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रविवार, 19 जून 2011

मंडार में पपीते की बंपर पैदावार बाजारों में रोजाना पहुंच रहा 10 टन पपीता, लोगों को मिल रहा रोजगार


मंडार में पपीते की बंपर पैदावार
बाजारों में रोजाना पहुंच रहा 10 टन पपीता, लोगों को मिल रहा रोजगार

मंडार   मंडार क्षेत्र के मालीपुरा मोरीगर मार्ग वाले मार्ग स्थित मोरीगर कृषि फार्म पर 30 बीघा भूमि पर बूंद-बूंद सिंचाई से हजारों टन पपीते की पैदावार की गई है। यहां से रोजाना काफी संख्या में बाजारों में पपीता बिकने जा रहा है। काश्तकार ईश्वर सिंह मेहचा ने बताया कि पपीते की खेती 9 माह पहले की गई थी, जिसमें अब रोजाना करीब 10 टन पपीते बाजार में पहुंच रहा है। खासकर मंडार, रेवदर, सिरोही, बाड़मेर, बीकानेर, जालोर, गुजरात के डीसा, पालनपुर समेत अनेक शहरों में यह फल पहुंच रहा है। किसान गलबाराम माली ने बताया कि पपीते की फसल तैयार करने में पानी का उपयोग भी कम होता है।

यहां से आया पपीते का बीज : किसान गलबाराम माली ने बताया कि पपीते का बीज को गुजरात के आनंद से लाया गया था और यह एक पौधा 9 से 10 रुपए में मिल जाता है। इसका पौधा ताईवान नाम से जाना जाता है। बाजार में यह पपीता प्रति किलो 7 से 8 रुपए में बिक रहा है। उन्होंने बताया कि पपीते की पैदावार बूंद-बूंद सिंचाई से होने से पानी कम खर्च होता है।

बुधवार, 1 जून 2011

दो अलग-अलग कार्रवाई में टैंकरों से शराब की बड़ी खेप बरामद


 दो अलग-अलग कार्रवाई में टैंकरों से शराब की बड़ी खेप बरामद
सांचौर और बागोड़ा में हुई कार्रवाई, टैंकर में छिपाकर ले जाई जा रही थी अवैध शराब, शराब की कीमत लाखों में 

  सांचौर. क्षेत्र के डेडवा सरहद में पुलिस ने एक टैंकर में छिपाकर ले जाई जा रही अवैध शराब बरामद की है। साथ ही टैंकर चालक को भी गिरफ्तार कर लिया गया। बरामद शराब लाखों रुपयों की हैं और देर शाम तक इसकी गिनती की जा रही थी। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार दोपहर 1 बजे डेडवा सरहद में एक होटल पर एक टैंकर के चालक ने खाना खाने के लिये ठहराव किया। इसी दौरान वहां पहुंचे थानाधिकारी नारायणराम विश्नोई मय जाब्ते ने शक होने पर टैंकर की तलाशी ली तो उसमें अवैध शराब के 350 कार्टन भरे थे।

