जैसलमेर राजस्थान में पहला शख़्स अचल सिंह सोलंकी जिसने लॉक डाउन अवधि में किरायेदारों को किराया किया माफ*
*अचल सिंह सोलंकी ने किया राज्य भर में अनूठा उदाहरण पेश,मिल रही है दुआएं*
जैसलमेर कोरोना संक्रमण काल और लॉक डाउन अवधि में किरायेदारों से किराया न लेने के फरमान को किसी ने माना या न माना मगर जेसलमेर के सह्रदायी अचल सिंह सोलंकी ने अपने किरायेदारों से लॉक डाउन अवधि का किराया न लेने की घोषणा लॉक डाउन के पहले दिन कर दी थी।अचल सिंह के पास जो अचल संपत्ति है होटल ,मकान ,दुकानें आदि काफी तादाद में किराए पे दे रखी है।यही उनकी आजीविका का साधन है।।अचल सिंह सोलंकी ने अपनी बात पर कायम रहते हुए अपने सभी किरायेदारों से लॉक डाउन के दिन से किराया नही लिया।इतना ही नही उन्होंने अपने सभी किरायेदारों को आश्वस्त किया था कि लॉक डाउन अवधि में उन्हें किसी चीज की,रुपये पैसे,भोजन सामग्री आदि की आवश्यकता पड़े तो निसंकोच बता दे।अचल सिंह माटी से जुड़े व्यक्तित्व है।वो किराएदारों के दर्द को समझते है।उन्होंने सम्पति के मालिक होने का दम्भ भरने की बजाय किरायेदारों को अपने परिवार से बढ़ कर रखा।आज भी वो किरायेदारों की जरूरतों को निजी खर्चे से पूरा कर मानवीय फ़र्ज़ अदा कर रहे है ।राजस्थान भर में एक मात्र अनूठा उदाहरण जेसलमेर से अचल सिंह सोलंकी ने पेश किया।इतना ही नही उन्होंने लॉक डाउन के बाद भी वर्तमान किराए में कटौती कर किरायेदारों को राहत देने का आश्वाशन भी दिया।।यह अन्य उन अचल संपत्तियों के मालिकों के लिए प्रेरणा बने है जो किरायेदार रखते हो।।लॉक डाउन अवधि के लगभग दो माह में ऐसा उदाहरन अन्य कही से सामने नही आया ।अचल सिंह जैसे बिरले लोग ही है जो दूसरों के दुख दर्द को समझ उनके सहभागी बनते है।।अचल सिंह ने सही मायने में मानवता का धर्म निभाकर इंसानियत का परिचय दिया है।।
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*अचल सिंह सोलंकी ने किया राज्य भर में अनूठा उदाहरण पेश,मिल रही है दुआएं*
जैसलमेर कोरोना संक्रमण काल और लॉक डाउन अवधि में किरायेदारों से किराया न लेने के फरमान को किसी ने माना या न माना मगर जेसलमेर के सह्रदायी अचल सिंह सोलंकी ने अपने किरायेदारों से लॉक डाउन अवधि का किराया न लेने की घोषणा लॉक डाउन के पहले दिन कर दी थी।अचल सिंह के पास जो अचल संपत्ति है होटल ,मकान ,दुकानें आदि काफी तादाद में किराए पे दे रखी है।यही उनकी आजीविका का साधन है।।अचल सिंह सोलंकी ने अपनी बात पर कायम रहते हुए अपने सभी किरायेदारों से लॉक डाउन के दिन से किराया नही लिया।इतना ही नही उन्होंने अपने सभी किरायेदारों को आश्वस्त किया था कि लॉक डाउन अवधि में उन्हें किसी चीज की,रुपये पैसे,भोजन सामग्री आदि की आवश्यकता पड़े तो निसंकोच बता दे।अचल सिंह माटी से जुड़े व्यक्तित्व है।वो किराएदारों के दर्द को समझते है।उन्होंने सम्पति के मालिक होने का दम्भ भरने की बजाय किरायेदारों को अपने परिवार से बढ़ कर रखा।आज भी वो किरायेदारों की जरूरतों को निजी खर्चे से पूरा कर मानवीय फ़र्ज़ अदा कर रहे है ।राजस्थान भर में एक मात्र अनूठा उदाहरण जेसलमेर से अचल सिंह सोलंकी ने पेश किया।इतना ही नही उन्होंने लॉक डाउन के बाद भी वर्तमान किराए में कटौती कर किरायेदारों को राहत देने का आश्वाशन भी दिया।।यह अन्य उन अचल संपत्तियों के मालिकों के लिए प्रेरणा बने है जो किरायेदार रखते हो।।लॉक डाउन अवधि के लगभग दो माह में ऐसा उदाहरन अन्य कही से सामने नही आया ।अचल सिंह जैसे बिरले लोग ही है जो दूसरों के दुख दर्द को समझ उनके सहभागी बनते है।।अचल सिंह ने सही मायने में मानवता का धर्म निभाकर इंसानियत का परिचय दिया है।।
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