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मंगलवार, 11 जून 2019

ट्रिपल मर्डर से दहला बिहार: व्‍यवसायी ने पत्नी व बेटी की हत्या कर खुद को भी मार ली गोली

ट्रिपल मर्डर से दहला बिहार: व्‍यवसायी ने पत्नी व बेटी की हत्या कर खुद को भी मार ली गोली
ट्रिपल मर्डर से दहला बिहार: व्‍यवसायी ने पत्नी व बेटी की हत्या कर खुद को भी मार ली गोली
पटना । बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार की सुबह ट्रिपल मर्डर से सनसनी फैल गई। कोतवाली थाना क्षेत्र में एक घर से तीन लोगों के खून से लथपथ शव बरामद किए गए। बताया जाता है कि पटना के एक बड़े व्‍यवसायी ने पहले पत्नी और बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी, फिर खुद को भी गोली मारकर आत्‍महत्‍या कर ली। घटना में जिंदा बच गए एक बच्चे को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए नगर के एक निजी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के कारण फिलहाल अज्ञात हैं।
बड़ी उम्मीद से खोली थी दुकान, मेहमान बनी थीं अमीषा
विदित हो कि मृतक व्‍यवसायी निशांत ने हाल ही में पटना के खेतान मार्केट में रिटेल टेक्सटाइल दुकान की लॉन्चिंग की थी, जिसमें बॉलीवुड एक्‍ट्रेस अमीषा पटेल आई थीं। इस परिवार का कपड़ा के साथ-साथ ज्वेलरी का भी व्यवसाय है। उनके नाम से पटना में कई दुकान और व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स हैं।



जानकारी के अनुसार, कोतवाली थाना क्षेत्र के किदवईपुरी में निशांत (37) पत्नी अल्का सर्राफ (35) और दो बच्चों अनन्या (9) व इशान (4) के साथ रहते थे। निशांत पटना के एक बड़े व्‍यवसायी थे। राजधानी के खेतान मार्केट में उनकी कपड़े की दुकान है। बताया जाता है कि बीती रात परिवार के सभी लोग खाना खाकर सो गए। सुबह जब काफी देर तक कोई नहीं उठा तो पड़ोस के लोगों को शक हुआ। इसके बाद दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर बेड रूम में निशांत, उनकी पत्नी और बेटी के शव पड़े थे।

घटनास्‍थल पर निशांत की नाक और मुंह से खून निकल रहा था। पत्नी और बेटी के शव भी खून से लथपथ थे। वहीं चार साल का छोटा बेटा इशान तड़प रहा था, जिसे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है।




घटना की सूचना पुलिस को दी गई। डीआइजी, एसएसपी, डीएसपी जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंचे। जोनल आइजी सुनील कुमार के मुताबिक, मौके से निशांत का लिखा सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उसने घटना की जिम्मेदारी ली है। घटनास्‍थल से बरामद तीन खाली खोखे व पिस्टल बैलेस्टिक जांच के लिए भेजे गए हैं।
सुबह आठ बजे पूरे परिवार ने साथ में किया था नाश्ता
व्यवसायी निशांत के यहां दूध देने वाले राजू राय की मानें तो घटना पेचीदा हो जाती है। राजू के मुताबिक, जब वह सुबह घर पर दूध देने गया था तो निशांत, उनकी पत्नी और दोनों बच्चे डायनिंग टेबल पर बैठकर नाश्ता कर रहे थे। सभी खुश दिखाई पड़ रहे थे। करीब 20 साल से व्यवसायी के साथ काम कर रहे गार्ड रामेश्वर के अनुसार घटना सुबह करीब नौ बजे की है। उसके मुताबिक निशांत के बड़े भाई विक्की को पत्नी ने आवाज लगाई थी। उसने कहा था कि जल्दी ऊपर आ जाओ, लगता है गैस सिलेंडर फट गया है। जब विक्की तीसरी मंजिल पर पहुंचा तो माजरा कुछ और था। पुलिस का कहना है कि इससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि निशांत की मंशा के बारे में परिजनों को भी पता नहीं था।

गुरुवार, 19 दिसंबर 2013

शक्ति उपासना का प्रमुख केंद्र है पटना का पटन देवी मंदिर



बिहार की राजधानी पटना में स्थित पटन देवी मंदिर शक्ति उपासना का प्रमुख केंद्र माना जाता है. देवी भागवत और तंत्र चूड़ामणि के अनुसार, सती की दाहिनी जांघ यहीं गिरी थी. नवरात्र के दौरान यहां काफी भीड़ उमड़ती है. सती के 51 शक्तिपीठों में प्रमुख इस उपासना स्थल में माता की तीन स्वरूपों वाली प्रतिमाएं विराजित हैं. पटन देवी भी दो हैं- छोटी पटन देवी और बड़ी पटन देवी, दोनों के अलग-अलग मंदिर हैं.

