को लेकर हायटेक हॉस्पिटल पहुंची। वहां मौजूद डॉ. संदीप जैन को अपने बच्चे की परेशानी की जानकारी दी। डॉ. जैन ने बच्चे का चेकअप कर उसका एक छोटा ऑपरेश्न करने की बात परिवार के लोगों को बताई। और कहा की जिसका खर्च 25 से 30 हजार रुपए आएगा। अंजु की आर्थिक परिस्थिति कमजोर होने के बावजूद उसने बच्चे के ऑपरेश्न करने की मंजुरी दी। डॉ. जैन ने बच्चे को भर्ती कर ऑपरेशन किया। ऑपरेशन में डॉ. ने बच्चे का पूरा लिंग ही काट डाला।
और कुछ समय बाद नागपुर के मेयो अस्पताल में बच्चे को लेजाने की सलाह दी। परिवार के लोगों ने अंशु को मेयो अस्पताल में 10 से 12 दिन भर्ती रखा, फिर अंशु को मेडिकल रेफर किया गया। वहां के चिकिस्तको ने परिवार के लोगों को बताया की बच्चे का लिंग काटने की कोई आवश्यकता नहीं थी। यहा पर बच्चे का ऑपरेशन कर पेट से नली डाली गई, जिससे वो पेशाब कर रहा है। अंजू ने हायटेक हास्पिटल के चिकित्सक के खिलाफ कामठी पुलिस स्टेशन में 20 मार्च को शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है।
राजनाथ का मिशन 2014 का ऎलान
राजनाथ का मिशन 2014 का ऎलान
नई दिल्ली। बीजेपी ने मिशन 2014 का आगाज कर दिया है। इसी के तहत नए राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने अपनी नई टीम का रविवार सुबह ऎलान किया। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को पार्टी के संसदीय बोर्ड में शामिल किया गया है। छह साल बाद मोदी की संसदीय बोर्ड में वापसी हुई है। भाजपा का यही संसदीय बोर्ड 2014 के आम चुनाव की अगुआई करेगा। तेजतर्रार महिला नेता उमा भारती को उपाध्यक्ष बनाया गया है। मुख्तार अब्बास नकवी (यूपी),प्रभात झा,स्मृति इरानी भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाएंगे। अनुराग ठाकुर युवा मोर्चा उपाध्यक्ष बने रहेंगे। सरोज पांडे महिला मोर्चा अध्यक्ष बनाया गया है।
मोदी के करीबी अमित शाह को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। 10 महासचिवों में से 5 महासचिव नितिन गडकरी की टीम के ही हैं। इस लिस्ट में सबको उम्मीद थी कि मध्य प्रदेश की तेज तर्रार नेता उमा भारती का नाम भी होगा,लेकिन अंत समय में धर्मेद्र प्रधान बाजी मार ले गए। उमा भारती को उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई। महासचिव के एक और मजबूत दावेदार प्रभात झा को भी उपाध्यक्ष पद से संतोष करना पड़ा है।
संसदीय बोर्ड में मोदी की एंट्री
राजनाथ सिंह,अटल बिहारी वाजपेयी,लालकृष्ण आडवाणी,मुरली मनोहर जोशी,वेंकैया नायडू,नितिन गडकरी,सुषमा स्वराज,अरूण जेटली,रामलाल,अनंत कुमार,थावर चंद गहलोत और नरेंद्र मोदी।
ये बने महासचिव
रामलाल (संगठन),अनंत कुमार,थावर चंद गहलोत,राज्यसभा सांसद जेपी नड्डा,तापिर गांव,गुजरात बीजेपी नेता अमित शाह,राज्यसभा सांसद राजीव प्रताप रूडी,पीलीभीत सं सांसद वरूण गांधी,मुरलीधर राव और धर्मेद्र प्रधान।
ये बने उपाध्यक्ष
किरण माहेश्वरी,स्मृति ईरानी,सदानंद गौड़ा,मुख्तार अब्बास नकवी,डॉ. सीपी ठाकुर,जुएल उरांव,एसएस अहलूवालिया,बलबीर पुंज,सतपाल मलिक,प्रभात झा,उमा भारती,बिजॉय चक्रवर्ती,लक्ष्मीकांत चावला।
सचिव
विनोद पांडेय,त्रिवेंद्र रावत,रामेश्वर चौरसिया,श्याम जाजू,भूपेंद्र यादव,कृष्णा दास,अनिल जैन, आरती मेहरा,रेणु कुशवाहा,सुधा यादव,सुधा मलैया,पूनम महाजन,लुईस मरांडी,डॉ. तमिल एसाई,वाणी त्रिपाठी।
मोर्चाओं के अध्यक्ष
सरोज पांडेय को महिला मोर्चा,अनुराग ठाकुर युवा मोर्चा अध्यक्ष,संजय पासवान एसी मोर्चा अध्यक्ष,फगन सिंह कुलस्ते एसटी मोर्चा,अब्दिल राशिद को अल्पसंख्यक मोर्चा तथा ओम प्रकाश धनाकर को किसान मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है।
पार्टी के नौ प्रवक्ता
प्रकाश जावडेकर,सैयद शाहनवाज हुसैन,निर्मला सीतारमन,विजयशंकर शास्त्री,डा. सुधांशु त्रिवेदी,मीनाक्षी लेखी,कैप्टन अभिमन्यु को प्रवक्ता बनाया गया है।
इन्हें नहीं मिली तवज्जो
नई टीम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी जगह नहीं मिली है। उन्हें मोदी के साथ संसदीय बोर्ड में शमिल किए जाने की चर्चा थी। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को भी टीम से बाहर रखा गया है। भाजपा के मुस्लिम चेहरों मुख्तार अब्बास नकवी और सैयद शाहनवाज हुसैन को भी तवज्जो नहीं दी गई है और उन्हें क्रमश: उपाध्यक्ष तथा प्रवक्ता ही रखा गया है हालंाकि हुसैन को केन्द्रीय चुनाव समिति में भी जगह दी गई है। वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा का नम्बर भी नहीं आ सका।
नई दिल्ली। बीजेपी ने मिशन 2014 का आगाज कर दिया है। इसी के तहत नए राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने अपनी नई टीम का रविवार सुबह ऎलान किया। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को पार्टी के संसदीय बोर्ड में शामिल किया गया है। छह साल बाद मोदी की संसदीय बोर्ड में वापसी हुई है। भाजपा का यही संसदीय बोर्ड 2014 के आम चुनाव की अगुआई करेगा। तेजतर्रार महिला नेता उमा भारती को उपाध्यक्ष बनाया गया है। मुख्तार अब्बास नकवी (यूपी),प्रभात झा,स्मृति इरानी भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाएंगे। अनुराग ठाकुर युवा मोर्चा उपाध्यक्ष बने रहेंगे। सरोज पांडे महिला मोर्चा अध्यक्ष बनाया गया है।
मोदी के करीबी अमित शाह को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। 10 महासचिवों में से 5 महासचिव नितिन गडकरी की टीम के ही हैं। इस लिस्ट में सबको उम्मीद थी कि मध्य प्रदेश की तेज तर्रार नेता उमा भारती का नाम भी होगा,लेकिन अंत समय में धर्मेद्र प्रधान बाजी मार ले गए। उमा भारती को उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई। महासचिव के एक और मजबूत दावेदार प्रभात झा को भी उपाध्यक्ष पद से संतोष करना पड़ा है।
संसदीय बोर्ड में मोदी की एंट्री
राजनाथ सिंह,अटल बिहारी वाजपेयी,लालकृष्ण आडवाणी,मुरली मनोहर जोशी,वेंकैया नायडू,नितिन गडकरी,सुषमा स्वराज,अरूण जेटली,रामलाल,अनंत कुमार,थावर चंद गहलोत और नरेंद्र मोदी।
ये बने महासचिव
रामलाल (संगठन),अनंत कुमार,थावर चंद गहलोत,राज्यसभा सांसद जेपी नड्डा,तापिर गांव,गुजरात बीजेपी नेता अमित शाह,राज्यसभा सांसद राजीव प्रताप रूडी,पीलीभीत सं सांसद वरूण गांधी,मुरलीधर राव और धर्मेद्र प्रधान।
ये बने उपाध्यक्ष
किरण माहेश्वरी,स्मृति ईरानी,सदानंद गौड़ा,मुख्तार अब्बास नकवी,डॉ. सीपी ठाकुर,जुएल उरांव,एसएस अहलूवालिया,बलबीर पुंज,सतपाल मलिक,प्रभात झा,उमा भारती,बिजॉय चक्रवर्ती,लक्ष्मीकांत चावला।
सचिव
विनोद पांडेय,त्रिवेंद्र रावत,रामेश्वर चौरसिया,श्याम जाजू,भूपेंद्र यादव,कृष्णा दास,अनिल जैन, आरती मेहरा,रेणु कुशवाहा,सुधा यादव,सुधा मलैया,पूनम महाजन,लुईस मरांडी,डॉ. तमिल एसाई,वाणी त्रिपाठी।
मोर्चाओं के अध्यक्ष
सरोज पांडेय को महिला मोर्चा,अनुराग ठाकुर युवा मोर्चा अध्यक्ष,संजय पासवान एसी मोर्चा अध्यक्ष,फगन सिंह कुलस्ते एसटी मोर्चा,अब्दिल राशिद को अल्पसंख्यक मोर्चा तथा ओम प्रकाश धनाकर को किसान मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है।
पार्टी के नौ प्रवक्ता
प्रकाश जावडेकर,सैयद शाहनवाज हुसैन,निर्मला सीतारमन,विजयशंकर शास्त्री,डा. सुधांशु त्रिवेदी,मीनाक्षी लेखी,कैप्टन अभिमन्यु को प्रवक्ता बनाया गया है।
इन्हें नहीं मिली तवज्जो
नई टीम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी जगह नहीं मिली है। उन्हें मोदी के साथ संसदीय बोर्ड में शमिल किए जाने की चर्चा थी। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को भी टीम से बाहर रखा गया है। भाजपा के मुस्लिम चेहरों मुख्तार अब्बास नकवी और सैयद शाहनवाज हुसैन को भी तवज्जो नहीं दी गई है और उन्हें क्रमश: उपाध्यक्ष तथा प्रवक्ता ही रखा गया है हालंाकि हुसैन को केन्द्रीय चुनाव समिति में भी जगह दी गई है। वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा का नम्बर भी नहीं आ सका।
‘जल को जानें और पहचाने ’अभियान का आगाज बाड़मेर से
‘जल को जानें और पहचाने ’अभियान का आगाज बाड़मेर से
बाड़मेर , देश को विकसित बनाने के लिए जल एवं स्वच्छता को आम आदमी तक पहुंच सुनिश्चित करना होगा। स्वच्छता के अभाव एवं खेतों में रसायन के उपयोग से जलस्रोत एवं नदियां प्रदूषित हो रही हैं। भूजल के दोहन से पानी खत्म हो रहा है। हमें इसे रोकना होगा। संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस वर्ष को ‘अंतरराष्ट्रीय जल सहकार वर्ष’ घोषित किया है। इसी कर्म में बाड़मेर में सीसीड़ीयू जिले भर में आगामी साल भर तक जल को जाने और पहचाने अभियान को चलाएगा . राजस्थान में पहली बार आयोजित किये जाने वाले इस अभियान की अनूठी पहल बाड़मेर की धरा पर सार्थक होती नजर आएगी।सीसीड़ीयू की आईईसी कंसल्टेंट अशोक सिंह ने बताया की ‘जल को जाने और पहचाने ’ अभियान का उद्देश्य जल का महत्व, संबंधित विचार, स्रोतों की बुनियादी समझ, पानी के प्रति पारंपरिक व आधुनिक दृष्टि, चुनौती व समाधान जैसे मसलों को लोगों के मध्य ले जाना है। अभियान खासतौर पर शिक्षण संस्थाओं और अन्य युवाओं के बीच पानी की बात पहुंचाने का मन रखता है। सीसीड़ीयू का आईईसी अनुभाग छोटी-छोटी बुनियादी जानकारियों, पानी का काम कर रहे व्यक्तियों, संगठनों के कार्यों से जन-जन को अवगत कराने से लेकर अंतरराष्ट्रीय हो चुके पानी मुद्दों को इस अभियान में शामिल करेगा। विभिन्न स्तरीय प्रतियोगिता, अध्ययन, कार्यशाला, व्याख्यान, शिविर, प्रदर्शनी, कविता पाठ, नुक्कड़ नाटक, फिल्म-स्लाइड शो, सहित्य-पर्चे-बैज आदि का वितरण और यात्राओं के अलावा कई ज़मीनी और श्रम आधारित गतिविधियों को भी इस अभियान का हिस्सा बनाया गया है। सीसीड़ीयू के आईईसी अनुभाग का मानना है कि आज जल सुरक्षा को सबसे बड़ी चुनौती चार तरफ से है: कृषि, शौच, ठोस कचरा और औद्योगिक अवजल। और जल सहकार के लिए सात प्रमुख वर्ग ऐसे हैं, जिन्हें बुनियादी हकीक़त से अवगत कराना और दायित्वपूर्ति के लिए प्रेरित करना जरूरी है: किसान, स्थानीय निकाय, व्यापारिक प्रतिष्ठान, औद्योगिक इकाइयां, सरकारी अस्पताल, निजी नर्सिंग होम और नदी किनारे स्थापित आस्था केन्द्र। यह जल सहकार का असली काम होगा। पानी की सबसे ज्यादा खपत कृषि क्षेत्र में है। नहरी सिंचाई प्रणाली का दुरुपयोग, अधिक सिंचाई से कम उपज के प्रति जानकारी का अभाव, कम पानी में अधिक उपज के वैज्ञानिक तौर-तरीकों की जानकारी व संसाधनों का अभाव तथा कृषि में रसायनों का बढ़ता प्रयोग जैसे मसले चुनौती बढ़कर खड़े हैं। इन सभी बातो को आगामी मई, 2013 से मई, 2014 के दौरान एक विशेष अभियान में आम जनता के सामने रखा जायेगा इस अभियान में हर वर्ग को शामिल किया जायेगा . इतना ही नही इस अभियान की शुरुवात तो शहर से होगी लेकिन बात सरहद के आखिरी छोर तक बेठे आम आदमी तक पहुचाई जाएगी .
बाड़मेर , देश को विकसित बनाने के लिए जल एवं स्वच्छता को आम आदमी तक पहुंच सुनिश्चित करना होगा। स्वच्छता के अभाव एवं खेतों में रसायन के उपयोग से जलस्रोत एवं नदियां प्रदूषित हो रही हैं। भूजल के दोहन से पानी खत्म हो रहा है। हमें इसे रोकना होगा। संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस वर्ष को ‘अंतरराष्ट्रीय जल सहकार वर्ष’ घोषित किया है। इसी कर्म में बाड़मेर में सीसीड़ीयू जिले भर में आगामी साल भर तक जल को जाने और पहचाने अभियान को चलाएगा . राजस्थान में पहली बार आयोजित किये जाने वाले इस अभियान की अनूठी पहल बाड़मेर की धरा पर सार्थक होती नजर आएगी।सीसीड़ीयू की आईईसी कंसल्टेंट अशोक सिंह ने बताया की ‘जल को जाने और पहचाने ’ अभियान का उद्देश्य जल का महत्व, संबंधित विचार, स्रोतों की बुनियादी समझ, पानी के प्रति पारंपरिक व आधुनिक दृष्टि, चुनौती व समाधान जैसे मसलों को लोगों के मध्य ले जाना है। अभियान खासतौर पर शिक्षण संस्थाओं और अन्य युवाओं के बीच पानी की बात पहुंचाने का मन रखता है। सीसीड़ीयू का आईईसी अनुभाग छोटी-छोटी बुनियादी जानकारियों, पानी का काम कर रहे व्यक्तियों, संगठनों के कार्यों से जन-जन को अवगत कराने से लेकर अंतरराष्ट्रीय हो चुके पानी मुद्दों को इस अभियान में शामिल करेगा। विभिन्न स्तरीय प्रतियोगिता, अध्ययन, कार्यशाला, व्याख्यान, शिविर, प्रदर्शनी, कविता पाठ, नुक्कड़ नाटक, फिल्म-स्लाइड शो, सहित्य-पर्चे-बैज आदि का वितरण और यात्राओं के अलावा कई ज़मीनी और श्रम आधारित गतिविधियों को भी इस अभियान का हिस्सा बनाया गया है। सीसीड़ीयू के आईईसी अनुभाग का मानना है कि आज जल सुरक्षा को सबसे बड़ी चुनौती चार तरफ से है: कृषि, शौच, ठोस कचरा और औद्योगिक अवजल। और जल सहकार के लिए सात प्रमुख वर्ग ऐसे हैं, जिन्हें बुनियादी हकीक़त से अवगत कराना और दायित्वपूर्ति के लिए प्रेरित करना जरूरी है: किसान, स्थानीय निकाय, व्यापारिक प्रतिष्ठान, औद्योगिक इकाइयां, सरकारी अस्पताल, निजी नर्सिंग होम और नदी किनारे स्थापित आस्था केन्द्र। यह जल सहकार का असली काम होगा। पानी की सबसे ज्यादा खपत कृषि क्षेत्र में है। नहरी सिंचाई प्रणाली का दुरुपयोग, अधिक सिंचाई से कम उपज के प्रति जानकारी का अभाव, कम पानी में अधिक उपज के वैज्ञानिक तौर-तरीकों की जानकारी व संसाधनों का अभाव तथा कृषि में रसायनों का बढ़ता प्रयोग जैसे मसले चुनौती बढ़कर खड़े हैं। इन सभी बातो को आगामी मई, 2013 से मई, 2014 के दौरान एक विशेष अभियान में आम जनता के सामने रखा जायेगा इस अभियान में हर वर्ग को शामिल किया जायेगा . इतना ही नही इस अभियान की शुरुवात तो शहर से होगी लेकिन बात सरहद के आखिरी छोर तक बेठे आम आदमी तक पहुचाई जाएगी .
दिल्ली की तरफ बढ़े मोदी के कदम
दिल्ली की तरफ बढ़े मोदी के कदम
नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की छह साल बाद बीजेपी की संसदीय समिति में वापसी हो गई है। भाजपा का यही संसदीय समिति 2014 के आम चुनाव की अगुआई करेगी। समिति ही पार्टी में फैसले लेने वाली सबसे ताकतवर समिति है। संसदीय बोर्ड में वह अकेले मुख्यमंत्री हैं। इससे साफ हो गया है कि केंद्रीय राजनीति में मोदी का कद बढ़ चुका है और अगले लोकसभा चुनाव में उनकी बड़ी भूमिका होने जा रही है। राजनीतिक गलियारे में मोदी की वापसी को भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित किए जाने की ओर उनके बढ़ते कदम के तौर पर देखा जा रहा है। दीगर बात है कि पिछली बार भी राजनाथ सिंह ने ही मोदी को पार्टी के संसदीय बोर्ड में लेकर आए थे लेकिन एक साल बाद ही मोदी को हटाना पड़ा था।
दागी अमित शाह का कद बढ़ा
इतना ही नहीं बल्कि उनके करीबी माने जाने वाले गुजरात के नेता अमित शाह को महासचिव बनाया गया है। 2005 में हुए सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद शाह को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। वरूण गांधी के खिलाफ, 2009 के आम चुनाव के दौरान घृणास्पद भाषण देने के लिए दो मामले दर्ज किए गए थे। इस महीने के प्रारम्भ में उन्हें हालांकि आरोपमुक्त कर दिया गया था।
मोदी पर सहमत नहीं थे आडवाणी-सुषमा!
सूत्रों के अनुसार मोदी को एकमात्र सीएम के तौर पर संसदीय बोर्ड में लाने के फैसले को सुषमा और आडवाणी ने एक बार फिर से चुनौती दी थी। मगर मोदी का नाम आखिर तक मजबूती से चला। भाजपा अध्यक्ष ने जेटली से भी भेंट कर उनसे उनकी राय ली। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद धर्मेन्द्र प्रधान को भी बतौर महासचिव बरकरार रखने का फैसला हुआ।
अंतिम समय तक उहापोह की स्थिति
अंतिम समय में संघर्ष के चलते टीम राजनाथ की घोषणा शनिवार को रूक गई और रविवार को वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की। राजनाथ ने शनिवार को अपने पदाधिकारियों की सूची को लेकर सुषमा स्वराज और अरूण जेटली से मंत्रणा की थी। सूत्रों के अनुसार नरेंद्र मोदी को इकलौते मुख्यमंत्री के तौर पर संसदीय बोर्ड में लाने और धर्मेन्द्र प्रधान को दोबारा से महासचिव बनाने का अंतिम विरोध हुआ। धर्मेन्द्र की जगह प्रभात झा के नाम की चर्चा चली, लेकिन उनके नाम को पार्टी नेताओं का सर्मथन नहीं मिला है। उनके लिए महज संघ के सुरेश सोनी प्रयासरत रहे। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी उन पर आपत्ति थी। इसलिए झा को उपाध्यक्ष पद ही मिल सका।
वरूण के विरोध में कटियार!
राजनाथ सिंह की नई टीम बनने के साथ ही मतभेद भी शुरू हो गए। पूर्व उपाध्यक्ष और पूर्व महासचिव विनय कटियार ने वरूण गांधी को महासचिव बनाए जाने पर परोक्ष रूप से अपनी नाराजगी जताई है। रामजन्मभूमि आंदोलन के सक्रिय नेता रहे विनय कटिहार का कहना है कि "गांधी" सरनेम का सबको फायदा मिलता है चाहे वह कांग्रेस में हो या भाजपा में।
नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की छह साल बाद बीजेपी की संसदीय समिति में वापसी हो गई है। भाजपा का यही संसदीय समिति 2014 के आम चुनाव की अगुआई करेगी। समिति ही पार्टी में फैसले लेने वाली सबसे ताकतवर समिति है। संसदीय बोर्ड में वह अकेले मुख्यमंत्री हैं। इससे साफ हो गया है कि केंद्रीय राजनीति में मोदी का कद बढ़ चुका है और अगले लोकसभा चुनाव में उनकी बड़ी भूमिका होने जा रही है। राजनीतिक गलियारे में मोदी की वापसी को भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित किए जाने की ओर उनके बढ़ते कदम के तौर पर देखा जा रहा है। दीगर बात है कि पिछली बार भी राजनाथ सिंह ने ही मोदी को पार्टी के संसदीय बोर्ड में लेकर आए थे लेकिन एक साल बाद ही मोदी को हटाना पड़ा था।
दागी अमित शाह का कद बढ़ा
इतना ही नहीं बल्कि उनके करीबी माने जाने वाले गुजरात के नेता अमित शाह को महासचिव बनाया गया है। 2005 में हुए सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद शाह को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। वरूण गांधी के खिलाफ, 2009 के आम चुनाव के दौरान घृणास्पद भाषण देने के लिए दो मामले दर्ज किए गए थे। इस महीने के प्रारम्भ में उन्हें हालांकि आरोपमुक्त कर दिया गया था।
मोदी पर सहमत नहीं थे आडवाणी-सुषमा!
