,घुसपेठियो को गगारिये का दिया जाता है पता ,सुरक्षा
एजेंसियों की निगाहे गगरिया की हरकतों पर
बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के सरहदी गाँव गगरिया जो मिनी पाकिस्तान, के रूप मैं कुख्यात है पर पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आई एस आई की मेहर बनी है भारतीय ख़ुफ़िया और सुरक्षा एजेंसियां गगरिया पर नज़रें गडाए हुए हैं .गगरिया की हरकत पर सुरक्षा एजेंसिया नज़र रखे है.सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि सरहद पर पकडे गए सभी संदिग्ध घुसपेठियो को अजमेर से रावण कर बाड़मेर के गगरिया गाँव मई उतारे का कहा गया ,पिछले एक माह मई पकडे गए पाकिस्तानी नागरिक नूर आलम शेख ,बंगला देशी नागरिक को अजमेर से रवाना कर उन्हें गगरिया गाँव में एक व्यक्ति का नाम बता कर उससे मिलाने का कहा गया था .यह खुलासा पकडे गए घुसपेठियो ने सुरक्षा एजेंसियों कि संयुक्त पूछताछ में किया था ,इश्के बाद से बाड़मेर कि पुलिस,सुरक्षा एजेंसिया गगरिया में उष व्यक्ति को तलास रही है जिसका नाम घुसपेठियो को बताया गया था,गगरिया गडरा रोड गाँव से सात किलोमीटर पहले आता है जो मुख्या सड़क पर आबाद है,इस गाँव से सज्जन का पर,चांदे का पार,लकदियाली,कंटाल का पार,नवा टला जैसे सरहदी गाँव आते है जिसके सामने पाकिस्तान का गोगासर गाँव है,गोगासर पाकिस्तान के कुख्यात तस्करों का मुख्य अड्डा है,इस गोगासर के तस्करों के सीधे सम्बन्ध गडरा तहसील के तस्करी के मुख्य केंद्र मापुरी,खालिफे कि बावड़ी ,बुथिया ,गगरिया ,सज्जन का पार,देतानी ,तामलोर ,हमिरानी के स्थानीय तस्करों से है .पाकिस्तानी तस्करों के माध्यम से आई एस आई ने गडरा क्षेत्र के तस्करों को पुनः सक्रीय कर दिया है,हाल ही में पकडे गए इनामी कुख्यात तस्कर कल्ला खान ,नवाब खान इशी मपुरी गाँव से है ,मापुरी गाँव के अंतराष्ट्रीय कुख्यात तस्कर बाबला कि गेंग से जुड़े तस्करों ने अपना नेटवर्क पुनः स्थापित कर दिया है,इस नेटवर्क में कई नए युवा भी जुड़े हें ,सुरक्षा एजेंसिया गगरिया गाँव कि समस्त हरकतों पार नज़र रखे हें,गगार्य गाँव में तबलीग जमात का बहूत बड़ा नेटवर्क पिछले दस सालो में काम कर रहा हें,गगरिया तथा आसपास के गाँवो में इस वक्त लगभग ८० से अधिक मदरसे चल रहे है,गगरिया के साथ हमिरानी और तमालियर शुरू से एजेंसियों के लिए संदिग्ध रहे है,इन गाँवो के तस्कर कई बार माल के साथ पकडे गए है,चिंताजनक बात है कि इन गाँवो पार तबलीग जमात के लोगो कि पूरी पकड़ है ,गगरिया गाँव इसका मुख्य केंद्र है,इस गाँव में प्रतिदिन सुबह आठ बजे से ही संदिग्ध लोगो का जमावड़ा शुरू हो जाता हें,सेकड़ो लोग किसी भी वक्त इस गाँव में मिल जायेंगे .इस क्षेत्र के मदरसे भी हमेशा संदिग्ध रहे हें,एजेंसियों कि हमेशा से इन मदरसों पार नज़ारे रहती हें,घुसपेठियो द्वारा बार बार गगरिया आकर उतरने से एजेंसियों के कान खड़े हो गए,एजेंसिया उन लोगो तक पंहुचने के प्रयास तेज़ी से कर रही है,गडरा थाना के अधिकारी लक्ष्मी नारायण केवलिया ने बताया कि गत माह दो बंगलादेशी ,तथा एक पाकिस्तानी नागरिक को गगरिया के आसपास से ही पकड़ा था यह लोग गगरिया से आगे वाले बोर्डर से पार कर पाकिस्तान जाने कि फ़िराक में आये थे.बाकायदा इन घुसपेठियो को आई एस आई द्वारा गगरिया के किसी व्यक्ति के संपर्क नंबर तक दिए गए हें चूँकि सुरक्षा एजेंसिया तथा पुलिस दल नियमित रूप से इस क्षेत्र पार निगाह रख रही हें,आई एस आई द्वारा गगरिया के किन लोगो से संपर्क किया जाता है कौन आई एस आई के संपर्क में है इश्क पत्ता लगाया जा रहा है,बहरहाल आई एस आई ने पूर्व नियोजित तरीके से इस पुरे क्षेत्र में तबलीग जमात जैसे कट्टरपंथी लोगो को बड़ी तादाद में बसा लिया हे ,सुरक्षा एजेंसियों ने भी कभी इस क्षेत्र मई बस रहे बाहरी लोगो का न तो विरोध किया नहीं रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी,चूँकि इन गाँवो के मूल निवासी लम्बे समय से विशेष कर युवा लोग पडौसी राज्य गुजरात में रहकर काम्बले बेचने का कार्य कर रहे है,इश्के बावजूद गाँवो कि जनसँख्या मई कभी कमी दर्ज नहीं कि गई,बाहरी लोगो के इस क्षेत्र में आकर बसने से बाड़मेर जिले कि सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है