बाड़मेर, एम.एस.एम.ई. एक्ट के तहत ऋण देना आवश्यक शिकायत पर होगी कार्यवाही
बाड़मेर, 2 मार्च। उद्योग मंत्री परसादी लाल मीना ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि नये उद्योग लगाने के लिए एम.एस.एम.ई. एक्ट, 2019 के प्रावधानों के तहत राज्य वित्त निगम (आरएफसी) तथा राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (रीको) को सरकार की नीति के अनुरूप ऋण देना आवश्यक होगा और यदि इसमें किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त होती है तो सरकार द्वारा आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
मीना ने कहा कि एमएसएमई एक्ट के तहत तीन वर्ष तक भूमि के रूपांतरण के बिना भी परियोजनाओं के लिए ऋण स्वीकृत किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बजट घोषणा 2020-21 में नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए रीको द्वारा अलवर, चूरू, सीकर, जालौर, टोंक, बूंदी, भरतपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, नदबई (भरतपुर) एवं चाकसू (जयपुर) जिलों में औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किये जायेंगे एवं औद्योगिक दृष्टि से उपयुक्त भूमि के चिन्हिकरण हेतु सभी जिला कलेक्टरों को लिख दिया गया है।
मीना ने बताया कि प्रदेश में उद्योग लगाने और व्यवसाय के लिये सुगम वातावरण स्थापित करने हेतु एकल खिड़की ख्ैपदहसम ॅपदकवू, योजना को प्रभावी बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ठत्।च् 2019 के अन्तर्गत नियमों के सरलीकरण के दिशा-निर्देश बनाये जा रहे है। इसके अतिरिक्त एकल खिड़की को अद्यतन किया जा रहा है ताकि यह निवेश अवसरों, सेक्टर्स, इन्वेस्टर लॉगिन, फॉर्म्स, दिशा-निर्देशों आदि की समुचित सूचना उपलब्ध करवा सकें। ठत्।च् 2019 के दिशा-निर्देशों के अनुसार क्वेरी मैनेजमेन्ट सिस्टम को क्रियान्वित कर दिया गया है। इस हेतु एक व्यक्ति को विशेष रूप से सारे प्रश्नों का विवरण संधारित करने का दायित्व सौंपा गया है। इसके अतिरिक्त राज्य एवं स्थानीय निकायों द्वारा लगाये गये करों की दर/टैरिफ से संबंधित प्रासंगिक जानकारी को ऑनलाईन पोर्टल पर उपलब्ध करवा दिया गया है।
उद्योग मंत्री ने बताया कि एकल खिड़की व्यवस्था को सुदृढ़ करना एक सत्त प्रक्रिया है, इसमें नई सेवाओं को जोड़ा जा रहा है और सिस्टम से पुराने/अप्रचलित फार्म/सेवाओं को हटाया जा रहा है। अब तक इसमें 14 विभागों की 95 सेवाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि एकल खिड़की व्यव्स्था के तहत उपलब्ध सुविधाओं का संभागीय मुख्यालयों पर आयोजित गोष्ठियों में भी व्यापक प्रचार-प्रचार किया गया ताकि अधिक से अधिक लोग इन से लाभान्वित हो सके।
उन्होंने बताया कि एकल खिड़की व्यवस्था के तहत दिसम्बर, 2018 से 31 जनवरी, 2020 तक विभिन्न विभागों से अनुमति/स्वीकृति के लिये रुपये 39380 करोड़ के प्रस्तावित निवेश के 56938 आवेदन प्राप्त हुये। इसमें से रुपये 17837 करोड़ के प्रस्तावित निवेश के 15436 प्रस्तावों के लिये अनुमति जारी कर दी गई है।
उद्योग मंत्री ने बताया कि 4 मार्च, 2019 को राजस्थान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (स्थापना और प्रवर्तन का सुकरीकरण) अध्यादेश-2019 जारी किया जा चुका है। तत्पश्चात 17 जुलाई, 2019 को राजस्थान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (स्थापना और प्रवर्तन का सुकरीकरण) अधिनियम लागू किया गया है। इस अधिनियम के तहत राज उद्योग मित्र पोर्टल पर 27 फरवरी, 2020 तक एमएसएमई उद्यमों के कुल 3430 आवेदन प्राप्त हुये है, जिनमें सूक्ष्म श्रेणी के 1233, लघु श्रेणी के 1376 एवं मध्यम श्रेणी उद्योगों के 821 आवेदन सम्मिलित है। इन सभी को एक्नॉलेजमेन्ट सर्टिफिकेट जारी किया जा चुका है।
मीना ने बताया कि भूमि के कानूनन रूपांतरण के बिना रीको लि0 द्वारा नये एम.एस.एम.ई. एक्ट के प्रावधानों के तहत परियोजनाओं का गुणावगुण के आधार पर विवेचन कर सावधि ऋण स्वीकृत किया जा सकता है। राजस्थान वित्त निगम इकाईयों की स्थापना हेतु रहन योग्य प्रतिभूति को रहन में रखकर ऋण उपलब्ध कराता है।
