बाड़मेर हेमाराम चौधरी बोले समझौते के सकारात्मक परिणाम आएंगे ,पहले ज्यादा मानसम्मान मिलेगा
बाड़मेर सचिन पायलट के साथ रहे दिग्गज जाट नेता हेमाराम चौधरी अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं ,उन्होंने सचिन पायलट का बखूबी साथ दिया,सचिन के सबसे भरोसेमंद साथियो में हेमाराम चौधरी शामिल हैं ,पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने पुरे घटनाक्रम के बाद बाड़मेर लौटने के बाद आज मिडिया से रूबरू हुए ,उन्होंने फिर कहा की अशोक गहलोत सरकार में डेढ़ साल से हमारे कार्य नहीं होने से हम जनता को जवाब नहीं दे पा रहे थे ,उन्होंने कहा की राजस्थान में सब स्तर से प्रयास करने के बाद भी हमे निराशा हाथ लगी ,तभी यह तय किया गया की हम अपनी बात हाई कमान तक पहुंचाए ,हमने अपनी बात हाई कमान के सामने रखी ,हाई कमान ने हमे पूर्णतः आश्वस्त किया हे की हमारी केवल बात सुनी जाएगी बल्कि पहले से अधिक मानसम्मान मिलेगा ,हेमाराम चौधरी ने कहा की मुख्यमंत्री जी से शालीनता की उम्मीद करते हैं मगर इस बार उनकी भाषा सीमाएं लांघ गयी फिर भी हम कुछ नहीं बोले ,उनकी शैली से हमे निराशा हुई ,सचिन पायलट में जबरदस्त नेतृत्व क्षमता हैं ,वो एक बेहतरीन मुख्यमंत्री साबित हो सकते हैं ,उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री जी ने हम पर पैसे लेने आरोप लगाए थे साथ यह भी कहा की जिन्होंने पैसे नहीं लिए वापस आ जाये अब तो सब वापस आ गए उन्होंने कहा की हमे न तो पद की जरूरत थी न पैसे की ,पिछली बार मेने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था ,हमारे दिग्गज नेता शेषराम जी ओला ने मुझ पर दबाव दाल के इस्तीफा वापस लेने के लिए मजबूर किया ,मुझे पद की लालसा नहीं हैं ,हम चाहते हे हमारी जनता के काम हो ,उन्होंने स्पस्ट किया की वो इस बार चुनाव लड़ना ही नहीं चाहते थे मगर सचिन पायलट तीन बार मेरे घर आये ,मुझे चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया ,उनकी बात रखनी पड़ी ,एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया की मुख्यमंत्री और मुझे दोनों को अंग्रेजी नहीं आती ,सचिन की परवरिश बड़े घर में हुई उसे आती हैं ,यह कोई मुद्दा या किसी पे कटाक्ष करने के लिए नहीं हैं ,यह उसकी योग्यता हैं ,योग्यता के चलते वह आगे बढ़ा ,हैं हेमाराम चौधरी ने कहा की हमने पिछली सारी बाते भुला दी ,अब साथ मिलकर जनता के लिए काम करेंगे ,विधानसभा में सीटों को लेकर उन्होंने कहा की इसमें कोई भेदभाव नहीं किया गया यह विधानसभा की व्यवस्था थी ,नियमानुसार ,थी
बाड़मेर सचिन पायलट के साथ रहे दिग्गज जाट नेता हेमाराम चौधरी अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं ,उन्होंने सचिन पायलट का बखूबी साथ दिया,सचिन के सबसे भरोसेमंद साथियो में हेमाराम चौधरी शामिल हैं ,पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने पुरे घटनाक्रम के बाद बाड़मेर लौटने के बाद आज मिडिया से रूबरू हुए ,उन्होंने फिर कहा की अशोक गहलोत सरकार में डेढ़ साल से हमारे कार्य नहीं होने से हम जनता को जवाब नहीं दे पा रहे थे ,उन्होंने कहा की राजस्थान में सब स्तर से प्रयास करने के बाद भी हमे निराशा हाथ लगी ,तभी यह तय किया गया की हम अपनी बात हाई कमान तक पहुंचाए ,हमने अपनी बात हाई कमान के सामने रखी ,हाई कमान ने हमे पूर्णतः आश्वस्त किया हे की हमारी केवल बात सुनी जाएगी बल्कि पहले से अधिक मानसम्मान मिलेगा ,हेमाराम चौधरी ने कहा की मुख्यमंत्री जी से शालीनता की उम्मीद करते हैं मगर इस बार उनकी भाषा सीमाएं लांघ गयी फिर भी हम कुछ नहीं बोले ,उनकी शैली से हमे निराशा हुई ,सचिन पायलट में जबरदस्त नेतृत्व क्षमता हैं ,वो एक बेहतरीन मुख्यमंत्री साबित हो सकते हैं ,उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री जी ने हम पर पैसे लेने आरोप लगाए थे साथ यह भी कहा की जिन्होंने पैसे नहीं लिए वापस आ जाये अब तो सब वापस आ गए उन्होंने कहा की हमे न तो पद की जरूरत थी न पैसे की ,पिछली बार मेने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था ,हमारे दिग्गज नेता शेषराम जी ओला ने मुझ पर दबाव दाल के इस्तीफा वापस लेने के लिए मजबूर किया ,मुझे पद की लालसा नहीं हैं ,हम चाहते हे हमारी जनता के काम हो ,उन्होंने स्पस्ट किया की वो इस बार चुनाव लड़ना ही नहीं चाहते थे मगर सचिन पायलट तीन बार मेरे घर आये ,मुझे चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया ,उनकी बात रखनी पड़ी ,एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया की मुख्यमंत्री और मुझे दोनों को अंग्रेजी नहीं आती ,सचिन की परवरिश बड़े घर में हुई उसे आती हैं ,यह कोई मुद्दा या किसी पे कटाक्ष करने के लिए नहीं हैं ,यह उसकी योग्यता हैं ,योग्यता के चलते वह आगे बढ़ा ,हैं हेमाराम चौधरी ने कहा की हमने पिछली सारी बाते भुला दी ,अब साथ मिलकर जनता के लिए काम करेंगे ,विधानसभा में सीटों को लेकर उन्होंने कहा की इसमें कोई भेदभाव नहीं किया गया यह विधानसभा की व्यवस्था थी ,नियमानुसार ,थी