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मंगलवार, 12 मई 2020

बाड़मेर, 4340 हेक्टेयर क्षेत्र पर छिडकाव,चोचरा में किया टिड्डी नियंत्रण

 बाड़मेर, 4340 हेक्टेयर क्षेत्र पर छिडकाव,चोचरा में किया टिड्डी नियंत्रण



बाड़मेर, 12 मई। जिले में चल रहे टिड्डी दल के हमले में जिला प्रशासन ने राहत पहुंचाते हुए मंगलवार को कुल 505 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण का कार्य किया गया। अब तक कुल 4340 हेक्टेयर में छिडकाव कार्य किया गया है।
जिला कलक्टर विश्राम मीणा ने बताया कि जिले में टिड्डी नियंत्रण के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं की जा रही है। उन्होने बताया कि टिड्डी हमले की प्रारम्भिक जानकारी के लिए जिले में सूचना तंत्र को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि हमले की सूचना मिलते ही तुरंत सर्वे कार्य सम्पादित किया जाकर रोकथाम सुनिश्चित किया जा सके। जिला कलक्टर ने बताया कि कृषि उप निदेशक एवं टिड्डी नियंत्रण अधिकारी को परस्पर समन्वय स्थापित कर प्रभावी कार्यवाही करते हुए आमजन को टिड्डी से राहत दिलाने हेतु निर्देशित किया गया है।
जिला कलक्टर ने बताया कि ग्राम स्तर पर सूचना तंत्र मजबूत बनाकर प्रतिदिन टिड्डी हमले की सूचना के अनुसार सर्वे कार्य सम्पादित कर त्वरित छिडकाव कार्य सम्पन्न करने हेतु निर्देशित किया गया है। उन्होने आमजन को टिड्डी हमले से संबंधित सूचना कृषि विभाग में स्थापित कन्ट्रोल रूम को देने की अपील की है ताकि त्वरित कार्यवाही की जा सके। साथ ही तहसील स्तर पर भी कन्ट्रोल रूम स्थापित किए गए है ताकि सूचना तंत्र मजबूत हो।
कृषि उपनिदेशक जे.आर.भाखर ने बताया कि जिले में मंगलवार को बाड़मेर शहर स्थित रेल्वे स्टेशन के पीछे कुल 70 हेक्टेयर क्षेत्र में छिडकाव कार्य किया गया। इसी प्रकार शिव तहसील की चोचरा ग्राम पंचायत में 435 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण कार्य सम्पादित किया गया है। उन्होने बताया कि जिले में अब तक गडरारोड़, चौहटन, गिड़ा, बाड़मेर, बायतु, सेडवा, बालोतरा, सिणधरी एवं शिव तहसील क्षेत्र में कुल 4340 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण की कार्यवाही की गई है।

मंगलवार, 24 दिसंबर 2019

टिड्डी नियंत्रण के लिए केन्द्र अतिरिक्त संसाधन एवं सहयोग उपलब्ध कराए -मुख्यमंत्री

टिड्डी नियंत्रण के लिए केन्द्र अतिरिक्त संसाधन एवं सहयोग उपलब्ध कराए 
-मुख्यमंत्री

जयपुर, 24 दिसम्बर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने पश्चिमी राजस्थान के विभिन्न जिलों में टिड्डी पर नियंत्रण के लिए किए जा रहे उपायों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि टिड्डियों का लगातार सक्रिय रहना सामान्य घटना नहीं है। चंूकि टिड्डी नियंत्रण का विषय मुख्यतः भारत सरकार के अधीन है। ऐसे में केन्द्र सरकार इस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य सरकार को अतिरिक्त संसाधन एवं सहयोग उपलब्ध कराए।
श्री गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कृषि मंत्री श्री लालचन्द कटारिया एवं कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ टिड्डी नियंत्रण पर बैठक में समीक्षा कर रहे थे।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में कई माह से टिड्डियों की सक्रियता बनी हुई है। इस पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार के टिड्डी चेतावनी संगठन के सहयोग से लगातार कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश का कृषि विभाग टिड्डी चेतावनी संगठन के जोधपुर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के साथ सतत् सम्पर्क एवं समन्वय बनाए हुए है। सामान्यतः टिड्डी की सक्रियता अक्टूबर माह में सर्दियों की शुरूआत के साथ कम हो जाती है। लेकिन इस बार उनका प्रकोप अभी भी बना हुआ है। इससे फसलों के प्रभावित होने की आशंका है।
यह भी बताया गया कि टिड्डियां हवा के साथ पाकिस्तान के रास्ते प्रदेश की पश्चिमी सीमा में प्रवेश करती हैं। इस समस्या पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अन्तरराष्ट्रीय सहयोग और समन्वय जरूरी है। भारत सरकार इसके लिए पहल करे और राज्य सरकार को आवश्यक अतिरिक्त तकनीकी विशेषज्ञता, सहयोग एवं संसाधन भी उपलब्ध कराए।
बैठक में अवगत कराया गया कि जैसलमेर, बाड़मेर, जालौर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ एवं नागौर जिलों में टिड्डी का प्रकोप हुआ है तथा मई माह से अब तक लगभग 9-10 टिड्डी के बडे़ समूहों ने राज्य में प्रवेश किया है। वर्तमान में जैसलमेर एवं बाड़मेर में टिड्डी का प्रकोप तुलनात्मक रूप से ज्यादा है। मई माह से अब तक कृषि विभाग ने टिड्डी चेतावनी संगठन जोधपुर की मदद से 3 लाख 10 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी का नियंत्रण कर फसल एवं अन्य वनस्पति को बचाया है। इस कार्य में 2 लाख 21 हजार लीटर से अधिक मेलाथियान रसायन का प्रयोग किया गया है। फसलों को टिड्डी के प्रकोप से बचाने के लिये राज्य सरकार ने अब तक 3 करोड़ 7 लाख रूपये की स्वीकृति जारी की है। बैठक में कृषि विभाग के प्रमुख सचिव श्री नरेशपाल गंगवार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
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शुक्रवार, 20 सितंबर 2019