सूत्रों के अनुसार मोदी को एकमात्र सीएम के तौर पर संसदीय बोर्ड में लाने के फैसले को सुषमा और आडवाणी ने एक बार फिर से चुनौती दी थी। मगर मोदी का नाम आखिर तक मजबूती से चला। भाजपा अध्यक्ष ने जेटली से भी भेंट कर उनसे उनकी राय ली। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद धर्मेन्द्र प्रधान को भी बतौर महासचिव बरकरार रखने का फैसला हुआ।
अंतिम समय तक उहापोह की स्थिति
अंतिम समय में संघर्ष के चलते टीम राजनाथ की घोषणा शनिवार को रूक गई और रविवार को वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की। राजनाथ ने शनिवार को अपने पदाधिकारियों की सूची को लेकर सुषमा स्वराज और अरूण जेटली से मंत्रणा की थी। सूत्रों के अनुसार नरेंद्र मोदी को इकलौते मुख्यमंत्री के तौर पर संसदीय बोर्ड में लाने और धर्मेन्द्र प्रधान को दोबारा से महासचिव बनाने का अंतिम विरोध हुआ। धर्मेन्द्र की जगह प्रभात झा के नाम की चर्चा चली, लेकिन उनके नाम को पार्टी नेताओं का सर्मथन नहीं मिला है। उनके लिए महज संघ के सुरेश सोनी प्रयासरत रहे। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी उन पर आपत्ति थी। इसलिए झा को उपाध्यक्ष पद ही मिल सका।
वरूण के विरोध में कटियार!
राजनाथ सिंह की नई टीम बनने के साथ ही मतभेद भी शुरू हो गए। पूर्व उपाध्यक्ष और पूर्व महासचिव विनय कटियार ने वरूण गांधी को महासचिव बनाए जाने पर परोक्ष रूप से अपनी नाराजगी जताई है। रामजन्मभूमि आंदोलन के सक्रिय नेता रहे विनय कटिहार का कहना है कि "गांधी" सरनेम का सबको फायदा मिलता है चाहे वह कांग्रेस में हो या भाजपा में।
दिल्ली की तरफ बढ़े मोदी के कदम
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नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की छह साल बाद बीजेपी की संसदीय समिति में वापसी हो गई है। भाजपा का यही संसदीय समिति 2014 के आम चुनाव की अगुआई करेगी। समिति ही पार्टी में फैसले लेने वाली सबसे ताकतवर समिति है। संसदीय बोर्ड में वह अकेले मुख्यमंत्री हैं। इससे साफ हो गया है कि केंद्रीय राजनीति में मोदी का कद बढ़ चुका है और अगले लोकसभा चुनाव में उनकी बड़ी भूमिका होने जा रही है। राजनीतिक गलियारे में मोदी की वापसी को भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित किए जाने की ओर उनके बढ़ते कदम के तौर पर देखा जा रहा है। दीगर बात है कि पिछली बार भी राजनाथ सिंह ने ही मोदी को पार्टी के संसदीय बोर्ड में लेकर आए थे लेकिन एक साल बाद ही मोदी को हटाना पड़ा था।
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इतना ही नहीं बल्कि उनके करीबी माने जाने वाले गुजरात के नेता अमित शाह को महासचिव बनाया गया है। 2005 में हुए सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद शाह को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। वरूण गांधी के खिलाफ, 2009 के आम चुनाव के दौरान घृणास्पद भाषण देने के लिए दो मामले दर्ज किए गए थे। इस महीने के प्रारम्भ में उन्हें हालांकि आरोपमुक्त कर दिया गया था।
मोदी पर सहमत नहीं थे आडवाणी-सुषमा!
सूत्रों के अनुसार मोदी को एकमात्र सीएम के तौर पर संसदीय बोर्ड में लाने के फैसले को सुषमा और आडवाणी ने एक बार फिर से चुनौती दी थी। मगर मोदी का नाम आखिर तक मजबूती से चला। भाजपा अध्यक्ष ने जेटली से भी भेंट कर उनसे उनकी राय ली। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद धर्मेन्द्र प्रधान को भी बतौर महासचिव बरकरार रखने का फैसला हुआ।
अंतिम समय तक उहापोह की स्थिति
अंतिम समय में संघर्ष के चलते टीम राजनाथ की घोषणा शनिवार को रूक गई और रविवार को वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की। राजनाथ ने शनिवार को अपने पदाधिकारियों की सूची को लेकर सुषमा स्वराज और अरूण जेटली से मंत्रणा की थी। सूत्रों के अनुसार नरेंद्र मोदी को इकलौते मुख्यमंत्री के तौर पर संसदीय बोर्ड में लाने और धर्मेन्द्र प्रधान को दोबारा से महासचिव बनाने का अंतिम विरोध हुआ। धर्मेन्द्र की जगह प्रभात झा के नाम की चर्चा चली, लेकिन उनके नाम को पार्टी नेताओं का सर्मथन नहीं मिला है। उनके लिए महज संघ के सुरेश सोनी प्रयासरत रहे। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी उन पर आपत्ति थी। इसलिए झा को उपाध्यक्ष पद ही मिल सका।
वरूण के विरोध में कटियार!
राजनाथ सिंह की नई टीम बनने के साथ ही मतभेद भी शुरू हो गए। पूर्व उपाध्यक्ष और पूर्व महासचिव विनय कटियार ने वरूण गांधी को महासचिव बनाए जाने पर परोक्ष रूप से अपनी नाराजगी जताई है। रामजन्मभूमि आंदोलन के सक्रिय नेता रहे विनय कटिहार का कहना है कि "गांधी" सरनेम का सबको फायदा मिलता है चाहे वह कांग्रेस में हो या भाजपा में।
नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की छह साल बाद बीजेपी की संसदीय समिति में वापसी हो गई है। भाजपा का यही संसदीय समिति 2014 के आम चुनाव की अगुआई करेगी। समिति ही पार्टी में फैसले लेने वाली सबसे ताकतवर समिति है। संसदीय बोर्ड में वह अकेले मुख्यमंत्री हैं। इससे साफ हो गया है कि केंद्रीय राजनीति में मोदी का कद बढ़ चुका है और अगले लोकसभा चुनाव में उनकी बड़ी भूमिका होने जा रही है। राजनीतिक गलियारे में मोदी की वापसी को भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित किए जाने की ओर उनके बढ़ते कदम के तौर पर देखा जा रहा है। दीगर बात है कि पिछली बार भी राजनाथ सिंह ने ही मोदी को पार्टी के संसदीय बोर्ड में लेकर आए थे लेकिन एक साल बाद ही मोदी को हटाना पड़ा था।
दागी अमित शाह का कद बढ़ा
इतना ही नहीं बल्कि उनके करीबी माने जाने वाले गुजरात के नेता अमित शाह को महासचिव बनाया गया है। 2005 में हुए सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद शाह को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। वरूण गांधी के खिलाफ, 2009 के आम चुनाव के दौरान घृणास्पद भाषण देने के लिए दो मामले दर्ज किए गए थे। इस महीने के प्रारम्भ में उन्हें हालांकि आरोपमुक्त कर दिया गया था।
मोदी पर सहमत नहीं थे आडवाणी-सुषमा!
सूत्रों के अनुसार मोदी को एकमात्र सीएम के तौर पर संसदीय बोर्ड में लाने के फैसले को सुषमा और आडवाणी ने एक बार फिर से चुनौती दी थी। मगर मोदी का नाम आखिर तक मजबूती से चला। भाजपा अध्यक्ष ने जेटली से भी भेंट कर उनसे उनकी राय ली। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद धर्मेन्द्र प्रधान को भी बतौर महासचिव बरकरार रखने का फैसला हुआ।
अंतिम समय तक उहापोह की स्थिति
अंतिम समय में संघर्ष के चलते टीम राजनाथ की घोषणा शनिवार को रूक गई और रविवार को वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की। राजनाथ ने शनिवार को अपने पदाधिकारियों की सूची को लेकर सुषमा स्वराज और अरूण जेटली से मंत्रणा की थी। सूत्रों के अनुसार नरेंद्र मोदी को इकलौते मुख्यमंत्री के तौर पर संसदीय बोर्ड में लाने और धर्मेन्द्र प्रधान को दोबारा से महासचिव बनाने का अंतिम विरोध हुआ। धर्मेन्द्र की जगह प्रभात झा के नाम की चर्चा चली, लेकिन उनके नाम को पार्टी नेताओं का सर्मथन नहीं मिला है। उनके लिए महज संघ के सुरेश सोनी प्रयासरत रहे। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी उन पर आपत्ति थी। इसलिए झा को उपाध्यक्ष पद ही मिल सका।
वरूण के विरोध में कटियार!
राजनाथ सिंह की नई टीम बनने के साथ ही मतभेद भी शुरू हो गए। पूर्व उपाध्यक्ष और पूर्व महासचिव विनय कटियार ने वरूण गांधी को महासचिव बनाए जाने पर परोक्ष रूप से अपनी नाराजगी जताई है। रामजन्मभूमि आंदोलन के सक्रिय नेता रहे विनय कटिहार का कहना है कि "गांधी" सरनेम का सबको फायदा मिलता है चाहे वह कांग्रेस में हो या भाजपा में।
खेलते-खेलते पहुंची पाक बार्डर,फिर गुम
खेलते-खेलते पहुंची पाक बार्डर,फिर गुम
बीकानेर। खाजूवाला क्षेत्र में दो दिन पहले एक बालिका खेलते-खेलते पाकिस्तान सीमा पहुंच गई, वहां से वापस नहीं लौटी। जानकारी के अनुसार खाजुवाला क्षेत्र के 43 केवाईडी के निवासी पुखरात की 7 वर्षीय बेटी पूजा और परिवार के अन्य बच्चे सीमा के पास पशु चरा रहे थे। शाम के समय पूजा खेलते-खेलते पाकिस्तान सीमा के करीब जा पहुंची।
जिसके बाद से वह लापता है। परिवारवालों ने इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी तो हड़कप मच गया। बीएसएफ और जनप्रतिनिधि ने बच्ची के बारे में पाकिस्तान के अधिकारियों को जानकारी दी। इसके बाद सीमा अधिकारियों ने मीटिंग की जिसमें पाकिस्तान के रेंजर्स मौजूद थे। रेंजर्स द्वारा पूजा की खोजबीन का अभियान चलाया गया लेकिन पूजा के पैरों के निशान करीब एक किलोमीटर तक ही मिले।
बीकानेर। खाजूवाला क्षेत्र में दो दिन पहले एक बालिका खेलते-खेलते पाकिस्तान सीमा पहुंच गई, वहां से वापस नहीं लौटी। जानकारी के अनुसार खाजुवाला क्षेत्र के 43 केवाईडी के निवासी पुखरात की 7 वर्षीय बेटी पूजा और परिवार के अन्य बच्चे सीमा के पास पशु चरा रहे थे। शाम के समय पूजा खेलते-खेलते पाकिस्तान सीमा के करीब जा पहुंची।
जिसके बाद से वह लापता है। परिवारवालों ने इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी तो हड़कप मच गया। बीएसएफ और जनप्रतिनिधि ने बच्ची के बारे में पाकिस्तान के अधिकारियों को जानकारी दी। इसके बाद सीमा अधिकारियों ने मीटिंग की जिसमें पाकिस्तान के रेंजर्स मौजूद थे। रेंजर्स द्वारा पूजा की खोजबीन का अभियान चलाया गया लेकिन पूजा के पैरों के निशान करीब एक किलोमीटर तक ही मिले।
बाड़मेर नाबालिग की गेंगरेप के बाद हत्या ?
बाड़मेर नाबालिग की गेंगरेप के बाद हत्या ?
बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के सदर थाना क्षेत्र के रडवा गाँव में एक नाबालिग के साथ गेंग रेप के बाद हत्या का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया .घटना की सूचना मिलते ही पुलिस दल मौके पर पहुँच गया .सूत्रानुसार बाड़मेर जिला मुख्यालय से बाईस किलोमीटर चोहटन मार्ग पर स्थित रदावा गाँव में एक नाबालिग बालिका के साथ गाँव के ही छह जानो ने सामूहिक बलात्कार कर मासूम की हत्या कर शव पहाडियों के बीच फेंक दिया .सूत्रानुसार रडवा गाँव के दो परिवारों के बीच आपसी रंजिस चल रही थी ,जिसके चलते इस घटना को अंजाम दिया जाना बताया जा रहा हें .हालांकि पुलिस गेंगरेप की घटना की पुष्टि नहीं कर रही हें .अलबता लड़की का शव पहाडियों के बीच मिलाना स्वीकार कर रहे हें ,गेंग रेप की पुष्टि पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट के बाद ही कुछ पता चलने की बात कह रही हें पुलिस .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया की अभी तक गेंग रेप जैसी कोई बात सामने नहीं आई ,मगर नाबालिग बालिका का शव बरामद हुआ हें ,अलबता लड़की के परिजन लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या के आरोप लगा रहें हें .मृतका बालिका का मुंह कपडे से बांधा हुआ हें ,बालिका का शव देखने से पता चलता हें की बालिका के साथ बेरहम तरीके से बलात्कार किया गया .
बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के सदर थाना क्षेत्र के रडवा गाँव में एक नाबालिग के साथ गेंग रेप के बाद हत्या का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया .घटना की सूचना मिलते ही पुलिस दल मौके पर पहुँच गया .सूत्रानुसार बाड़मेर जिला मुख्यालय से बाईस किलोमीटर चोहटन मार्ग पर स्थित रदावा गाँव में एक नाबालिग बालिका के साथ गाँव के ही छह जानो ने सामूहिक बलात्कार कर मासूम की हत्या कर शव पहाडियों के बीच फेंक दिया .सूत्रानुसार रडवा गाँव के दो परिवारों के बीच आपसी रंजिस चल रही थी ,जिसके चलते इस घटना को अंजाम दिया जाना बताया जा रहा हें .हालांकि पुलिस गेंगरेप की घटना की पुष्टि नहीं कर रही हें .अलबता लड़की का शव पहाडियों के बीच मिलाना स्वीकार कर रहे हें ,गेंग रेप की पुष्टि पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट के बाद ही कुछ पता चलने की बात कह रही हें पुलिस .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया की अभी तक गेंग रेप जैसी कोई बात सामने नहीं आई ,मगर नाबालिग बालिका का शव बरामद हुआ हें ,अलबता लड़की के परिजन लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या के आरोप लगा रहें हें .मृतका बालिका का मुंह कपडे से बांधा हुआ हें ,बालिका का शव देखने से पता चलता हें की बालिका के साथ बेरहम तरीके से बलात्कार किया गया .
मां से मिलने की जिद की तो 6 साल के बेटे को 16 बार काटा
जब भारतीय मूल की अमीना को चूमने लगते थे नेल्सन मंडेला !
जोहानिसबर्ग। रंगभेद विरोधी आंदोलन के नेता नेल्सन मंडेला भारतीय मूल की आमिना कंसालिया को जीवनसाथी बनाना चाहते थे। लेकिन, आमिना ने यह पेशकश ठुकरा दी थी। अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के दिवंगत नेता यूसुफ कसालिया की पत्नी आमिना का पिछले महीने 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। आमिना की जीवनी ‘व्हेन होप एंड हिस्ट्री राइम’ में कहा गया है कि 27 वर्ष तक जेल में रहने के बाद बाहर निकलने पर मंडेला ने उनसे शादी का प्रस्ताव रखा था। आमिना के बच्चों गालिब और कोको कंसालिया ने भी इसकी पुष्टि की है। उनका कहना है कि उन्हें मां ने इस प्रस्ताव के बारे में बताया था।
आमिना ने लिखा है कि मंडेला किस तरह अकेले उनके अपार्टमेंट आते थे और वह उनके दफ्तर व घर जाया करती थीं। उन्होंने लिखा, ‘वह (मंडेला) मेरे सामने सोफे पर बैठे और मुझे चूमने लगे। अपनी उंगलियों से मेरे बालों को सहलाते हुए बोले कि क्या तुम नहीं जानती कि तुम कितनी बला-की खूबसूरत, जिंदादिल और मनमोहक नौजवान महिला हो। मैंने सहज भाव से जवाब दिया कि मैं नौजवान महिला नहीं, एक अधेड़ उम्र की महिला हूं। मंडेला ने कहा कि ठीक है फिर से शुरू करते हैं। इसके बाद उन्होंने मुझे कई उपमाएं दीं।’
आमिना ने उस शाम का जिक्र भी किया जब मंडेला जोहानिसबर्ग स्थित उनके फ्लैट पर आए थे। उन्होंने मंडेला के लिए क्रेफिश बनाई थी। लेकिन मंडेला ने उसे नहीं खाया। आमिना ने लिखा, ‘उस रात नेल्सन ने मुझसे प्रेम की घोषणा कर दी। मैंने उन्हें रोका। याद दिलाया कि वे शादीशुदा हैं। मैं स्वतंत्र थी, लेकिन वे नहीं। इसी बात से वे आहत हो गए। मैंने उनकी भावनाओं को आहत किया था। मैंने उनसे रुककर क्रेफिश खाने को कहा, लेकिन वे चले गए।’
आमिना ने लिखा है कि मंडेला किस तरह अकेले उनके अपार्टमेंट आते थे और वह उनके दफ्तर व घर जाया करती थीं। उन्होंने लिखा, ‘वह (मंडेला) मेरे सामने सोफे पर बैठे और मुझे चूमने लगे। अपनी उंगलियों से मेरे बालों को सहलाते हुए बोले कि क्या तुम नहीं जानती कि तुम कितनी बला-की खूबसूरत, जिंदादिल और मनमोहक नौजवान महिला हो। मैंने सहज भाव से जवाब दिया कि मैं नौजवान महिला नहीं, एक अधेड़ उम्र की महिला हूं। मंडेला ने कहा कि ठीक है फिर से शुरू करते हैं। इसके बाद उन्होंने मुझे कई उपमाएं दीं।’
आमिना ने उस शाम का जिक्र भी किया जब मंडेला जोहानिसबर्ग स्थित उनके फ्लैट पर आए थे। उन्होंने मंडेला के लिए क्रेफिश बनाई थी। लेकिन मंडेला ने उसे नहीं खाया। आमिना ने लिखा, ‘उस रात नेल्सन ने मुझसे प्रेम की घोषणा कर दी। मैंने उन्हें रोका। याद दिलाया कि वे शादीशुदा हैं। मैं स्वतंत्र थी, लेकिन वे नहीं। इसी बात से वे आहत हो गए। मैंने उनकी भावनाओं को आहत किया था। मैंने उनसे रुककर क्रेफिश खाने को कहा, लेकिन वे चले गए।’
पाकिस्तान में हिंदू युवती को जबरन बनाया मुसलमान, करवाया निकाह
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में हिंदू लड़की के साथ शोषण जारी है। इस बार मामला पाक के सिंध प्रांत का है। यहां एक हिंदू लड़की का अपहरण कर उसका धर्मांतरण कर मुसलमान बनाया गया और फिर एक मुस्लिम युवक से उनका निकाह कर दिया गया है। इससे पहले भी पाकिस्तान में ऐसी कई घटना घट चुकी है। जिसे रोकने में वहां की सरकार असफल साबित हुई। कुछ वक्त पहले रिंकल कुमारी नामक युवती को भी जबरन मुसलमान बनाया गया था। रिंकल के परिजन न्याय पाने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट तक गए, लेकिन जबरिया निकाह का शिकार रिंकल ने भयवश यह मान लिया था कि उसने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन किया है।
ताजा घटना के बाद हिंदू समुदाय सड़कों पर उतर आया। इसकी वजह से जैकबाबाद में शुक्रवार को हिंदू पंचायत के लिए होने वाले चुनाव को स्थगित करना पड़ गया। पाकिस्तान के अखबारों के अनुसार, सोना व्यापारी अशोक कुमार की बेटी गंगा का अपहरण कर उसका दूसरे व्यापारी बहादुर अली सुरहियो के बेटे आसिफ अली से अमरोत शरीफ की दरगाह पर जबरन निकाह करवा दिया गया।
डान अखबार के अनुसार, हिंदू धर्म से इस्लाम में धर्मांतरण के बाद गंगा का नाम आसिया रख दिया गया। लड़की के माता-पिता व अन्य निकाह की जानकारी मिलने पर जब तक दरगाह पहुंचे, तब तक उनकी शादी हो चुकी थी।
इसके बाद गंगा के परिजनों ने जैकबाबाद आकर इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई। जिसके मुताबिक, आसिफ, उसके भाई, पिता व एक अन्य व्यक्ति ने गंगा को अगवा कर लिया है। इस संबंध में पुलिस ने आसिफ के भाई, पिता व एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि आसिफ पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाया था।
इस घटना के विरोध में पाकिस्तान में हिंदू समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए और उन्होंने जमकर प्रदर्शन किया। हिंदू समुदाय पर बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ हिंदूओं में गुस्सा है।
गंगा के अपहरण और जबरिया निकाह के खिलाफ जैकोबाबाद में जनता हाल से प्रेस क्लब तक रैली का आयोजन किया गया। लोगों ने गंगा को उसके परिवार से मिलाने के नारों के साथ मार्च किया। हिंदू नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो समुदाय के लोग शहर भर में हड़ताल और विरोध प्रदर्शन करेंगे।
ताजा घटना के बाद हिंदू समुदाय सड़कों पर उतर आया। इसकी वजह से जैकबाबाद में शुक्रवार को हिंदू पंचायत के लिए होने वाले चुनाव को स्थगित करना पड़ गया। पाकिस्तान के अखबारों के अनुसार, सोना व्यापारी अशोक कुमार की बेटी गंगा का अपहरण कर उसका दूसरे व्यापारी बहादुर अली सुरहियो के बेटे आसिफ अली से अमरोत शरीफ की दरगाह पर जबरन निकाह करवा दिया गया।
डान अखबार के अनुसार, हिंदू धर्म से इस्लाम में धर्मांतरण के बाद गंगा का नाम आसिया रख दिया गया। लड़की के माता-पिता व अन्य निकाह की जानकारी मिलने पर जब तक दरगाह पहुंचे, तब तक उनकी शादी हो चुकी थी।
इसके बाद गंगा के परिजनों ने जैकबाबाद आकर इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई। जिसके मुताबिक, आसिफ, उसके भाई, पिता व एक अन्य व्यक्ति ने गंगा को अगवा कर लिया है। इस संबंध में पुलिस ने आसिफ के भाई, पिता व एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि आसिफ पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाया था।
इस घटना के विरोध में पाकिस्तान में हिंदू समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए और उन्होंने जमकर प्रदर्शन किया। हिंदू समुदाय पर बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ हिंदूओं में गुस्सा है।
गंगा के अपहरण और जबरिया निकाह के खिलाफ जैकोबाबाद में जनता हाल से प्रेस क्लब तक रैली का आयोजन किया गया। लोगों ने गंगा को उसके परिवार से मिलाने के नारों के साथ मार्च किया। हिंदू नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो समुदाय के लोग शहर भर में हड़ताल और विरोध प्रदर्शन करेंगे।
राजस्थान के 6 दुर्गों को मिल सकता हैं वर्ल्ड हैरिटेज में शामिल होने का दर्जा!
