देश का इकलौता मंदिर जहां पत्नी संग विराजमान हैं शनिदेव!
नई दिल्ली: देशभर में वैसे तो शनिदेव के अनेक मंदिर हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के करियाआमा गांव के घने जंगलों में शनिदेव का इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां शनिदेव की उनकी पत्नी देवी स्वामिनी के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। जानकारी के मुताबिक, मैकल पर्वत से घिरा, जंगल के बीच और संकरी नदी के किनारे स्थापित इस शनि मंदिर का दृश्य अत्यंत सुंदर है।
पति-पत्नी साथ कर सकते हैं पूजा
इस मंदिर को देश का एकमात्र सपत्नीक शनिदेवालय का दर्जा मिला है, बाकी स्थानों पर शनिदेव की अकेली प्रतिमा ही स्थापित हैं। यह शनि मंदिर इसलिए भी प्रसिद्ध है क्योंकि यहां पति-पत्नी दोनों एक साथ शनिदेव की पूजा-अर्चना कर सकते हैं, जबकि देश के सबसे प्राचीन शनि मंदिरों में से एक शनि शिंगणापुर में भी पहले महिलाओं का प्रवेश वर्जित था। हालांकि, अब वहां महिलाओं को भी पूजा करने का अधिकार मिल गया है।
पांडवों ने की थी स्थापना
ज्येष्ठ माह की अमावस्या को यानी इस बार 4 जून को भगवान शनिदेव की जयंती के लिए यहां विशेष तैयारी की गई है। प्राचीन मान्यताओं के मुताबिक, कवर्धा जिला मुख्यालय से भोरमदेव मार्ग पर करीब 20 किलोमीटर दूर करियाआमा गांव में स्थित शनिदेव का यह मंदिर पूर्वकालीन है। ऐसा माना जाता है कि वनवास काल के दौरान पांडवों ने कुछ समय भोरमदेव के आसपास जंगल में भी बिताया था और तभी इसकी स्थापना की गई थी।