बाड़मेर,टिड्डी नियंत्रण के लिए कृषि पर्यवेक्षकांे को प्रभावित इलाकांे मंे भेजा

बाड़मेर,टिड्डी नियंत्रण के लिए कृषि पर्यवेक्षकांे को प्रभावित इलाकांे मंे भेजा 
    -टिड्डी नियंत्रण गतिविधियांे की समीक्षा,50 फीसदी अनुदान पर मिलेगा कीटनाशक।


बाड़मेर, 20 सितंबर। बाड़मेर जिले मंे टिड्डी नियंत्रण के लिए कृषि पर्यवेक्षकांे को प्रभावित इलाकांे मंे अस्थाई प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है। राज्य सरकार की ओर टिड्डी नियंत्रण के लिए किसानांे को अधिकतम दो हैक्टेयर क्षेत्र मंे छिड़काव के लिए 50 फीसदी अनुदान पर कीटनाशक उपलब्ध कराया जा रहा है। इधर, जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने बाड़मेर जिला मुख्यालय पर विभागीय अधिकारियांे की बैठक लेकर टिड्डी नियंत्रण के लिए पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
    जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि टिड्डी नियंत्रण के लिए टिड्डी चेतावनी संगठन के लिए मेलाथियोन 96 यूएलबी का छिड़काव किया जाता है। यह कीटनाशक फसलांे, पशुआंे एवं मानव के लिए हानिकारक होने के कारण इसका छिड़काव आमतौर पर नो मैन्स लेंड पर किया जाता है। इसका छिड़काव खड़ी फसल पर नहीं किया जा सकता। जिला कलक्टर गुप्ता ने बताया कि बाड़मेर जिले मंे शिव एवं गिड़ा क्षेत्र मंे फसलंे टिड्डी दल से प्रभावित है। ऐसे मंे राज्य सरकार ने टिड्डी नियंत्रण के लिए किसानांे को खड़ी फसलांे मंे टिड्डी नियंत्रण के लिए कीटनाशक 50 फीसदी रियायत पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसके तहत किसान संबंधित कृषि पर्यवेक्षक से परमिट प्राप्त करने के बाद नजदीकी क्रय विक्रय सहकारी समिति, ग्राम सेवा सहकारी समिति, निजी विक्रेता से यह कीटनाशक खरीद सकते है। उनके मुताबिक कृषक टिड्डी दल से प्रभावित फसलांे मंे क्लोरोपायरीफास 20 ईसी, 50 ईसी, डेल्टामेथरीन 2.8 ईसी एवं लेबडासायलोथिन 5 ई सी कीटनाशक का छिड़काव कर सकते है। इधर, जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने कृषि विभाग के कार्मिकांे की बैठक लेकर टिड्डी नियंत्रण के लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए। उन्हांेने टिड्डी प्रभावित अथवा आगामी दिनांे मंे टिड्डी दल के हमले की आशंका वाले इलाकांे शिव, गडरारोड़, रामसर, बायतू, गिड़ा, धोरीमन्ना, चौहटन एवं गुड़ामालानी पंचायत समिति के विभिन्न क्षेत्रांे मंे टिड्डी नियंत्रण के लिए आवश्यक तैयारियां करने तथा आमजन को जागरूक करने के निर्देश दिए। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार शर्मा, कृषि विभाग के उप निदेशक किशोरीलाल वर्मा, सहायक निदेशक पदमसिंह भाटी, पाबूसिंह समेत विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। जिला कलक्टर के निर्देश पर कृषि पर्यवेक्षकांे को टिड्डी प्रभावित इलाकांे मंे भेज दिया गया है। इन कृषि पर्यवेक्षकांे का टिड्डी नियंत्रण होने तक मुख्यालय संबंधित प्रभावित इलाका रहेगा। इनको कीटनाशक की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने के साथ किसानांे की बैठक लेकर टिड्डी नियंत्रण संबंधित जानकारी का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए है। 
 सुबह एवं शाम के समय कीटनाशक का छिड़काव करेंः कृषि विभाग के उप निदेशक किशोरीलाल वर्मा के मुताबिक किसान फसलांे मंे सुबह एवं शाम के समय कीटनाशक का छिड़काव करें। ताकि टिड्डी नियंत्रण हो सके। उनके मुताबिक टिड्डी दल के गतिशील होने पर कीटनाशक प्रभावशाली नहीं होगा। उन्हांेने बताया कि किसानांे को कीटनाशक के छिड़काव के बारे मंे कृषि पर्यवेक्षकांे की ओर से संपूर्ण जानकारी दी जाएगी। उनके मुताबिक किसानांे से अनुरोध किया गया है कि खड़ी फसल मंे टिड्डी दल को नहीं बैठने दें। साथ ही शाम के समय खाली स्थान जहां पर टिड्डी दल बैठता है उसकी सूचना टिड्डी नियंत्रण कक्ष मंे दंे। ताकि टिड्डी नियंत्रण की कार्रवाई की जा सके।
टिड्डी नियंत्रण कक्ष मंे सूचना देंः बाड़मेर जिले मंे कहीं पर भी टिड्डी दल दिखाई देने पर टिड्डी नियंत्रण कक्ष 02982-220045, 9461520342, 9414607764, 9866426615 ,9443672131, 9461965383 पर सूचना दी जा सकती है।