जयपुर.कंबोडिया में यूनेस्को और वर्ल्ड हैरिटेज काउंसिल की जून में होने वाली मीटिंग में राजस्थान की छह हैरिटेज साइट्स को वर्ल्ड हैरिटेज साइट्स में शामिल होने का दर्जा मिल सकता है। भारत से इस बार राजस्थान के छह दुर्गो का ही सीरियल नॉमिनेशन हुआ है। जिसमें आमेर, चित्तौड़, रणथंभोर, कुंभलगढ़, गागरोन और जैसलमेर के दुर्ग शामिल हैं। इन दुर्गो की लिस्टिंग करने में जयपुर की हिस्टोरियन रीमा हूजा भी शामिल हैं। उन्होंने सरकारी नुमाइंदों और कंजर्वेटर आर्किटेक्ट शिखा जैन के साथ इन साइट्स की रिपोर्ट राइटिंग की है।
वे कहती हैं हम लोग तीन साल से इस प्रोजेक्ट में लगे हैं। जब भी यूनेस्को को अपनी साइट के बारे में ब्यौरा दिया जाता है। उसमें मॉन्यूमेंट्स की आउटस्टैंडिंग यूनिवर्सल वैल्यू बतानी होती है। मिसाल के तौर पर आमेर किले की यूनिवर्सल वैल्यू उसका जल प्रबंधन हैं वहीं चित्तौड़गढ़ किले में अलग-अलग भवनों का समूह उसकी एक खासियत है।
वे कहती हैं कि इसका डोसियर हमने राजस्थान सरकार को 2011 में तैयार करके दिया था। इसके बाद यह भारत सरकार के पास गया और अब सभी की निगाहें जून में होने वाली मीटिंग पर रहेंगी। राजस्थान के छह किलों का सीरियल नॉमिनेशन भी एक बड़ी उपलब्धि है।
क्या है आउटस्टैंडिंग यूनिवर्सल वैल्यू (ओयूवी)
जब किसी ऐतिहासिक स्मारक को यूनेस्को की ओर से वर्ल्ड हैरिटेज साइट का दर्जा दिलवाना होता है। उसकी रिपोर्ट राइटिंग में ओयूवी लिखना होता है, जो उस इमारत का यूनीक पॉइंट हैं। ताकि यूनेस्को ये सुनिश्चित कर सके कि ऐसी खूबी वाली इमारत दूसरी नहीं है। जैसे जंतर का ओयूवी पॉइंट है इसकी सटीक गणना जिसे देखकर आज भी समय का ज्ञान सहज हो सकता है। इसी तरह हर किले का भी ओयूवी तय किया जाता है।
वे कहती हैं हम लोग तीन साल से इस प्रोजेक्ट में लगे हैं। जब भी यूनेस्को को अपनी साइट के बारे में ब्यौरा दिया जाता है। उसमें मॉन्यूमेंट्स की आउटस्टैंडिंग यूनिवर्सल वैल्यू बतानी होती है। मिसाल के तौर पर आमेर किले की यूनिवर्सल वैल्यू उसका जल प्रबंधन हैं वहीं चित्तौड़गढ़ किले में अलग-अलग भवनों का समूह उसकी एक खासियत है।
वे कहती हैं कि इसका डोसियर हमने राजस्थान सरकार को 2011 में तैयार करके दिया था। इसके बाद यह भारत सरकार के पास गया और अब सभी की निगाहें जून में होने वाली मीटिंग पर रहेंगी। राजस्थान के छह किलों का सीरियल नॉमिनेशन भी एक बड़ी उपलब्धि है।
क्या है आउटस्टैंडिंग यूनिवर्सल वैल्यू (ओयूवी)
जब किसी ऐतिहासिक स्मारक को यूनेस्को की ओर से वर्ल्ड हैरिटेज साइट का दर्जा दिलवाना होता है। उसकी रिपोर्ट राइटिंग में ओयूवी लिखना होता है, जो उस इमारत का यूनीक पॉइंट हैं। ताकि यूनेस्को ये सुनिश्चित कर सके कि ऐसी खूबी वाली इमारत दूसरी नहीं है। जैसे जंतर का ओयूवी पॉइंट है इसकी सटीक गणना जिसे देखकर आज भी समय का ज्ञान सहज हो सकता है। इसी तरह हर किले का भी ओयूवी तय किया जाता है।
राजस्थानी बिना केड़ो राजस्थान काली मुख्पति बाँध मांगी मान्यता
राजस्थानी बिना केड़ो राजस्थान काली मुख्पति बाँध मांगी मान्यता
मायड भाषा ओर मॉ में कोई अन्तर नही मॉ का अपमान अब सहन नही होगा
बाडमेर तीस मार्च र राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता की मांग को लेकर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर , राजस्थानी छात्र परिषद् ,राजस्थानी चिंतन परिषद् ,राजस्थानी भाषा महिला परिषद तथा राजस्थानी मोटियार परिषद के तत्वाधान में शनिवार को राजस्थान दिवस पर राजस्थानी बिना गुंगो राजस्थान कार्यक्रम के तहत कार्यकर्ताओ ने काली मुख्पत्ति लगाकर राजस्थानी को संवेधानिक मान्यता की मांग को ले कर रेल्ली निकाल कर प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन अतिरिक्त जिला अरुण पुरोहित को सुपुर्द किया .इस अवसर पर जोधपुर संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ,जिला पाटवी रिड़मल सिंह दांता ,डॉ लक्ष्मीनारायण जोशी ,इन्दर प्रकाश पुरोहित ,सांग सिंह लुणु ,अशोक सिंह राजपुरोहित ,रमेश गौड ,दुर्जन सिंह गुडीसर ,सुलतान सिंह रेडाना ,अशरफ अली ,शिव सेना के जिला अध्यक्ष बसंत खत्री ,कल्याण सिंह दाखां ,मान सिंह भाटी ,सुखराम जैन ,हिन्दू सिंह तामलोर ,रमेश सिंह इन्दा ,दिग्विजय सिंह चुली ,अशोक सारला ,अवार सिंह सोढा ,जीतेन्द्र फुलवारिया ,भेरा राम सुथार ,सहित कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे ,इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉ लक्ष्मीनारायण जोशी ने कहा की राजस्थानी भाषा का साहित्य और इतिहास उच्च कोटि का हें ,राजस्थानी भाषा का शब्द ग्रन्थ सबसे विशाल हें ,उन्होंने कहा की राजस्थान के बारह करोड़ राजस्थानियों की मायड भाषा हे जिसे अब हर सूरत में मान्यता मिलनी चाहिए ,इस अवसर पर संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने कहा की राजस्थानी भाषा और हमारी माँ में कोई अंतर नहीं हे ,मायड भाषा का अपमान अब सहन नहीं होगा .जब छोटी छोटी भाषाओ को केंद्र सरकार मान्यता दे रही हे तो राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं देकर राजस्थानियों के हितो के साथ कुठाराघात क्यों कर रही हें सरकार ।,कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पाटवी रिडमल सिंह दांता ने कहा की क्षेत्रीय सांसद हरीश चौधरी ने राजस्थानी भाषा को मान्यता देने की मांग सांसद में उठा कर सराहनीय कार्य किया हें .पूरा राजस्थान उनका आभार प्रकट करता हें .राजस्थानी भाषा चिंतन परिषद के जिला अध्यक्ष रमेश गौड़ ने कहा की राजस्थान की पहचान राजस्थानी भाषा से हे ,माँ का दूसरा रूप मायड भाषा में निहित हे ,इस अभियान को महिलाओ के बीच ले जाया जा रहा हे दृमातृशक्ति राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने का पूरा दबाव केंद्र सर्कार पर बनाएगी।अन्होने कार्यकर्ताओ से आहवान किया कि बाडमेर राजस्थानी भाशा को मान्यता दिलाने में अहम भूमिकानिभाने जा रहा हैं।आओ अपनी मायड भाशा को मिलकर मान दिलाऐं।,इस अवसर पर समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष इन्द्र प्रकाश पुरोहित ने कहा की राजस्थानी को मान्यता देकर ही राजस्थान का स्वाभिमान, राजस्थान की पहचान, अस्मिता, राजस्थानी भाषा, साहित्य और उसकी संस्कृति, राजस्थान का रोजगार तथा उसके बालकों का भविष्य बचाया जा सकता है। समिति के कल्याण सिंह दाखां ने कहा की राजस्थान की विधानसभा में 25 अगस्त 2003 को जो सर्वसम्मत संकल्प प्रस्ताव पास करके केन्द्र सरकार को भेजा गया वह सम्पूर्ण राजस्थान का जनमत है और उसी को आधार मानकर राजस्थानी भाषा को तत्काल मान्यता दी जानी चाहिए थी, मगर उसके आठ वर्षों बाद तक भी उस पर अमल नहीं किया जाना जनमत का अपमान है। भाटी ने आक्रोश व्यक्त किया है कि प्रत्येक राजस्थानी उम्मीद लगाए बैठा था कि संसद के शीतकालीन सत्र में उनकी मातृभाषा को उसका वाजिब हक मिल जाएगा, मगर हाल ही में केन्द्र की ओर से यूपीएसी की समिति की बात सामने आने से उन्हें ठेस पहुंची है और 68 वर्षों से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे राजस्थानियों की सब्र का बांध टूट चुका है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब अन्य 22 भारतीय भाषाओं को संवैधानिक मान्यता देने में यूपीएससी की समिति की जरूरत नहीं पड़ी तो अब राजस्थानी के मामले में ही ऐसा क्यों? राजस्थानी जनता अपने इस हक के लिए आखिर कितना इंतजार करे। यह देश की बहुत बड़ी जनसंख्या जो राजस्थानी भाषी है और राजस्थान, देश तथा विदेश में बसती है उसकी भावनाओं और आत्मसम्मान पर कुठाराघात है।समिति के सांग सिंह लुणु ने कहा की आम जुबान की भाषा राजस्थानी हे जिसका अपना महत्त्व हे ,राजस्थान के लोग सहज और सरल हे शांतिपूर्वक तरीके से 68 सालो से अपना अधिकार मांग रहे हें ,उन्होंने कहा की राजस्थानी भाषा की मान्यता का मुद्दा प्रदेश के युवाओं के भविष्य का प्रश्न बन गया हें ,भाषा को अब संविधान की आठवी सूचि में शामिल कर मान्यता देनी ही पड़ेगी .इससे पहले राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओ ने अहिंसा चौराहे पर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मुख पर काली पट्टी बाँध रेली का ,आयोजन किया रेली अहिंसा चौराहे से जिला कलेक्टर कार्यालय , कलेक्टर कर्यलर बंद होने के कारण समिति ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरुण पुरोहित के घर जाकर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सुपुर्द किया ,
बाडमेर तीस मार्च र राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता की मांग को लेकर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर , राजस्थानी छात्र परिषद् ,राजस्थानी चिंतन परिषद् ,राजस्थानी भाषा महिला परिषद तथा राजस्थानी मोटियार परिषद के तत्वाधान में शनिवार को राजस्थान दिवस पर राजस्थानी बिना गुंगो राजस्थान कार्यक्रम के तहत कार्यकर्ताओ ने काली मुख्पत्ति लगाकर राजस्थानी को संवेधानिक मान्यता की मांग को ले कर रेल्ली निकाल कर प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन अतिरिक्त जिला अरुण पुरोहित को सुपुर्द किया .इस अवसर पर जोधपुर संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ,जिला पाटवी रिड़मल सिंह दांता ,डॉ लक्ष्मीनारायण जोशी ,इन्दर प्रकाश पुरोहित ,सांग सिंह लुणु ,अशोक सिंह राजपुरोहित ,रमेश गौड ,दुर्जन सिंह गुडीसर ,सुलतान सिंह रेडाना ,अशरफ अली ,शिव सेना के जिला अध्यक्ष बसंत खत्री ,कल्याण सिंह दाखां ,मान सिंह भाटी ,सुखराम जैन ,हिन्दू सिंह तामलोर ,रमेश सिंह इन्दा ,दिग्विजय सिंह चुली ,अशोक सारला ,अवार सिंह सोढा ,जीतेन्द्र फुलवारिया ,भेरा राम सुथार ,सहित कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे ,इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉ लक्ष्मीनारायण जोशी ने कहा की राजस्थानी भाषा का साहित्य और इतिहास उच्च कोटि का हें ,राजस्थानी भाषा का शब्द ग्रन्थ सबसे विशाल हें ,उन्होंने कहा की राजस्थान के बारह करोड़ राजस्थानियों की मायड भाषा हे जिसे अब हर सूरत में मान्यता मिलनी चाहिए ,इस अवसर पर संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने कहा की राजस्थानी भाषा और हमारी माँ में कोई अंतर नहीं हे ,मायड भाषा का अपमान अब सहन नहीं होगा .जब छोटी छोटी भाषाओ को केंद्र सरकार मान्यता दे रही हे तो राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं देकर राजस्थानियों के हितो के साथ कुठाराघात क्यों कर रही हें सरकार ।,कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पाटवी रिडमल सिंह दांता ने कहा की क्षेत्रीय सांसद हरीश चौधरी ने राजस्थानी भाषा को मान्यता देने की मांग सांसद में उठा कर सराहनीय कार्य किया हें .पूरा राजस्थान उनका आभार प्रकट करता हें .राजस्थानी भाषा चिंतन परिषद के जिला अध्यक्ष रमेश गौड़ ने कहा की राजस्थान की पहचान राजस्थानी भाषा से हे ,माँ का दूसरा रूप मायड भाषा में निहित हे ,इस अभियान को महिलाओ के बीच ले जाया जा रहा हे दृमातृशक्ति राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने का पूरा दबाव केंद्र सर्कार पर बनाएगी।अन्होने कार्यकर्ताओ से आहवान किया कि बाडमेर राजस्थानी भाशा को मान्यता दिलाने में अहम भूमिकानिभाने जा रहा हैं।आओ अपनी मायड भाशा को मिलकर मान दिलाऐं।,इस अवसर पर समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष इन्द्र प्रकाश पुरोहित ने कहा की राजस्थानी को मान्यता देकर ही राजस्थान का स्वाभिमान, राजस्थान की पहचान, अस्मिता, राजस्थानी भाषा, साहित्य और उसकी संस्कृति, राजस्थान का रोजगार तथा उसके बालकों का भविष्य बचाया जा सकता है। समिति के कल्याण सिंह दाखां ने कहा की राजस्थान की विधानसभा में 25 अगस्त 2003 को जो सर्वसम्मत संकल्प प्रस्ताव पास करके केन्द्र सरकार को भेजा गया वह सम्पूर्ण राजस्थान का जनमत है और उसी को आधार मानकर राजस्थानी भाषा को तत्काल मान्यता दी जानी चाहिए थी, मगर उसके आठ वर्षों बाद तक भी उस पर अमल नहीं किया जाना जनमत का अपमान है। भाटी ने आक्रोश व्यक्त किया है कि प्रत्येक राजस्थानी उम्मीद लगाए बैठा था कि संसद के शीतकालीन सत्र में उनकी मातृभाषा को उसका वाजिब हक मिल जाएगा, मगर हाल ही में केन्द्र की ओर से यूपीएसी की समिति की बात सामने आने से उन्हें ठेस पहुंची है और 68 वर्षों से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे राजस्थानियों की सब्र का बांध टूट चुका है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब अन्य 22 भारतीय भाषाओं को संवैधानिक मान्यता देने में यूपीएससी की समिति की जरूरत नहीं पड़ी तो अब राजस्थानी के मामले में ही ऐसा क्यों? राजस्थानी जनता अपने इस हक के लिए आखिर कितना इंतजार करे। यह देश की बहुत बड़ी जनसंख्या जो राजस्थानी भाषी है और राजस्थान, देश तथा विदेश में बसती है उसकी भावनाओं और आत्मसम्मान पर कुठाराघात है।समिति के सांग सिंह लुणु ने कहा की आम जुबान की भाषा राजस्थानी हे जिसका अपना महत्त्व हे ,राजस्थान के लोग सहज और सरल हे शांतिपूर्वक तरीके से 68 सालो से अपना अधिकार मांग रहे हें ,उन्होंने कहा की राजस्थानी भाषा की मान्यता का मुद्दा प्रदेश के युवाओं के भविष्य का प्रश्न बन गया हें ,भाषा को अब संविधान की आठवी सूचि में शामिल कर मान्यता देनी ही पड़ेगी .इससे पहले राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओ ने अहिंसा चौराहे पर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मुख पर काली पट्टी बाँध रेली का ,आयोजन किया रेली अहिंसा चौराहे से जिला कलेक्टर कार्यालय , कलेक्टर कर्यलर बंद होने के कारण समिति ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरुण पुरोहित के घर जाकर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सुपुर्द किया ,
राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए अब गुजरात के राजस्थानी भी आगे आये
राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए अब गुजरात के राजस्थानी भी आगे आये
राजस्थान दिवस के अवसर पर, यह कितना आश्चर्य जनक है कि देश को आजाद हुए ६५ वर्ष हो गए है फिर भी राजस्थानी भाषा को केंद्रीय सरकार ने मान्यता नहीं दी है और इसे सविंधान की आठवी सूचि में शामिल नहीं किया है | कुछ लोगो को भ्रम है की राजस्थानी सिर्फ एक बोली है और यह भाषा नहीं है | वास्तिवकता यह है कि राजस्थानी भाषा लगभग १२०० वी शताब्दी से बोली और लिखी जा रही है | इस भाषा में लगभग चार लाख हस्त लिखित पोथिया, लाखो पुस्तके है और १३४ रीति ग्रन्थ है | राजस्थानी भाषा में लगभग चार लाख शब्द है तथा दो लाख दस हजार शब्द तो एक शब्दकोष में है | लगभग ६० शब्दकोश बने हुए है | आजादी के पहले यह कई रियासतों की भाषा थी | लगभग ६ कहावतो के शब्दकोश बने हुए है तथा अन्य कई कहावतो की पुस्तके है | राजस्थानी भाषा की व्यवस्थित और वैज्ञानिक व्याकरण कई लेखको की छपी हुई है | तीज त्यौहार और शादी ब्याव के लिए हजारो गीत है जो गाए जाते है | राजस्थानी भाषा में गए वर्षो में लगभग 100 फिल्मे बनी है |
यह बहुत दुःख कि बात नहीं है की बहुत सी ऐसी भाषाओ को मान्यता मिल गई है जिनके बोलने वालो की संख्या राजस्थानी बोलने वालो से काफी कम है | पुरे विश्व में राजस्थानी बोलने, समझने वालो की संख्या लगभग १० करोड़ है | कुछ लोगो के मस्तिक में भ्रम है की राजस्थानी की अपनी कोई लिपि नही है इस लिए इसे मान्यता नहीं मिली है, पर सविधान ने उन आठ भाषाओ को मान्यता दे रखी है जिनकी लिपि देवनागरी है, जैसे की मराठी, नेपाली, कोंकणी, काश्मीरी, डोगरी, मैथली, संथाली और संस्कृत, तो फिर राजस्थानी भाषा जिसकी लिपि भी देवनागरी है को मान्यता देने में केंद्रीय सरकार क्यों देरी कर रही है |
जिसे भाषा विज्ञान का ज्ञान नहीं है वे कहते है कौन सी राजस्थानी ? उन्हें पता नहीं की ढुढाडी, मेवाड़ी, हाडोती, मारवाड़ी, मेवाती आदि राजस्थानी भाषा की 73 बोलिया है, हिंदी की 43, मराठी की 65, तेलगु की 36, तमिल की 22, कन्नड़ की 32, कोंकणी की 16, बंगाली की 15, पंजाबी की 29, गुजराती की 27 बोलिया है, तथा भाषा वैज्ञानिको के अनुसार जिस भाषा की ज्यादा बोलिया होती है वह भाषा उतनी ही सम्रद्ध और सामर्थ्यवान मानी जाती है |
गुजरात में राजस्थान से आये हुए लाखो परिवार आज राजस्थानी भाषा बोलते है तथा राजस्थान की गौरव शाली परम्पराओ से जुड़े हुए है | पर केंद्र की भारत सरकार द्वारा राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं देने और उसे सविधान की आठवी सूचि में शामिल नहीं करने से उनमे आज रोष है | इसलिए राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए के लिए, अब गुजरात में रहने वाले राजस्थानी लोग भी आगे आ रहे है | कुछ ही दिन पहले एक निजी टीवी चैनल और एक निजी पत्रिका के सवांददाता के सामने इन लोगो ने अपना दुःख व्यक्त किया और भारत की केंद्रीय और राजस्थान की सरकार से प्रार्थना की वे दोनों मिल कर इस पुरानी समस्या का शीघ्र समाधान करे और राजस्थानी भाषा बोलने वाले लगभग १० करोड़ लोगो के साथ न्याय करे | इस चैनल के सवाददाता के सामने निम्न व्यक्तियों ने अपने विचार रखे | भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) के कई वैज्ञानिक व उनके परिवार के सदस्य इसमे शामिल है, जिनमे प्रमुख है, आश्विन दवे, सूर्यकांत शर्मा, नाथू सिंह मेहता, हरीश सेठ, नरेश भटनागर, मीना सेठ, नीला भटनागर, नीरजा शर्मा, श्रीमती आश्विन दवे, है | इनके आलावा, अहमदाबाद में कई वर्षो से रहने वाले मूल रूप से राजस्थान से आये हुई है बड़े उद्योगपतियो और व्यापारियों ने भी इस साक्षात्कार में भाग लिया, जिनमे प्रमुख है: जबर राज सकलेचा, अध्यक्ष जोधपुर एसोसिएशन, अहमदाबाद, राजीव छाजेड, अन्तराष्ट्रीय अध्यक्ष,लायंस क्लब ऑफ़ कर्णावती ३२३ बी, कुशल भंसाली, MP ग्रुप ऑफ़ इंडस्ट्री, उत्तम चंद मेहता, पूर्व अध्यक्ष, मारवाड़ संघ, राजेंद्र मेहता, अध्यक्ष लायंस क्लब ऑफ़ कर्णावती, एम एम सिंघी, पूर्व अध्यक्ष, राजस्थान हॉस्पिटल, गनपत राज चोधरी, अध्यक्ष जीतो, फिल्म निदेशक तारा चंद जैन, केवल चंद भटेवरा, अध्यक्ष राजस्थान स्थानकवासी मेवाड़ संघ, विजय भट्ट (दक्षिण अफ्रीका में कार्यरत, पर अभी अहमदाबाद आये हुए), ओम प्रकाश तोला, मंजू तोला, और अन्य महानुभाव है जिन्होंने भी ऐसे ही विचार व्यक्त किये या इस दिशा में कई वर्षो से कार्य कर रहे है, जिनमे प्रमुख है, गिरवर सिंह शेखावत, भवानी सिंह शेखावत, प्रेम चन्द पटवा, पदम् कोठारी, प्रमोद बागरेचा, शांति लाल नाहर, अध्यक्ष मेवाड़ जय संघ, पुष्पलता शर्मा, जगदीश शर्मा, मंजू भटनागर, भूपति राम साकरिया (आनंद) , अम्बादान रोहडिया (राजकोट) प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रोफेसर नरेन्द्र भंडारी, प्रोफेसर राजमल जैन, इत्यादि |
सुरेन्द्र सिंह पोखरना (भूतपूर्व वैज्ञानिक, भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन)
जमीन से निकली मोहरें सिंधु घाटी सभ्यता की, 94 मोहरें सरकारी कोष में जमा
जमीन से निकली मोहरें सिंधु घाटी सभ्यता की, 94 मोहरें सरकारी कोष में जमा
मोहरों पर है चित्र लिपि अंकित
लाडनूं झंडा चौक में निर्माणाधीन भवन की खुदाई के दौरान निकली 94 प्राचीन मोहरें शनिवार को मकान मालिक लाभचंद प्रजापत ने राजकोष में जमा कराने के लिए उपखंड अधिकारी को सौंप दिए। इन सिक्कों पर मिली चित्र लिपि व अन्य संकेतों से ये सिंधु घाटी सभ्यता के होने की संभावना भी जताई जा रही है।
उपखंड अधिकारी राजपाल सिंह ने इनकी गिनती व वजन कराने के बाद सीलबंद कर जिला कोषागार में जमा कराने भेज दिया। इस मामले में उन्होंने अनेक लोगों के बयान लिए। मकान मालिक को लिखित रूप से आगे खुदाई में किसी भी प्रकार की कोई प्राचीन वस्तु मिलने पर उसकी सूचना कार्यालय में देने के लिए पाबंद किया है। मोहरों का वजन कुल 400 ग्राम निकला।
एसडीएम राजपाल सिंह द्वारा अपने स्तर पर जांच की गई तो ये छोटे आकार की मोहरें वजन में भारी थीं। ये मटमैली थीं। हरी जंग लगी थी। इस मैल को मामूली रगडऩे पर नीचे सुनहरा रंग नजर आया। पत्थर पर घिसाई करने पर चांदी नुमा सफेदी दिखाई दी। इनकी धातु के बारे में कोई अनुमान नहीं लगाया जा सका। इन पर एक तरफ तीन मेखला वाली यज्ञवेदी का चित्र व कुछ लाइनों की अलग लिपि नजर आ रही थी, तो दूसरी तरफ अद्र्ध मानवाकृति, पीछे सर्पाकार आकृति आदि थी, जिन्हें देखने पर लगता है कि वह कोई चित्रलिपि है, जिसे फिलहाल पढ़ा जाना संभव नहीं है। उपखंड अधिकारी राजपाल सिंह का मानना है कि ये मोहरें करीब सात हजार साल पुरानी व सिंधु घाटी सभ्यता के समकालीन हो सकती हैं। इन पर अंकित लिपि व आकृतियां उसी सभ्यता से मिलती-जुलती नजर आ रही हैं। उन्होंने जिस लाल मिट्टी के कलश में ये मोहरें मिली थी, उसके टूटे टुकड़े भी सरकारी कोष में जमा करवाने के निर्देश मकान मालिक को दिए। ताकि उनकी कार्बन-डेटिंग की जा सके।
एसडीएम ने देखा मौका
उपखंड अधिकारी राजपाल सिंह ने ये मोहरें जमा करने के बाद स्वयं मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। मालिक लाभचंद प्रजापत को पाबंद किया कि वे चारों तरफ के पिलर बनवाने के अलावा भूमि के बीच के हिस्से में कोई निर्माण कार्य नहीं करवाए, ताकि उसका जायजा पुरातत्व विभाग के अधिकारी व विशेषज्ञ ले सकें।
गुजराती कलाकारों ने दी गेर नृत्य की प्रस्तुति
गुजराती कलाकारों ने दी गेर नृत्य की प्रस्तुति
गेर महोत्सव के तीसरे दिन दिखा उत्साह, महोत्सव को देखने के लिए उमड़ी भीड़
जालोर भक्त प्रहलाद चौक में भक्त प्रहलाद उत्सव समिति के नेतृत्व में चल रहे गेर महोत्सव के तीसरे दिन गुजरात के वीरम गांव से रौनक एंड पार्टी के नेतृत्व में गेर नर्तकों ने गुजराती ढोल व गीतों की धुनों पर डांडिया नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी। समिति अध्यक्ष बंशीलाल सोनी ने बताया कि महोत्सव के दौरान बाड़मेर जिले के बिठूजा गांव की वागा गेर दल व जालोर के माली समाज के लोगों ने भी गेर नृत्य प्रस्तुत किया। ढोल व थाली की धुन पर सिर पर साफा व पैरों में घुंघरु बांधे गेर नृत्य करते नर्तक वातावरण में अलग ही समां बांधते नजर आए। मदमस्त होकर नाचते गेर नर्तकों के डांडियों की धुनों पर पांडाल में उपस्थित दर्शक भी झूमने लगे।
इसी प्रकार स्थानीय माली समाज और घांची समाज के गेर नर्तकों ने भी मनमोहक प्रस्तुति देकर सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। सोनी ने बताया कि शनिवार को पांडाल में कर्मचारी नेता ईश्वरलाल शर्मा सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
सात दिवसीय गेर महोत्सव के तहत भक्त प्रहलाद चौक में तीसरे दिन लोगों की भीड़ उमड़ी। लय और ताल पर थिरकते गेरियों ने हर किसी का मनोरंजन किया। वहीं ढोल की थाप माहौल को और भी आनंदमयी बना रहा था।