बागोड़ा में 15 लाख की शराब बरामद 
बागोड़ा  पुलिस ने मुखबीर की सूचना पर नाकाबंदी के दौरान पंद्रह लाख की अवैध शराब बरामद की है। पुलिस ने कार्यवाही के दौरान टैंकर चालक को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार पुलिस अधीक्षक के निर्देशों पर अवैध शराब के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत बागोड़ा पुलिस ने रंगाला के निकट नाकेबंदी की। मुखबीर की सूचना के आधार पर टैंकर चालक हनुमानगढ़ निवासी अजीत कुमार पुत्र मनफूलसिंह गोदारा विश्नोई को को रुकवाया गया। इस दौरान टैंकर से अंग्रेजी शराब व बीयर के ५८९ कार्टन बरामद किए गए। पुलिस ने बताया कि टैंकर चालक अजीत कुमार से पूछताछ करने पर बताया कि यह शराब मंडोर (जोधपुर) निवासी गोपालसिंह पुत्र लूणसिंह राजपूत की है। जिसे सांचौर निवासी प्रदीप पुत्र लादूराम विश्नोई व चितलवाना निवासी प्रकाश कुमार पुत्र ठाकराराम विश्नोई को पहुंचाना था। पुलिस के अनुसार बाजार में शराब की अनुमानित कीमत पंद्रह लाख बताई गई है। इसी तरह पुलिस अधीक्षक द्वारा गठित विशेष टीम ने भी अंग्रेजी शराब बरामद की है। गठित टीम ने जालोर उपनिरीक्षक राजेंद्रसिंह राठौड़ के नेतृत्व में मुखबीर की सूचना पर आडेल (बाड़मेर) में एक टैंकर से अवैध अंग्रेजी शराब के करीब १०० कार्टन बरामद किए हैं। इस दौरान टैंकर चालक टैंकर छोड़कर फरार हो गया था। जिसे पुलिस पकडऩे में विफल रही।

बुधवार, 25 मई 2011

पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ ने मंगलवार को सायला पुलिस थाने का निरीक्षण किया

एसपी ने किया थाने का निरीक्षण
सायला
पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ ने मंगलवार को सायला पुलिस थाने का निरीक्षण किया। बारहठ शाम 5 बजे थाने पहुंचे जहां पर एएसआई अनिल चौधरी के नेतृत्व में पुलिस के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने एस.एम कार्यालय अनुसंधान कक्ष, मालखाना, रिकॉर्ड रूम, कंप्यूटर कक्ष, बैरक, रसोई घर आदि का निरीक्षण किया। साथ ही आवश्यक निर्देश दिये। इस दौरान उन्होंने थानाधिकारी बाघ सिंह से अपराधों के संबंध में जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान पुलिस उप अधीक्षक देवकिशन शर्मा भी साथ थे। इस दौरान गत दिनों एक नाबालिग लड़की के साथ छेड़-छाड़ के मामले में लड़की सहित परिजनों ने एसपी से मिलकर कार्यवाही की मांग की।

गुरुवार, 20 जनवरी 2011

पीरो की जाल दरगाह का चमत्कार के तीन सौ साल


पीरो की जाल दरगाह का चमत्कार के तीन सौ साल






बाडमेर सीमावर्ती बाडमेर जिले की जालोर जिले की सरहद पर स्थित तीन सौ साल पुरानी बाबा अब्बनशाह की दरगाह जिसे पूरा हिन्दुस्तान पीरों की जाल के नाम से जसनता हैं।इस दरगाह में गत तीन सौ सालों से चमत्कार हो रहे हैं।इस चमत्कार से हजारों लोगों को नयी जिन्दगी मिली।विज्ञान के इस युग में भले ही लोग इसे अंधविश्वास का नाम दें मगर जो लोग चमत्कार से नई जिन्दगी पाऐं हैं।उनकी मानें तो पीरों की जाल आस्था और चमत्कार का अवतार हैं।जॅहा मानसिक रोगी बुरी स्थिति से बाहर निकल आते हैं।

कहते हें किसी मर्ज का इलाज अस्पताल में होता हें लेकिन कभी सुना हें आपने कि कब्रिस्तान में किसी मर्ज का इलाज होता हें . आपकी सोच और दिमागी दोड़ से कोसो दूर हम आपको रूबरू करवा रहे हें एक ऐसे अस्पताल में जहा अपने दिमाक का संतुलन कहो चुके मरीजो के इलाज के दावे होते हें . लेकिन ये दावे धरती पे एक कब्रिस्तान में उतरते नजर आते हें . बाड़मेर जालोर कि सीमा पर स्थित पिरो की जाल में हें कब्रिस्तान में हें पागलो का अस्पताल .

