कोरोना वारियर्स*
जैसलमेर *कोरोना जंग का सबसे महत्वपूर्व किरदार,डेढ़ माह से आइसोलेशन वार्ड में
निभा रहे 24 घण्टे अपना कर्तव्य*
*डॉ रेवन्त राम पंवार,न घर ,न बच्चे सिर्फ आइसोलेट मरीजों की सेवा कर
अपना धर्म निभा रहे*
*जैसलमेर
धरती का भगवान चिकित्सक को यूंही नही कहा जाता।।आम आदमी का
विश्वास और आस्था जुड़ी होती है चिकित्सक के प्रति।।जेसलमेर में ऐसा
किरदार सामने आया जो 10 मार्च से आइसोलेशन वार्ड में अपनी ड्यूटी बिना
किसी थकावट के कर रहे है।।फिजिशियन डॉ रेवन्त राम पंवार।।।पंवार जेसलमेर
के एकमात्र फिजिशियन है जिन पर जनता भरोसा करती है।इस बार कोरोना संक्रमण
काल मे डॉ पंवार असली नायक के रूप में उभर कर सामने आए है।हालांकि जवाहर
चिकित्सालय में और भी चिकित्सक है मगर कोरोना जंग में डॉ पंवार ने जिस
तरह जंग लड़ी वो काबिले तारीफ है।यहां तक कि उनके विरोधी भी उनकी मरीजों
के प्रति निष्ठा,लग्न और कर्तव्य परायणता को नमन करते नजर आते
है।।राजस्थान में इटली के नागरिक का जब पहला केस सामने आया और उनकी
ट्रेवल हिस्ट्री में जेसलमेर का नाम भी शुमार था।।उसी दिन चिकित्सा विभाग
और जिला प्रशासन अलर्ट हुआ।।पहला कार्य आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था।।इटली
के नागरिक और उनके ग्रुप के संपर्क में आये लोगो को प्रथम बार आइसोलेट
किया।उसी दिन से डॉ पंवार की सेवाएं इसी वार्ड में शुरू होती है।।कार्य
की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने अपने परिवार को गांव भेज दिया।।ताकि
उनके कर्तव्य की राह में कोई बाधा न हो ।
16 घंटे लगातार बिना पानी पिये, बिना टॉयलेट जाए, प्लास्टिक का PPE किट
पहने बिना AC के गर्मी में (AC नहीं चलते क्योंकि कोरोना फैल सकता है) N
95 मास्क लगाए जिसमें सांस लेने में भी दिक्कत होती है, जब डॉक्टर अपनी
ड्यूटी पूरी करके पी पी ई किट उतारता है तक एक चिकित्सक और
स्वास्थ्यकर्मियों की क्या हालत होती होगी यह हम जान सकते है।।ऊपर से
इंफेक्शन का खतरा हर तरफ होता है, अगर सामने वाला मामूली जुकाम में भी
छींक दे , डॉक्टर के तो सब तरफ कोरोना के मरीज होते हैं, उनके मुँह से
सैंपल लेने होते हैं,अपनी जिन्दगि दांव पे लगा के दुस्सरो को जिंदगी देने
के कारण ही डॉ को धरती का भगवान कहते है।जैसलमेर में पिछले डेढ़ माह से
जवाहर चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ रेवंतराम पंवार ऐसे ही आईसोलेसन
वार्ड में अपनी सेवाएं दे रहे है।।डॉ रेवंतराम अब तक आइसोलेशन वार्ड में
करीब तीन सौ से अधिक संदिग्द मरीजों के सेम्पल लेने से लेकर उनकी
देखभाल और उपचार कर चुके है अभी भी प्रतिदिन संदिग्धो की जांच का जिम्मा
उनके पास है।।
18 सालों से जेसलमेर की सेवा में,कोई चिकित्सक यहां रहना नही चाहते
*डॉ पंवार की पहली पोस्टिंग वर्ष 2000 में जालोर जिले में हुई।उसके बाद
2003 से डॉ पंवार लगातार जेसलमेर के जवाहर चिकित्सालय में अपनी सेवाएं दे
रहे है।।जबकि जेसलमेर कोई भी चिकित्सक टिकता नही।।अस्पताल चिकित्सको की
कमी से झुंझ रहा था उस दौर में डॉ पंवार ने कमान संभाली।।18 सालों से
अपनी सेवाएं देकर लोगो का दिल जीत लिया।।
डॉ रेवंतराम पंवार जवाहर अस्पताल के सबसे अनुभवी चिकित्सक हे ,कोरोना
संक्रमण को रोकने के लिए उनका योगदान अतुल्य ,जिस तरह वो सेवाएं दिन रत
दे रहे हैं, मुश्किल होता हैं ,मगर डॉ पंवार ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी
निभाई हैं ,उनकी सेवाओं के कारन जैसलमेर कोरोना मुक्त हैं ,बी एल बुनकर
, चिकित्सा अधिकारी ,जवाहर अस्पताल जैसलमेर