आज भी प्रस्तुति देंगे कई क्षेत्र के गेरिये : भक्त प्रहलाद उत्सव सेवा समिति के अध्यक्ष बंशीलाल सोनी ने बताया कि रविवार को भी दो सत्रों में विभिन्न क्षेत्रों के गेरिये प्रस्तुति देंगे। उन्होंने बताया कि रविवार को सिंदली, भोरड़ा, सराणा के कालबेलिया गेर नर्तक प्रस्तुतियां देंगे।
दो गुटों में खूनी संघर्ष, छह घायल
दो गुटों में खूनी संघर्ष, छह घायल
आपसी रंजिश को लेकर आमने सामने हुए दो गुट, ट्रैक्टर के शो रूम में की तोडफ़ोड़, शुक्रवार रात्रि को दोनों धोरीमन्ना कस्बे में आपसी रंजिश को लेकर दो गुटों में हुए खूनी संघर्ष में महिला समेत छह जने घायल हो गए। गुस्साए लोगों ने ट्रैक्टर के शो रूम में तोडफ़ोड़ की। इस दौरान हवाई फायर करने के बाद एक गुट के लोग भाग गए। पुलिस में दोनों पक्षों की ओर से परस्पर मामले दर्ज करवाए गए है। कस्बे में शनिवार को धारेजा भवन के आगे चार वाहनों में सवार होकर आए युवकों ने मकान में घुसकर मारपीट शुरू कर दी। दोनों पक्षों में लाठियां, धारिया व चाकूओं से खूनी संघर्ष शुरू हो गया। इस बीच हमलावरों ने नवीन ट्रैक्टर्स के शोरूम में घुसकर तोड़ फोड़ शुरू की। इस दौरान पिस्तौल से हवाई फायर करने के बाद आरोपी भाग गए। हमले में पदमा पुत्र गेना, गेना पुत्र भूरा, मीरा पत्नी पदमा, सुजाना पुत्र भींया, मोहन पुत्र धना निवासी शिव मंदिर व रमेश हरिजन निवासी खारी घायल हो गए। जिन्हें उपचार के लिए सीएचसी लेकर गए। जहां पर गंभीर घायलों को सांचौर रेफर कर दिया। पुलिस में पदमाराम पुत्र गेनाराम जटिया ने मामला दर्ज करवाया कि मैं धारेजा भवन की दुकान में बैठा था। इस दौरान तीन वाहनों में सवार होकर आए युवकों ने हमला बोल दिया। लाठियों, चाकुओं व धारियों से मारपीट में छह जने घायल हो गए। इस दौरान प्रवीण निवासी पुरावा, गणपत निवासी हेमा गुडा, जयकिशन पुत्र गंगाराम निवासी कबूली, भजना पुत्र कालू जालबेरी, मनोहर पुत्र रतना सोमारड़ी, मनोहर पुत्र हरजी निवासी धोरीमन्ना, ओमप्रकाश पुत्र शंकरा निवासी रोहिला, हरीराम रोहिता, ओमप्रकाश कातरला व सोहन निवासी झांकल समेत कुल 13 जनों ने एकराय होकर हमला किया।
गुटों के बीच हुआ था झगड़ा
शुक्रवार रात उपजा था विवाद, क्रॉस मुकदमे दर्ज
दोनों गुटों में आपसी रंजिश को लेकर विवाद शुक्रवार रात्रि को हुए झगड़े से उपजा था। इस संबंध में दोनों पक्षों की ओर से परस्पर मामले दर्ज किए गए है। गेनाराम पुत्र भूराराम निवासी धोरीमन्ना ने मामला दर्ज करवाया कि 29 मार्च की रात्रि को दो वाहनों में सवार होकर आए जय किशन पुत्र गंगाराम निवासी कबूली, मनोहर पुत्र हरजी निवासी धोरीमन्ना, मनोहर पुत्र रतना, भजना पुत्र कालू, ओमप्रकाश कातरला वगैरह 10 12 जनों ने घर में घुसकर मारपीट की। इसी तरह जयकिशन पुत्र गंगाराम निवासी कबूली ने मामला दर्ज करवाया कि पदमा पुत्र गेनाराम, विक्रम पुत्र गेनाराम, जगदीश पुत्र धनाराम, हनुमान पुत्र करना, जगदीश पुत्र तेजा निवासी गडरा, मोहन पुत्र भागीरथ विश्नोई ने हमला किया।
एक ओर वाहन चोर गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ा
एक ओर वाहन चोर गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ा
एक ट्रक व ट्रैक्टर बरामद, चोरी की कई वारदाते खुलने की संभावना
बाड़मेर
वाहन चोर गिरोह के खिलाफ पुलिस का अभियान निरंतर जारी है। शनिवार को एक ओर वाहन चोर गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ा। जिनके कब्जे से एक ट्रक व ट्रैक्टर बरामद किया गया है। आरोपियों ने बालोतरा से एक ट्रैक्टर चोरी करना कबूल किया है। इन्हें दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। जहां पर पूछताछ में वाहन चोरी की कई वारदाते खुलने की संभावना है। कोतवाल देवाराम ने बताया कि एसपी राहुल बारहट के निर्देशानुसार वाहन चोर गिरोह के खिलाफ अभियान के तहत शनिवार को विशेष टीम ने ओमप्रकाश पुत्र खंगाराराम विश्नोई निवासी झाब, श्रवण पुत्र मोहनलाल विश्नोई निवासी पादरड़ी खुर्द को गिरफ्तार किया। जिनके कब्जे से एक ट्रक व ट्रैक्टर जप्त किया गया। आरोपियों ने प्रारंभिक पूछताछ में ट्रक बीएनसी चौराहे से दिसंबर 2012 से चुराने एवं चामुंडा चौराहा बाड़मेर से उक्त ट्रैक्टर चोरी करने की वारदात स्वीकार की। साथ ही बालोतरा से भी एक ट्रैक्टर चोरी करना कबूल किया है। दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया। जहां पर दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। इनसे गहन पूछताछ में वाहन चोरी की वारदाते खुलने की संभावना है। विशेष टीम में एएसआई रूपाराम, मूलाराम, महिला थानाधिकारी निरंजन प्रतापसिंह, कांस्टेबल कंवराराम, जालमसिंह, इन्द्रसिंह, पूनमचंद, महिपालसिंह, पदमाराम शामिल थे।
एक ट्रक व ट्रैक्टर बरामद, चोरी की कई वारदाते खुलने की संभावना
बाड़मेर
वाहन चोर गिरोह के खिलाफ पुलिस का अभियान निरंतर जारी है। शनिवार को एक ओर वाहन चोर गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ा। जिनके कब्जे से एक ट्रक व ट्रैक्टर बरामद किया गया है। आरोपियों ने बालोतरा से एक ट्रैक्टर चोरी करना कबूल किया है। इन्हें दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। जहां पर पूछताछ में वाहन चोरी की कई वारदाते खुलने की संभावना है। कोतवाल देवाराम ने बताया कि एसपी राहुल बारहट के निर्देशानुसार वाहन चोर गिरोह के खिलाफ अभियान के तहत शनिवार को विशेष टीम ने ओमप्रकाश पुत्र खंगाराराम विश्नोई निवासी झाब, श्रवण पुत्र मोहनलाल विश्नोई निवासी पादरड़ी खुर्द को गिरफ्तार किया। जिनके कब्जे से एक ट्रक व ट्रैक्टर जप्त किया गया। आरोपियों ने प्रारंभिक पूछताछ में ट्रक बीएनसी चौराहे से दिसंबर 2012 से चुराने एवं चामुंडा चौराहा बाड़मेर से उक्त ट्रैक्टर चोरी करने की वारदात स्वीकार की। साथ ही बालोतरा से भी एक ट्रैक्टर चोरी करना कबूल किया है। दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया। जहां पर दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। इनसे गहन पूछताछ में वाहन चोरी की वारदाते खुलने की संभावना है। विशेष टीम में एएसआई रूपाराम, मूलाराम, महिला थानाधिकारी निरंजन प्रतापसिंह, कांस्टेबल कंवराराम, जालमसिंह, इन्द्रसिंह, पूनमचंद, महिपालसिंह, पदमाराम शामिल थे।
शनिवार, 30 मार्च 2013
आपरेशन वेलकम'' होडिंग बोर्ड को शहर के महत्वपूर्ण स्थानो पर चस्बा
आपरेशन वेलकम'' होडिंग बोर्ड को शहर के महत्वपूर्ण स्थानो पर चस्बा
जैसलमेर जिला जैसलमेर में सैलानियाें की सुरक्षा हेतु चलाये जा रहे अभियान ''आपरेशन वेलकम'' के तहत जिला में सैलानियों को सुरक्षा व्यवस्था देने हेतु पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर पंकज चौधरी द्वारा जिले के अति0 पुलिस अधीक्षक रामंिसह मीणा एवं जिले के समस्त वृताधिकारियाें एवं थानाधिकारियों को अपने-अपने हल्का क्षैत्र में आने वाले पर्यटक स्थलो, रेल्वे एवं बस स्टेण्ड में माकूल सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के निर्देश दिये। इसके साथ-साथ पुलिस अधीक्षक द्वारा शहर जैसलमेर में शहर कोतवाल जैसलमेर, पर्यटन सुरक्षा बल एवं जी.आर.पी. के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में मिटिंग लेकर व्यकितश: समझार्इश की तथा शहर में पर्यटक स्थलों में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाये रखने के निर्देश दिये एवं शहर में सैलानियों को परेशान करने वाले लपको व असामाजिक तत्वों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
जिसके तहत ''आपरेशन वेलकम'' को सफल बनाये रखने के लिए दिनांक 22.03.2013 पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार एक पेम्पलेट का विमोचन किया गया था। जिसमें शहर जैसलमेर को लपका मुक्त करने हेतु एक नारा दिया '' स्वर्णनगरी में पुलिस का यही नारा, लपका मुक्त हो शहर हमारा'' देते हुए लपको के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। जिसमें समस्त सैलानियो एवं जिलावासियों को लपको से सतर्कत रहने एवं उनके विरूद्ध पुलिस को शिकायत करने की हिदायते दी गर्इ। जिसको आज दिनांक 30.03.2013 को सुनील के पवार उप अधीक्षक पुलिस जैलसमेर के नेतृत्व में शहर के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों, रेल्वे एवं बस स्टेण्ड तथा महत्वपूर्ण चौराहो पर लगाया गया। जिससे बाहर से आने वाले सैलानियों को लपकों से सतर्क रहने में सहायता प्राप्त होगी। उक्त पेम्पलेट में पुलिस एवं पर्यटन सुरक्षा बल व जी.आर.पी. के महत्वपूर्ण नम्बर लिखे गये है। जिनसे सैलानी आसानी से सम्पर्क कर सकते है तथा लपको के विरूद्ध कार्यवाही करवाने में भी सहायता प्राप्त होगी।
जिसके तहत ''आपरेशन वेलकम'' को सफल बनाये रखने के लिए दिनांक 22.03.2013 पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार एक पेम्पलेट का विमोचन किया गया था। जिसमें शहर जैसलमेर को लपका मुक्त करने हेतु एक नारा दिया '' स्वर्णनगरी में पुलिस का यही नारा, लपका मुक्त हो शहर हमारा'' देते हुए लपको के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। जिसमें समस्त सैलानियो एवं जिलावासियों को लपको से सतर्कत रहने एवं उनके विरूद्ध पुलिस को शिकायत करने की हिदायते दी गर्इ। जिसको आज दिनांक 30.03.2013 को सुनील के पवार उप अधीक्षक पुलिस जैलसमेर के नेतृत्व में शहर के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों, रेल्वे एवं बस स्टेण्ड तथा महत्वपूर्ण चौराहो पर लगाया गया। जिससे बाहर से आने वाले सैलानियों को लपकों से सतर्क रहने में सहायता प्राप्त होगी। उक्त पेम्पलेट में पुलिस एवं पर्यटन सुरक्षा बल व जी.आर.पी. के महत्वपूर्ण नम्बर लिखे गये है। जिनसे सैलानी आसानी से सम्पर्क कर सकते है तथा लपको के विरूद्ध कार्यवाही करवाने में भी सहायता प्राप्त होगी।
पिछले 24 घण्टो में मारपीट के कई प्रकरण दर्ज
पिछले 24 घण्टो में मारपीट के कई प्रकरण दर्ज
बाड़मेर जिले में बीते चोबीस घंटो में मारपीट और चोरी के कई मामले दर्ज हुए .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट के अनुसार संजयकुमार पुत्र उदयकुमार ब्राहम्मण नि. पुराना जाटावास ने मुलजिम अज्ञात के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि अज्ञात मुलजिम द्वारा मुस्तगीस की बोलेरो नम्बर आरजे 16 यूए 1477 को आग लगाकर जला देना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना कोतवाली पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।इसी तरह जगदीष पुत्र हंसाराम राजपूत नि. दाखा ने मुलजिम रंगाराम पुत्र जेसाराम माली नि. धारणा वगेरा 7 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा एक राय होकर मुस्तगीस को रोककर शराब पीने के लिए रूपये मांगना, मना करने पर मारपीट करना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सिवाना पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।इसी तरह पोकरराम पुत्र गिरधारीराम मेगवाल नि. कुसीप ने मुलजिम गणपतसिंह पुत्र हमीरसिंह राजपूत नि. कुसीप वगेरा 3 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीस के घर में प्रवेष कर मारपीट करना व जातिगत शब्दो से अपमानित करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना सिवाना पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।इसी तरहताराचन्द पुत्र मुलतानमल कोठारी नि. जसोल ने मुलजिम मूलसिंह पुत्र किषोरसिंह राणा राजपूत नि. जसोल वगेरा 2 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीस के प्लोट में प्रवेष कर दीवार तोड़कर कब्जा करना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना बालोतरा पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।इसी तरहसोनाराम पुत्र डायाराम घांची नि. समदड़ी ने मुलजिम बाबूराम पुत्र खेताराम मेगवाल नि. देवड़ा वगेरा 3 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीस को रोककर शराब पीने के लिए रूपये मांगना, मना करने पर मारपीट करना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना समदड़ी पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।इसी तरहचेनाराम पुत्र डूंगराराम जाट नि. रोहिली ने मुलजिम कतराराम पुत्र बगताराम जाट नि. बलदेवनगर बाड़मेर के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीस के राजकार्य में बाधा पहुंचाकर मारपीट करना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सदर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।
भारी मात्रा में अवेध शराब बरामद दो गिरफ्तार
भारी मात्रा में अवेध शराब बरामद दो गिरफ्तार
बाड़मेर राहुल बारहट, जिला पुलिस अधीक्षक बाड़मेर द्वारा जिले में अवैध शराब की रोकथाम हेतु दिये गये निर्देषानुसार श्री गौरव अमरावत नि.पु. थानाधिकारी पुलिस थाना गुड़ामालानी मय पुलिस पार्टी द्वारा मोजा बाण्ड़ में मुलजिम सरूपाराम पुत्र विरमाराम मेगवाल नि. बाण्ड़ को दस्तयाब कर उसके कब्जा से अवैध व बिना लार्इसेन्स की 10 बोतल बीयर व 4 पव्वे अंग्रेजी शराब बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना गुड़ामालानी पर आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। इसी तरह सुखाराम नि.पु. थानाधिकारी पुलिस थाना षिव मय पुलिस पार्टी द्वारा धारवी खुर्द में मुलजिम शेतानसिंह पुत्र भंवरसिंह राजपूत नि. धारवी खुर्द को दस्तयाब कर उसके कब्जा से अवैध व बिना लार्इसेन्स की 9 बोतल अंग्रेजी शराब बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना षिव पर आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।इधर जेठाराम हैड कानि. पुलिस थाना पचपदरा मय पुलिस पार्टी द्वारा सरहद खेड़ में मुलजिम पनाराम पुत्र वगताराम जाट नि. खेड़ को दस्तयाब कर उसके कब्जा से अवैध व बिना लार्इसेन्स की 48 पव्वे देषी शराब बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना पचपदरा पर आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।
बाड़मेर राहुल बारहट, जिला पुलिस अधीक्षक बाड़मेर द्वारा जिले में अवैध शराब की रोकथाम हेतु दिये गये निर्देषानुसार श्री गौरव अमरावत नि.पु. थानाधिकारी पुलिस थाना गुड़ामालानी मय पुलिस पार्टी द्वारा मोजा बाण्ड़ में मुलजिम सरूपाराम पुत्र विरमाराम मेगवाल नि. बाण्ड़ को दस्तयाब कर उसके कब्जा से अवैध व बिना लार्इसेन्स की 10 बोतल बीयर व 4 पव्वे अंग्रेजी शराब बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना गुड़ामालानी पर आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। इसी तरह सुखाराम नि.पु. थानाधिकारी पुलिस थाना षिव मय पुलिस पार्टी द्वारा धारवी खुर्द में मुलजिम शेतानसिंह पुत्र भंवरसिंह राजपूत नि. धारवी खुर्द को दस्तयाब कर उसके कब्जा से अवैध व बिना लार्इसेन्स की 9 बोतल अंग्रेजी शराब बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना षिव पर आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।इधर जेठाराम हैड कानि. पुलिस थाना पचपदरा मय पुलिस पार्टी द्वारा सरहद खेड़ में मुलजिम पनाराम पुत्र वगताराम जाट नि. खेड़ को दस्तयाब कर उसके कब्जा से अवैध व बिना लार्इसेन्स की 48 पव्वे देषी शराब बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना पचपदरा पर आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।
340 कार्टन अवैध शराब जब्त
340 कार्टन अवैध शराब जब्त
अजमेर। जिले की विजयनगर थाना पुलिस ने हरियाणा से गुजरात ले जाई जा रही विभिन्न ब्राण्ड की 340 कार्टन अवैध शराब जब्त की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार खुफिया सूचना के आधार पर शनिवार सुबह राष्ट्रीय राजमार्ग-79 पर 27 मील चौराहे के पास ट्रक को रोक कर तलाशी ली गई।
ट्रक में विभिन्न ब्राण्ड की हरियाणा निर्मित अंग्रेजी शराब और बीयर के 340 कार्टन भरे हुए थे । सूत्रों ने बताया कि हरियाणा में सोनीपत जिले के बहादुरगढ़ निवासी प्रहलाद जाट तथा दिल्ली निवासी प्रवीण कुमार जाट को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच पडताल शुरू कर दी है।
अजमेर। जिले की विजयनगर थाना पुलिस ने हरियाणा से गुजरात ले जाई जा रही विभिन्न ब्राण्ड की 340 कार्टन अवैध शराब जब्त की है। पुलिस सूत्रों के अनुसार खुफिया सूचना के आधार पर शनिवार सुबह राष्ट्रीय राजमार्ग-79 पर 27 मील चौराहे के पास ट्रक को रोक कर तलाशी ली गई।
ट्रक में विभिन्न ब्राण्ड की हरियाणा निर्मित अंग्रेजी शराब और बीयर के 340 कार्टन भरे हुए थे । सूत्रों ने बताया कि हरियाणा में सोनीपत जिले के बहादुरगढ़ निवासी प्रहलाद जाट तथा दिल्ली निवासी प्रवीण कुमार जाट को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच पडताल शुरू कर दी है।
शादीशुदा ने भगाई लड़की तो गले में बांधी आटा चक्की
बैतूल। मप्र के बैतूल जिले के चिखलार गांव में एक शादीशुदा युवक द्वारा एक 18 वर्षीय लड़की को भगाने के मामले में पंचायत ने लड़की के बाल काट दिए और युवक के गले में चक्की का पाट बांधकर उसे घुमाया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार चिखलार गांव का रहने वाला सुखनंदन शादीशुदा और 2 बच्चों का पिता था। वह 3 माह पूर्व गांव की ही एक लड़की को भगा ले गया था। दोनों 19 मार्च को वापस घर लौट आए थे।
इस मामले को लेकर लड़की के पजिनों द्वारा पंचायत बुलाई गई थी। शुक्रवार को चिखलार में आयोजित पंचायत ने लड़की के बाल काटने और सुखनंदन के गले में चक्की का पाट बांधकर गांव में घुमाने का फरमान सुना दिया।
पंचायत द्वारा दी गई सजा की जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को मिलते ही गांव की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने 16 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
दूसरी ओर जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है वे सभी इस निर्णय को सामाजिक निर्णय बताते हुए पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार से मिले। फिलहाल इस मामले में अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है
पुलिस सूत्रों के अनुसार चिखलार गांव का रहने वाला सुखनंदन शादीशुदा और 2 बच्चों का पिता था। वह 3 माह पूर्व गांव की ही एक लड़की को भगा ले गया था। दोनों 19 मार्च को वापस घर लौट आए थे।
इस मामले को लेकर लड़की के पजिनों द्वारा पंचायत बुलाई गई थी। शुक्रवार को चिखलार में आयोजित पंचायत ने लड़की के बाल काटने और सुखनंदन के गले में चक्की का पाट बांधकर गांव में घुमाने का फरमान सुना दिया।
पंचायत द्वारा दी गई सजा की जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को मिलते ही गांव की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने 16 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
दूसरी ओर जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है वे सभी इस निर्णय को सामाजिक निर्णय बताते हुए पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार से मिले। फिलहाल इस मामले में अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है
कच्छ में भूकंप के हल्के झटके
अहमदाबाद। पश्चिमी गुजरात में कच्छ जिले के भचाऊ में शनिवार को भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.5 दर्ज की गई।
इंस्टीट्यूट ऑफ सिस्मोलॉजिकल रिसर्च (आईएसआर) के महानिदेशक बीके रस्तोगी ने शनिवार को बताया कि भूकंप कच्छ जिले में चोबुरी के निकट भचाऊ से 22 किलोमीटर उत्तर में दोपहर 12 बजकर 3 मिनट पर महसूस किया गया। भूकंप से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।
इससे पहले भी कच्छ में भूकंप के झटके आते रहे हैं। यह क्षेत्र वर्ष 2001 में गुजरात में आए भूकंप के दौरान बुरी तरह से तबाह हुआ था।
इंस्टीट्यूट ऑफ सिस्मोलॉजिकल रिसर्च (आईएसआर) के महानिदेशक बीके रस्तोगी ने शनिवार को बताया कि भूकंप कच्छ जिले में चोबुरी के निकट भचाऊ से 22 किलोमीटर उत्तर में दोपहर 12 बजकर 3 मिनट पर महसूस किया गया। भूकंप से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।
इससे पहले भी कच्छ में भूकंप के झटके आते रहे हैं। यह क्षेत्र वर्ष 2001 में गुजरात में आए भूकंप के दौरान बुरी तरह से तबाह हुआ था।
हजूरी समाज के चुनाव 28 अप्रैल को होंगे
हजूरी समाज के चुनाव 28 अप्रैल को होंगे
जैसलमेर मुख्य समाज परिषद एवं जिला हजूरी समाज सेवा संस्थान के चुनाव 28 अप्रेल को होंगे। समाज के अध्यक्ष सुखदेवसिंह भाटी ने बताया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोहरसिंह भाटी के अनुसार मतदाता सूची का प्रकाश 28 मार्च को किया जाएगा। सूची में नाम जुड़वाने की अंतिम तिथि 10 अप्रेल सुबह 10 से 6 बजे तक तथा अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 15 अप्रेल को किया जाएगा। नाम निर्देशन पत्रों का वितरण 12 से 15 अप्रेल तक तथा नाम निर्देशन पत्र जमा करवाने की अंतिम तिथि 16 अप्रेल रखी गई है। निर्देशन पत्रों की जांच एवं उम्मीदवारों की घोषणा 17 अप्रेल को शाम 5 बजे तक होगी। नाम वापसी की अंतिम तिथि 19 अप्रेल तथा अंतिम सूची एवं चुनाव चिन्ह आबंटन 20 अप्रेल को किया जाएगा। मतदान 28 अप्रेल सुबह 8 से शाम 5 बजे तक तथा इसी दिन मतगणना होगी। इसी दिन गणना के पश्चात परिणाम घोषित किए जाएंगे तथा शपथ दिलवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया हजूरी समाज सेवा सदन सिलावटा पड़ा में होगी। अधिक जानकारी के लिए कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जिन युवाओं की उम्र 31 मार्च तक 18 वर्ष हो चुकी है वह 10 अप्रेल तक अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वा सकते है।
जैसलमेर मुख्य समाज परिषद एवं जिला हजूरी समाज सेवा संस्थान के चुनाव 28 अप्रेल को होंगे। समाज के अध्यक्ष सुखदेवसिंह भाटी ने बताया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोहरसिंह भाटी के अनुसार मतदाता सूची का प्रकाश 28 मार्च को किया जाएगा। सूची में नाम जुड़वाने की अंतिम तिथि 10 अप्रेल सुबह 10 से 6 बजे तक तथा अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 15 अप्रेल को किया जाएगा। नाम निर्देशन पत्रों का वितरण 12 से 15 अप्रेल तक तथा नाम निर्देशन पत्र जमा करवाने की अंतिम तिथि 16 अप्रेल रखी गई है। निर्देशन पत्रों की जांच एवं उम्मीदवारों की घोषणा 17 अप्रेल को शाम 5 बजे तक होगी। नाम वापसी की अंतिम तिथि 19 अप्रेल तथा अंतिम सूची एवं चुनाव चिन्ह आबंटन 20 अप्रेल को किया जाएगा। मतदान 28 अप्रेल सुबह 8 से शाम 5 बजे तक तथा इसी दिन मतगणना होगी। इसी दिन गणना के पश्चात परिणाम घोषित किए जाएंगे तथा शपथ दिलवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया हजूरी समाज सेवा सदन सिलावटा पड़ा में होगी। अधिक जानकारी के लिए कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जिन युवाओं की उम्र 31 मार्च तक 18 वर्ष हो चुकी है वह 10 अप्रेल तक अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वा सकते है।
बीजेपी संसदीय बोर्ड में मोदी की एंट्री!
