बाड़मेर राजनितिक शख्शियत। … बाड़मेर की राजनीती के भीष्म पितामह गंगा राम चौधरी
बाड़मेर जिले की राजनितिक की दशा और दिशा दोनों गंगाराम तय करते
गंगाराम चौधरी का जन्म राजस्थान के बाड़मेर जिले की रामसर तहसील के खडीन) गाँव में 1 मार्च 1922 को मालानी के किसान क्रांति के जनक रामदान चौधरी (डऊकिया) और किस्तुरी देवी भाकर के घर हुआ. रामदान चौधरी (डऊकिया) के पांच पुत्र थे :केसरी मल, लालसिंह हाकम, गंगाराम, फ़तेह सिंह और खंगारमल.
वकालत से जनसेवा
गंगाराम चौधरी ने बी.ए. एल.एल.बी. की डिग्रियां हासिल कर वकालत को अपना पैसा बनाया. इससे पूर्व आपने रेलवे में एल.डी.सी. का कार्य किया. जागीरदारी के समय किसानों पर होने वाले अत्याचारों, चौरी-डकैती, जमीन सम्बन्धी विवादों की न्यायलय में पुरजोर पैरवी की, गरीब किसानों की निशुल्क पैरवी की. सीमान्त क्षेत्र में आत्मरक्षार्थ बन्दूक लाईसेंस दिलवाया. पिताजी रामदान चौधरी के नेतृत्व में किसान सभा एवं किसान जाग्रति हेतु आपने इतने काम करवाए कि आज आप राजस्व के टोडर मल कहे जाते हैं.
राजनीती में.. आदर्श पिता रामदान चौधरी के पुत्र गंगाराम चौधरी एक मात्र विधायक हें जिन्होंने तीन विधानसभा क्षेत्रो का प्रतिनिधित्व किया। राजनीती में प्रधान से लेकर मंत्री तक का सफ़र तय कर गंगा राम चौधरी ने अपने आपको कद्दावर जाट नेता के रूप में स्थापित किया। उन्हें नाथीराम मिर्धा के समकक्ष नेता मानते थे ,बाड़मेर जिले की राजनीती गंगाराम से शुरू हो कर गंगाराम पर ख़त्म हो जाती। उनका राजनितिक कद राजनैतिक पार्टियों पर हमेशा भरी रहा कांग्रेस ,भाजपा ,जनता दल ,, और निर्दलीय चुनाव मैदान में उतारे ,चुनाव जीतते गए ,उनकी राजनितिक क्षमता अकूत थी जिसका यहाँ कोई सानी नहीं ,गंगा राम ,अब्दुल हादी ,श्रीमती मदन कौर लाज़वाब तिकड़ी थी। गंगाराम राज्य सरकारों में मंत्री भी रहे ,राजस्व मंत्री के रूप में वे थे ,उन्होंने किसानो को बड़ी राहत दी। बाड़मेर ,गुडा चौहटन से विधायक रहे ,जिला प्रमुख भी रहे। २००८ चुनावो में उनकी टिकट काटने के बाद राजनीती से मोह भंग हो गया ,
बाद में गंगाराम चौधरी ने राजनीती में आकर राजस्थान के विभिन्न विभागों में मंत्री रहकर जनता की सेवा की.
जनप्रतिनिधि के रूप में आपका पदार्पण धोरीमन्ना पंचायत समिति के प्रधान के रूप में 1959 में हुआ.
1962 में गुढ़ा मालानी से विधायक, 1980 तक लगातार गुढा मालानी व बाड़मेर से विधायक बन विधान सभा में प्रतिनिधित्व किया.
1967 में राजस्व उप-मंत्री बने.
1977 में कांग्रेस छोड़कर चरण सिंह के साथ कांग्रेस (अर्स) में आये.
1985 में बाड़मेर से विधायक चुने गए.
1985 -1990 बाड़मेर से लोकदल के सदस्य रहे
1990 - 1992 बाड़मेर से जनता दल के सदस्य रहे.
शेखावत सरकार में 24 नवम्बर 1990 से 15 दिसंबर 1992 तक राजस्व, भूमि सुधार एवं उपनिवेश विभागों में मंत्री रहे. *1993 में निर्दलीय विधायक चुने गए और शेखावत सरकार में समर्थन देकर राजस्व एवं उपनिवेश विभागों में मंत्री रहे.
31 अगस्त 1998 को 20 वर्ष बाद कांग्रेस में आये तथा बाड़मेर जिला परिषद् के प्रमुख बने.
दिसंबर 2003 में भाजपा में आकर चोहटन विधायक बने.
आपने 30 वर्ष तक राजस्थान विधान सभा में बाड़मेर का प्रनिनिधित्व किया तथा 13 वर्ष मंत्रिमंडल के सदस्य रहे.
