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शुक्रवार, 27 मई 2011

रेप मामले में राजस्थान सरकार को नोटिस

रेप मामले में राजस्थान सरकार को नोटिस
 

नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में एक महिला के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा बलात्कार किए जाने की रिपोर्ट पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।

आधिकारिक सूत्रों ने गुरूवार को यहां बताया कि आयोग ने इस घटना की मीडिया में प्रकाशित रिपोर्टो पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा है कि यदि ये रिपोर्ट सही हैं तो यह मानवाधिकार के हनन का गंभीर मामला है। आयोग ने कहा है कि रिपोर्ट के अनुसार प्रतापगढ़ जिले में पुलिस 15 मई को एक स्थानीय महिला को उसके पिता के साथ जबरन छोटी सादरी पुलिस स्टेशन लेकर आई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस महिला को दो सिपाही पुलिस स्टेशन के आवासीय क्षेत्र में ले गए और उसके साथ बलात्कार किया। इस घटना के बाद 16 मई को जिले में उग्र भीड़ ने पुलिस स्टेशन का घेराव किया और वहां बड़े पैमाने पर हिंसा की। आयोग ने कहा है कि हिरासत में महिला के साथ बलात्कार उसके मानवाधिकारों का हनन है।

पुलिस का कर्तव्य उसके अधिकारों का हनन करना नहीं बल्कि रक्षा करना है। आयोग ने इसे गंभीर मामला बताते हुए राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और राज्य सरकार को नोटिस देकर घटना का पूरा ब्योरा चार सप्ताह के भीतर देने को कहा। आयोग ने यह भी पूछा है कि पीडिता को किस तरह से मदद दी गई है और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। 

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में एक महिला के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा बलात्कार किए जाने की रिपोर्ट पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।

आधिकारिक सूत्रों ने गुरूवार को यहां बताया कि आयोग ने इस घटना की मीडिया में प्रकाशित रिपोर्टो पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा है कि यदि ये रिपोर्ट सही हैं तो यह मानवाधिकार के हनन का गंभीर मामला है। आयोग ने कहा है कि रिपोर्ट के अनुसार प्रतापगढ़ जिले में पुलिस 15 मई को एक स्थानीय महिला को उसके पिता के साथ जबरन छोटी सादरी पुलिस स्टेशन लेकर आई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस महिला को दो सिपाही पुलिस स्टेशन के आवासीय क्षेत्र में ले गए और उसके साथ बलात्कार किया। इस घटना के बाद 16 मई को जिले में उग्र भीड़ ने पुलिस स्टेशन का घेराव किया और वहां बड़े पैमाने पर हिंसा की। आयोग ने कहा है कि हिरासत में महिला के साथ बलात्कार उसके मानवाधिकारों का हनन है।

पुलिस का कर्तव्य उसके अधिकारों का हनन करना नहीं बल्कि रक्षा करना है। आयोग ने इसे गंभीर मामला बताते हुए राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और राज्य सरकार को नोटिस देकर घटना का पूरा ब्योरा चार सप्ताह के भीतर देने को कहा। आयोग ने यह भी पूछा है कि पीडिता को किस तरह से मदद दी गई है और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।