हेमाराम चौधरी लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
हेमाराम चौधरी लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

सोमवार, 17 अगस्त 2020

बाड़मेर हेमाराम चौधरी बोले मुख्यमंत्री ने कहा था समझौते के सकारात्मक परिणाम आएंगे ,पहले ज्यादा मानसम्मान मिलेगा

बाड़मेर हेमाराम चौधरी बोले  समझौते के सकारात्मक परिणाम आएंगे ,पहले ज्यादा मानसम्मान मिलेगा



बाड़मेर सचिन पायलट के साथ रहे दिग्गज जाट नेता हेमाराम चौधरी अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं ,उन्होंने सचिन पायलट का बखूबी साथ दिया,सचिन के सबसे भरोसेमंद साथियो में हेमाराम चौधरी शामिल हैं ,पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने पुरे घटनाक्रम के बाद बाड़मेर लौटने के बाद आज मिडिया से रूबरू हुए ,उन्होंने फिर कहा की अशोक गहलोत सरकार में डेढ़ साल से हमारे कार्य नहीं होने से हम जनता को जवाब नहीं दे पा रहे थे ,उन्होंने कहा की राजस्थान में सब स्तर से प्रयास करने के बाद भी हमे निराशा हाथ लगी ,तभी यह तय किया गया की हम अपनी बात हाई कमान तक पहुंचाए ,हमने अपनी बात हाई कमान के सामने रखी ,हाई कमान ने हमे पूर्णतः आश्वस्त किया हे की हमारी केवल बात सुनी जाएगी बल्कि पहले से अधिक मानसम्मान मिलेगा ,हेमाराम चौधरी ने कहा की मुख्यमंत्री  जी से शालीनता की उम्मीद करते हैं मगर इस बार उनकी भाषा सीमाएं लांघ गयी फिर भी हम कुछ नहीं बोले ,उनकी शैली से हमे निराशा हुई ,सचिन पायलट में जबरदस्त नेतृत्व क्षमता हैं ,वो एक बेहतरीन मुख्यमंत्री साबित हो सकते हैं ,उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री जी ने हम पर पैसे लेने आरोप लगाए थे साथ यह भी कहा की जिन्होंने पैसे नहीं लिए वापस आ जाये अब तो सब वापस आ गए उन्होंने कहा की हमे न तो पद की जरूरत थी न पैसे की ,पिछली बार मेने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था ,हमारे दिग्गज नेता शेषराम जी ओला ने मुझ पर दबाव दाल के इस्तीफा वापस लेने के लिए मजबूर किया ,मुझे पद की लालसा नहीं हैं ,हम चाहते हे हमारी जनता के काम हो ,उन्होंने स्पस्ट किया की वो इस बार चुनाव लड़ना ही नहीं चाहते थे मगर सचिन पायलट तीन बार मेरे घर आये ,मुझे चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया ,उनकी बात रखनी पड़ी ,एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया की मुख्यमंत्री और मुझे दोनों को अंग्रेजी नहीं आती ,सचिन की परवरिश बड़े घर में हुई उसे आती हैं ,यह कोई मुद्दा या किसी पे कटाक्ष करने के लिए नहीं हैं ,यह उसकी योग्यता हैं ,योग्यता के चलते  वह आगे बढ़ा ,हैं हेमाराम चौधरी ने कहा की हमने पिछली सारी बाते भुला दी ,अब साथ मिलकर जनता के लिए काम करेंगे ,विधानसभा में सीटों को लेकर उन्होंने कहा की इसमें कोई भेदभाव नहीं किया गया यह विधानसभा की व्यवस्था थी ,नियमानुसार ,थी