बीजेपी संसदीय बोर्ड में मोदी की एंट्री!
नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी के संसदीय बोर्ड में आ रहे हैं। बोर्ड के नए सदस्य के तौर पर उनके नाम पर मुहर लगाई जा चुकी है। इस तरह छह साल बाद पार्टी की सबसे ताकतवर समिति में मोदी की वापसी तय हो रही है। यह पहला मौका है जब बीजेपी संसदीय बोर्ड में किसी मुख्यमंत्री को शामिल किया जा रहा है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम भी चर्चा में था लेकिन मोदी बाजी मार ले गए।
लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर राजनाथ सिंह ने अपनी टीम को अंतिम रूप दे दिया है। मैराथन चिंतन के बाद भी वे अपनी टीम में ज्यादा बदलाव नहीं कर पाए हैं। टीम की औपचारिक घोषणा आजकल में कर दी जाएगी। सिंह ने जो टीम बनाई है उसमें उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी से मुकाबला करने के लिए वरूण गांधी को महासचिव बनाया है। वहीं नरेन्द्र मोदी के दबाव के कारण अमित शाह को महासचिव बनाया जा रहा है। दागी शाह अब भाजपा के राष्ट्रीय चेहरा होंगे। मोदी को संसदीय बोर्ड का सदस्य बनने की अटकलें उनके लगातर तीसरी बार गुजरात चुनाव जीतने के बाद से ही चल रही थीं। राजनाथ सिंह ने भी मोदी के बढ़ते कद को स्वीकार भी किया था।
महासचिव पद में ज्यादा बदलाव नहीं
वैसे पार्टी में अध्यक्ष के बाद प्रमुख माने जाने वाले महासचिव के पद पर ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है। महज खाली जगहों को भरा जा रहा है। सूत्रों की मानें तो वर्तमान महासचिवों में किरण माहेश्वरी, अनंत कुमार, थावर चंद गहलोत, धर्मेन्द्र प्रधान, और जेपी नड्डा को दोबारा महासचिव बनाया जा रहा है। वहीं ट्राइबल कोटे से तापीर गाव की जगह जुएल ओरांव को महासचिव बनाया गया है। संगठन महामंत्री रामलाल पद पर बने रहेंगे। नवें महासचिव के लिए राजीव प्रताप रूडी और मुख्तार अब्बास नकवी के बीच रस्साकशी जारी है।
गडकरी संग मिलकर बनाई सूची
भाजपा अध्यक्ष देर रात तक सूची को अंतिम रूप देते रहे। इससे पूर्व दिन में नितिन गडकरी ने उनसे मिलकर सूची को अपनी अंतिम सहमति प्रदान की। बताया जा रहा है कि टीम में राजनाथ को पूरी स्वतंत्रता नहीं मिल पाई है। टीम में सभी आला नेताओं के प्रतिनिधि को रखा गया है। एक तरह से टीम राजनाथ नई बोतल में पुरानी शराब की तरह है।
नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी के संसदीय बोर्ड में आ रहे हैं। बोर्ड के नए सदस्य के तौर पर उनके नाम पर मुहर लगाई जा चुकी है। इस तरह छह साल बाद पार्टी की सबसे ताकतवर समिति में मोदी की वापसी तय हो रही है। यह पहला मौका है जब बीजेपी संसदीय बोर्ड में किसी मुख्यमंत्री को शामिल किया जा रहा है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम भी चर्चा में था लेकिन मोदी बाजी मार ले गए।
लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर राजनाथ सिंह ने अपनी टीम को अंतिम रूप दे दिया है। मैराथन चिंतन के बाद भी वे अपनी टीम में ज्यादा बदलाव नहीं कर पाए हैं। टीम की औपचारिक घोषणा आजकल में कर दी जाएगी। सिंह ने जो टीम बनाई है उसमें उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी से मुकाबला करने के लिए वरूण गांधी को महासचिव बनाया है। वहीं नरेन्द्र मोदी के दबाव के कारण अमित शाह को महासचिव बनाया जा रहा है। दागी शाह अब भाजपा के राष्ट्रीय चेहरा होंगे। मोदी को संसदीय बोर्ड का सदस्य बनने की अटकलें उनके लगातर तीसरी बार गुजरात चुनाव जीतने के बाद से ही चल रही थीं। राजनाथ सिंह ने भी मोदी के बढ़ते कद को स्वीकार भी किया था।
महासचिव पद में ज्यादा बदलाव नहीं
वैसे पार्टी में अध्यक्ष के बाद प्रमुख माने जाने वाले महासचिव के पद पर ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है। महज खाली जगहों को भरा जा रहा है। सूत्रों की मानें तो वर्तमान महासचिवों में किरण माहेश्वरी, अनंत कुमार, थावर चंद गहलोत, धर्मेन्द्र प्रधान, और जेपी नड्डा को दोबारा महासचिव बनाया जा रहा है। वहीं ट्राइबल कोटे से तापीर गाव की जगह जुएल ओरांव को महासचिव बनाया गया है। संगठन महामंत्री रामलाल पद पर बने रहेंगे। नवें महासचिव के लिए राजीव प्रताप रूडी और मुख्तार अब्बास नकवी के बीच रस्साकशी जारी है।
गडकरी संग मिलकर बनाई सूची
भाजपा अध्यक्ष देर रात तक सूची को अंतिम रूप देते रहे। इससे पूर्व दिन में नितिन गडकरी ने उनसे मिलकर सूची को अपनी अंतिम सहमति प्रदान की। बताया जा रहा है कि टीम में राजनाथ को पूरी स्वतंत्रता नहीं मिल पाई है। टीम में सभी आला नेताओं के प्रतिनिधि को रखा गया है। एक तरह से टीम राजनाथ नई बोतल में पुरानी शराब की तरह है।
जयपुर में सरेराह युवक की हत्या
जयपुर में सरेराह युवक की हत्या
जयपुर। सुभाष चौक इलाके में एक युवक ने मोहल्ले में दबदबा दिखाने के लिए राह चलते एक युवक की छाती में चाकू घोंपकर हत्या कर दी और फरार हो गया। पुलिस ने रातभर कई जगह दबिश दी,लेकिन आरोपी का अभी तक कोई सुराग नहीं लगा।
सुभाष चौक थाना प्रभारी कुशाल सिंह ने बताया कि मूलत: बिहार निवासी रामू यादव (24) करीब पांच वर्ष से जयपुर में रहकर मिठाई की दुकान में काम कर रहा था। कुछ माह पहले ही वह पत्नी सहित शंकर गुर्जर की गली में किराए पर रहने आया था।
शुक्रवार रात को करीब 11 बजे दुकान से लौटते समय रामू को स्थानीय निवासी कैलाश सोनी ने रोका और मारपीट कर उसकी छाती में चाकू घोंप दिया और भाग निकला। स्थानीय निवासियों ने उसे एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया। जहां रात करीब सवा 12 बजे उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने घटना के संबंध में मौके से साक्ष्य जुटाए हैं।
बीच बचाव में आया ठेले वाला
थाना प्रभारी ने बताया कि वारदात के दौरान घटना स्थल पर ठेला लगाने वाले बच्चू सिंह ने बीच बचाव का प्रयास भी किया था,लेकिन आरोपी ने उसे भी जमकर मारा। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
अपराधी प्रवृति का है आरोपी
वारदात को अंजाम देने का क्या उद्देश्य था,इसे लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं हो सकी है। पुलिस के अनुसार आरोपी कैलाश अपराधी प्रवृति का है। उसके खिलाफ सुभाष्ा चौक थाने पर करीब आधा दर्जन मामले दर्ज हैं।
जयपुर। सुभाष चौक इलाके में एक युवक ने मोहल्ले में दबदबा दिखाने के लिए राह चलते एक युवक की छाती में चाकू घोंपकर हत्या कर दी और फरार हो गया। पुलिस ने रातभर कई जगह दबिश दी,लेकिन आरोपी का अभी तक कोई सुराग नहीं लगा।
सुभाष चौक थाना प्रभारी कुशाल सिंह ने बताया कि मूलत: बिहार निवासी रामू यादव (24) करीब पांच वर्ष से जयपुर में रहकर मिठाई की दुकान में काम कर रहा था। कुछ माह पहले ही वह पत्नी सहित शंकर गुर्जर की गली में किराए पर रहने आया था।
शुक्रवार रात को करीब 11 बजे दुकान से लौटते समय रामू को स्थानीय निवासी कैलाश सोनी ने रोका और मारपीट कर उसकी छाती में चाकू घोंप दिया और भाग निकला। स्थानीय निवासियों ने उसे एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया। जहां रात करीब सवा 12 बजे उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने घटना के संबंध में मौके से साक्ष्य जुटाए हैं।
बीच बचाव में आया ठेले वाला
थाना प्रभारी ने बताया कि वारदात के दौरान घटना स्थल पर ठेला लगाने वाले बच्चू सिंह ने बीच बचाव का प्रयास भी किया था,लेकिन आरोपी ने उसे भी जमकर मारा। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
अपराधी प्रवृति का है आरोपी
वारदात को अंजाम देने का क्या उद्देश्य था,इसे लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं हो सकी है। पुलिस के अनुसार आरोपी कैलाश अपराधी प्रवृति का है। उसके खिलाफ सुभाष्ा चौक थाने पर करीब आधा दर्जन मामले दर्ज हैं।
मायड़ भाषा को कब मिलेगा मान ?
मायड़ भाषा को कब मिलेगा मान ?
जयपुर। प्रदेशभर में आज राजस्थान स्थापना दिवस की धूम है लेकिन अभी तक राजस्थानी भाषा को संविधान में मान्यता नहीं मिली है। एक तरफ राजस्थानी संस्कृति देश-विदेशों में अपना डंका बजा रही है तो दूसरी तरफ राजस्थानी भाषा को ही संविधान में भाषा के रूप में मान्यता नहीं मिली है।
राजस्थान दिवस पर राजस्थानी भाषा और संस्कृति से जुड़ी कई नामचीन हस्तियों ने राजस्थानी भाषा के हालातों पर दुख जताते हुए इसके समर्थन के लिए आवाज उठाई।
1000 साल का इतिहास
राजस्थानी भाषा के साहित्यकार नंद भारद्वाज के मुताबिक, राजस्थानी भाषा कमजोर भाषा नहीं है पर राजनैतिक जागरूकता के अभाव में इसे संविधान में वो दर्जा अभी तक नहीं मिल पाया, जिसकी यह हकदार है। राजस्थानी भाषा का इतिहास लगभग 1000 साल पुराना है। जब राजस्थान बना था तब भी राजस्थान के अंचलों को उनकी भाषा के आधार पर ही तय किया गया।
संघर्ष करना पड़ेगा
राजस्थानी फिल्मों की वरिष्ठ कलाकार और इन दिनों स्टार पल्स पर प्रसारित धारावहिक "दीया बाती और हम" में भाभो की भूमिका निभा रही नीलू के मुताबिक, राजस्थानी संस्कृति का डंका विदेशों में बजता हैं पर राजस्थानी भाषा को उसके देश के संविधान में ही जगह नहीं मिल पा रही है। राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलवाने के लिए राजस्थान के लोगों को संघर्ष करना पड़ेगा।
भाषा की चिंता किसी को नहीं
कालबेलिया डांसर गुलाबो के मुताबिक, भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलवाने के लिए राजनैतिक प्रयास जरूरी हैं, पर राजनीति से जुड़े लोग अपने स्वार्थों में लगे हैं। किसी को भाषा के सम्मान की परवाह नहीं है। समय के साथ राजस्थान के लोग भी अंगे्रजीदां होते जा रहे हैं, जिससे मातृभाषा को तरजीह नहीं मिल पा रही है। राजस्थानी भाषा को समर्थन की जरूरत है।
राजस्थान की जान भाषा-संस्कृति
गे्रमी अवार्ड विजेगा पं. विश्वमोहन भट्ट के मुताबिक, राजस्थानी भाषा और संस्कृति तो राजस्थान के लोगों के लिए धन के समान है। आज भाषा और संस्कृति के नाम पर राजस्थान में कितने लोगों का रोजगार चल रहा है, लेकिन अपनी राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलवाने के लिए कोई मूवमेंट नहीं चला रहा है। यहीं कारण है मातृभाषा को अब तक सम्मान नहीं मिला है।
जयपुर। प्रदेशभर में आज राजस्थान स्थापना दिवस की धूम है लेकिन अभी तक राजस्थानी भाषा को संविधान में मान्यता नहीं मिली है। एक तरफ राजस्थानी संस्कृति देश-विदेशों में अपना डंका बजा रही है तो दूसरी तरफ राजस्थानी भाषा को ही संविधान में भाषा के रूप में मान्यता नहीं मिली है।
राजस्थान दिवस पर राजस्थानी भाषा और संस्कृति से जुड़ी कई नामचीन हस्तियों ने राजस्थानी भाषा के हालातों पर दुख जताते हुए इसके समर्थन के लिए आवाज उठाई।
1000 साल का इतिहास
राजस्थानी भाषा के साहित्यकार नंद भारद्वाज के मुताबिक, राजस्थानी भाषा कमजोर भाषा नहीं है पर राजनैतिक जागरूकता के अभाव में इसे संविधान में वो दर्जा अभी तक नहीं मिल पाया, जिसकी यह हकदार है। राजस्थानी भाषा का इतिहास लगभग 1000 साल पुराना है। जब राजस्थान बना था तब भी राजस्थान के अंचलों को उनकी भाषा के आधार पर ही तय किया गया।
संघर्ष करना पड़ेगा
राजस्थानी फिल्मों की वरिष्ठ कलाकार और इन दिनों स्टार पल्स पर प्रसारित धारावहिक "दीया बाती और हम" में भाभो की भूमिका निभा रही नीलू के मुताबिक, राजस्थानी संस्कृति का डंका विदेशों में बजता हैं पर राजस्थानी भाषा को उसके देश के संविधान में ही जगह नहीं मिल पा रही है। राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलवाने के लिए राजस्थान के लोगों को संघर्ष करना पड़ेगा।
भाषा की चिंता किसी को नहीं
कालबेलिया डांसर गुलाबो के मुताबिक, भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलवाने के लिए राजनैतिक प्रयास जरूरी हैं, पर राजनीति से जुड़े लोग अपने स्वार्थों में लगे हैं। किसी को भाषा के सम्मान की परवाह नहीं है। समय के साथ राजस्थान के लोग भी अंगे्रजीदां होते जा रहे हैं, जिससे मातृभाषा को तरजीह नहीं मिल पा रही है। राजस्थानी भाषा को समर्थन की जरूरत है।
राजस्थान की जान भाषा-संस्कृति
गे्रमी अवार्ड विजेगा पं. विश्वमोहन भट्ट के मुताबिक, राजस्थानी भाषा और संस्कृति तो राजस्थान के लोगों के लिए धन के समान है। आज भाषा और संस्कृति के नाम पर राजस्थान में कितने लोगों का रोजगार चल रहा है, लेकिन अपनी राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलवाने के लिए कोई मूवमेंट नहीं चला रहा है। यहीं कारण है मातृभाषा को अब तक सम्मान नहीं मिला है।
ट्रक में लगी आग,जिंदा जला चालक
ट्रक में लगी आग,जिंदा जला चालक
जयपुर। जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित दूदू थाना इलाके में शनिवार अल सुबह एक ट्रक में आग लग गई। घटना में ट्रक चालक की गंभीर रूप से झुलसने से मौके पर ही मौत हो गई। जानकारी के अनुसार खाली कार्टनों से भरा दिल्ली की ओडीसी कंपनी का एक ट्रक अजमेर से जयपुर आ रहा था।
सुबह करीब साढ़े पांच बजे दूदू थाना इलाके में अचानक ट्रक में आग लग गई। जिससे चालक झुलस गया। पुलिस ने स्थानीय लोगों व दमकलों की मदद से करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। चालक को इलाज के लिए स्थानीय राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया,यहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि कंपनी को घटना की सूचना दे दी है।
जयपुर। जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित दूदू थाना इलाके में शनिवार अल सुबह एक ट्रक में आग लग गई। घटना में ट्रक चालक की गंभीर रूप से झुलसने से मौके पर ही मौत हो गई। जानकारी के अनुसार खाली कार्टनों से भरा दिल्ली की ओडीसी कंपनी का एक ट्रक अजमेर से जयपुर आ रहा था।
सुबह करीब साढ़े पांच बजे दूदू थाना इलाके में अचानक ट्रक में आग लग गई। जिससे चालक झुलस गया। पुलिस ने स्थानीय लोगों व दमकलों की मदद से करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। चालक को इलाज के लिए स्थानीय राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया,यहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि कंपनी को घटना की सूचना दे दी है।
सेक्स रैकेट पकड़ा,एनसीआर से जुडे तार
सेक्स रैकेट पकड़ा,एनसीआर से जुडे तार
हिसार। पुलिस ने हिसार की पॉश कालोनी सेकक्टर 9-11 के मकान पर छापा मारकर सेक्स रैकेट का पर्दाफाश करत हुए 3 लड़कियों समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार की गई लड़कियों में 2 पश्चिम बंगाल की और एक बिहार के कटिहार जिले की है। पकड़ा गया एक युवक हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गांव चिन्दड का रहने वाला है।
सेक्स रैकेट के तार सीधे तौर पर एनसीआर से जुडे हैं। गिफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ में पता चला है कि यहां पर मिली तीनों महिलाएं मूलरूप से पश्चिम बंगाल और बिहार की है, लेकिन काफी दिनों से इनके ठिकाने दिल्ली और उससे सटे गुडगांव और फरीदाबाद बने बताए जा रहे हैं।
पुलिस भी रैकट की तह तक जाने और इससे जुडे सभी लोगो की जानकारी केलिए विभिन्न पहलुओं को खंगाल रही है। पिछले कुछ दिनों में हिसार की विभिन्न पॉश कॉलोनियों और इनसे संबंधित संस्थानों में जिस्मफरोशी से जुड़े कई मामले सामने आए हैं।
हिसार। पुलिस ने हिसार की पॉश कालोनी सेकक्टर 9-11 के मकान पर छापा मारकर सेक्स रैकेट का पर्दाफाश करत हुए 3 लड़कियों समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार की गई लड़कियों में 2 पश्चिम बंगाल की और एक बिहार के कटिहार जिले की है। पकड़ा गया एक युवक हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गांव चिन्दड का रहने वाला है।
सेक्स रैकेट के तार सीधे तौर पर एनसीआर से जुडे हैं। गिफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ में पता चला है कि यहां पर मिली तीनों महिलाएं मूलरूप से पश्चिम बंगाल और बिहार की है, लेकिन काफी दिनों से इनके ठिकाने दिल्ली और उससे सटे गुडगांव और फरीदाबाद बने बताए जा रहे हैं।
पुलिस भी रैकट की तह तक जाने और इससे जुडे सभी लोगो की जानकारी केलिए विभिन्न पहलुओं को खंगाल रही है। पिछले कुछ दिनों में हिसार की विभिन्न पॉश कॉलोनियों और इनसे संबंधित संस्थानों में जिस्मफरोशी से जुड़े कई मामले सामने आए हैं।
जयपुर से कांग्रेस "संदेश यात्रा" का आगाज
जयपुर से कांग्रेस "संदेश यात्रा" का आगाज
जयपुर। प्रदेश कांग्रेस की ओर से कांग्रेस संदेश यात्रा के तहत करौली,बस्सी और दौसा यात्रा का पहला चरण शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय से शुरू हुआ। इस यात्रा को आगामी चुनाव की तैयारियों के आगाज के रूप में देखा जा रहा है।
यात्रा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान,प्रदेश सह-प्रभारी अरूण यादव,सांसद महेश जोशी,केंद्रीय मंत्री लालचंद कटारिया,राज्यसभा सांसद अश्क अली टांक ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
यह यात्रा विभिन्न चरणों में प्रदेश के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में जाएगी और केन्द्र व राज्य सरकार के कार्यक्रमों व योजनाओं को प्रचारित करेगी। यात्रा में कांग्रेस के राष्ट्रीय व प्रदेश स्तरीय नेता, स्थानीय सांसद, विधायक आदि शामिल होंगे।
साथ में सरकारी कार्यक्रम भी
