मायड़ भाषा की मान्यता रो काम सवा सू बडी धर्म -स्वामी प्रतापुरी
बाडमेर राजस्थानी भाषा म्हारी बोली री भाषा है। म्हारे हिये री जडी है इण भाषा की मानता सारू जो प्रयास हो रहा है वो पुनित प्रयास हैं औ काम मानव सेवा से सवा सू बडी धर्म है यह बात तारातरा मठ के स्वामी प्रतापपुरी ने कृष्णा संस्था, संकल्प एज्यूकेद्गान एण्ड सोद्गियल डवलपमेन्ट सोसासटी तथा गु्रप फोर पीपुल्स द्वारा राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति द्वारा
जिला कलेक्टर परिसर के बाहर संचालित हस्ताक्षर अभियान में अपने हस्ताक्षर कर कही। उन्होने कहा कि १३ करोड राजस्थनीयों की मायड भाषा हिन्दी भाषा की जननी है। राज्य सरकार केन्द्र सरकार पर दबाव बनाकर राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाकर जन भावना का आदर करें। उन्होने कहा कि आखो राजस्थान इण पैटे जागरूकता रा प्रमुख गवाह भी हैं आपनी बोली राजस्थानी ने हर हाल में मानता मिलनी चाहिए। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष मेजर पर्बतसिंह राठौड ने कहा कि राजस्थान रा लोग लारले ६३ साल सू आपणी मायड भाषा राजस्थानी ने संविधान री आठवी अनुसूची में भंलण री मांग वास्ते आगे रैया है। पूरे राजस्थानी में राजस्थानी भाषा ने मान्तया देवण सारू अभियान चलाया जा रहा है। मिनखां री भावनाओं से आदर कर राजस्थानी ने मान्यता देवणी दीजै। इस अवसर पर कमलसिंह चूली ने कहा कि मायड भाषा री मानता में इती देरी राजस्थानी लोगो रो अपमान है।दूजे प्रदेशो मेंअपणी अपणी भाषा ने मानता दिया, सरकारी नौकरियों में प्रदेशो री भाषा जरूरी कर दी है। राजस्थानी भाषा भी स्कूलों में प्राथमिक स्तर कार्य राजस्थानी भाषा अनिवार्य करनी चीजै। उन्होने कहा कि २२ प्रादेशिक के लियये ने मानता केन्द्र सरकार दे मगर राजसथानी भाषा ने टालता जावे जो बर्दासानी होवे। हस्ताक्षर अभियान में समिति के चन्दनसिंह भाटी थारवासियो ने पाछै याद दिरायों कि जनगणना में हर थारवासी अपनी मायड़ भाषा रे रूप में राजस्थानी भाषा दर्ज करा भाषा ने मानता रो शुभ काम करावें। इस अवसर संकल्प संस्था के सचिव विजय कुमार ने कहा कि.हिवडे री ने जल्द ही मान्यता मिलनी चाहिऐ। राजस्थानी भाषा राजस्थान इस अवसर पर सरपंच बलवंतसिह भाटी, मोटाराम चौधरी, उम्मेदअली राजड , भलदान सुरा, उगमसिह राठौड , पार्षद अरविन्द जागिड , अद्गाक दर्जी, लक्ष्मीनारायण जोद्गा, वरिष्ठ पत्रकार निखिल व्यास, अद्गाक दवे, मागूसिह राठौड , रोद्गान खलीफा, धोधा खां सहित सात से अधिक थार वासियों ने अपने हस्ताक्षर कर मायड भाषा री मानता के लिये अपना समर्थन दिया। समिति द्वारा चलाए जा रहे अभियान में अब तक तीन से अधिक थारवासियों ने अपने हस्ताक्षर कर अपना समर्थन व सहयोग दिया