जाली रसीदों से सहारे विदेशी नागरिकों से ठगी
बाड़मेर एफ.आर.ओ. कार्यलय के हैड कांस्टेबल की करतूत
बाड़मेर के विदेशी पंजीयन अधिकारी (एफ.आर.ओ.) कार्यालय में कार्यरत एक हेड कांस्टेबल ने वीजा अवधि ब़ाने के नाम पर जाली रसीदों से जमकर अपनी जेब भरी और सरकारी राजस्व को भी जमकर चुना लगाया। हैड कांस्टेबल की यह करतुत पिछले सप्ताह उजागर होने के बाद सी.आई.डी.इंटेलिजेंटस के अफसर सकते में आ गए। मामला जयपुर मुख्यालय पहुंचने के बाद हैड कांस्टेबल को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है।
उक्त कांस्टेबल ने बाड़मेर आए विदेशी प्रतिनिधि मण्डल से नियमों से परे जाली रसीदें थमाकर करीब 20 हजार रूपए ऐंठ लिए। जबकि विभागीय अधिकारीयों का कहना है कि विदोी पंजीयन अधिकारी (एफ.आर.ओ.) में कोई भी काम रोकड़ में नहीं होता। किसी भी प्रकार के भाुल्क के लिए डिमाण्ड ड्राफ्ट के माध्यम से भुगतान किया जाता है।
जानकारी के मुताबिक बाड़मेर जिला मुख्यालय पर विदेशी पंजीयन अधिकारी (एफ.आर.ओ.) का जिम्मा सी.आई.डी. बॉर्डर इंटेलिजेंटस के पास है। इस भाखा का मुख्यकार्य विदोी नागरिकों के पासपोर्ट व वीजा सम्बंधि दस्तावेजों की जांच एवं इससे संबधित अन्य कार्यो का निश्पादन करना होता है।
बताया गया कि विदेशी पंजीयन अधिकारी (एफ.आर.ओ.) कार्यालय में कार्यरत हैड कांस्टेबल खेताराम गत तीन चार साल से वीजा अवधि ब़ाने का कार्य प्रभार देखता था। बताया गया कि पिछले सप्ताह बाड़मेर में स्थापित निजी कंपनी के संयत्र में कार्यरत विदोी नागरिकों के एक दल ने वीजा अवधि ब़ाने के लिएविदेशी पंजीयन अधिकारी (एफ.आर.ओ.) कार्यालय में आवेदन किया, लेकिन उक्त कार्यालय में कार्यरत कांस्टेबल खेताराम ने उक्त दल के सदस्यों से धोखाधड़ी करते हुए उन्हे फर्जी रसीद थमाकर 20 हजार रू. ऐंठ लिए।
मामले का खुलासा तब हुआ जब उक्त निजी कम्पनी में कार्यरत सेवानिवृत पुलिस अधिकारी ने जाली रसीद देखी तो उसे बड़ी हेरानी हुई। उक्त सेवानिवृत अधिकारी ने इस मामलें की िकायत सी.आई.डी. जयपुर मुख्यालय में की। जिसके बाद बाड़मेर से जयपुर तक हड़कम्प मच गया।
बाड़मेर कार्यालय में कार्यरत बी.आई. प्रभारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने हैड कांस्टेबल को तत्काल प्रभाव से कार्य मुक्त कर बी.आई. की चौहटन चौकी रवाना कर दिया।
इस पूरे मामले में अधिकारीयों की माने तो विभाग में किसी भी तरह की रोकड़ रूपयों का लेन देन नहीं होता है। अगर कोई शुल्क जमा करवाना होता है तो विभाग डी.डी. के माध्यम से जमा करवाना पड़ता है।
कई सालों से मेहरबानी
यह हैड कांस्टेबल मूल रूप से बी.आई.(बार्डर इंटेलिजेंटस) की चौहटन चोकी में कार्यरत है। मगर अधिकारियों की मेहरबानी से यह 2008 से बाड़मेर के एफ.आर.ओं कार्यालय में अटेचमेंट के रूप में कार्यरत है। लंबे समय से मेहरबानी के कारण बी.आई. के उच्च अधिकारी भी संदेह के घेरे में है।
एफ.आर.ओं में कार्यरत हैड कांस्टेबल खेताराम के फर्जी रसीदों से पैसे वसूल करने का मामला सामने आया है। उसे निलम्बित कर मुख्यालय भरतपुर किया गया है। मामले की जांच करवाई जा रही है।’’
धीमाराम, कार्यवाह, प्रभारी बी.आई. बाड़मेर।