संदेश यात्रा के दौरान कुछ सरकारी कार्यक्रम भी होंगे। मुख्यमंत्री दौसा में रेलवे ओवरब्रिज का लोकार्पण करेंगे तो रविवार को करौली जिले केदानालपुर में मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवासयोजना की द्वितीय किश्त के चेक वितरण समारोह में शामिल होंगे। इसके बाद कैला देवी में 132 के.वी. जी.एस.एस. का भी लोकार्पण करेंगे।
राजे-तिवाड़ी पर निशाना साधा
प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे और नेता घनश्याम तिवाड़ी की यात्रा पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव आयोग की रोक के बाद भी तिवाड़ी धार्मिक यात्रा निकाल रहे हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राजनीतिक स्वार्थ के लिए सुराज यात्रा निकाल रही हैं। जबकि कांग्रेस की यात्रा प्रदेश के विकास का प्रतीक है।
जयपुर। प्रदेश कांग्रेस की ओर से कांग्रेस संदेश यात्रा के तहत करौली,बस्सी और दौसा यात्रा का पहला चरण शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय से शुरू हुआ। इस यात्रा को आगामी चुनाव की तैयारियों के आगाज के रूप में देखा जा रहा है।
यात्रा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान,प्रदेश सह-प्रभारी अरूण यादव,सांसद महेश जोशी,केंद्रीय मंत्री लालचंद कटारिया,राज्यसभा सांसद अश्क अली टांक ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
यह यात्रा विभिन्न चरणों में प्रदेश के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में जाएगी और केन्द्र व राज्य सरकार के कार्यक्रमों व योजनाओं को प्रचारित करेगी। यात्रा में कांग्रेस के राष्ट्रीय व प्रदेश स्तरीय नेता, स्थानीय सांसद, विधायक आदि शामिल होंगे।
साथ में सरकारी कार्यक्रम भी
संदेश यात्रा के दौरान कुछ सरकारी कार्यक्रम भी होंगे। मुख्यमंत्री दौसा में रेलवे ओवरब्रिज का लोकार्पण करेंगे तो रविवार को करौली जिले केदानालपुर में मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवासयोजना की द्वितीय किश्त के चेक वितरण समारोह में शामिल होंगे। इसके बाद कैला देवी में 132 के.वी. जी.एस.एस. का भी लोकार्पण करेंगे।
राजे-तिवाड़ी पर निशाना साधा
प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे और नेता घनश्याम तिवाड़ी की यात्रा पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव आयोग की रोक के बाद भी तिवाड़ी धार्मिक यात्रा निकाल रहे हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राजनीतिक स्वार्थ के लिए सुराज यात्रा निकाल रही हैं। जबकि कांग्रेस की यात्रा प्रदेश के विकास का प्रतीक है।
30 साल पहले हत्या,8 पुलिसकर्मी दोषी
30 साल पहले हत्या,8 पुलिसकर्मी दोषी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले में 30 साल पहले हुए जघन्य हत्या काण्ड मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरों की विशेष अदालत ने आठ पुलिसकर्मियों को हत्या का दोषी करार दिया है। इस मामले में अदालत ने एक हेडकांस्टेबल को बरी कर दिया है। इस मामले में मुकदमे के दौरान दस अभियुक्तों की मृत्यु हो चुकी है।
विशेष न्यायाधीश सीबीआई राजेन्द्र सिंह की अदालत ने यह फैसला 30 वर्ष बाद दिया है। मामले की जांच सीबीआई ने की थी। वर्ष 1982 में 13 मार्च को क्षेत्राधिकारी केपी सिंह दबिश पर गए थे जहां पर मुठभेड़ में केपी सिंह की मृत्यु हो गई थी। इस मामले में 12 ग्रामीणों की भी मौत हुई थी।
सीबीआई ने कुल 19 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांचकर आरोपत्र विशेष अदालत में दाखिल किया था। मुकदमे के दौरान 10 अभियुक्तों की मृत्यु हो गई थी तथा नौ में से एक अभियुक्त हेडकांस्टेबल प्रेम सिंह को अदालत ने बरी कर दिया है। शेष आठ पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले में 30 साल पहले हुए जघन्य हत्या काण्ड मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरों की विशेष अदालत ने आठ पुलिसकर्मियों को हत्या का दोषी करार दिया है। इस मामले में अदालत ने एक हेडकांस्टेबल को बरी कर दिया है। इस मामले में मुकदमे के दौरान दस अभियुक्तों की मृत्यु हो चुकी है।
विशेष न्यायाधीश सीबीआई राजेन्द्र सिंह की अदालत ने यह फैसला 30 वर्ष बाद दिया है। मामले की जांच सीबीआई ने की थी। वर्ष 1982 में 13 मार्च को क्षेत्राधिकारी केपी सिंह दबिश पर गए थे जहां पर मुठभेड़ में केपी सिंह की मृत्यु हो गई थी। इस मामले में 12 ग्रामीणों की भी मौत हुई थी।
सीबीआई ने कुल 19 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांचकर आरोपत्र विशेष अदालत में दाखिल किया था। मुकदमे के दौरान 10 अभियुक्तों की मृत्यु हो गई थी तथा नौ में से एक अभियुक्त हेडकांस्टेबल प्रेम सिंह को अदालत ने बरी कर दिया है। शेष आठ पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया है।
नर्स के साथ गैंगरेप,3 गिरफ्तार
नर्स के साथ गैंगरेप,3 गिरफ्तार
सहरसा। बिहार के सहरसा जिले के सदर थाना क्षेत्र के हटिया गाछी के निकट शुक्रवार देर रात एक नर्स के साथ गैंगरेप करने के आरोप में पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक अजीत कुमार सत्यार्थी ने शनिवार को बताया किहटिया गाछी स्थित एक निजी चिकित्सालय में काम करने वाली 30 वर्षीय एक नर्स जब रात को बाजार से सब्जी खरीद कर घर लौट रही थी तभी तीन युवकों ने उसके साथ रेप किया।
उन्होंने बताया कि महिला के बयान पर संबंधित थाना में तीन लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पुलिस ने देर रात तीनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार दुष्कर्मियों की पहचान हटिया गाछी निवासी मो. लाल बाबू, मो.मोजिम और मो.सजिम के रूप में की गई है। महिला को मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है।
सहरसा। बिहार के सहरसा जिले के सदर थाना क्षेत्र के हटिया गाछी के निकट शुक्रवार देर रात एक नर्स के साथ गैंगरेप करने के आरोप में पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक अजीत कुमार सत्यार्थी ने शनिवार को बताया किहटिया गाछी स्थित एक निजी चिकित्सालय में काम करने वाली 30 वर्षीय एक नर्स जब रात को बाजार से सब्जी खरीद कर घर लौट रही थी तभी तीन युवकों ने उसके साथ रेप किया।
उन्होंने बताया कि महिला के बयान पर संबंधित थाना में तीन लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पुलिस ने देर रात तीनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार दुष्कर्मियों की पहचान हटिया गाछी निवासी मो. लाल बाबू, मो.मोजिम और मो.सजिम के रूप में की गई है। महिला को मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है।
31 हत्या,13 रेप,मिली 45 साल सजा
31 हत्या,13 रेप,मिली 45 साल सजा
साराजेवो। बोस्निया की युद्ध अपराध अदालत ने 1992-95 में हुए बोस्निया युद्ध के दौरान गैर सर्बियाई नागरिकों की हत्या,प्रताडना और बलात्कार के मामले में दोषी पाए गये एक सैनिक वेसेलीन व्लाहोविचको शुक्रवार को 45 साल के कारावास की सजा सुनाई। मोंटेनेग्रो क ा नागरिक ब्लाहोविच उर्फ बात्को बोस्नियाई सर्ब सेना से जुडे एक अर्द्धसैनिक बल का सदस्य था।
बास्को के खिलाफ युद्ध अपराध मामले की सुनवाई कर रहे जज जोरान बोजिक ने अपने आदेश में कहा कि बात्को को ग्रेबाविका और राका में 31 लोगों की हत्या, कम से कम 13 महिलाओं के साथ बलात्कार और नागरिकों के खिलाफ प्रताडना और चोरी के कई आरोपों के मामले में दोषी पाया गया। मानवता के खिलाफ बात्को ने ऎसे जघन्य अपराध किए कि लोगों ने उसे ग्रेबाविका के राक्षस की संज्ञा दी थी। ऎसे मानवता विरोधी क्रूर को अंजाम देने वाले बात्को को अगले 45 साल जेल में गुजारने होंगे।
बोस्नियाई युद्ध के दौरान हुए अपराधों के लिए अब तक सर्वाधिक 65 अभियोग बात्को के खिलाफ ही लगाए गए हैं। इन अपराधों के लिए जो अधिकतम सजा दी जा सकती है वह 45 साल ही है। बात्को द्वारा किए गए अपराधों के लिए उसे इतनी ही सजा दी गई है। वात्वो(44) को 2010 में स्पेन में गिरफ्तार किया गया था और उसके बाद उसे बोस्निया की अदालत में भेजा गया था।
पूर्व यूगोस्लाविया के हेग में स्थित संयुक्त राष्ट्र के युद्ध अपराध न्यायाधिकरण के काम के बोझ को कम करने के उद्देश्य से सारायेवो में 2005 में बोस्निया युद्ध अपराध न्यायालय की स्थापना की गई थी। गौरतलब है कि मोंटेनेग्रो यूरोप का आज एक छोटा सा स्वतंत्र देश है लेकिन बालकन युद्ध के समय से ही यहां के लोग सर्बियाई लोगों के साथ जुड़े रहे। मोंटेनेग्रो के अधिकतर नागरिक बोस्नियाई मुस्लिमों, क्रोएट्स और कोसावो अल्बानियाइयों के खिलाफ सर्बिया की कड़ी कार्रवाइयों का समर्थन करते रहे हैं।
साराजेवो। बोस्निया की युद्ध अपराध अदालत ने 1992-95 में हुए बोस्निया युद्ध के दौरान गैर सर्बियाई नागरिकों की हत्या,प्रताडना और बलात्कार के मामले में दोषी पाए गये एक सैनिक वेसेलीन व्लाहोविचको शुक्रवार को 45 साल के कारावास की सजा सुनाई। मोंटेनेग्रो क ा नागरिक ब्लाहोविच उर्फ बात्को बोस्नियाई सर्ब सेना से जुडे एक अर्द्धसैनिक बल का सदस्य था।
बास्को के खिलाफ युद्ध अपराध मामले की सुनवाई कर रहे जज जोरान बोजिक ने अपने आदेश में कहा कि बात्को को ग्रेबाविका और राका में 31 लोगों की हत्या, कम से कम 13 महिलाओं के साथ बलात्कार और नागरिकों के खिलाफ प्रताडना और चोरी के कई आरोपों के मामले में दोषी पाया गया। मानवता के खिलाफ बात्को ने ऎसे जघन्य अपराध किए कि लोगों ने उसे ग्रेबाविका के राक्षस की संज्ञा दी थी। ऎसे मानवता विरोधी क्रूर को अंजाम देने वाले बात्को को अगले 45 साल जेल में गुजारने होंगे।
बोस्नियाई युद्ध के दौरान हुए अपराधों के लिए अब तक सर्वाधिक 65 अभियोग बात्को के खिलाफ ही लगाए गए हैं। इन अपराधों के लिए जो अधिकतम सजा दी जा सकती है वह 45 साल ही है। बात्को द्वारा किए गए अपराधों के लिए उसे इतनी ही सजा दी गई है। वात्वो(44) को 2010 में स्पेन में गिरफ्तार किया गया था और उसके बाद उसे बोस्निया की अदालत में भेजा गया था।
पूर्व यूगोस्लाविया के हेग में स्थित संयुक्त राष्ट्र के युद्ध अपराध न्यायाधिकरण के काम के बोझ को कम करने के उद्देश्य से सारायेवो में 2005 में बोस्निया युद्ध अपराध न्यायालय की स्थापना की गई थी। गौरतलब है कि मोंटेनेग्रो यूरोप का आज एक छोटा सा स्वतंत्र देश है लेकिन बालकन युद्ध के समय से ही यहां के लोग सर्बियाई लोगों के साथ जुड़े रहे। मोंटेनेग्रो के अधिकतर नागरिक बोस्नियाई मुस्लिमों, क्रोएट्स और कोसावो अल्बानियाइयों के खिलाफ सर्बिया की कड़ी कार्रवाइयों का समर्थन करते रहे हैं।
किशोरी व युवती ने फंदा लगाया
किशोरी व युवती ने फंदा लगाया
जोधपुर। कमला नेहरू नगर के पास चानणा भाखर क्षेत्र में अलग-अलग जगहों पर शुक्रवार को एक किशोरी तथा युवती ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। दोनों ही मामलों में कारणों का खुलासा नहीं हो पाया। पुलिस के अनुसार देवी रोड चानणा भाखर की विश्वकर्मा कॉलोनी निवासी तारा (16) पुत्री सुखदेव उर्फ सुखाराम बेलदार सुबह घर में चुन्नी से फंदा बनाकर पंखे के हुक पर झूल गई।
कमठा मजदूरी करने वाले किशोरी के पिता व भाई दोपहर में खाना खाने घर लौटे तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। भाई दीवार फांदकर अंदर गया और दरवाजा खोला। दोनों अन्दर पहुंचे तो पुत्री को फंदे से लटका देख चौंक गए, लेकिन तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी। सूचना पर उप निरीक्षक सोमकरण व अन्य पुलिसकर्मी घटनास्थल पहुंचे और कार्यवाही के बाद शव महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी भेजा। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द किया गया। पुलिस ने मर्ग दर्ज कर जांच शुरू की है। उधर, ज्योति नगर चानणा भाखर निवासी ज्योति (19) पुत्री हनुमानसिंह ने सुबह घर के कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों को पता चला तो वे युवती को महात्मा गांधी अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी। परिजनों के आग्रह पर पुलिस ने बगैर कार्यवाही शव परिजनों को सौंप दिया।
जोधपुर। कमला नेहरू नगर के पास चानणा भाखर क्षेत्र में अलग-अलग जगहों पर शुक्रवार को एक किशोरी तथा युवती ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। दोनों ही मामलों में कारणों का खुलासा नहीं हो पाया। पुलिस के अनुसार देवी रोड चानणा भाखर की विश्वकर्मा कॉलोनी निवासी तारा (16) पुत्री सुखदेव उर्फ सुखाराम बेलदार सुबह घर में चुन्नी से फंदा बनाकर पंखे के हुक पर झूल गई।
कमठा मजदूरी करने वाले किशोरी के पिता व भाई दोपहर में खाना खाने घर लौटे तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। भाई दीवार फांदकर अंदर गया और दरवाजा खोला। दोनों अन्दर पहुंचे तो पुत्री को फंदे से लटका देख चौंक गए, लेकिन तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी। सूचना पर उप निरीक्षक सोमकरण व अन्य पुलिसकर्मी घटनास्थल पहुंचे और कार्यवाही के बाद शव महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी भेजा। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द किया गया। पुलिस ने मर्ग दर्ज कर जांच शुरू की है। उधर, ज्योति नगर चानणा भाखर निवासी ज्योति (19) पुत्री हनुमानसिंह ने सुबह घर के कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों को पता चला तो वे युवती को महात्मा गांधी अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी। परिजनों के आग्रह पर पुलिस ने बगैर कार्यवाही शव परिजनों को सौंप दिया।
मरूधरा में फिर महकेगा गूगल!
मरूधरा में फिर महकेगा गूगल!
जैसलमेर। मरूधरा पर गूगल अपनी महक बिखरने को बेताब है। तीन दशक पूर्व अत्यधिक दोहन से नष्ट हुए गूगल के पौधों को इस बार महकाने का जिम्मा वन विभाग ने लिया है। वन विभाग की धनुवा रेंज में इन दिनों पांच हजार गूगल के पौधों की श्ृंखला तैयार हो रही है। ये पौधे अभी बाल्यवस्था में है और तीन साल बाद ये युवा अवस्था में पहुंच जाएंगे। पथरीली व बंजर जमीन पर खिलने वाली गूगल की पौध को साल में केवल 45 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। ये पौधे एक बार उग जाने के बाद उचित देखभाल पर जीवनपर्यन्त गूगल देता है। एक पौधा एक बार में दो से तीन किलो गूगल देता है।
अतिदोहन से हुए नष्ट
पूर्व में जैसलमेर की बंजर जमीन पर गूगल बहुतायात में पाया जाता था। यहां प्राकृतिक रूप से ही गूगल की पौध उग आती थी। लोगों को इसकी उपयोगिता की जानकारी होने पर उन्होंने इसका अतिदोहन किया। इससे इसकी सारी पौध नष्ट हो गई थी। इसके बाद वन विभाग ने स्थानीय प्रतिनिधियों के कहने पर गूगल की पौध श्ृंखला को दुबारा से तैयार करने का बीड़ा उठाया।
ऎसे किया तैयार
वन विभाग की धेनुआ रेंज में गूगल के पांच हजार पौधों की पहली श्ृंखला को तैयार करने के लिए 2010 में कार्य शुरू किया गया। पहले इसे प्राकृतिक पौधों की सूखी हुई जड़ व शाखाओं से नर्सरी में रूट एंड शूट पद्धति से पनपाया गया। इसके बाद इसे पथरीली व बंजर जमीन पर रोपा गया और तीन साल बाद अब इन पौधों की श्ृंखला अब निखरने लगी है।
आयुर्वेदिक औषधि में उपयोगी
गूगल से पूर्व में अगरबती व धूपबती बनाने में उपयोग होता था, लेकिन इसकी उपयोगिता आयुर्वेदिक औष्ाधियों में होने से देश व विदेशों में भी इसकी मांग बढ़ी है। अब यहां भी दुबारा से गूगल की पौध श्ृंखला तैयार हो जाने से एक बार फिर मुरधरा गूगल का उत्पादन कर सकेगी।
जैसलमेर। मरूधरा पर गूगल अपनी महक बिखरने को बेताब है। तीन दशक पूर्व अत्यधिक दोहन से नष्ट हुए गूगल के पौधों को इस बार महकाने का जिम्मा वन विभाग ने लिया है। वन विभाग की धनुवा रेंज में इन दिनों पांच हजार गूगल के पौधों की श्ृंखला तैयार हो रही है। ये पौधे अभी बाल्यवस्था में है और तीन साल बाद ये युवा अवस्था में पहुंच जाएंगे। पथरीली व बंजर जमीन पर खिलने वाली गूगल की पौध को साल में केवल 45 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। ये पौधे एक बार उग जाने के बाद उचित देखभाल पर जीवनपर्यन्त गूगल देता है। एक पौधा एक बार में दो से तीन किलो गूगल देता है।
अतिदोहन से हुए नष्ट
पूर्व में जैसलमेर की बंजर जमीन पर गूगल बहुतायात में पाया जाता था। यहां प्राकृतिक रूप से ही गूगल की पौध उग आती थी। लोगों को इसकी उपयोगिता की जानकारी होने पर उन्होंने इसका अतिदोहन किया। इससे इसकी सारी पौध नष्ट हो गई थी। इसके बाद वन विभाग ने स्थानीय प्रतिनिधियों के कहने पर गूगल की पौध श्ृंखला को दुबारा से तैयार करने का बीड़ा उठाया।
ऎसे किया तैयार
वन विभाग की धेनुआ रेंज में गूगल के पांच हजार पौधों की पहली श्ृंखला को तैयार करने के लिए 2010 में कार्य शुरू किया गया। पहले इसे प्राकृतिक पौधों की सूखी हुई जड़ व शाखाओं से नर्सरी में रूट एंड शूट पद्धति से पनपाया गया। इसके बाद इसे पथरीली व बंजर जमीन पर रोपा गया और तीन साल बाद अब इन पौधों की श्ृंखला अब निखरने लगी है।
आयुर्वेदिक औषधि में उपयोगी
गूगल से पूर्व में अगरबती व धूपबती बनाने में उपयोग होता था, लेकिन इसकी उपयोगिता आयुर्वेदिक औष्ाधियों में होने से देश व विदेशों में भी इसकी मांग बढ़ी है। अब यहां भी दुबारा से गूगल की पौध श्ृंखला तैयार हो जाने से एक बार फिर मुरधरा गूगल का उत्पादन कर सकेगी।
पहचान को तरसती राजस्थानी!
पहचान को तरसती राजस्थानी!