मंगलवार, 28 जुलाई 2020

बाड़ाबंदी खुलते गहलोत खेमे के 15 विधायक हमारे पास आ जायेंगे हेमाराम चौधरी

बाड़ाबंदी खुलते गहलोत खेमे के 15 विधायक हमारे पास आ जायेंगे हेमाराम चौधरी 

बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी से कांग्रेस के विधायक हेमाराम चौधरी के बगावती तेवर जारी है। राजस्थान की सियासत में 18 दिन से घमासान चल रहा है। सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच शुरू विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दो खेमों में बंटी कांग्रेस की अंदरुनी लड़ाई हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और राजभवन पहुंचने के बाद अब सड़कों पर आ चुकी है। गहलोत समर्थकों का आरोप है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहा है। सोमवार को कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि कि सचिन पायलट के गुट के तीन विधायक उसके संपर्क में हैं और 48 घंटे में जयपुर वाले होटल पहुंच जाएंगे। इस बयान के बाद पायलट गुट के विधायक और दिग्गज नेता हेमाराम चौधरी ने एक वीडियो जारी कर सुरजेवाला को जवाब दिया। चौधरी ने कहा कि पायलट के सभी 19 विधायक एकजुट है और एक भी इधर-उधर नहीं होगा। गहलोत गुट के 10-15 विधायक उनके संपर्क में है, अगर बाड़ाबंदी खोल दें तो आज ही भाग कर आ जाएं। गुड़ामालानी विधायक हेमाराम चौधरी ने 18 दिन में तीसरा वीडियो जारी किया और कांग्रेस नेता रणजीत सुरजेवाला के उस बयान का जबाव दिया, जिसमें कहा था कि पायलट गुट के 3 विधायक 48 घंटे में जयपुर होटल में आ जाएंगे। चौधरी ने कहा कि पायलट गुट में हम 19 विधायक है और एक भी इधर-उधर नहीं होंगे। गहलोत गुट में बाड़ाबंदी में बैठे विधायकों में हताशा है, उन विधायकों को दिलासा दिलाने के लिए रणजीत सुरजेवाला ने इस तरह का बयान दिया है कि उनके विधायक कहीं भाग नहीं जाएं। गहलोत खेमे के 10-15 विधायक उनके संपर्क में है, वे कहते है कि जैसे ही बाड़ाबंदी खुलेगी तो हम भाग कर आ जाएंगे। इसलिए सुरजेवाला ने इस तरह का बयान उनके विधायकों को बाड़ाबंदी में रोकने और हताश विधायकों का मनोबल बढ़ाने के लिए दिया गया है। पायलट गुट के सभी विधायक एकजुट है।

फोटो हेमाराम चौधरी
--------------------------------

गुरुवार, 10 अक्टूबर 2013

बाड़मेर विधानसभा सीट हेमाराम चौधरी आ सकते हें बाड़मेर ,चौधरी ने गुडा से नहीं पेश की दावेदारी

बाड़मेर विधानसभा सीट। । बड़ी उठापठक के संकेत

हेमाराम चौधरी आ सकते हें बाड़मेर ,चौधरी ने गुडा से नहीं पेश की दावेदारी 

बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर जिला मुख्यालय विधानसभा सीट पर राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी की दावेदारी की जगह हमने दो माह पूर्व दी थी। कांग्रेस में दिल्ली में टिकटों को लेकर चल रही उठा पटक की सूत्रोंसे खबर मिली हें की हेमाराम चौधरी बाड़मेर विधानसभा से चुनाव लड़ सकते हें ,. पार्टी सूत्रों ने बताया की हेमाराम चौधरी ने गुड़ा मालानी विधानसभा सीट से खुद ने इस बार दावेदारी पेश नहीं की। अलबता ग्रामीणों तथा स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने जरुर गुड़ा से एक मात्र दावेदारी हेमाराम चौधरी की जताई थी ,कांग्रेस पर्यवेक्षकों के सामने भी उनका ही नाम दिया था। अब अजीब स्थति हो गयी ,पेनल बन गए गुड़ा मालानी से हेमाराम चौधरी का नाम था बाद में उसमे धोरीमन्ना के पूर्व प्रधान ताजाराम चौधरी और सांचोर के पूर्व प्रधान सुख राम विश्नोई के नाम डाले गए। हेमाराम चौधरी द्वारा बाड़मेर विधानसभा से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर होने की खबर हें ऐसा होता हें तो गुड़ा से सुखराम विश्नोई तो टिकट मिल सकती हें और मेवाराम जैन के बदले महेंद्र जैन टाइगर को सिवान से मैदान में उतारा जा सकता हें। बाड़मेर विधानसभा के आलावा जिले की पचपदरा और शिव में प्रत्यासी बदलने की खबर आई हें।
-- 

