रोजे छोड़ते हिन्दू |
पाकिस्तान स्थित पीर पिथोरा का मंदिर |
सांप्रदायिक सदभाव की मिशाल .....हिन्दू भी रख रहे हें रोजे
बाड़मेर: भारत-पाकिस्तान सरहद पर बसे राजस्थान के बाड़मेर जिले के पाकिस्तान से सटे सरहदी गांव सांप्रदायिक सद्भावना की अनुठी मिसाल पेश करते हैं। एक तरफ जहां मुस्लिम, हिंदुओं के त्योहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं, वहीं हिंदू परिवार रमजान के पवित्र माह में रोजे रख मुस्लिम भाइयों की खुशी में शरीक होते हैं।
बाड़मेर जिले के सरहदी गांवों में हिंदू परिवारो द्वारा रोजे रखने की पुरानी परम्परा हैं। भारत-पाकिस्तान विभाजन एवं उसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध के दौरान पाकिस्तान से भारत आए हिंदू और मुस्लिम परिवारों में समान रीति रिवाज हैं। हिंदुओं में, विशेष कर मेघवाल जाति के परिवार सिन्ध के महान संत पीर पिथोरा के अनुयायी हैं। सिन्धी मुसलमान भी पीर पिथोरा में समान आस्था रखते हैं। पीर पिथोरा के जितने भी अनुयायी हैं, वे पीर पिथोरा के उपदेशों की पालना के तहत रमजान के महीने में श्रद्धानुसार रोजे रखते हैं।
पाकिस्तान की सीमा से सटे बाड़मेर के गौहड का तला, रबासर, साता, सिहानिया, बाखासर, केलनोर सहित सैकडों गांवों के हिंदू रोजे रख सांप्रदायिक सद्भावना का परिचय दे रहे हैं। नवातला निवासी पाताराम ने बताया कि वह अपनी समझ के साथ हर साल रोजे रखते हैं और रोजे के दौरान बाकायदा नमाज भी पढ़ते हैं।
सरहद पर रह रहे हिन्दू और मुस्लिम परिवारों के रीति-रिवाजों भी कोई ज्यादा फर्क नहीं है। शादी, विवाह, मृत्यु, तीज-त्योहार, खान-पान, पहनावा तथा भाषा समान है। हिंदू परिवारों के छोटे-छोटे बच्चे भी रोजे रखते हैं। मौलवी हनीफ मोहम्मद ने बताया कि सरहद पर हिंदू और मुस्लिम भाईचारे के साथ रहते हैं। दोनों के रीति-रिवाजों में इतनी समानता है कि कई बार भेद करना मुश्किल हो जाता है। रमजान में तो हिंदू और मुस्लिम साथ-साथ रोजे रखते हैं। एक दूसरे के यहां इफ्तार भी करते हैं।
हालांकि, पीर पिथोरा का धार्मिक स्थल पाकिस्तान में है, मगर उनके अनुयाइयों ने बाड़मेर जिले के जयसिंधर गांव के समीप जेता की जाल नामक धार्मिक स्थल बनाया, जहां पीर पिथोरा की पूजा होती है। पीर पिथोरा की पूजा मुसलमान भी करते हैं। यही वजह है कि बाड़मेर जिले के सरहदी गांव सांप्रदायिक सद्भावना के प्रतीक के रूप में जाने जाते हैं।सरहद पार पकिस्तान में भी हिन्दू देवी देवताओ के प्रति मुस्लिम समुदाटी में जबरदस्त आस्था हें ,राजस्थान के लोक देवता बाबा रामदेव ,पाबूजी ,वीर तेज्ज़ ,माता हिंगलाज ,माता रानी भटीयानिजी,आदी लोक देवो के प्रति आस्था झलकती हें .राजस्थान के बाड़मेर जिले के सरहदी इलाको में बसे हिन्दू भी परंपरागत रूप से रमजान के पवित्र महीने में रोजे रखते हें ,