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रविवार, 3 नवंबर 2019

जैसलमेर सिपला सहकारी समिति का व्यवस्थापक पटवारी की मिली भगत से किसानों के साथ करोड़ो रुपयों की धोखाधड़ी, ,फर्जी ऋण जारी,


जैसलमेर सिपला सहकारी समिति का व्यवस्थापक पटवारी की मिली भगत से किसानों के साथ करोड़ो रुपयों की धोखाधड़ी, ,फर्जी ऋण जारी,


जैसलमेर जैसलमेर कॉपरेटिव बैंक और सहकारी समिति सिपला ने किसानों के ऋण के नाम पर पटवारी के साथ कूटरचित जाली दस्तावेजों के आधार पर करोड़ो रूपये के फर्जी ऋण भुगतान का मामला सामने आया है।बैंक प्रशासन के सामने मामला आने के बाद हड़कम्प मच गया।।इधर मुख्य प्रबंधक ने पूरे मामले की जांच की बात कही।।

जानकारी के अनुसार सिपला सहकारी समिति के व्यवस्थापक ने पटवारी के साथ मिलकर जमीनों के फर्जी दस्तावेज बनाकर ऐसे लोगो को ऋण दे दिया जिनके नाम जमीन तक नही है।।इसी समिति द्वारा सेकड़ो लोगो को फर्जी तरीके से ऑफलाइन और ऑनलाइन दोहरे ऋण वितरण का भी भंडाफोड़ हुआ है।।जानकारी के अनुसार व्यवस्थापक द्वारा मनमर्जी और बैंक कार्मिकों से मिलीभगत कर ऐसे कई लोगो को करोड़ो रूपये के ऋण वितरण कर दिए जो सहकारी समिति के सदस्य तक नही है न ही उनके पास जमीन है।।इनके लिए जमीनों के जाली दस्तावेज पटवारी के साथ मिलकर बनाये।।जाली दस्तावेजों के आधार पर गैर किसानों को ऋण वितरण कर दिए।गत महीने बीज ऋण वितरण में भी सिपला सहकारी समिति द्वारा भरष्टाचार की खबरे सामने आई।बीज ऋण राशि किसानों के खाते में जमा होने के बाद वतावस्थापक द्वारा किसानों से विड्रॉल फॉर्म हस्ताक्षर करवा के यह कह कर लिए की बैंक मैनेजर इसे सत्यापित करके भुगतान करेगा।।बीज ऋण के अधिकतम पच्चीस हजार रुपये स्वीकृत किये गए थे।मगर किसानों को अठारह से बीस हजार रुपये का ही भुगतान किया गया।।पांच हजार रुपये की राशि अवैध सुविधा शुल्क किसानों से वसूल की गई।।जिसमे आठ फीसदी किसान हिस्सा राशि कटौती बताई गई जबकि किसानों की हिस्सा राशि पूर्व में समिति में जमा है

इन किसानों से व्यवस्थापकों की लापरवाही के चलते किसानों को करोड़ो रूपये हिस्सा राशि का दोहरा भुगतान करना पड़ा।।ऐसी कई वितीय अनियमितताएं कर बैंक कार्मिक और व्यवस्थापकों ने किसानों की राशि पर डाका डाल करोड़ो के वारे न्यारे कर लिये।।सिपला और डाबला समितियों के व्यवस्थापक तो आलीशान होटलों के निर्माण करवा रहे है।।

इधर जेसलमेर सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक के मुख्य प्रबंधक सुजानाराम प्रजापत ने बताया कि सिपला सहकारी समिति की शिकायतें आई है।।दोहरे भुगतान के साथ समितियों द्वारा पटवारियों कर साथ मिलकर जमीनों के फर्जी दस्तावेज बनाकर फर्जी ऋण देने के कुछ मामले भी सामने आए है।उन मामलों की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी।।जिन समितियों ने किसानों के हिस्सा राशि की डेटा फीडिंग नही की वही ज्यादा गड़बड़ हुई।ऐसी समितियों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही हैं

सिपला सहकारी समिति के व्यवस्थापक  अमीन खान ने बताया कि सिपला समिति ने किसी प्रकार का फर्जीवाड़ा नही किया।।नियमानुसार ऋण वितरित किये।।उन्होंने बताया कि जिन किसानों के हिस्सा राशि दूसरी बार  काटी गई है बो बैंक स्तर पर हुआ है।इसके लिए बैंक को लिखित में सुचना दी गयी हैं