**बाडमेर पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने आते ही दो अच्छी शुरुआत की,यकीनन जवानों का हौसला बढ़ेगा*
*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक के लिए चन्दन सिंह भाटी*
*बाडमेर पुलिस अधीक्षक पद पर जब शरद चौधरी का नाम आया तब कई जन प्रतिनिधियों के माथे पर बल पड़े थे।पदभार ग्रहण करने से पहले अपने चम्मचों से शरद चौधरी के पदस्थापन का विरोध भी सोशल मीडिया पर दर्ज कराया। कई लोग उनके नाम के पीछे लगे चौधरी की वजह से परेशान थे तो कुछ जिन्हें पता था कि वो चौधरी नहीं कायस्थ है इसी से।।अलबत्ता उनके पदभार ग्रहण करने के बाद जगदीश गोलियां प्रकरण हो गया।उन्होंने इस प्रकरण में निर्णय लेने में कोई कंजूसी नही दिखाई।।उनके निर्णयों के कारण उठे विरोध के स्वर दब गए।।नही तो सब जानते है अगर कोई ठोस निर्णय लेने वाला एस पी नहीं होता तो बाडमेर मालपुरा हो जाता।खैर शरद चौधरी ने दो निर्णय शानदार लिए जिसके लिए वो साधुवाद के पात्र है।पहला निर्णय क्राइम मीटिंग से पहले राष्ट्रगान की अनिवार्यता।।दूसरा आज पुलिस के जवानों के साथ रात्रि भोजन।।यकीनन राष्ट्रगान के फैसले से कही न कही पुलिस अद्धिकारियो के दिल के कोने में अपने कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता आएगी।राष्ट्रगान पुलिस अद्धिकारियो में सकारात्मक ऊर्जा भरेगा शायद यही सोच शरद चौधरी की रही हो।इस सोच का क्या असर रहेगा आने वाले समय मे पुलिस अद्धिकारियो और खासकर थानाधिकारियों का व्यवहार और आमजन के साथ सामंजस्य सामने आ जायेगा।।पयलिस विभाग की रीढ़ की हड्डी होती है उनके जवान।।अमूमन पुलिस के जवान अवसाद में रहते है।कई परेशानियों के बावजूद उनकी सुनने वाला कोई अधिकारी नहीं।कोई अधिकारी सुन भी ले तो पुलिसकर्मी उनके सामने जाने की हिम्मत नही जुटा पाते।।शरद चौधरी ने आज जवानों के साथ भोजन कर यकीनन जवानों में जोश और उत्साह तो भरा ही उनमें इस भोजन पॉलिसी से यकीनन सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।बाडमेर में बेहतरीन आईपीएस पुलिस अधिकारी पदों पे रहे।यह बाडमेर का सौभाग्य है कि इस पद पर बेहतरीन अधिकारी रहे है जो अपने जवानों के प्रति सदैव सकारात्मक रहे।।जवानों के साथ अद्धिकारियो ने सुख दुख भी बांटे।भोजन भी किया होगा।।आज शरद चौधरी की टेबल पर अद्धिकारियो के साथ पुलिस के जवान भी भोजन करते दिखे।।इससे जवानों का आत्मविश्वास बढ़ेगा साथ ही अपने कर्तव्य के प्रति सचेत और जागरूक रहेंगे ऐसी आशा हैं।।शरद चौधरी का यह संदेश की गलती पर डाँटता हूं तो उन पर सहह भी लुटाता हूं।।चलिए एक अच्छी परंपरा की शुरुआत हुई बाडमेर पुलिस में।।शरद चौधरी मंझे हुए अधिकारी है।।उन्हें पुलिस से अच्छे से काम लेना भी आता है। बाडमेर पुलिस से आशा है कि आमजन में विश्वास और अपराधियों में भय का अनुसरण करेंगे।
*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक के लिए चन्दन सिंह भाटी*
*बाडमेर पुलिस अधीक्षक पद पर जब शरद चौधरी का नाम आया तब कई जन प्रतिनिधियों के माथे पर बल पड़े थे।पदभार ग्रहण करने से पहले अपने चम्मचों से शरद चौधरी के पदस्थापन का विरोध भी सोशल मीडिया पर दर्ज कराया। कई लोग उनके नाम के पीछे लगे चौधरी की वजह से परेशान थे तो कुछ जिन्हें पता था कि वो चौधरी नहीं कायस्थ है इसी से।।अलबत्ता उनके पदभार ग्रहण करने के बाद जगदीश गोलियां प्रकरण हो गया।उन्होंने इस प्रकरण में निर्णय लेने में कोई कंजूसी नही दिखाई।।उनके निर्णयों के कारण उठे विरोध के स्वर दब गए।।नही तो सब जानते है अगर कोई ठोस निर्णय लेने वाला एस पी नहीं होता तो बाडमेर मालपुरा हो जाता।खैर शरद चौधरी ने दो निर्णय शानदार लिए जिसके लिए वो साधुवाद के पात्र है।पहला निर्णय क्राइम मीटिंग से पहले राष्ट्रगान की अनिवार्यता।।दूसरा आज पुलिस के जवानों के साथ रात्रि भोजन।।यकीनन राष्ट्रगान के फैसले से कही न कही पुलिस अद्धिकारियो के दिल के कोने में अपने कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता आएगी।राष्ट्रगान पुलिस अद्धिकारियो में सकारात्मक ऊर्जा भरेगा शायद यही सोच शरद चौधरी की रही हो।इस सोच का क्या असर रहेगा आने वाले समय मे पुलिस अद्धिकारियो और खासकर थानाधिकारियों का व्यवहार और आमजन के साथ सामंजस्य सामने आ जायेगा।।पयलिस विभाग की रीढ़ की हड्डी होती है उनके जवान।।अमूमन पुलिस के जवान अवसाद में रहते है।कई परेशानियों के बावजूद उनकी सुनने वाला कोई अधिकारी नहीं।कोई अधिकारी सुन भी ले तो पुलिसकर्मी उनके सामने जाने की हिम्मत नही जुटा पाते।।शरद चौधरी ने आज जवानों के साथ भोजन कर यकीनन जवानों में जोश और उत्साह तो भरा ही उनमें इस भोजन पॉलिसी से यकीनन सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।बाडमेर में बेहतरीन आईपीएस पुलिस अधिकारी पदों पे रहे।यह बाडमेर का सौभाग्य है कि इस पद पर बेहतरीन अधिकारी रहे है जो अपने जवानों के प्रति सदैव सकारात्मक रहे।।जवानों के साथ अद्धिकारियो ने सुख दुख भी बांटे।भोजन भी किया होगा।।आज शरद चौधरी की टेबल पर अद्धिकारियो के साथ पुलिस के जवान भी भोजन करते दिखे।।इससे जवानों का आत्मविश्वास बढ़ेगा साथ ही अपने कर्तव्य के प्रति सचेत और जागरूक रहेंगे ऐसी आशा हैं।।शरद चौधरी का यह संदेश की गलती पर डाँटता हूं तो उन पर सहह भी लुटाता हूं।।चलिए एक अच्छी परंपरा की शुरुआत हुई बाडमेर पुलिस में।।शरद चौधरी मंझे हुए अधिकारी है।।उन्हें पुलिस से अच्छे से काम लेना भी आता है। बाडमेर पुलिस से आशा है कि आमजन में विश्वास और अपराधियों में भय का अनुसरण करेंगे।