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शुक्रवार, 3 अप्रैल 2020

कैयर्न की तेल उत्पादन क्षेत्रो में श्रमिकों को खाना नहीं ,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी को श्रमिक ने दी जानकारी

कैयर्न की तेल उत्पादन क्षेत्रो में श्रमिकों  को खाना नहीं ,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी को श्रमिक ने दी जानकारी  

बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर में तेल उत्पादन में लगी केयर्न इंडिया की नागाणा एम् पी टी साइट पर दौ  सौ मजदूरों को न तो भोजन दिया जा रहा था न ही तनख्वाह ,जिसके कारन श्रमिकों के भूखो मरने की नौबत आ गयी ,इन श्रमिकों में उत्तर प्रदेश के कुछ श्रमिकों  ने स्थानीय कम्पनी कार्मिको द्वारा उनकी सुनवाई न करने से आहत होकर अपने सूबे के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को फोन कर वास्तु स्थति बताई ,आदित्यनाथ योगी ने तत्काल राजस्थान सूबे के मुखिया से बात कर इन श्रमिकों के लिए भोजन और रहने की व्यवस्था करने को कहा जिस पर राजस्थान मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जिला कलेक्टर विश्राम मीणा से तुरंत इन श्रमिकों के लिए खाने और रहने का प्रबंध करने के निर्देश दिए जिस पर जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने बारमेर तहसीलदार  प्रेमसिंह माचरा को मौके पे भेज शिकायतकर्ता से मिल वस्तुस्थिति जानी ,शिकायत कर्ता उत्तरप्रदेश निवासी लवकुश ने बताया कि कंपनी मालिक लॉकडाउन के बाद भाग गया और उनको पेमेंट भी नहीं दिया। जिससे करीब 200 मजदूरों को राशन की व्यवस्था नहीं हो रही है।भूखो मरने की नौबत  आ गयी हैं , तहसीलदार प्रेम सिंह माचरा ने बताया की शिकायतकर्ता की शिकायत सही थी ,कम्पनी में कार्यरत एल एंड टी के अधिकारी इन कार्मिको के लिए लोक डाउन की  न तो राशन  व्यवस्था कर रहे थे न ही उन्हें  पैसे दे रही थी ,जिस पर केयर्न इंडिया और एल एन्ड टी के संबंधित अधिकारीयों को मौके पे बुलाकर श्रमिकों के खाने और आवास का प्रबंध तत्काल करने के लिए पाबंद किया।साथ ही उनकी मजदूरी का भुगतान भी तत्काल करने के निर्देश दिए. जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने बताया की मुख्यमंत्री कार्यालय से जानकारी मिलते ही तहसीलदार को मौके पे भेजर श्रमिकों के लिए उचित प्रबंध करने के लिए संबंधित कम्पनिओं को पाबंद किया हैं

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शनिवार, 28 मार्च 2020

केयर्न इंडिया की तेल उत्पादन साइटों पर श्रमिकों को जबरदस्ती बसों में ठूंस काम पे ले जाया जा रहा


केयर्न इंडिया की तेल उत्पादन साइटों पर श्रमिकों को जबरदस्ती बसों में ठूंस काम पे ले जाया जा रहा 
न सुरक्षा के लिए मास्क न सेनेटराइज उपलब्ध ,श्रमिकों ने घर जाने  इच्छा जताई ,