गुरुवार, 19 सितंबर 2019

जैसलमेर, भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने की समीक्षा टिड्डी नियंत्रण के लिए पुख्ता प्रबंध

जैसलमेर, भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने की समीक्षा  टिड्डी नियंत्रण के लिए पुख्ता प्रबंध

जैसलमेर, 19 सितम्बर। भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव सतीष चन्द्र ने गुरूवार सांय कलेक्ट्रेट सभागार में ट्डिडी नियंत्रण गतिविधियों की समीक्षा की।

उन्होंनंे कृषि एवं लोकेस्ट विभाग के अधिकारियों को निर्देष दिए कि वे जिले में टिड्डी नियंत्रण के लिए पुख्ता प्रबंध करें एवं समय पर कीटनाषक दवाई का छिडकाव करना सुनिष्चित करें। उन्होंने कहा कि सूचना तंत्र इतना मजबूत रखंे कि टिड्डी की संभावित सूचना मिलते ही अधिकारी तत्काल ही मौके पर पहुंचकर टिड्डी नियंत्रण की कार्यवाही सुनिष्चित कर लें। बैठक में जिला कलक्टर नमित मेहता तथा कृषि एवं ट्डिडी नियंत्रण विभाग के अधिकारी उपस्थित थें। सचिव ने लोकेस्ट विभाग के अधिकारी को निर्देष दिए कि वे संसाधनांे को ओर बढाकर जहां भी टिड्डी की सूचना मिलती है वहां तत्काल पहुंचकर कीटनाषक स्प्रे करवाना सुनिष्चित कर लें ताकि समय रहते टिड्डी दल को समाप्त किया जा सकें। उन्होंने कहा कि भारत सरकार इसके प्रति गंभीर है एवं संसाधनांे की कोई कमी नहीं रहने दी जायेगी।

जिला कलक्टर नमित मेहता ने बताया कि कृषि एवं लोकेस्ट विभाग मिलकर टिड्डी नियंत्रण के लिए प्रभावी कार्यवाही कर रहें है। उन्होंने कहा कि टिड्डी प्रभावित क्षेत्रों के आस-पास 5-6 जगहों को चिन्ह्ति किया जाकर वहां पर ही टीमों को रखने की व्यवस्था की गई है ताकि सूचना मिलते ही नियंत्रण की तत्काल कार्यवाही कर सकें।

उप निदेषक कृषि विस्तार राधेष्याम नारवाल ने जिले में टिड्डी नियंत्रण के लिए अब तक की गई गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाष डाला।

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