बाड़मेर, 2 मार्च। उद्योग मंत्री परसादी लाल मीना ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि नये उद्योग लगाने के लिए एम.एस.एम.ई. एक्ट, 2019 के प्रावधानों के तहत राज्य वित्त निगम (आरएफसी) तथा राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (रीको) को सरकार की नीति के अनुरूप ऋण देना आवश्यक होगा और यदि इसमें किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त होती है तो सरकार द्वारा आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
मीना ने कहा कि एमएसएमई एक्ट के तहत तीन वर्ष तक भूमि के रूपांतरण के बिना भी परियोजनाओं के लिए ऋण स्वीकृत किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बजट घोषणा 2020-21 में नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए रीको द्वारा अलवर, चूरू, सीकर, जालौर, टोंक, बूंदी, भरतपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, नदबई (भरतपुर) एवं चाकसू (जयपुर) जिलों में औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किये जायेंगे एवं औद्योगिक दृष्टि से उपयुक्त भूमि के चिन्हिकरण हेतु सभी जिला कलेक्टरों को लिख दिया गया है।
मीना ने बताया कि प्रदेश में उद्योग लगाने और व्यवसाय के लिये सुगम वातावरण स्थापित करने हेतु एकल खिड़की ख्ैपदहसम ॅपदकवू, योजना को प्रभावी बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ठत्।च् 2019 के अन्तर्गत नियमों के सरलीकरण के दिशा-निर्देश बनाये जा रहे है। इसके अतिरिक्त एकल खिड़की को अद्यतन किया जा रहा है ताकि यह निवेश अवसरों, सेक्टर्स, इन्वेस्टर लॉगिन, फॉर्म्स, दिशा-निर्देशों आदि की समुचित सूचना उपलब्ध करवा सकें। ठत्।च् 2019 के दिशा-निर्देशों के अनुसार क्वेरी मैनेजमेन्ट सिस्टम को क्रियान्वित कर दिया गया है। इस हेतु एक व्यक्ति को विशेष रूप से सारे प्रश्नों का विवरण संधारित करने का दायित्व सौंपा गया है। इसके अतिरिक्त राज्य एवं स्थानीय निकायों द्वारा लगाये गये करों की दर/टैरिफ से संबंधित प्रासंगिक जानकारी को ऑनलाईन पोर्टल पर उपलब्ध करवा दिया गया है।
उद्योग मंत्री ने बताया कि एकल खिड़की व्यवस्था को सुदृढ़ करना एक सत्त प्रक्रिया है, इसमें नई सेवाओं को जोड़ा जा रहा है और सिस्टम से पुराने/अप्रचलित फार्म/सेवाओं को हटाया जा रहा है। अब तक इसमें 14 विभागों की 95 सेवाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि एकल खिड़की व्यव्स्था के तहत उपलब्ध सुविधाओं का संभागीय मुख्यालयों पर आयोजित गोष्ठियों में भी व्यापक प्रचार-प्रचार किया गया ताकि अधिक से अधिक लोग इन से लाभान्वित हो सके।
उन्होंने बताया कि एकल खिड़की व्यवस्था के तहत दिसम्बर, 2018 से 31 जनवरी, 2020 तक विभिन्न विभागों से अनुमति/स्वीकृति के लिये रुपये 39380 करोड़ के प्रस्तावित निवेश के 56938 आवेदन प्राप्त हुये। इसमें से रुपये 17837 करोड़ के प्रस्तावित निवेश के 15436 प्रस्तावों के लिये अनुमति जारी कर दी गई है।
उद्योग मंत्री ने बताया कि 4 मार्च, 2019 को राजस्थान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (स्थापना और प्रवर्तन का सुकरीकरण) अध्यादेश-2019 जारी किया जा चुका है। तत्पश्चात 17 जुलाई, 2019 को राजस्थान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (स्थापना और प्रवर्तन का सुकरीकरण) अधिनियम लागू किया गया है। इस अधिनियम के तहत राज उद्योग मित्र पोर्टल पर 27 फरवरी, 2020 तक एमएसएमई उद्यमों के कुल 3430 आवेदन प्राप्त हुये है, जिनमें सूक्ष्म श्रेणी के 1233, लघु श्रेणी के 1376 एवं मध्यम श्रेणी उद्योगों के 821 आवेदन सम्मिलित है। इन सभी को एक्नॉलेजमेन्ट सर्टिफिकेट जारी किया जा चुका है।
मीना ने बताया कि भूमि के कानूनन रूपांतरण के बिना रीको लि0 द्वारा नये एम.एस.एम.ई. एक्ट के प्रावधानों के तहत परियोजनाओं का गुणावगुण के आधार पर विवेचन कर सावधि ऋण स्वीकृत किया जा सकता है। राजस्थान वित्त निगम इकाईयों की स्थापना हेतु रहन योग्य प्रतिभूति को रहन में रखकर ऋण उपलब्ध कराता है।