चंदन सिंह भाटी 
बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर में तेल उत्पादन में जुटी कैयर्न इंडिया और वेदांता की साइटों पर कोरोना वायरस के संक्रमण से कार्मिको की सुरक्षा के लिए कोई प्रबंध नहीं किये ,लॉक डाउन के नियमो के विपरीत कार्मिको कार्मिको को बसों में ठूंस ठूंस कर भर कर साइटों पर जबरदस्ती काम पे ले जाया जा रहा हैं ,इन कार्मिको के लिए कम्पनी ने न तो मास्क की व्यवस्था की न ही सेनेट्राइज की ,जबकि कम्पनी के दो कार्मिकों को इसी साइट से होम आईसोलेशन के लिए ले जाया गया हैं ,कार्मिको को कोरोना संक्रमण का खौफ  सत्ता रहा हैं कंपनी द्वारा सोसल डिस्टेटिंट की पालना भी नहीं की जा रही एक ही बस  में सौ व्यक्ति ठूंस कर ले जाये जा रहे हैं ,मगर कम्पनी वाले इनकी कोई बात नहीं सुन रहे ,कंपनी कार्मिको के जिंदगी के खिलवाड़ कर तेल प्रोडक्शन जारी रखना चाहता हैं जबकि देश भर के उद्योग ठप्प हैं ,कार्मिको ने साइटों से विडिओ बनाकर यूनीवार्ता को उपलब्ध कराये जिसमे कार्मिक साफ़ बोल रहे की उनसे जबरदस्ती काम कराया जा रहा हैं ,सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किये जा रहे ,इधर एम् पी टी मंगला वेलपैड 19 साइट पर सौ कार्मिक और कैलाश इंटनेशनल नागाणा बेस कैंप में पांच सो से अधिक कार्मिको की दुर्दशा हो रही हे मगर इनकी कोई सुनने वाला नहीं ,ऐसे में कार्मिको में विद्रोह होने की पूरी सम्भावना हैं। विद्रोह से अराजकता की स्थति पैदा हो सकती हैं जिससे निपटना कम्पनी के लिए मुश्किल होगा,कार्मिकों के  धरने और हड़ताल पर जाने से भी इंकार नहीं किया जा सकता ,

इस सम्बन्ध में कैयर्न इंडिया के वरिष्ठ लाइजन अधिकारी अयोध्या प्रसाद गौड़ ने बताया की देश कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा हैं तेल उत्पादन बंद नहीं रख सकते ,कार्मिको की सुरक्षा के अगर उपाय नहीं हे तो उन्हें उपलब्ध कराये जायेंगे ,कम्पनी कार्मिको की सुरक्षा के समस्त उपाय करेगी ,उन्होंने बताया की हम अपनी साइटों पर पता करवा रहे हैं जहाँ जहाँ कमियां आ रही उन्हें दुरुस्त कर रहे हैं

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ कमलेश चौधरी ने बताया की केयर्न की मंगला  एक संदिग्ध को लाये थे ,जिसे होने आईसोलेशन पर भेजा जाकर इसकी जाँच के नमूने भेजे गए थे जो नेगेटिव आये 

गुरुवार, 12 सितंबर 2019

बाड़मेर सी एस आर के पैसे का हिसाब मांगो कलेक्टर साहब।।बंदरबांट को रोको ।।जनता को लाभ पहुंचाओ।।*

बाड़मेर सी एस आर के पैसे का हिसाब मांगो कलेक्टर साहब।।बंदरबांट को रोको ।।जनता को लाभ पहुंचाओ।।*

*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक चन्दन सिंह भाटी*
cairn india के लिए इमेज परिणाम
*बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर में कार्यरत केयर्न इंडिया,वेदांता और राजवेस्ट पावर प्लांट परियोजनाओं में सी एस आर फंड की व्यवस्था है।जिसका उद्देश्य परियोजना के आसपास और प्रभावित गांवों का सामुदायिक संगठन से विकास करना जिसके लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित है जो अब तक कि सबसे नकारा कमिटी हैं क्योंकि सी एस आर का फंड कंपनी अधिकारी अपनी मनमर्जी से बंदरबांट करते हैं।जिसमे लेनदेन करने वाली संस्थाए खूब फल फूल रही हैं।इस मद में अब तक कम्पनियों ने करोड़ो रुपये व्यय करने का दावा कर रही हैं।मगर यह पैसा आज तक प्रभावित क्षेत्र और उनके रहवासियों को राहत नही दे सका।निरंकुश हो चुके अधिकारी अपनी गणित को ध्यान में रख चंद संगठनों के साथ सेटिंग रख उन्ही को बजट आवंटित करती हैं इन अधिकारियों को हिसाब पूछने वाला कोई नही।।यह मामला विधानसभा में भी उठा।इसके खिलाफ धरने प्रदर्शन भी हुए मगर इन कंपनियों के कानों पे जूं नही रेंगी।इनकी मनमर्जी अनवरत जारी हैं।क्योंकि इनका कहना है सूचना का अधिकार इन पे लागू नही हैं।आर टी आई लगाई तो उसका जवाब एक लाइन में देते है कि हम आपको सूचना राष्ट्रहित में नही दे सकते।।जिला कलेक्टर सी एस आर कमिटी के अध्यक्ष होने के बावजूद उन्हें पता नही की कितना बजट ये लोग सामुदायिक विकास के नाम ठग चुके हैं।।जिला कलेक्टर को चाहिए जिन जिन संस्थाओं को सी एस आर बजट आवंटन किया उनकी स्पेसल ऑडिट के साथ कार्यो का भौतिक सत्यापन कराया जाए।।उच्च स्तरीय एजेंसी से जांच कराई जाए।सूत्रों की माने तो सारा खेल कमीशन खोरी पे चलता हैं।।सी एस आर फंड से बाड़मेर और बाड़मेर के गांवों का विकास होना चाहिए।इस फंड के पैसे का सदुपयोग हो।इसके लिए जिला कलेक्टर को कड़े कदम उठाने होंगे साथ ही चापलूस किस्म की संस्थाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे।।*

