घोटाले लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
घोटाले लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

मंगलवार, 2 जून 2020

बाडमेर भामाशाहों द्वारा दी सामग्री को खरीद बता दिया,बाडमेर स्वास्थ्य विभाग में कोरोना संक्रमण के नाम पर घोटाले की बू*

*बाडमेर भामाशाहों द्वारा दी सामग्री को खरीद बता दिया,बाडमेर स्वास्थ्य विभाग में कोरोना संक्रमण के नाम पर घोटाले की बू*

*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक*

*बाडमेर कोरोना संक्रमण से आमजन को सुरक्षित रखने के लिए देश थम गया।भामाशाहों ने आगे आकर हर सम्भव मदद कर आमजन को राहत देने का प्रयास किया।ये भामाशाह ही थे जिनके बदौलत कोरोना संक्रमण से जंग लड़ रहे है।।बाडमेर में स्वास्थ्य विभाग  कोरोना संक्रमण काल मे भी हेराफेरी से बाज़ नही आया।।एक गोपनीय रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकार को गई है जिसमे खुलासा किया गया कि भामाशाहों द्वारा बड़ी मात्रा में स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराई सामग्री मसलन मास्क ,95 मास्क,सेनेट्राइजर,का उल्लेख   दस्तावेजों में खरीद का बताकर भुगतान उठाने का अंदेशा व्यक्त किया गया।।खुफिया रिपोर्ट में  अंदेशा व्यक्त किया है कि भामाशाहों द्वारा स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराए मास्क,सेनेट्राइज का इंद्राज दस्तावेजों में कही नहीं है।।भामाशाहों द्वारा उपलब्ध सामग्री को खरीद किया दस्तावेजों में दर्ज किया है।अगर ऐसा है तो यह एक गंभीर मामला है।यह केवल भरष्टाचार ही नही बल्कि राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है।।बाडमेर का दुर्भाग्य है कि बाडमेर के हाकिम की स्वास्थ्य विभाग पर कोई पकड़ नही है।जिसका फायदा उठाकर स्वास्थ्य विभाग के कारिंदे बेख़ौफ़ है।।करोना संक्रमन को जो विभाग हेंडल कर रहा है।जिसकी मुख्य जिम्मेदारी है वो ही गैर जिम्मेदाराना हरकते कर रहा है।।जिला कलेक्टर को प्रसंज्ञान लेकर इस मामले की प्रशासनिक जांच करवानी चाहिए कि कोविड 19 के नाम पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्या क्या कहाँ से अति आवश्यक सामग्री खरीदी गई।।स्वास्थ्य विभाग को आशा सहयोगिनियों ने भी बड़ी संख्या में मास्क बनाकर भेंट किये गए थे।जिला प्रशासन को जांच कमिटी से इसकी जांच करवानी चाहिए नहीं तो राज्य सरकार को राज्य स्तरीय विशेष टीम गठित कर बाडमेर स्वास्थ्य विभाग में कोविड 19 काल की संस्त गतिविधियों की निष्पक्ष जांच करवानी चाहिए। भामाशाहों द्वारा पैसा खर्च कर जनसेवा के जज़्बे से सामग्री भेंट की थी।स्वास्थ्य विभाग के कारनामो की जांच होनी चाहिए।।बाडमेर का दुर्भाग्य है कि एक दो अधिकारियों को छोड़ दमदार अधिकारी नहीं है।।जिला कलेक्टर की प्रशासन और मातहतों पर कमज़ोर पकड़ साफ नजर आ रही है।।खुफिया रिपोर्टें केंद्र और राज्य सरकारों तक पहुंच गई होगी।।राज्य सरकार कोविड काल मे स्वास्थ्य विभाग बाडमेर द्वारा किये संभावित घोटाले की जांच किस स्तर पर कराती है यह भविष्य के गर्भ में मगर जिला कलेक्टर स्थानीय प्रशासनिक अद्धिकारियो की टीम से बारीकी से जांच करवा सकते है।