बाड़मेर। आज राजस्थान दिवस है और प्रदेश राजस्थानी की मान्यता को लेकर बात कर रहा है, लेकिन एक भाषा के रूप में राजस्थानी मरूधरा में भी पहचान नहीं बना पाई है। सालों से उच्च माध्यमिक स्तर पर राजस्थानी विषय होने के बावजूद यहां अधिकांश विद्यालयों में राजस्थानी भाषा नहीं पढ़ाई जा रही है। महाविद्यालय स्तर पर तो इस विषय को शामिल ही नहीं किया गया है। हजारों की संख्या में राजस्थानी पढ़ने वालों की तादाद अंगुलियों पर गिनने लायक ही है।
राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग उठ रही है। इससे राजस्थानी को पहचान मिलेगी तो यहां के युवा इस विषय का अध्ययन कर रोजगार के अवसर पर सकेंगे, लेकिन विद्यालय स्तर पर राजस्थानी की स्थिति सुखद नहीं है। जिले में उच्च माध्यमिक स्तर पर राजस्थानी भाषा को शामिल किए करीब बारह साल हो चुके हैं। इस दौरान इस विषय को मात्र दो-तीन विद्यालयों में ही पढ़ाया जा रहा है। ऎसे में यह विषय आरम्भिक तौर पर ही दम तोड़ता नजर आ रहा है।
महाविद्यालय में नहीं शामिल
उच्च माध्यमिक विद्यालयों में यह विषय शामिल है, लेकिन महाविद्यालय स्तर पर यह शामिल नहीं है। ऎसे में अधिकांश विद्यार्थी आगे इसका भविष्य नहीं होने की बात कहते हुए इसे पढ़ने से परहेज कर रहे हैं।
यहां है राजस्थानी
जिले में उच्च माध्यमिक स्तर के 145 विद्यालय हैं, इनमें से मात्र राउमावि स्टेशन रोड बाड़मेर, खड़ीन, कल्याणपुर और जसोल में ही राजस्थानी भाषा पढ़ाई जा रही है। करीब पचपन निजी विद्यालय हैं, जिसमें से एक में भी राजस्थानी नहीं पढ़ाई जा रही।
प्रोत्साहन की जरूरत
प्रदेश की भाषा राजस्थानी की मान्यता नहीं होने से दिक्कत हो रही है। राजस्थानी को प्राथमिक स्तर से विषय के रूप में शामिल कर प्रोत्साहन देने की जरूरत है।
- भोमसिंह बलाई, छात्र नेता
राजस्थानी आवश्यक हो
राजस्थान में राजस्थानी आवश्यक विषय के रूप में पढ़ाया जाना चाहिए। राजस्थानी भाषा की मान्यता मिले इसके प्रयास जरूरी है।
- अशोक सारला, जिलाध्यक्ष, राजस्थानी भाषा छात्र परिषद
मान्यता जरूरी
राजस्थानी की मान्यता जरूरी है। इससे हमारी संस्कृति व सभ्यता के प्रति युवाओं की सोच बढ़ेगी और युवाओं को रोजगार में भी फायदा मिलेगा। - नीम्बाराम जांगिड़, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य
मांग नहीं आ रही
किसी विद्यालय में पन्द्रह विद्यार्थी मांग करते हैं तो वहां यह विषय पढ़ाया जा सकता है। जिले में तीन-चार विद्यालयों में यह विषय है। अन्य जगह से मांग नहीं आ रही है, ऎसे में विष्ाय नहीं पढ़ाया जा रहा। - गोरधनलाल पंजाबी, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक शिक्षा)
बाड़मेर। आज राजस्थान दिवस है और प्रदेश राजस्थानी की मान्यता को लेकर बात कर रहा है, लेकिन एक भाषा के रूप में राजस्थानी मरूधरा में भी पहचान नहीं बना पाई है। सालों से उच्च माध्यमिक स्तर पर राजस्थानी विषय होने के बावजूद यहां अधिकांश विद्यालयों में राजस्थानी भाषा नहीं पढ़ाई जा रही है। महाविद्यालय स्तर पर तो इस विषय को शामिल ही नहीं किया गया है। हजारों की संख्या में राजस्थानी पढ़ने वालों की तादाद अंगुलियों पर गिनने लायक ही है।
राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग उठ रही है। इससे राजस्थानी को पहचान मिलेगी तो यहां के युवा इस विषय का अध्ययन कर रोजगार के अवसर पर सकेंगे, लेकिन विद्यालय स्तर पर राजस्थानी की स्थिति सुखद नहीं है। जिले में उच्च माध्यमिक स्तर पर राजस्थानी भाषा को शामिल किए करीब बारह साल हो चुके हैं। इस दौरान इस विषय को मात्र दो-तीन विद्यालयों में ही पढ़ाया जा रहा है। ऎसे में यह विषय आरम्भिक तौर पर ही दम तोड़ता नजर आ रहा है।
महाविद्यालय में नहीं शामिल
उच्च माध्यमिक विद्यालयों में यह विषय शामिल है, लेकिन महाविद्यालय स्तर पर यह शामिल नहीं है। ऎसे में अधिकांश विद्यार्थी आगे इसका भविष्य नहीं होने की बात कहते हुए इसे पढ़ने से परहेज कर रहे हैं।
यहां है राजस्थानी
जिले में उच्च माध्यमिक स्तर के 145 विद्यालय हैं, इनमें से मात्र राउमावि स्टेशन रोड बाड़मेर, खड़ीन, कल्याणपुर और जसोल में ही राजस्थानी भाषा पढ़ाई जा रही है। करीब पचपन निजी विद्यालय हैं, जिसमें से एक में भी राजस्थानी नहीं पढ़ाई जा रही।
प्रोत्साहन की जरूरत
प्रदेश की भाषा राजस्थानी की मान्यता नहीं होने से दिक्कत हो रही है। राजस्थानी को प्राथमिक स्तर से विषय के रूप में शामिल कर प्रोत्साहन देने की जरूरत है।
- भोमसिंह बलाई, छात्र नेता
राजस्थानी आवश्यक हो
राजस्थान में राजस्थानी आवश्यक विषय के रूप में पढ़ाया जाना चाहिए। राजस्थानी भाषा की मान्यता मिले इसके प्रयास जरूरी है।
- अशोक सारला, जिलाध्यक्ष, राजस्थानी भाषा छात्र परिषद
मान्यता जरूरी
राजस्थानी की मान्यता जरूरी है। इससे हमारी संस्कृति व सभ्यता के प्रति युवाओं की सोच बढ़ेगी और युवाओं को रोजगार में भी फायदा मिलेगा। - नीम्बाराम जांगिड़, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य
मांग नहीं आ रही
किसी विद्यालय में पन्द्रह विद्यार्थी मांग करते हैं तो वहां यह विषय पढ़ाया जा सकता है। जिले में तीन-चार विद्यालयों में यह विषय है। अन्य जगह से मांग नहीं आ रही है, ऎसे में विष्ाय नहीं पढ़ाया जा रहा। - गोरधनलाल पंजाबी, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक शिक्षा)
शुक्रवार, 29 मार्च 2013
इसी साल होंगे चुनाव? मनमोहन का तीसरे टर्म से इनकार नहीं
नई दिल्ली। अपने शांत स्वभाव के लिए जाने जाने वाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बातों बातों में इस बात का संकेत दे दिया है कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद वह भी प्रधानमंत्री की दौड़ में शुमार हैं। प्रधानमंत्री के इस संकेत से राजनीति के गलियारों में भूचाल आ गया है। मनमोहन सिंह के इस संकेत से कांग्रेस सकते में हैं। जिसके बाद कांग्रेस ने बयान जारी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का चयन चुनकर आने वाले सांसद और कांग्रेस आलाकमान ही करेगा।
मनमोहन सिंह का बयान इस लिए भी मायने रखता है, क्योंकि पूरी कांग्रेस राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रही है। दिग्विजय सिंह से लेकर बेनी प्रसाद वर्मा तक राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनते हुए देखना चाहते हैं।
पीएम मनमोहन सिंह ने भरोसा जताया है कि केंद्र में यूपीए की सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। अगर सपा यूपीए से समर्थन वापस भी ले लेती है तो सरकार को कोई खतरा नहीं है। मनमोहन सिंह ने बतौर पीएम अपने तीसरे कार्यकाल से भी इनकार नहीं किया है।
डरबन से लौटते समय विशेष विमान में पत्रकारों ने जब पीएम से सवाल किया कि यदि अगले आम चुनाव में भी यूपीए की सरकार बनती है और सोनिया गांधी उन्हें पीएम बनाए रखना चाहती हैं तो यह उन्हें कबूल होगा। मनमोहन ने इस पर कहा, 'यह एक काल्पनिक सवाल है। वक्त आने पर देखा जाएगा।'
हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा है कि देश का अगला पीएम कौन होगा, इसका फैसला चुने हुए सांसद और कांग्रेस आलाकमान करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता दिल से चाहते हैं कि राहुल गांधी देश के पीएम बनें। लेकिन मनमोहन सिंह इस वक्त देश के पीएम हैं।
पीएम के बयान के बाद मुलायम सिंह की तरफ से तो कोई बयान नहीं आया है लेकिन उनकी पार्टी ने कहा है कि उन्होंने न तो केंद्र में सरकार बनवाई और न ही सरकार गिराएंगे। यूपी सरकार में मंत्री आजम खान ने कहा कि सपा देश में सांप्रदायिक शक्तियों को सत्ता में आने का कोई मौका नहीं देना चाहती है। यह अलग बात है कि कांग्रेस कितनी धर्मनिरपेक्ष है लेकिन बीजेपी को सांप्रदायिक पार्टी है ही।
बीजेपी ने कहा है कि देश में कोई भी मनमोहन को पीएम के तौर पर नहीं देखना चाहता है। बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'भारत जैसे बड़े देश में मनमोहन सिंह का बतौर पीएम नौ साल का कार्यकाल चिंता का विषय है। देश की जनता आने वाले पांच वर्षों के दौरान उन्हें पीएम के तौर पर देखना चाहेगी, इसकी दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं है।' प्रसाद ने यह भी कहा कि बीजेपी का सपा के साथ कोई गठबंधन पहले भी नहीं रहा है और न ही ऐसा होने जा रहा है।
इससे पहले, सपा मुखिया मुलायम सिंह ने कहा कि उनके पास इस बात की जानकारी है कि केंद्र सरकार जल्द गिरेगी और चुनाव इस साल अक्टूबर-नवंबर में हो सकते हैं।
यूपीए और सपा के बीच जारी खींचतान के बीच चिदंबरम ने यूपी के सीएम अखिलेश सिंह की तारीफ की है। उन्होंने मुलायम सिंह को भरोसा दिलाया कि यूपीए की सरकार यूपी के विकास के लिए उनके साथ खड़ी है।
पिछले कुछ वक्त से देखने में आया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पकड़ पार्टी में कुछ कमजोर पड़ी है। सोनिया गांधी के लाख चाहने के बावजूद फूड सिक्यूरिटी बिल में सरकार ने संशोधित किया। जबकि, सोनिया और उनकी टीम एक मजबूत फूड सिक्यूरिटी बिल चाहती थी। इसी तरह पिछले दिनों दिग्विजय सिंह ने सोनिया पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि उनका मानना है कि सत्ता का दो केंद्र नहीं होना चाहिए। प्रधानमंत्री को ही सबकुछ करने का अधिकार होना चाहिए। हालांकि, दिग्विजय सिंह के इस बयान पर अधिक बवाल तो नहीं मचा लेकिन कांग्रेस की राजनीति पर नजर रखने वाले इस बयान का कई अर्थ निकाल रहे हैं।
पिछले मंगलवार को ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था, `उन्होंने (राहुल गांधी) ने ऐसा कहीं नहीं कहा। मीडिया में जो कुछ ऐसी खबरें आ रही हैं, उससे उलझन पैदा हुई हैं। यदि देश की जनता चाहेगी तो वह (राहुल) क्यों नहीं (पीएम पद के कांग्रेस उम्मीदवार) हो सकते हैं। राहुल गांधी ने कहीं नहीं कहा कि वह प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनना चाहते। देश की जनता चाहेगी तो गांधी प्रधानमंत्री क्यों नहीं बनना चाहेंगे।`
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने कुछ दिन पूर्व पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों एवं विधायक दल के नेताओं के साथ बैठक में उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने को लेकर बयानबाजी किए जाने पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि भविष्य में वह इस तरह की बातें नहीं सुनना चाहते।
मनमोहन सिंह का बयान इस लिए भी मायने रखता है, क्योंकि पूरी कांग्रेस राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रही है। दिग्विजय सिंह से लेकर बेनी प्रसाद वर्मा तक राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनते हुए देखना चाहते हैं।
पीएम मनमोहन सिंह ने भरोसा जताया है कि केंद्र में यूपीए की सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। अगर सपा यूपीए से समर्थन वापस भी ले लेती है तो सरकार को कोई खतरा नहीं है। मनमोहन सिंह ने बतौर पीएम अपने तीसरे कार्यकाल से भी इनकार नहीं किया है।
डरबन से लौटते समय विशेष विमान में पत्रकारों ने जब पीएम से सवाल किया कि यदि अगले आम चुनाव में भी यूपीए की सरकार बनती है और सोनिया गांधी उन्हें पीएम बनाए रखना चाहती हैं तो यह उन्हें कबूल होगा। मनमोहन ने इस पर कहा, 'यह एक काल्पनिक सवाल है। वक्त आने पर देखा जाएगा।'
हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा है कि देश का अगला पीएम कौन होगा, इसका फैसला चुने हुए सांसद और कांग्रेस आलाकमान करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता दिल से चाहते हैं कि राहुल गांधी देश के पीएम बनें। लेकिन मनमोहन सिंह इस वक्त देश के पीएम हैं।
पीएम के बयान के बाद मुलायम सिंह की तरफ से तो कोई बयान नहीं आया है लेकिन उनकी पार्टी ने कहा है कि उन्होंने न तो केंद्र में सरकार बनवाई और न ही सरकार गिराएंगे। यूपी सरकार में मंत्री आजम खान ने कहा कि सपा देश में सांप्रदायिक शक्तियों को सत्ता में आने का कोई मौका नहीं देना चाहती है। यह अलग बात है कि कांग्रेस कितनी धर्मनिरपेक्ष है लेकिन बीजेपी को सांप्रदायिक पार्टी है ही।
बीजेपी ने कहा है कि देश में कोई भी मनमोहन को पीएम के तौर पर नहीं देखना चाहता है। बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'भारत जैसे बड़े देश में मनमोहन सिंह का बतौर पीएम नौ साल का कार्यकाल चिंता का विषय है। देश की जनता आने वाले पांच वर्षों के दौरान उन्हें पीएम के तौर पर देखना चाहेगी, इसकी दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं है।' प्रसाद ने यह भी कहा कि बीजेपी का सपा के साथ कोई गठबंधन पहले भी नहीं रहा है और न ही ऐसा होने जा रहा है।
इससे पहले, सपा मुखिया मुलायम सिंह ने कहा कि उनके पास इस बात की जानकारी है कि केंद्र सरकार जल्द गिरेगी और चुनाव इस साल अक्टूबर-नवंबर में हो सकते हैं।
यूपीए और सपा के बीच जारी खींचतान के बीच चिदंबरम ने यूपी के सीएम अखिलेश सिंह की तारीफ की है। उन्होंने मुलायम सिंह को भरोसा दिलाया कि यूपीए की सरकार यूपी के विकास के लिए उनके साथ खड़ी है।
पिछले कुछ वक्त से देखने में आया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पकड़ पार्टी में कुछ कमजोर पड़ी है। सोनिया गांधी के लाख चाहने के बावजूद फूड सिक्यूरिटी बिल में सरकार ने संशोधित किया। जबकि, सोनिया और उनकी टीम एक मजबूत फूड सिक्यूरिटी बिल चाहती थी। इसी तरह पिछले दिनों दिग्विजय सिंह ने सोनिया पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि उनका मानना है कि सत्ता का दो केंद्र नहीं होना चाहिए। प्रधानमंत्री को ही सबकुछ करने का अधिकार होना चाहिए। हालांकि, दिग्विजय सिंह के इस बयान पर अधिक बवाल तो नहीं मचा लेकिन कांग्रेस की राजनीति पर नजर रखने वाले इस बयान का कई अर्थ निकाल रहे हैं।
पिछले मंगलवार को ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था, `उन्होंने (राहुल गांधी) ने ऐसा कहीं नहीं कहा। मीडिया में जो कुछ ऐसी खबरें आ रही हैं, उससे उलझन पैदा हुई हैं। यदि देश की जनता चाहेगी तो वह (राहुल) क्यों नहीं (पीएम पद के कांग्रेस उम्मीदवार) हो सकते हैं। राहुल गांधी ने कहीं नहीं कहा कि वह प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनना चाहते। देश की जनता चाहेगी तो गांधी प्रधानमंत्री क्यों नहीं बनना चाहेंगे।`
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने कुछ दिन पूर्व पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों एवं विधायक दल के नेताओं के साथ बैठक में उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने को लेकर बयानबाजी किए जाने पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि भविष्य में वह इस तरह की बातें नहीं सुनना चाहते।
इसी साल होंगे चुनाव? मनमोहन का तीसरे टर्म से इनकार नहीं
नई दिल्ली। अपने शांत स्वभाव के लिए जाने जाने वाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बातों बातों में इस बात का संकेत दे दिया है कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद वह भी प्रधानमंत्री की दौड़ में शुमार हैं। प्रधानमंत्री के इस संकेत से राजनीति के गलियारों में भूचाल आ गया है। मनमोहन सिंह के इस संकेत से कांग्रेस सकते में हैं। जिसके बाद कांग्रेस ने बयान जारी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का चयन चुनकर आने वाले सांसद और कांग्रेस आलाकमान ही करेगा।
मनमोहन सिंह का बयान इस लिए भी मायने रखता है, क्योंकि पूरी कांग्रेस राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रही है। दिग्विजय सिंह से लेकर बेनी प्रसाद वर्मा तक राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनते हुए देखना चाहते हैं।
पीएम मनमोहन सिंह ने भरोसा जताया है कि केंद्र में यूपीए की सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। अगर सपा यूपीए से समर्थन वापस भी ले लेती है तो सरकार को कोई खतरा नहीं है। मनमोहन सिंह ने बतौर पीएम अपने तीसरे कार्यकाल से भी इनकार नहीं किया है।
डरबन से लौटते समय विशेष विमान में पत्रकारों ने जब पीएम से सवाल किया कि यदि अगले आम चुनाव में भी यूपीए की सरकार बनती है और सोनिया गांधी उन्हें पीएम बनाए रखना चाहती हैं तो यह उन्हें कबूल होगा। मनमोहन ने इस पर कहा, 'यह एक काल्पनिक सवाल है। वक्त आने पर देखा जाएगा।'
हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा है कि देश का अगला पीएम कौन होगा, इसका फैसला चुने हुए सांसद और कांग्रेस आलाकमान करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता दिल से चाहते हैं कि राहुल गांधी देश के पीएम बनें। लेकिन मनमोहन सिंह इस वक्त देश के पीएम हैं।
पीएम के बयान के बाद मुलायम सिंह की तरफ से तो कोई बयान नहीं आया है लेकिन उनकी पार्टी ने कहा है कि उन्होंने न तो केंद्र में सरकार बनवाई और न ही सरकार गिराएंगे। यूपी सरकार में मंत्री आजम खान ने कहा कि सपा देश में सांप्रदायिक शक्तियों को सत्ता में आने का कोई मौका नहीं देना चाहती है। यह अलग बात है कि कांग्रेस कितनी धर्मनिरपेक्ष है लेकिन बीजेपी को सांप्रदायिक पार्टी है ही।
बीजेपी ने कहा है कि देश में कोई भी मनमोहन को पीएम के तौर पर नहीं देखना चाहता है। बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'भारत जैसे बड़े देश में मनमोहन सिंह का बतौर पीएम नौ साल का कार्यकाल चिंता का विषय है। देश की जनता आने वाले पांच वर्षों के दौरान उन्हें पीएम के तौर पर देखना चाहेगी, इसकी दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं है।' प्रसाद ने यह भी कहा कि बीजेपी का सपा के साथ कोई गठबंधन पहले भी नहीं रहा है और न ही ऐसा होने जा रहा है।
इससे पहले, सपा मुखिया मुलायम सिंह ने कहा कि उनके पास इस बात की जानकारी है कि केंद्र सरकार जल्द गिरेगी और चुनाव इस साल अक्टूबर-नवंबर में हो सकते हैं।
यूपीए और सपा के बीच जारी खींचतान के बीच चिदंबरम ने यूपी के सीएम अखिलेश सिंह की तारीफ की है। उन्होंने मुलायम सिंह को भरोसा दिलाया कि यूपीए की सरकार यूपी के विकास के लिए उनके साथ खड़ी है।
पिछले कुछ वक्त से देखने में आया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पकड़ पार्टी में कुछ कमजोर पड़ी है। सोनिया गांधी के लाख चाहने के बावजूद फूड सिक्यूरिटी बिल में सरकार ने संशोधित किया। जबकि, सोनिया और उनकी टीम एक मजबूत फूड सिक्यूरिटी बिल चाहती थी। इसी तरह पिछले दिनों दिग्विजय सिंह ने सोनिया पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि उनका मानना है कि सत्ता का दो केंद्र नहीं होना चाहिए। प्रधानमंत्री को ही सबकुछ करने का अधिकार होना चाहिए। हालांकि, दिग्विजय सिंह के इस बयान पर अधिक बवाल तो नहीं मचा लेकिन कांग्रेस की राजनीति पर नजर रखने वाले इस बयान का कई अर्थ निकाल रहे हैं।
पिछले मंगलवार को ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था, `उन्होंने (राहुल गांधी) ने ऐसा कहीं नहीं कहा। मीडिया में जो कुछ ऐसी खबरें आ रही हैं, उससे उलझन पैदा हुई हैं। यदि देश की जनता चाहेगी तो वह (राहुल) क्यों नहीं (पीएम पद के कांग्रेस उम्मीदवार) हो सकते हैं। राहुल गांधी ने कहीं नहीं कहा कि वह प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनना चाहते। देश की जनता चाहेगी तो गांधी प्रधानमंत्री क्यों नहीं बनना चाहेंगे।`
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने कुछ दिन पूर्व पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों एवं विधायक दल के नेताओं के साथ बैठक में उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने को लेकर बयानबाजी किए जाने पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि भविष्य में वह इस तरह की बातें नहीं सुनना चाहते।
मनमोहन सिंह का बयान इस लिए भी मायने रखता है, क्योंकि पूरी कांग्रेस राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रही है। दिग्विजय सिंह से लेकर बेनी प्रसाद वर्मा तक राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनते हुए देखना चाहते हैं।
पीएम मनमोहन सिंह ने भरोसा जताया है कि केंद्र में यूपीए की सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। अगर सपा यूपीए से समर्थन वापस भी ले लेती है तो सरकार को कोई खतरा नहीं है। मनमोहन सिंह ने बतौर पीएम अपने तीसरे कार्यकाल से भी इनकार नहीं किया है।