*बाड़मेर की जनता को युवा और ऊर्जावान कलेक्टर से बड़ी उम्मीदें हैं।भ्रस्टाचार के इस खेल की कलाई भी आप ख़ौल सकते हैं। सी एआस आर फंड का आवंटन सी एस आर कमिटी के माध्यम से स्वीकृति के बाद हो ऐसी व्यवस्था की जाए।।ताकि बाड़मेर की जनता को इसका लाभ मिले।।*

शुक्रवार, 15 दिसंबर 2017

बाड़मेर केयर्न इंडिया में लगे वाहनों में टेक्स चोरी का मामला,29 चालान।

बाड़मेर केयर्न इंडिया में लगे वाहनों में टेक्स चोरी का मामला,29 चालान।

बाड़मेर तेल खोज की सबसे बड़ी कम्पनी केयर्न इंडिया में लगे वाहनों में टेक्स चोरी की हेराफेरी सामने आने के बाद हड़कम्प मच गया।पहले क्रूड ऑयल अब टेक्स चोरी की घटना से केयर्न की छवि धूमिल हो गई।केयर्न के मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल क्षेत्र में क्रूड ऑयल चोरी व फर्जी एक्सप्लोजीव लाइसेंस के बाद अब अन्य राज्यो से वाहन एवम मशीन लगाकर टेक्स चोरी का मामला पकड़ में आया है।राज्य राजस्व आसूचना विभाग निदेशालय की टीम ने 29 वाहनों में टेक्स चोरी पकड़ी।इनसे करीब 50 लाख रुपये वसूल होने का अनुमान है।लम्बे समय से यह टेक्स चोरी का खेल खेला जा रहा था 

मंगल प्रोसेसिंग टर्मिनल में किरण वेदांता कम्पनी की और से वाहन और मशीनों के लिए दस् बारह अन्य कम्पनियों को कम दे रखा था।ये कम्पनियां वाहन एवम मशीन उपलब्ध कराती थी।इनकी और से 694 वाहन लगाए हुए है।राज्य राजस्व आसूचना विभाग को सूचना मिली थी कि वाहनों में टेक्स चोरी का खेल चल रहा है।इस सूचना पर पहुंची टीम ने जिला परिवहन विभाग अधिकारी बाड़मेर की टीम के साथ कार्यवाही को अंजाम दिया।जिसमें 694 वाहनों में से 100 संदिग्ध वाहनों के दस्तावेज की जांच की।इसमें से 29 वाहनों में टेक्स चोरी का खुलासा हुआ।कुछ वाहन नागालैंड और पश्चिमी बंगाल के भी थे जिनका राजस्थान का टेक्स नही भरा।।कई वाहन बिना पंजीयन के भी लगे हुए मील।कार्यवाही जारी है।।

सोमवार, 6 मार्च 2017

केयर्न इंडिया में वैश्विक तेल-गैस विशेषज्ञों की नियुक्ति



केयर्न इंडिया में वैश्विक तेल-गैस विशेषज्ञों की नियुक्ति

भारत के कच्चे तेल और गैस उत्पादन में 50 प्रतिशत का योगदान करने की केयर्न इंडिया की राजस्थान के बाड़मेर तेल क्षेत्रों की विकास योजना को साकार करने में मैलोडी मेयर और अतुल गुप्ता का सत्तर साल का संयुक्त अनुभव एक निश्चित भूमिका निभाएगा