पटना की नगर रक्षिका भगवती पटनेश्वरी हैं जो छोटी पटन देवी के नाम से भी जानी जाती हैं. यहां मंदिर परिसर में मां महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की स्वर्णाभूषणों, छत्र व चंवर के साथ विद्यमान हैं. लोग प्रत्येक मांगलिक कार्य के बाद यहां जरूर आते हैं.

इस मंदिर के पीछे एक बहुत बड़ा गड्ढा है, जिसे ‘पटनदेवी खंदा’ कहा जाता है. कहा जाता है कि यहीं से निकालकर देवी की तीन मूर्तियों को मंदिर में स्थापित किया गया था. वैसे तो यहां मां के भक्तों की प्रतिदिन भारी भीड़ लगी रहती है, लेकिन नवरात्र के प्रारंभ होते ही इस मंदिर में भक्तों का तांता लग जाता है.

पुजारी आचार्य अभिषेक अनंत द्विवेदी कहते हैं, ‘नवरात्र के दौरान महाष्टमी और नवमी को पटन देवी के दोनों मंदिरों में हजारों श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए आते हैं.’ महासप्तमी को महानिशा पूजा, अष्टमी को महागौरी और नवमी को सिद्धिदात्री देवी के पूजन के बाद हवन और कुमारी पूजन में बड़ी भीड़ जुटती है. दशमी तिथि को अपराजिता पूजन, शस्त्र पूजन और शांति पूजन किया जाता है.

बड़ी पटन देवी मंदिर भी शक्तिपीठों में से एक है. मान्यता है कि महादेव के तांडव के दौरान सती के शरीर के 51 खंड हुए. ये अंग जहां-जहां गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ स्थापित की गई. यहां सती की दाहिनी जांघ गिरी थी. गुलजार बाग इलाके में स्थित बड़ी पटन देवी मंदिर परिसर में काले पत्थर की बनी महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की प्रतिमा स्थापित हैं. इसके अलावा यहां भैरव की प्रतिमा भी है.

यहां के बुजुर्गों का कहना है कि सम्राट अशोक के शासनकाल में यह मंदिर काफी छोटा था. इस मंदिर की मूर्तियां सतयुग की बताई जाती हैं. मंदिर परिसर में ही योनिकुंड है, जिसके विषय में मान्यता है कि इसमें डाली जाने वाली हवन सामग्री भूगर्भ में चली जाती है. देवी को प्रतिदिन दिन में कच्ची और रात में पक्की भोज्य सामग्री का भोग लगता है. यहां प्राचीन काल से चली आ रही बलि की परंपरा आज भी विद्यमान है.

भक्तों की मान्यता है कि जो भक्त सच्चे दिल से यहां आकर मां की अराधना करते हैं, उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है. मंदिर के महंत विजय शंकर गिरि बताते हैं कि यहां वैदिक और तांत्रिक विधि से पूजा होती है.

वैदिक पूजा सार्वजनिक होती है, जबकि तांत्रिक पूजा मात्र आठ-दस मिनट की होती है. परंतु इस मौके पर विधान के अनुसार, भगवती का पट बंद रहता है. वे बताते हैं कि सती की यहां दाहिनी जांघ गिरी थी, इस कारण यह शक्तिपीठों में से एक है. वे कहते हैं कि यह मंदिर कालिक मंत्र की सिद्धि के लिए प्रसिद्ध है.

गिरि कहते हैं कि नवरात्र में यहां महानिशा पूजा की बड़ी महत्ता है. जो व्यक्ति अर्धरात्रि के समय पूजा के बाद पट खुलते ही 2.30 बजे आरती होने के बाद मां के दर्शन करता है उसे साक्षात् भगवती का आशीर्वाद प्राप्त होता है.



और भी... http://aajtak.intoday.in/story/patan-devi-temple-patna-1-749706.html