जैसलमेर *कोरोना जंग का सबसे महत्वपूर्व किरदार,डेढ़ माह से आइसोलेशन वार्ड में
निभा रहे 24 घण्टे अपना कर्तव्य*
*डॉ रेवन्त राम पंवार,न घर ,न बच्चे सिर्फ आइसोलेट मरीजों की सेवा कर
अपना धर्म निभा रहे*
डॉ रेवन्त राम पंवार |
*जैसलमेर
धरती का भगवान चिकित्सक को यूंही नही कहा जाता।।आम आदमी का
विश्वास और आस्था जुड़ी होती है चिकित्सक के प्रति।।जेसलमेर में ऐसा
किरदार सामने आया जो 10 मार्च से आइसोलेशन वार्ड में अपनी ड्यूटी बिना
किसी थकावट के कर रहे है।।फिजिशियन डॉ रेवन्त राम पंवार।।।पंवार जेसलमेर
के एकमात्र फिजिशियन है जिन पर जनता भरोसा करती है।इस बार कोरोना संक्रमण
काल मे डॉ पंवार असली नायक के रूप में उभर कर सामने आए है।हालांकि जवाहर
चिकित्सालय में और भी चिकित्सक है मगर कोरोना जंग में डॉ पंवार ने जिस
तरह जंग लड़ी वो काबिले तारीफ है।यहां तक कि उनके विरोधी भी उनकी मरीजों
के प्रति निष्ठा,लग्न और कर्तव्य परायणता को नमन करते नजर आते
है।।राजस्थान में इटली के नागरिक का जब पहला केस सामने आया और उनकी
ट्रेवल हिस्ट्री में जेसलमेर का नाम भी शुमार था।।उसी दिन चिकित्सा विभाग
और जिला प्रशासन अलर्ट हुआ।।पहला कार्य आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था।।इटली
के नागरिक और उनके ग्रुप के संपर्क में आये लोगो को प्रथम बार आइसोलेट
किया।उसी दिन से डॉ पंवार की सेवाएं इसी वार्ड में शुरू होती है।।कार्य
की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने अपने परिवार को गांव भेज दिया।।ताकि
उनके कर्तव्य की राह में कोई बाधा न हो ।
16 घंटे लगातार बिना पानी पिये, बिना टॉयलेट जाए, प्लास्टिक का PPE किट
पहने बिना AC के गर्मी में (AC नहीं चलते क्योंकि कोरोना फैल सकता है) N
95 मास्क लगाए जिसमें सांस लेने में भी दिक्कत होती है, जब डॉक्टर अपनी
ड्यूटी पूरी करके पी पी ई किट उतारता है तक एक चिकित्सक और
स्वास्थ्यकर्मियों की क्या हालत होती होगी यह हम जान सकते है।।ऊपर से
इंफेक्शन का खतरा हर तरफ होता है, अगर सामने वाला मामूली जुकाम में भी
छींक दे , डॉक्टर के तो सब तरफ कोरोना के मरीज होते हैं, उनके मुँह से
सैंपल लेने होते हैं,अपनी जिन्दगि दांव पे लगा के दुस्सरो को जिंदगी देने
के कारण ही डॉ को धरती का भगवान कहते है।जैसलमेर में पिछले डेढ़ माह से
जवाहर चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ रेवंतराम पंवार ऐसे ही आईसोलेसन
वार्ड में अपनी सेवाएं दे रहे है।।डॉ रेवंतराम अब तक आइसोलेशन वार्ड में
करीब तीन सौ से अधिक संदिग्द मरीजों के सेम्पल लेने से लेकर उनकी
देखभाल और उपचार कर चुके है अभी भी प्रतिदिन संदिग्धो की जांच का जिम्मा
उनके पास है।।
18 सालों से जेसलमेर की सेवा में,कोई चिकित्सक यहां रहना नही चाहते
*डॉ पंवार की पहली पोस्टिंग वर्ष 2000 में जालोर जिले में हुई।उसके बाद
2003 से डॉ पंवार लगातार जेसलमेर के जवाहर चिकित्सालय में अपनी सेवाएं दे
रहे है।।जबकि जेसलमेर कोई भी चिकित्सक टिकता नही।।अस्पताल चिकित्सको की
कमी से झुंझ रहा था उस दौर में डॉ पंवार ने कमान संभाली।।18 सालों से
अपनी सेवाएं देकर लोगो का दिल जीत लिया।।
डॉ रेवंतराम पंवार जवाहर अस्पताल के सबसे अनुभवी चिकित्सक हे ,कोरोना
संक्रमण को रोकने के लिए उनका योगदान अतुल्य ,जिस तरह वो सेवाएं दिन रत
दे रहे हैं, मुश्किल होता हैं ,मगर डॉ पंवार ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी
निभाई हैं ,उनकी सेवाओं के कारन जैसलमेर कोरोना मुक्त हैं ,बी एल बुनकर
, चिकित्सा अधिकारी ,जवाहर अस्पताल जैसलमेर