शुक्रवार, 26 जुलाई 2013

कर्नल ने कहा इस्तीफा राजनितिक स्टंट ,अपनी सीट बचाने के लिए दिया इस्तीफा

अपने विधानसभा क्षेत्र दौरे पर निकले हेमाराम चौधरी


कर्नल ने कहा इस्तीफा राजनितिक स्टंट ,अपनी सीट बचाने के लिए दिया इस्तीफा


किसानो की बात मुख्यमंत्री तक पहुँचाने से किया मना हेमाराम ने सोनाराम


बाड़मेर जिले के बायतु में रिफाइनरी लगाने को लेकर चल रहा उब्ााल फिलहाल कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को सार्वजनिक रूप से इस्तीफे की घोष्ाणा के बाद राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व अन्य नेताओं की समझाइश के बाद भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। वहीं सीएम तीन दिन के लिए जोधपुर में हैं। उधर,हेमाराम के इस्तीफे को कर्नल सोनाराम ने राजनीतिक हथकंडा बताया है। उनका कहना है कि चुनाव नजदीक आते ही अपनी सीट बचाने के लिए हेमाराम ने इस्तीफा दिया है।उन्होंने किसानो की बात मुख्यमंत्री से करने से मना कर दिया


हेमाराम से आज सुबह उनके उनके विधानसभा क्षेत्र के कुछ लोग मिलने भी बाड़मेर आये ,बाद में वो अपने वाहन से गुड़ा चले गए आम जनता की समस्याओ को सुना .उन्होने काफी गांवों में जनसंपर्क भी किया

जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने गुरूवार को हेमाराम से फोन पर बात कर उन्हें समझाने का प्रयास किया था। फिर भी वो नहीं मानें तो स्थानीय सांसद हरीश चौधरी व अन्य कांग्रेसी विधायकों को बातचीत के लिए भेजा था। सूचना है कि हेमाराम को बातचीत करने के लिए सीएम ने जोधपुर भी बुलाया था,लेकिन वो नहीं गए। शुक्रवार सुबह भी हेमाराम जल्द ही अपने घर से निकल गए।

सुबह से क्षेत्र में बैठकों का दौर


रिफाइनरी को लीलाला से पचपदरा ले जाने के मामले में अपने लोगों का विरोध झेल रहे हेमाराम इस्तीफा देने के बाद लगातार स्थानीय नेताओं के साथ बैठक में लगे हैं। गुरूवार को उन्होंने बाड़मेर सांसद और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ बातचीत के बाद अपने क्षेत्र के नेताओं के साथ आमजन से बातचीत और अपना पक्ष भी रखा। शुक्रवार सुबह भी वो अपने क्षेत्र में लोगों के साथ बातचीत करने के लिए निकल गए।

राजनीतिक हथकंडा : सोनाराम
इधर, हेमाराम के इस्तीफे को राजनीतिक हथकंडा बताते हुए विधायक कर्नल सोनाराम ने कहा कि साढ़े चार साल तक सरकार का सुख लेने के बाद अब हेमाराम ने अपनी विधानसभा सीट बचाने के लिए इस्तीफा दिया है।

सोनाराम ने कहा कि रिफाइनरी मामले में स्थानीय लोगों की मांग पर समर्थन के लिए मैंने गुरूवार को हेमाराम से बात की थी, लेकिन वो इस मामले में मुख्यमंत्री के सामने पक्ष रखने को तैयार नहीं हुए। सरकार के इस रवैये से क्षेत्र में पार्टी को करीब दो दर्जन सीटों पर नुकसान होगा।

