जैसलमेर,बाल संरक्षण आयोग के सदस्यों द्वारा राजकीय सम्प्रेक्षण एवं किषोर गृह का किया गया
निरीक्षण
जैसलमेर, 22 नवंबर। राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य श्रीमती उमा रतनू एवं षिवपालसिंह द्वारा अधीक्षक राजकीय सम्प्रेक्षण एवं किषोर गृह का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में सदस्यों द्वारा भवन का अवलोकन किया। निरीक्षण के समय गृह मंे 14 उपेक्षित बाल उपस्थित पाये गये। सदस्यों द्वारा आवासीय बालको से साक्षात्कार किया गया एवं बालकों से गृह में मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली। सदस्यों द्वारा बालकों से गृह मंे किसी प्रकार की कोई समस्या आदि के बारे जानकारी लेने पर बालकों द्वारा बताया गया कि हमे गृह में सभी सुविधाएं समय पर उपलब्ध करवाई जा रही है। निरीक्षण के दौरान किषोर गृह अधीक्षक हिम्मतसिंह कविया द्वारा सदस्यों को राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं की जानकारी दी एवं गृह में बालकों कि दिनचर्या की जानकारी देते हुये बताया कि गृह में बालकों के अध्ययन कार्य करवाने के लिए षिक्षक की आवष्यकता है। निरीक्षण के दौरान गृह की साफ-सफाई अच्छी पाई गई। निरीक्षण के दौरान सदस्यों द्वारा किषोर गृह की व्यवस्थाओं को अच्छा बताया गया। निरीक्षण के दौरान गृह के कार्मिक उपस्थित थे।
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बाल संरक्षण आयोग के सदस्यों द्वारा बाल अधिकारों के लेकर ली गई विभागीय बैठक
जैसलमेर 22नवम्बर। श्रीमती उमा रतनू व षिवपालसिंह, सदस्य राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, जयपुर द्वारा 21 नवम्बर को बाल अधिकार एवं सरंक्षण के मुद्दो पर जिला कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित की गई। बैठक मंे अतिरिक्त जिला कलक्टर के0एल0 स्वामी, पुलिस वृताधिकारी जैसलमेर नरेन्द्र कुमार दवे, सहायक निदेषक बाल अधिकारिता विभाग हिम्मतसिंह कविया, विकास अधिकारी धनदान देथा, श्रम कल्याण अधिकारी भवानी प्रतापसिंह चारण, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष ब्रजमोहन रामदेव सदस्य कंवराजसिंह, मांगीलाल, भूरसिंह, किषोर न्याय बोर्ड सदस्य योगिता खत्री, प्रमुख चिकित्सा विभाग डाॅ अनील माथूर, जिला षिक्षा अधिकारी बंषीलाल रोत, एबीईईओ बसंत कुमार, महिला एवं बाल विकास विभाग उपनिदेषक स्नेहलता चैहान, पुलिस निरीक्षक पुखराज, चाइल्ड लाईन समन्वयक रामकिषन मीणा, सिकोनडिकोन संस्था के रामगोयल बेनीवाल एवं स्वयं सेवी इन्द्र कृपा विकास संस्था सचिव छत्रसिंह भाटी उपस्थित थे।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर स्वामी द्वारा बताया गया कि बाल अधिकारों को लेकर लोगों को संवेदनषील बनाकर जन-जागरूकता पैदा करना, बाल संरक्षण प्रणाली को मजबूत करना एवं बाल सुरक्षा के लिये बेहतर क्रियान्वयन को स्थापित करना है। बच्चों को अपने अधिकारों को सुलभ कराने का हम सभी का कत्र्तव्य है। बाल कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत् सरकारी विभाग, स्वयं सेवी संस्थाएं एवं सामाजिक कार्यकर्ता जो कार्य कर रहे है, वो पूर्णरूप से इसके लिये तत्परता से कार्य करे जिससे बालकों को उनके मूल अधिकार प्राप्त हो सके।