डरबन से लौटते समय विशेष विमान में पत्रकारों ने जब पीएम से सवाल किया कि यदि अगले आम चुनाव में भी यूपीए की सरकार बनती है और सोनिया गांधी उन्हें पीएम बनाए रखना चाहती हैं तो यह उन्हें कबूल होगा। मनमोहन ने इस पर कहा, 'यह एक काल्पनिक सवाल है। वक्त आने पर देखा जाएगा।'
हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा है कि देश का अगला पीएम कौन होगा, इसका फैसला चुने हुए सांसद और कांग्रेस आलाकमान करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता दिल से चाहते हैं कि राहुल गांधी देश के पीएम बनें। लेकिन मनमोहन सिंह इस वक्त देश के पीएम हैं।
पीएम के बयान के बाद मुलायम सिंह की तरफ से तो कोई बयान नहीं आया है लेकिन उनकी पार्टी ने कहा है कि उन्होंने न तो केंद्र में सरकार बनवाई और न ही सरकार गिराएंगे। यूपी सरकार में मंत्री आजम खान ने कहा कि सपा देश में सांप्रदायिक शक्तियों को सत्ता में आने का कोई मौका नहीं देना चाहती है। यह अलग बात है कि कांग्रेस कितनी धर्मनिरपेक्ष है लेकिन बीजेपी को सांप्रदायिक पार्टी है ही।
बीजेपी ने कहा है कि देश में कोई भी मनमोहन को पीएम के तौर पर नहीं देखना चाहता है। बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'भारत जैसे बड़े देश में मनमोहन सिंह का बतौर पीएम नौ साल का कार्यकाल चिंता का विषय है। देश की जनता आने वाले पांच वर्षों के दौरान उन्हें पीएम के तौर पर देखना चाहेगी, इसकी दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं है।' प्रसाद ने यह भी कहा कि बीजेपी का सपा के साथ कोई गठबंधन पहले भी नहीं रहा है और न ही ऐसा होने जा रहा है।
इससे पहले, सपा मुखिया मुलायम सिंह ने कहा कि उनके पास इस बात की जानकारी है कि केंद्र सरकार जल्द गिरेगी और चुनाव इस साल अक्टूबर-नवंबर में हो सकते हैं।
यूपीए और सपा के बीच जारी खींचतान के बीच चिदंबरम ने यूपी के सीएम अखिलेश सिंह की तारीफ की है। उन्होंने मुलायम सिंह को भरोसा दिलाया कि यूपीए की सरकार यूपी के विकास के लिए उनके साथ खड़ी है।
पिछले कुछ वक्त से देखने में आया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पकड़ पार्टी में कुछ कमजोर पड़ी है। सोनिया गांधी के लाख चाहने के बावजूद फूड सिक्यूरिटी बिल में सरकार ने संशोधित किया। जबकि, सोनिया और उनकी टीम एक मजबूत फूड सिक्यूरिटी बिल चाहती थी। इसी तरह पिछले दिनों दिग्विजय सिंह ने सोनिया पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि उनका मानना है कि सत्ता का दो केंद्र नहीं होना चाहिए। प्रधानमंत्री को ही सबकुछ करने का अधिकार होना चाहिए। हालांकि, दिग्विजय सिंह के इस बयान पर अधिक बवाल तो नहीं मचा लेकिन कांग्रेस की राजनीति पर नजर रखने वाले इस बयान का कई अर्थ निकाल रहे हैं।
पिछले मंगलवार को ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था, `उन्होंने (राहुल गांधी) ने ऐसा कहीं नहीं कहा। मीडिया में जो कुछ ऐसी खबरें आ रही हैं, उससे उलझन पैदा हुई हैं। यदि देश की जनता चाहेगी तो वह (राहुल) क्यों नहीं (पीएम पद के कांग्रेस उम्मीदवार) हो सकते हैं। राहुल गांधी ने कहीं नहीं कहा कि वह प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनना चाहते। देश की जनता चाहेगी तो गांधी प्रधानमंत्री क्यों नहीं बनना चाहेंगे।`
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने कुछ दिन पूर्व पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों एवं विधायक दल के नेताओं के साथ बैठक में उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने को लेकर बयानबाजी किए जाने पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि भविष्य में वह इस तरह की बातें नहीं सुनना चाहते।
बच्चों के हत्यारे के घर हथियारों का जखीरा
बच्चों के हत्यारे के घर हथियारों का जखीरा
वांशिगटन। पिछले साल दिसंबर में एक प्राथमिक पाठशाला में 20 बच्चों की निर्मम हत्या करने वाले एडम लेंजे के घर से पुलिस ने करीब 1,600 कारतूस, 11 चाकू, एक बेनट, एक पिस्तौल और तीन तलवार बरामद किए हैं। 20 वर्षीय लेंजे ने 14 दिसंबर 2012 को अपने घर पर अपनी मां नैंसी की हत्या करने के बाद कनेक्टिकट के न्यूटाउन के सैंडी हूक प्राथमिक पाठशाला में अंधाधुंध गोलीबार कर 20 बच्चों और छह वयस्कों को मौत की नींद सुला दिया था।
गुरूवार को सार्वजनिक किए गए बरामद वस्तुओं में उसकी मां द्वारा छुट्टी बिताने के लिए लेंजे को दिया गया एक कार्ड भी शामिल है। इस कार्ड के अंदर एक चेक है, जो उसकी मां ने उसे एक और बंदूक खरीदन के लिए दिए थे। राज्य के महाधिवक्ता स्टीफेंन जे. सिडेनस्काई तृतीय ने गुरूवार को एक बयान में कहा कि नये जारी दस्तावेजों से स्पष्ट खुलासा होता है कि उस दिन क्या हुआ था। लेकिन इससे स्पष्ट नहीं हो पाता कि लेंजे ने आखिर ऎसा क्यों किया।
उन्होंने कहा कि जांच जारी है। किसी अंजाम पर नहीं पहुंचा गया है। अभी कोई अंतिम राय नहीं बनाई गई है। इस बीच, स्कूल में गोलीबारी की घटना के बाद निजी हथियारों पर प्रतिबंध लगाने वाले समर्थकों की संख्या कम हुई है। उस समय घटना के तुरंत बाद कराए गए सीएनएन/ओआरसी अंतर्राष्ट्रीय सर्वेक्षण में 52 फीसदी अमेरिकीयों ने निजी हथियारों पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन किया था।
लेकिन 15-17 मार्च के बीच कराए गए ऎसे ही एक सर्वेक्षण में यह संख्या घटकर 43 फीसदी हो गई है। राष्ट्रपति बराक ओबामा के संगठित प्रयास और हथियारों पर प्रतिबंध की वकालत के बावजूद अभी तक वाशिंगटन में इस संबंध में कोई कानून पारित नहीं हो सका है। ओबामा ने इस बाबत गुरूवार को एक और जोरदार पहल करते हुए व्हाइट हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि बीते एक दशक में व्यावहारिक कदम उठाने का यह सबसे बढिया अवसर है, इससे लोगों की जिंदगी बच जाएगी।
वांशिगटन। पिछले साल दिसंबर में एक प्राथमिक पाठशाला में 20 बच्चों की निर्मम हत्या करने वाले एडम लेंजे के घर से पुलिस ने करीब 1,600 कारतूस, 11 चाकू, एक बेनट, एक पिस्तौल और तीन तलवार बरामद किए हैं। 20 वर्षीय लेंजे ने 14 दिसंबर 2012 को अपने घर पर अपनी मां नैंसी की हत्या करने के बाद कनेक्टिकट के न्यूटाउन के सैंडी हूक प्राथमिक पाठशाला में अंधाधुंध गोलीबार कर 20 बच्चों और छह वयस्कों को मौत की नींद सुला दिया था।
गुरूवार को सार्वजनिक किए गए बरामद वस्तुओं में उसकी मां द्वारा छुट्टी बिताने के लिए लेंजे को दिया गया एक कार्ड भी शामिल है। इस कार्ड के अंदर एक चेक है, जो उसकी मां ने उसे एक और बंदूक खरीदन के लिए दिए थे। राज्य के महाधिवक्ता स्टीफेंन जे. सिडेनस्काई तृतीय ने गुरूवार को एक बयान में कहा कि नये जारी दस्तावेजों से स्पष्ट खुलासा होता है कि उस दिन क्या हुआ था। लेकिन इससे स्पष्ट नहीं हो पाता कि लेंजे ने आखिर ऎसा क्यों किया।
उन्होंने कहा कि जांच जारी है। किसी अंजाम पर नहीं पहुंचा गया है। अभी कोई अंतिम राय नहीं बनाई गई है। इस बीच, स्कूल में गोलीबारी की घटना के बाद निजी हथियारों पर प्रतिबंध लगाने वाले समर्थकों की संख्या कम हुई है। उस समय घटना के तुरंत बाद कराए गए सीएनएन/ओआरसी अंतर्राष्ट्रीय सर्वेक्षण में 52 फीसदी अमेरिकीयों ने निजी हथियारों पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन किया था।
लेकिन 15-17 मार्च के बीच कराए गए ऎसे ही एक सर्वेक्षण में यह संख्या घटकर 43 फीसदी हो गई है। राष्ट्रपति बराक ओबामा के संगठित प्रयास और हथियारों पर प्रतिबंध की वकालत के बावजूद अभी तक वाशिंगटन में इस संबंध में कोई कानून पारित नहीं हो सका है। ओबामा ने इस बाबत गुरूवार को एक और जोरदार पहल करते हुए व्हाइट हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि बीते एक दशक में व्यावहारिक कदम उठाने का यह सबसे बढिया अवसर है, इससे लोगों की जिंदगी बच जाएगी।
चाची के साथ रेप करने वाला अरेस्ट
चाची के साथ रेप करने वाला अरेस्ट
नवादा। बिहार के नवादा जिले के नारदीगंज थाना क्षेत्र में संपत्ति विवाद में अपनी ही चाची के साथ दुष्कर्म करने के एक आरोपी को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया, जबकि एक आरोपी अभी भी फरार बताया जा रहा है। पुलिस के अनुसार पड़रियां गांव निवासी मुकेश यादव और राजेश यादव ने गुरूवार रात अपने ही चाचा के घर में घुसकर न केवल उनकी तथा उनके पुत्र की जमकर पिटाई की, बल्कि कथिततौर पर चाची के साथ दुष्कर्म भी किया।
नारदीगंज के थाना प्रभारी अशोक कुमार सिंह ने शुक्रवार को बताया कि आरोपी मुकेश यादव को आज गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसके पास से एक देशी पिस्तौल और 11 गोली बरामद की गई है। अन्य आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि काफी दिनों से दोनों परिवारों के बीच भूमि को लेकर विवाद चल रहा है। इस मामले की एक प्राथमिकी थाने में दर्ज करा दी गई है तथा पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। पीडिता को चिकित्सीय जांच के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है।
नवादा। बिहार के नवादा जिले के नारदीगंज थाना क्षेत्र में संपत्ति विवाद में अपनी ही चाची के साथ दुष्कर्म करने के एक आरोपी को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया, जबकि एक आरोपी अभी भी फरार बताया जा रहा है। पुलिस के अनुसार पड़रियां गांव निवासी मुकेश यादव और राजेश यादव ने गुरूवार रात अपने ही चाचा के घर में घुसकर न केवल उनकी तथा उनके पुत्र की जमकर पिटाई की, बल्कि कथिततौर पर चाची के साथ दुष्कर्म भी किया।
नारदीगंज के थाना प्रभारी अशोक कुमार सिंह ने शुक्रवार को बताया कि आरोपी मुकेश यादव को आज गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसके पास से एक देशी पिस्तौल और 11 गोली बरामद की गई है। अन्य आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि काफी दिनों से दोनों परिवारों के बीच भूमि को लेकर विवाद चल रहा है। इस मामले की एक प्राथमिकी थाने में दर्ज करा दी गई है तथा पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। पीडिता को चिकित्सीय जांच के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है।
अश्लील वीडियो: थाने पहुंची "जस्सी"
अश्लील वीडियो: थाने पहुंची "जस्सी"
मुंबई। टीवी एक्ट्रेस मोना ने कथित तौर पर अपने अश्लील एमएमएस के खिलाफ मुबंई पुलिस से शिकायत की है। 23 सैकेंड के इस क्लिप में मोना जैसी दिखने वाली एक महिला बिना कपड़ों के दिख रही है।
मोना ने कहा कि मैंने साइबर क्राइम ब्रान्च में इसकी शिकायत दर्ज करवाई, जांच जारी है। यह मॉफ्र्ड वीडियो है।
उल्लेखनीय है कि "जस्सी जैसी कोई नहीं" टीवी सीरियल से मशहूर हुई मोना सिंह के कथित अश्लील वीडियो ने फिल्म इंडस्ट्री में नया बवाल खड़ा कर दिया है।
हालांकि,यह अभी तक साफ नहीं हो सका है कि इस अश्लील वीडियो में दिखने वाली महिला असल में मोना सिंह है या कोई अन्य।
एक मीडिया हाउस के वेबपोर्टल पर मोना सिंह जैसी दिखने वाली इस महिला के वीडियो क्लिपिंग के स्टील्स भी अपलोड किए हैं,जिनके आधार पर लोग इसे माना सिंह ही मान रहे हैं।
मुंबई। टीवी एक्ट्रेस मोना ने कथित तौर पर अपने अश्लील एमएमएस के खिलाफ मुबंई पुलिस से शिकायत की है। 23 सैकेंड के इस क्लिप में मोना जैसी दिखने वाली एक महिला बिना कपड़ों के दिख रही है।
मोना ने कहा कि मैंने साइबर क्राइम ब्रान्च में इसकी शिकायत दर्ज करवाई, जांच जारी है। यह मॉफ्र्ड वीडियो है।
उल्लेखनीय है कि "जस्सी जैसी कोई नहीं" टीवी सीरियल से मशहूर हुई मोना सिंह के कथित अश्लील वीडियो ने फिल्म इंडस्ट्री में नया बवाल खड़ा कर दिया है।
हालांकि,यह अभी तक साफ नहीं हो सका है कि इस अश्लील वीडियो में दिखने वाली महिला असल में मोना सिंह है या कोई अन्य।
एक मीडिया हाउस के वेबपोर्टल पर मोना सिंह जैसी दिखने वाली इस महिला के वीडियो क्लिपिंग के स्टील्स भी अपलोड किए हैं,जिनके आधार पर लोग इसे माना सिंह ही मान रहे हैं।
मुशर्रफ पर फेंका जूता,नाक पर लगा
मुशर्रफ पर फेंका जूता,नाक पर लगा
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर पाक के सिंध हाई कोर्ट में पेशी के दौरान एक अज्ञात व्यक्ति ने जूता फेंक दिया। जूता मुर्शरफ की नाक पर लगा। हालांकि इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है न ही यह जानकारी मिल पाई है कि जूता किसने फेंका था।
जाहिर है कि इस तरह जूता फेंके जाने का मतलब मुशर्रफ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का एक तरीका है। उल्लेखनीय है कि मुशर्रफ इससे पहले कोर्ट से बाहर आते वक्त वकीलों का विरोध प्रदर्शन झेल चुके हैं।
टेलिवीजन रिपोर्ट के मुताबिक मुशर्रफ पर जूता उस वक्त फेंका गया जब वे कोर्ट से बाहर निकल रहे थे। गौरतलब है कि जज केस में मुशर्रफ की प्रोटेक्टिव बेल 15 दिनों के लिए और बढ़ा दी है। इससे पहले भी सिंध हाई कोर्ट ने मुशर्रफ की प्रोटेक्टिव बेल 15 दिन के लिए बढ़ा दी थी।
सुनवाई के दौरान सिंध सरकार ने सिंध हाई कोर्ट के निर्णय का विरोध यह कहते हुए किया कि मुशर्रफ भगौड़े रह चुके हैं और इस बिनाह पर उन्हें बेल नहीं दी जानी चाहिए। हालांकि एसएचसी चीफ जस्टिस मुशिर अलाम ने सिंध एडवोकेट जनरल की दलील को ठुकराते हुए परवेज मुशर्रफ की प्रोटेक्टिव बेल 15 दिन के लिए बढ़ा दी है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर पाक के सिंध हाई कोर्ट में पेशी के दौरान एक अज्ञात व्यक्ति ने जूता फेंक दिया। जूता मुर्शरफ की नाक पर लगा। हालांकि इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है न ही यह जानकारी मिल पाई है कि जूता किसने फेंका था।
जाहिर है कि इस तरह जूता फेंके जाने का मतलब मुशर्रफ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का एक तरीका है। उल्लेखनीय है कि मुशर्रफ इससे पहले कोर्ट से बाहर आते वक्त वकीलों का विरोध प्रदर्शन झेल चुके हैं।
टेलिवीजन रिपोर्ट के मुताबिक मुशर्रफ पर जूता उस वक्त फेंका गया जब वे कोर्ट से बाहर निकल रहे थे। गौरतलब है कि जज केस में मुशर्रफ की प्रोटेक्टिव बेल 15 दिनों के लिए और बढ़ा दी है। इससे पहले भी सिंध हाई कोर्ट ने मुशर्रफ की प्रोटेक्टिव बेल 15 दिन के लिए बढ़ा दी थी।
सुनवाई के दौरान सिंध सरकार ने सिंध हाई कोर्ट के निर्णय का विरोध यह कहते हुए किया कि मुशर्रफ भगौड़े रह चुके हैं और इस बिनाह पर उन्हें बेल नहीं दी जानी चाहिए। हालांकि एसएचसी चीफ जस्टिस मुशिर अलाम ने सिंध एडवोकेट जनरल की दलील को ठुकराते हुए परवेज मुशर्रफ की प्रोटेक्टिव बेल 15 दिन के लिए बढ़ा दी है।
भाजपा विधायक की सेक्स सीडी पर बवाल
भाजपा विधायक की सेक्स सीडी पर बवाल
बेंगलूरू। कर्नाटक एक बार फिर सेक्स सीडी की वजह से चर्चा में आ गया है। कथित रूप से भाजपा के विधायक रघुपति भट्ट को यौन गतिविधि में संलिप्त दिखाते हुए एक सीडी सामने आई है जिसे लेकर बवाल मच गया है। भट्ट ने राज्य में 5 मई को होने जा रहे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की है।
उडुपी से दो बार विधानसभा चुनाव जीतने वाले भट्ट ने हालांकि इस बात से इनकार किया है कि सीडी में जो पुरूष दिख रहा है वह वे ही हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष प्रहलाद जोशी ने कहा कि पार्टी केवल तभी कार्रवाई कर सकती है जब यह साबित हो जाए कि सीडी में दिखाई देने वाला पुरूष भट्ट ही हैं।
भट्ट ने कन्नड़ टीवी चैनल को उडुपी से कहा कि उन्हें सीडी की प्रति बुधवार देर रात मिली है। उन्होंने इसे अपने खिलाफ राजनीतिक साजिश होने का संदेह जताया। चैनल ने भी इस सीडी को अत्यंत "स्पष्ट" न होने के आधार पर प्रसारण नहीं किया है। भट्ट ने कहा कि चुनाव से दूर रहने का उनका फैसला पार्टी को असहज स्थिति से उबारना है।
भट्ट इससे पहले जुलाई 2008 में तब विवादों में आ गए थे जब पांच दिनों तक लापता रहने के बाद उनकी पत्नी पदमप्रिया दक्षिणपश्चिम दिल्ली के द्वारका के एक अपार्टमेंट में मृत पाई गई थी। कर्नाटक पुलिस ने 32 वर्षीया पkप्रिया की मौत को आत्महत्या बताया और इसके लिए भट्ट के बचपन के मित्र अतुल राव को आरोपी बनाया। मामला अभी अदालत में विचाराधीन है।
बेंगलूरू। कर्नाटक एक बार फिर सेक्स सीडी की वजह से चर्चा में आ गया है। कथित रूप से भाजपा के विधायक रघुपति भट्ट को यौन गतिविधि में संलिप्त दिखाते हुए एक सीडी सामने आई है जिसे लेकर बवाल मच गया है। भट्ट ने राज्य में 5 मई को होने जा रहे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की है।
उडुपी से दो बार विधानसभा चुनाव जीतने वाले भट्ट ने हालांकि इस बात से इनकार किया है कि सीडी में जो पुरूष दिख रहा है वह वे ही हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष प्रहलाद जोशी ने कहा कि पार्टी केवल तभी कार्रवाई कर सकती है जब यह साबित हो जाए कि सीडी में दिखाई देने वाला पुरूष भट्ट ही हैं।
भट्ट ने कन्नड़ टीवी चैनल को उडुपी से कहा कि उन्हें सीडी की प्रति बुधवार देर रात मिली है। उन्होंने इसे अपने खिलाफ राजनीतिक साजिश होने का संदेह जताया। चैनल ने भी इस सीडी को अत्यंत "स्पष्ट" न होने के आधार पर प्रसारण नहीं किया है। भट्ट ने कहा कि चुनाव से दूर रहने का उनका फैसला पार्टी को असहज स्थिति से उबारना है।
भट्ट इससे पहले जुलाई 2008 में तब विवादों में आ गए थे जब पांच दिनों तक लापता रहने के बाद उनकी पत्नी पदमप्रिया दक्षिणपश्चिम दिल्ली के द्वारका के एक अपार्टमेंट में मृत पाई गई थी। कर्नाटक पुलिस ने 32 वर्षीया पkप्रिया की मौत को आत्महत्या बताया और इसके लिए भट्ट के बचपन के मित्र अतुल राव को आरोपी बनाया। मामला अभी अदालत में विचाराधीन है।
शख्शियत 4 ..मिलिए आज ...डॉ लक्ष्मीनारायण जोशी एक आदर्श युवाओं के लिए
शख्शियत 4 ..मिलिए आज ...डॉ लक्ष्मीनारायण जोशी एक आदर्श युवाओं के लिए
बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर ने समाज को प्रतिभारुपी कई रत्न दिए हें जिन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर समाज को नै सोच और दिशा दी .क्षेत्र चाहे कोई हो एक आदर्श स्थापित करना महत्वपूर्ण उपलब्धि होती हें .बाड़मेर की युवा पीढ़ी में आज डॉ लक्ष्मीनारायण जोशी का नाम पूर्ण सम्मान और आदर के साथ लिया जाता हें .डॉ जोशी हाल में अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत हें ,आपने बाड़मेर को खेल जगत में नै दिशा दी ,वाही समाज के विभिन विकास की गतिविधियों में आज भी सक्रीय भागीदारी निभा रहे हें ,डॉ जोशी ने बाड़मेर जिले को शतरंज ,क्रिकेट ,जिम्नास्टिक ,बास्केट बल में नै उन्चैया दी .आज वो खेलो की राज्य स्तरीय कमेटियो में ,पदाधिकारी हें
आर सी ऐ के सक्रीय और पदाधिकारी हें ,उन्होंने बाड़मेर को खेल जगत से उस वक्त रूबरू कराया जब बाड़मेर में खेलो का प्रचलन ना के बराबर था .डॉ जोशी राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए चलाये जा रहे अभियान में सक्रीय रूप से जुड़े हें ,अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर उनके मार्गदर्शन में राजस्थानी को मान्यता के प्रयास कर रही हें ,सहज स्वभाव और सादगी उनकी विशेषता हें ,म्रदुभाशी डॉ जोशी ने अपनी अलग पहचान हर समाज में बना रखी .हर वर्ग के लोगो से उनके मधुर रिश्ते उनकी शख्शियत को खुद बयान करते हें ,मूलतः जैसलमेर के निवासी डॉ जोशी ने बाड़मेर को अपनी कर्मभूमि बनाई हें ,एक शिक्षक के टूर पर उन्होंने आदर्श स्थापित किये .बाड़मेर के विकास में ,खेल ,लोक कला ,संस्कृति ,के विकास के लिए उनके द्वारा किये प्रयासों को सलाम .
बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर ने समाज को प्रतिभारुपी कई रत्न दिए हें जिन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर समाज को नै सोच और दिशा दी .क्षेत्र चाहे कोई हो एक आदर्श स्थापित करना महत्वपूर्ण उपलब्धि होती हें .बाड़मेर की युवा पीढ़ी में आज डॉ लक्ष्मीनारायण जोशी का नाम पूर्ण सम्मान और आदर के साथ लिया जाता हें .डॉ जोशी हाल में अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत हें ,आपने बाड़मेर को खेल जगत में नै दिशा दी ,वाही समाज के विभिन विकास की गतिविधियों में आज भी सक्रीय भागीदारी निभा रहे हें ,डॉ जोशी ने बाड़मेर जिले को शतरंज ,क्रिकेट ,जिम्नास्टिक ,बास्केट बल में नै उन्चैया दी .आज वो खेलो की राज्य स्तरीय कमेटियो में ,पदाधिकारी हें
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