राजस्थान के जालोर जिले में एक कब्रिश्तान में पागलो का अस्पताल है. देश और दुनिया की सोच से परे एक इसी जगह झा होता हे पागलपन का इलाज . न किसी तरह का बिस्तर न कोई डाक्टर और न ही कोई दवाई . यह हे पिरो की जाल . पिरो की जाल में राजस्थान ,गुजरात ,महारास्ट,बिहार सहित देश के की इलाको से अलग अलग मजहब से जुड़े लोग आते हे . बताते हे कि जिन पर पागलपन या फिर भूतो का साया हो और जो किसी भी इलाज से सही नही हुए है उन लोगो के घर वाले यहा पर उन्हें लेकर आते है जिस समय उन को लाया जाता है उस समय उनकी हालत मरने सरीखी होती हे . लेकिन उन्हें यहा लेन पर बरसों से चले आ रहे इलाज को दोर होता हे शुरू . उन लोगो को कब्रिश्तान में जजीरो से बांध दिया जाता हे . बाड़मेर के रहने वाले सरकारी कर्मचारी राजेंद्र खत्री के अनुसार सन 1971 में उसके घर पर किसी ने पलित टूने टोटेक कर दिया थे क्योकि उनके पास जो धन और सम्पति हडपना चाहते थे इस वजह से उनके रिश्तेदारों ने उन पर जादू टोना कर दिया था जिस वजह से उसकी घरवाली और बच्चे की मोत हो गयी थी मुझ पर भी टोटका किया गया था तो मुझे भी इलाज के लिए यहा लाया गया . कई महीनो के इलाज के बाद वह सही हो गया
राजेंद्र खत्री निवासी बाड़मेर सन 1971 में मरे घर पर किसी ने पलित टूने टोटेक कर दिया थे क्योकि उनके पास जो धन और सम्पति हडपना चाहते थे इस वजह से उनके रिश्तेदारों ने उन पर जादू टोना कर दिया था जिस वजह से मेरी घरवाली और बच्चे की मोत हो गयी थी मुझ पर भी टोटका किया गया था तो मुझे भी इलाज के लिए यहा लाया गया . कई महीनो के इलाज के बाद वह सही हो गया

राजेद्र खत्री के अनुसार पागलपन के दोर में इस कब्रिश्तान में रहकर उसने बाबा की पूजा अर्चना की तो तिन सालो बाद उसकी जजीरे अपने आप खुल गयी और आज में हर साल में तीन बार आता हु. वह कहता हे कि मेरा सही होना एक चमत्कार ही था
राजेंद्र खत्री निवासी बाड़मेर पागलपन के दोर में इस कब्रिश्तान में रहकर उसने बाबा की पूजा अर्चना की तो तिन सालो बाद उसकी जजीरे अपने आप खुल गयी और आज में हर साल में तीन बार आता हु. वह कहता हे कि मेरा सही होना एक चमत्कार ही था

पिरो कि जाल में बरसों से कब्रिस्तान में होता आ रहा हे पागलो का इलाज . इस अनूठे अस्पताल के बारे में वह के खलीफा मोहोमद बक्स खिलिफा बताते हे कि कब्रिश्तान में पागलो का अस्पताल में इनको इसलिए रखा जाता है की ये किसी जायरीन के साथ मारपीट न करे फिर ये २ या तीन साल में जब ये सही होते है तो अपने आप इनका जजीरो का ताला खुल जाता है फिर हम इनके घर वालो को इतला कर देते है ये सब बाबा का चमत्कार होता है इस कब्रिश्तान में हर वक्त दर्जनों भर मानसिक रोगियों को रखा जाता है
मोहोमद बक्स खिलिफा पीरो की जाल जालोर कब्रिश्तान में पागलो का अस्पताल में इनको इसलिए रखा जाता है की ये किसी जायरीन के साथ मारपीट न करे फिर ये २ या तीन साल में जब ये सही होते है तो अपने आप इनका जजीरो का ताला खुल जाता है फिर हम इनके घर वालो को इतला कर देते है ये सब बाबा का चमत्कार होता है इस कब्रिश्तान में हर वक्त दर्जनों भर मानसिक रोगियों को रखा जाता है