बैठक में सहायक निदेषक कविया द्वारा राजस्थान सरकार गठित समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत अनाथ, उपेक्षित एवं संरक्षण विहीन बच्चों (0से18) वर्ष के देख-भाल पुर्नवास एवं संरक्षण के लिये चलाई जा रही समेकित बाल संरक्षण योजना के तहत् महिला एवं बाल विकास विभाग, षिक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग, पुलिस विभाग, श्रम विभाग, चाईल्ड लाईन (1098), बाल कल्याण समिति, किषोर न्याय बोर्ड, तथा बाल अधिकारिता विभाग, जिले में संचालित राजकीय एवं गैर राजकीय बालगृहों/आश्रय गृह, एवं जिला बाल सरंक्षण ईकाई जैसलमेर की भुमिका के बारे जानकारी दी। कविया द्वारा बताया गया कि जैसलमेर जिले में वर्तमान 01 राजकीय गृह एवं 02 गैर राजकीय बालगृह पोकरण/रामेदवरा में संचालित किये जा रहे है।
बैठक मंे सदस्य षिवपालसिंह द्वारा बताया गया कि बाल संरक्षण को लेकर प्रत्येक विभाग को छोटी-छोटी समस्याएं आती है, अगर बाल कल्याण समिति, किषोर न्याय बोर्ड, बाल अधिकारिता विभाग, चाइल्ड लाईन, श्रम विभाग, षिक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर कार्य करेंगेे तो बाल संरक्षण के क्षेत्र मंे कोई भी समस्या उत्पन्न नहीं होगी और कोई भी अधिकारी, अध्यक्ष, सदस्य, स्वयं सेवी संस्थाएं अगर बालकों के हित में कोई कार्य करती है तो, उसका सभी सहयोग करने के लिए आगे आयेगें। बाल संरक्षण के मुद्दों एवं बाल कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए बाल संरक्षण से जुडे सभी विभागीय अधिकारीगण, स्वयं सेवी संस्थाएं, एवं समाज के मौजिज व्यक्तियों के साथ समन्वय स्थापित कर माह में एक बार मासिक बैठक आयोजित की जानी चाहिये, जिससे लोगो मंे बाल कल्याणकारी योजनाओं की जागरूकता पैदा हो सके जिससे अगर कोई बच्चा आपातकालिन स्थिति में प्राप्त होता है तो उसका तुरन्त प्रभाव से राहत मिल सके।
सदस्य महोदय षिवपालसिंह द्वारा जिला षिक्षा अधिकारी को निर्देषित किया की वे हर विद्यालय में प्रातः प्रार्थना के समय में बालकों को उनके मौलिक अधिकारों के संबंध में जानकारी प्रदान करे।
बैठक मंे सदस्यों ने द्वारा चाइल्ड लाईन 1098 से जिले में बाल कल्याण के क्षेत्र में किये गये कार्यों एवं आ रही समस्याओं एवं सुझावों की जानकारी चाही। जिस पर चाइल्ड लाईन समन्वयक रामलाल मीणा द्वारा बताया गया कि बाल कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार हेतु चाइल्ड लाईन समय-समय पर कैम्प आयोजित करना एवं विद्यालयों में जाकर छात्र-छात्राओं को जानकारी प्रदान की जा रही है।
बैठक मंे सदस्यों द्वारा पुलिस विभाग से बाल कल्याण के क्षेत्र में की जानकारी चाही। इस संबंध में पुलिस उप अधीक्षक नरेन्द्र कुमार दवे द्वारा बताया गया कि जिले में 17 पुलिस थाने संचालित है। जिसमें प्रत्येक थाने मंे एक बाल कल्याण अधिकारी मनोनीत है, प्रत्येक थाने में चाइल्ड हेल्प डेस्क बना हुआ है। बैठक में सदस्य षिवपालसिंह द्वारा निर्देषित किया गया कि थानों में संचालित चाइल्ड हेल्प डैस्क पूर्णतः अपडेट होनी चाहिये , जिसमंे बालमैत्री माहौल होना चाहिये एवं बालकों से बाल मैत्री व्यवहार करना चाहिये एवं किसी भी बच्चें से बातचीत के दौरान पुलिस कर्मी बिना वर्दी सिवल ड्रेस में ही बातचीत करे इसका पूर्णरूप से ध्यान रखा जावे। किसी भी बच्चे को थाने में नहीं रखा जावे। साथ ही बाल कल्याण अधिकारी के साथ सदस्यों का मनोनयन किया जावें।
बैठक मंे सदस्यों द्वारा श्रम विभाग अधिकारी से जिले में बाल कल्याण के क्षेत्र में किये गये कार्यों एवं आ रही समस्याओं एवं सुझावों तथा टास्क फोर्स समिति की जानकारी चाही। जिस पर श्रम कल्याण अधिकारी भवानी प्रतापसिंह चारण द्वारा बताया गया कि टास्क फोर्स का गठन किया हुआ है। टास्क फोर्स की बैठके भी आयोजित की जा रही है।