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बुधवार, 17 अक्टूबर 2018

*बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से सिद्धि कुमारी का तोड़ हो सकता है ओबीसी उम्मीदवार गजेंद्र सिंह सांखला*


*बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से सिद्धि कुमारी का तोड़ हो सकता है ओबीसी उम्मीदवार गजेंद्र सिंह सांखला*



*बीकानेर बीकानेर राजघराने की सदस्य सिद्धि कुमारी लगातार दो बार बीकानेर पूर्व से विधायक बन  राजनीति का केंद्र बनी है। कांग्रेस आने वाले चुनाव में सिद्धि कुमारी का तोड़ खोज रहे है।।कई उम्मीदवारों की तलाश के बाद इस सीट के जातीय समीकरण तोड़ने वाला शख्स नजर नही आया।।हाल ही में कांग्रेस के सच्चे सिपाही बीस साल से कांग्रेस के विभिन पदों पर आसीन गजेंद्र सिंह सांखला का नाम चर्चा में आया है। गजेंद्र सिंह सांखला बीकानेर का जाना पहचाना चेहरा है जो बीस साल से अधिक समय से कांग्रेस के साथ जुड़ा है।  बीकानेर पूर्व में करीब पच्चीस हजार रावणा राजपूत मतदाता  है जो परंपरागत रूप से कांग्रेस से जुड़ा है।।सांखला इनका प्रतिनिधित्व करते है।।कांग्रेस द्वारा ओबीसी को इस बार टिकट देने के निर्णय के पढचत गजेंद्र सिंह सांखला ने अपनी सशक्त दावेदारी पेश की है।।सिद्धि कुमारी हाई प्रोफाइल विधायक होने के चलते आम मतदाताओं की पहुंच से दूर है यही उनके प्रति क्षेत्र में बड़ी नाराजगी की वजह बनी है। सिद्धि कुमारी इस बार भी चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है।।कांग्रेस गत दो चुनाव में प्रत्यासी बदल कर देख लिए मगर उन्हें सफलता नही मिली।।2008 में कांग्रेस ने सिद्धि कुमारी के सामने मुस्लिम कार्ड खेलते हुए तनवीर मालावत को उतारा मगर वो चुनाव हार गए। 2013 में यहां से भाजपा के प्रत्यासी पैनल में स्थापित नाम गोपाल गहलोत को कांग्रेस में लाकर चुनाव लड़ाया मगर ये भी 24 हजार से अधिक मतों से हर गए। इस बार सिद्धि कुमारी का तोड़ कांग्रेस के पास ओबीसी दावेदार के रूप में गजेंद्र सिंह सांखला है। सांखला को मैदान में उतार कांग्रेस अपने से दूर जा रहे ओबीसी वर्ग को जोड़ने के साथ पूरे प्रदेश में रावण राजपूत समाज को अपने साथ जोड़ने का संदेश दे सकते है।।सचिन पायलट ने रावणा राजपूत समाज को टिकट देने का फैसला लिया था उसके अनुसार बीकानेर पूर्व में गजेंद्र सिंह सशक्त होकर उभरे है। गजेंद्र सिंह उच्च शिक्षित और आर्थिक रूप से संबल प्राप्त है।।1991 से कांग्रेस के साथ सक्रिय रूप से जुड़े है।।सांखला कांग्रेस संगठन में जिला प्रवक्ता संभाग प्रवक्ता की जिम्मेदारी वहन कर चुके है। संगठन में सचिव,सयुंक्त सचिव पद पर अपनी सेवाए दे चुके है वर्तम्मान में सांखला जिला उपाध्यक्ष पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है।।सांखला रावणा राजपूत सेवा परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष पद और कार्यरत है।।सांखला की समाज मे अच्छी पकड़ है।।समाज के राजड़थ्सन में छह फीसदी कुल मत है।जिसका फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। गजेंद्र सिंह सांखला सिद्धि कुमारी को हराने के लिए कांग्रेस के लिए ब्रह्मास्त्र साबित हो सकते हैं।।

गुरुवार, 27 सितंबर 2018

बाड़मेर शिव में भाजपा का ओ बी सी दांव,दावेदारी मांगी ,धन सिंह मौसेरी की प्रबल दावेदारी

बाड़मेर शिव में भाजपा का ओ बी सी दांव,दावेदारी मांगी ,धन सिंह मौसेरी की प्रबल दावेदारी

*बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक की खास रिपोर्ट*

*बाड़मेर शिव बिधायक मानवेन्द्र सिंह के कमल का फूल हमारी भूल के नारे के साथ असमंज की स्थति में आई भाजपा शिव बिधानसभा में कई बिकल्प खोज रही है ।।संगठन मंत्री चंद्रशेखर द्वार करवाये सर्वे में भाजपा यहां बड़ी हार के साथ विदा होती दिख रही।।संगठन मंत्री ने मानवेन्द्र सिंह के विकल्प के तौर पर राजपूत और ओबीसी वर्ग से छानबीन शुरू की।।आरएसएस लॉबी द्वारा अपने प्रत्यासी का नाम भेज दिया गया।।तो फोगेरा सरपंच ने भी अपने दो कार्यकाल में सरपंच का चुनाव निर्विरोध जितने को आधार बना टिकट की दावेदारी की।।पार्टी स्तर पर यह मंथन हुआ कि शिव क्षेत्र में परिस्थतियां अनुकूल नही है ऐसे में राजपूत उम्मीदवार के साथ साथ ओबीसी वर्ग से भी दावेदारी लेनी चाहिए साथ ही ओबीसी को टिकट देने पर इस बार न सही मगर अगले विधानसभा चुनाव में इसका क्या नफा नुकसान हो सकता चर्चा कर ओबीसी वर्ग से धन सिंह मौसेरी को दावेदारी पेश करने को निर्देशित किया गया। सूत्रानुसार धन सिंह मौसेरी आरएसएस से जुड़े स्वयं सेवक है जो भाजपा में संगठन के विभिन पदों पर अपनी जिम्मेदारी निर्वहन कर रहे।मौसेरी AA क्लास ठेकेदार है।।राणा राजपूत समाज से है। शिव के मौसेरी गांव के निवासी है। सरल और सहज व्यवहार के कारण जाने जाते है। मौसेरी ने आदर्श बिद्या मन्दिर गिराब में अध्यापन के साथ तीन साल तक शाखा का संचालन कर सीमावर्ती लोगो को संघ की विचारधारा से जोड़ने में सफलता पाई।संघ पृष्ठभूमि के साथ ही वो भाजपा व्यावसायिक प्रकोष्ठ के जिला सह संयोजक पद पर कार्यरत है तो भाजपा के कई कार्यक्रमो में शिव के प्रभारी,सह ससंयोजक भी रहे।।उनकी दावेदारी का मुख्य कारण उनका मिलनसार होना है।पार्टी द्वारा यह सोच के की ओबीसी को टिकट देने पर जिले की बाकी आठ सीट पर ओबीसी को भाजपा से जोड़ने में सफलता मिल सकती है।विकल्प पे विचार कर रहे है। सूत्रानुसार धन सिंह मौसेरी की जाट, ओबीसी,मेघवाल वर्ग में अच्छी पकड़ है साथ ही शिव के निवासी होने का भी उन्हें फायदा मिल सकता है।।भाजपा ओबीसी कार्ड खेलने की इच्छुक लग रही। आज़ादी के बाद पहली बार भाजपा ने ओबीसी से दावेदारी मांगी है।।भाजपा राजपूतो की नाराजगी के आगे झुकने की बजाय अन्य विकल्प खोजने शुरू कर दिए। सूत्रानुसार धन सिंह मौसेरी व्यवसाय में है।।उनका राजनीतिक दायरा भी लम्बे है।।ओबीसी होने से जाट मतदाता उनके साथ सीधे तौर पे भाजपा के नाम पर जुड़ सकते है।क्योंकि शिव में कॉंग्रेस नेरा अमीन खान से जाटों की नाराजगी जग जाहिर है।राणा राजपूतो के अच्छी खासी संख्या में शिव में वोटर है।।साथ ही कुम्हार,पुरोहित,माली,सुथार भी लगभग तीस हजार के करीब है।।राणा राजपूतो की संख्या करीब अट्ठाइस हज़ार है। जिसको देखते हुए ओबीसी में राणा राजपूत को प्राथमिकता दी है।।इधर धन सिंह मौसेरी चुनाव लड़ने में भी आर्थिक रूप से सक्षम है।भाजपा राजस्थान भर में नाराज राणा राजपूतो को यह संदेश देना चाहती है कि आप भले नाराज हो मगर हम आपको टिकट दे रहे।शिव की चुनावी सियासत अब गर्माने लगी है।तीन युवा एक साथ दावेदारी पेश कर रहे।।पार्टी ने तीनों के सी वी मंगवाए है।।आंकलन और निर्णयय पार्टी का होगा पर एक बार क्षेत्र में हलचल मचा दी है।।