देश की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की तेल - गैस खोज और उत्पादन (ईएंडपी) कंपनी- केयर्न इंडिया, जो वर्तमान में भारत के कच्चे तेल के उत्पादन में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान दे रही है, ने विश्व के अग्रणी तेल एवं गैस विशेषज्ञों मैलोडी मेयर और अतुल गुप्ता को सलाहकार नियुक्त किया है।

ये वरिष्ठ विशेषज्ञ अपने साथ शेवरॉन, पेट्रोफिना और बुर्रेन एनर्जी जैसी ग्लोबल तेल एवं गैस कंपनियों के साथ मिडिल ईस्ट, मध्य एशिया और अलास्का के रूप में विविध भौगोलिक जगहों से सत्तर साल का संयुक्त अनुभव अपने साथ ले कर आएंगे।


एक ऐसे समय में, जबकि केयर्न इंडिया भारत के कुल कच्चे तेल उत्पादन का 50 प्रतिशत योगदान करने के लिए 5 अरब बैरल तेल समतुल्य का भंडार और तीन लाख बैरल तेल का कुल उत्पादन करने के लक्ष्य सहित अपनी विकास यात्रा पर पर बढ़ रही है, वे इसे रणनीतिक और परिणाम केंद्रित दिशा प्रदान करेंगे।

इन नियुक्तियों पर बोलते हुए श्री सुधीर माथुर, कार्यवाहक सीईओ, केयर्न इंडिया का कहना है: "यह बहुत गर्व की बात है कि सुश्री मैलोडी मेयर और श्री अतुल गुप्ता हमारे से जुड़ रहे हैं। हमें विश्वास है कि व्यापक तेल और गैस अनुभव, नेतृत्व और व्यावसायिक कौशल के अपने अनूठे मिश्रण के साथ, वे संयुक्त रूप से, परिचालन दक्षता को और बढ़ाने और हमारे व्यापार-विकास में एक उत्कृष्ट भूमिका निभाएंगे। वे हमारे लिए ऐसे नींव के पत्थर साबित होंगे जिस पर केयर्न इंडिया के भविष्य के विजन की स्थापना की जाएगी।"

सुश्री मैलोडी मेयर दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत तेल कंपनियों में से एक- शेवरॉन कॉर्पोरेशन के साथ समृद्ध अनुभव के 37 साल लाती हैं। कंपनी के साथ प्रेसीडेंट- एशिया पेसिफिक के रूप में उसकी आखिरी भूमिका में, वह इस क्षेत्र में नौ देशों में शेवरॉन के खोज और ऑपरेशन गतिविधियों के लिए जिम्मेदार रहीं। वह वैश्विक अपस्ट्रीम ऑपरेशन में रणनैतिक व्यापार योजना, प्रमुख पूंजी परियोजनाओं के निष्पादन, पूंजी आवंटन और उत्कृष्ट वित्तीय परिणाम देने की व्यापक नेतृत्व विशेषज्ञता रखती हैं। शेवरॉन में ही पूर्व की भूमिकाओं में, मैलोडी, वाईस प्रेसीडेंट-मेक्सिको एसबीयू, अमेरिका मध्य-महाद्वीप और अलास्का की खाड़ी एसबीयू के उपाध्यक्ष ऊर्जा प्रौद्योगिकी की अध्यक्ष के रूप में नेतृत्व की जिम्मेदारियों को निभा चुकी हैं।