बुधवार, 20 मार्च 2013

हेमाराम चौधरी की सियासती बादशाहत बरकरार ..भाजपा को कूटनीति अपनानी होगी

विधानसभा क्षेत्र गुड़ा मालानी

हेमाराम चौधरी की सियासती बादशाहत बरकरार ..भाजपा को कूटनीति अपनानी होगी


वसुंधरा राजे हर हाल में गुडा सीट जितना चाहती हें



चन्दन सिंह भाटी


बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले की गुड़ा मालानी विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ मन जाता हें ,जन्हा राज्य सरकार में राजस्व मंत्री हेमा राम चौधरी की सियासती बादशाहत कायम हें .हेमाराम चौधरी ने कभी इस विधानसभा सीट को इक्यावन हज़ार से अधिक रिकोर्ड मतों से जित कर परचम लहराया था मगर गत दो चुनावों में जीत का अंतर मात्र दस हज़ार रहा .जो साफ़ करता हें की उनकी सियासती जमीन खिसक रही हें ,मागे वे कमज़ोर आज भी नहीं लगते उनका विधानसभा के मतदाताओ से सीधा संपर्क उन्हें मज़बूत बनता हें ,हालांकि चर्चे हें की इस बार हेमाराम चौधरी बायतु से चुनाव लड़ सकते हें .मगर हमारा आंकलन हें की हेमाराम गुडा से ही चुनाव लड़ेंगे .इस बार भी उनके सामने चिरपरिचित उम्मीदवार भाजपा के लाधुराम विश्नोई हिन्ज ,लाधुराम ने हेमाराम चौधरी को चुनाव में खर्च करना अवश्य सिखा दिया मगर सियासी चालो में अक्सर मात खा जाते हें .हेमाराम चौधरी भावुक और संवेदनशील हें जिसका फायदा उन्हें चुनावो में मिलाता हें ,लाधुराम विश्नोई बिना किसी रणनीति के चुनाव लड़ते रहे हें ,चुनावों में पैसा पानी की तरह बहा देने से वोट नहीं मिलते यह पिछले दो चुनावों में जनता ने साबित कर दिया .लाधुराम विश्नोई की सबसे बड़ी कमजोरी भाजपा कार्यकर्ताओ पर कमज़ोर पकड़ हें ,वे दूसरो के भरोशे चुनाव लड़ते रहे हें जिसके कारन उन्हें मात मिली .कार्यकर्ताओ तथा विश्नोई जाती का विश्वास्ड्स हासिल नहीं कर पाए ,रही सही कसार पचपदरा के भाजपा के वरिष्ट नेता अमराराम पूरी कर देते हें ,अमराराम कलबी जाती के सशक्त नेता हें ,लाधुराम अमराराम का दिल जितने में नाकाम रहे जिसके चलते कलबी मतदाताओ का झुकाव हेमाराम की तरफ रहा वही सिन्धासवा हरनियां में लाधुराम काफी कमज़ोर रहे जो की विश्नोई जाती का गढ़ हें दुधु ,सूरते की बेरी जैसे गाँवो में लाधुराम की कोई पकड़ नहीं हें .लाधुराम को एक सशक्त जात नेता की भी दरकार रहेगी जो जात मतदाताओ का मानस भाजपा की और मोड़ सके .गुडा से पूर्व में चुनाव लड़ चुके कैलाह बेनीवाल का उपयोग इस चुनावों में भाजपा को करना होगा तभी यह सीट निकल पाएगी .लाधुराम विश्नोई के आलावा भाजपा किसी और उम्मीदवार के बारे में सोच भी नहीं रही .इस बार भाजपा अध्यक्ष वसुंधरा राजे ने गुडा सीट को प्राथमिकता देकर हर हालत में जीतने का मुख्य नेताओ को निर्देश दिए हें ,बाड़मेर और गुडा सीट पर वसुंधरा की ख़ास नज़र हें .बहरहाल कांग्रेस के पास तुरुप के पत्ते के रूप में हेमाराम चौधरी मौजूद हें ,गत चार सालो में हेमाराम का कद बढ़ा हें उनका नाम मुख्यमंत्री से लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष तक के लिए आगे आया ,कांग्रेस हेमाराम को राजस्थान के जाट नेता के रूप में प्रस्तुत करेगी .यह तय माना जा रहा हें ,लाधुराम विश्नोई को सब्व्से पहले भाजपा तथा विश्नोई जाती पर पकड़ बनाने के साथ मतदाताओ से सीधा संपर्क स्थापित करना होगा तभी वो हेमाराम के सामने टिक पायेंगे

शुक्रवार, 27 जुलाई 2012

हेमाराम चौधरी हो सकते हें कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष

हेमाराम चौधरी हो सकते हें कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष

बाड़मेर राजस्थान में कांग्रेस संगठन में बड़े बदलाव की तयारी पूरी होने के साथ डॉ चन्द्रभान की अध्यक्ष पद से विदाई तय मणि जा रही हें ,राजनितिक सूत्रों ने बताया की राजस्थान में राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ बार बार बयां देकर सरकार को सांसत में डालने वाले प्रदेश अध्यक्ष डॉ चन्द्रभान की इस पद से विदाई तय हो गयी .कांग्रेस हाई कमान ने राजस्थान में राजनितिक बदलाव के संकेत देने के साथ जल्द नयी नियुक्ति को हरी झंडी देने का मानस बना लिया हें .राजनितिक सूत्रों के अनुसार पश्चिमी राजस्थान के दमदार जाट नेता और राज्य सरकार मेर राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी का नाम अध्यक्ष पद के लिए सबसे प्राथमिकता में शुमार किया हें .बताया जा रहा हें विकल्प के तौर पर केंस्द्रिय मंत्री सचिन पायालोत का नाम भी अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल हें ,तीन दसक से कांग्रेस की राजनीति में शुमार हेमाराम चौधरी ससक्त दावेदार के रूप में उभरे हें उनके नाम पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भी सहमति बताई जा रही हें