बाड़मेर जिले की राजनितिक की दशा और दिशा दोनों गंगाराम तय करते
गंगाराम चौधरी का जन्म राजस्थान के बाड़मेर जिले की रामसर तहसील के खडीन) गाँव में 1 मार्च 1922 को मालानी के किसान क्रांति के जनक रामदान चौधरी (डऊकिया) और किस्तुरी देवी भाकर के घर हुआ. रामदान चौधरी (डऊकिया) के पांच पुत्र थे :केसरी मल, लालसिंह हाकम, गंगाराम, फ़तेह सिंह और खंगारमल.
वकालत से जनसेवा
गंगाराम चौधरी ने बी.ए. एल.एल.बी. की डिग्रियां हासिल कर वकालत को अपना पैसा बनाया. इससे पूर्व आपने रेलवे में एल.डी.सी. का कार्य किया. जागीरदारी के समय किसानों पर होने वाले अत्याचारों, चौरी-डकैती, जमीन सम्बन्धी विवादों की न्यायलय में पुरजोर पैरवी की, गरीब किसानों की निशुल्क पैरवी की. सीमान्त क्षेत्र में आत्मरक्षार्थ बन्दूक लाईसेंस दिलवाया. पिताजी रामदान चौधरी के नेतृत्व में किसान सभा एवं किसान जाग्रति हेतु आपने इतने काम करवाए कि आज आप राजस्व के टोडर मल कहे जाते हैं.
राजनीती में.. आदर्श पिता रामदान चौधरी के पुत्र गंगाराम चौधरी एक मात्र विधायक हें जिन्होंने तीन विधानसभा क्षेत्रो का प्रतिनिधित्व किया। राजनीती में प्रधान से लेकर मंत्री तक का सफ़र तय कर गंगा राम चौधरी ने अपने आपको कद्दावर जाट नेता के रूप में स्थापित किया। उन्हें नाथीराम मिर्धा के समकक्ष नेता मानते थे ,बाड़मेर जिले की राजनीती गंगाराम से शुरू हो कर गंगाराम पर ख़त्म हो जाती। उनका राजनितिक कद राजनैतिक पार्टियों पर हमेशा भरी रहा कांग्रेस ,भाजपा ,जनता दल ,, और निर्दलीय चुनाव मैदान में उतारे ,चुनाव जीतते गए ,उनकी राजनितिक क्षमता अकूत थी जिसका यहाँ कोई सानी नहीं ,गंगा राम ,अब्दुल हादी ,श्रीमती मदन कौर लाज़वाब तिकड़ी थी। गंगाराम राज्य सरकारों में मंत्री भी रहे ,राजस्व मंत्री के रूप में वे थे ,उन्होंने किसानो को बड़ी राहत दी। बाड़मेर ,गुडा चौहटन से विधायक रहे ,जिला प्रमुख भी रहे। २००८ चुनावो में उनकी टिकट काटने के बाद राजनीती से मोह भंग हो गया ,
बाद में गंगाराम चौधरी ने राजनीती में आकर राजस्थान के विभिन्न विभागों में मंत्री रहकर जनता की सेवा की.
जनप्रतिनिधि के रूप में आपका पदार्पण धोरीमन्ना पंचायत समिति के प्रधान के रूप में 1959 में हुआ.
1962 में गुढ़ा मालानी से विधायक, 1980 तक लगातार गुढा मालानी व बाड़मेर से विधायक बन विधान सभा में प्रतिनिधित्व किया.
1967 में राजस्व उप-मंत्री बने.
1977 में कांग्रेस छोड़कर चरण सिंह के साथ कांग्रेस (अर्स) में आये.
1985 में बाड़मेर से विधायक चुने गए.
1985 -1990 बाड़मेर से लोकदल के सदस्य रहे
1990 - 1992 बाड़मेर से जनता दल के सदस्य रहे.
शेखावत सरकार में 24 नवम्बर 1990 से 15 दिसंबर 1992 तक राजस्व, भूमि सुधार एवं उपनिवेश विभागों में मंत्री रहे. *1993 में निर्दलीय विधायक चुने गए और शेखावत सरकार में समर्थन देकर राजस्व एवं उपनिवेश विभागों में मंत्री रहे.
31 अगस्त 1998 को 20 वर्ष बाद कांग्रेस में आये तथा बाड़मेर जिला परिषद् के प्रमुख बने.
दिसंबर 2003 में भाजपा में आकर चोहटन विधायक बने.
आपने 30 वर्ष तक राजस्थान विधान सभा में बाड़मेर का प्रनिनिधित्व किया तथा 13 वर्ष मंत्रिमंडल के सदस्य रहे.