एक अमेरिकी नागरिक मैलोडी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीएस की डिग्री के साथ 1979 में ट्रिनिटी विश्वविद्यालय से स्नातक की और 1997 में डार्टमाउथ टक कार्यकारी शिक्षा कार्यक्रम में भाग लिया। 'ऊर्जा के क्षेत्र में महिलाओं' के लिए एक समर्थक के रूप में, वे शेवरॉन वूमेन्स नेटवर्क की कार्यकारी प्रायोजक भी रहीं और वीमेन विथ एनर्जी एलएलसी की स्थापना की। मैलोडी वर्तमान में ट्रिनिटी यूनिवर्सिटी और नेशनल ब्यूरो ऑफ़ एशियन रिसर्च के बोर्ड में ट्रस्टी हैं। 2009 में, उन्हें ट्रिनिटी विशिष्ट अलुमनी, बायोह्यूस्टन वीमेन इन साइंस और एएसएमई रोड्स पेट्रोलियम इंडस्ट्री लीडरशिप पुरस्कार के रूप में मान्यता दी गई थी।
अपनी नियुक्ति पर मैलोडी का कहना है, "मैं बहुत केयर्न के लिए एक कार्यकारी सलाहकार होने के लिए उत्साहित हूँ। यह भारत में मेरा पहला अनुभव होगा जो दुनिया के सबसे तेजी से विकसित होते ऊर्जा बाजारों में से एक है। मैं कंपनी की एकीकृत खोज और संचालन योजनाओं, क्षमताओं के लिए मूल्य संवर्धन और निर्बाध परियोजना निष्पादन जो कि भविष्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं उसके लिए सही प्रोजेक्ट पार्टनर में अपना योगदान करने के प्रति आशान्वित हूँ।"

36 से अधिक वर्षों के समृद्ध और विविध वैश्विक अनुभव के साथ, श्री अतुल गुप्ता वर्तमान में ग्लोबल इक्विटी फर्मों के सलाहकार हैं और नोस्ट्रम (कजाखस्तान), सेवन एनर्जी (नाइजीरिया) और वेट्रा एनर्जी (कोलम्बिया) सहित कई अपस्ट्रीम तेल और गैस कंपनियों के बोर्ड में हैं।

पूर्व में वे बीएसजी रिसोर्सेज- एक प्राकृतिक संसाधन और बिजली कंपनी, के साथ तेल और गैस कंपनियों के अध्यक्ष और सीईओ थे। उसके पहले, अतुल ने बुर्रेन एनर्जी पीएलसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्य किया। दो दशक से अधिक के लिए उसके पहले, वे अंतरराष्ट्रीय अपस्ट्रीम तेल और गैस के कारोबार के साथ नेतृत्व की भूमिका में चार्टरहाउस पेट्रोलियम, पेट्रोफिना, मोन्यूमेंट एंड बुर्रेन एनर्जी के साथ जुड़े। अगस्त 2006 से अगस्त 2008 तक वे हिंदुस्तान ऑयल एक्सप्लोरेशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक रहे। एक ब्रिटिश नागरिक अतुल ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री और पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में एक मास्टर की डिग्री हेनरिओट-वाट विश्वविद्यालय से हासिल की।

अपनी नियुक्ति पर अतुल कहते हैं, "मैं ऐसे समय में केयर्न में शामिल होने में ख़ुशी का अनुभव कर रहा हूँ जब कंपनी भारत के ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता की दिशा में मिशन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तत्पर है। इसके अलावा, कम कीमत पर समग्र कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का उत्पादन बढ़ाना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इन दोनों पहलुओं में केयर्न के पास उत्कृष्टता की एक मजबूत विरासत है और मैं विरासत को आगे बढ़ाने की उम्मीद कर रहा हूँ।"

रविवार, 28 फ़रवरी 2016

बाड़मेर आखिर केयर्न इंडिया कमीशनखोरी में पुब्लिक को उल्लू क्यों बना रही हैं।।



बाड़मेर आखिर केयर्न इंडिया कमीशनखोरी में पुब्लिक को उल्लू क्यों बना रही हैं।।


अस्पताल में सजावटी कार्मिक लगाये संस्था के माध्यम से।आज ग्रुप के दबाब में दिखे।।ऐसे चहरे जो कार्य कही और करते हैं हज़ारी अस्पताल में लगते हैं ।ग्रुप फॉर पीपुल्स के आज के राजकीय अस्पताल में श्रमदान और व्यवस्थाएं देखने के कार्यक्रम से केयर्न और अनुबंधित संस्था भारी दबाव में दिखे।कल रात पी एम् ओ केयर्न और संस्था के बीच आवश्यक बैठक होने की जानकारी मिली।केयर्न का दबाव था संस्था पर की सारे नियुक्त कर्मचारी हर हाल में उपस्थित हो।अस्पताल की पूर्ण सफाई हो।।आज जब श्रमदान शुरू किया गया।बाहरी सफाई के पश्चात् अस्पताल के अंदर मानो हर वार्ड में सफाई चल रही थी।आज दिन तक जो शौचालय बन्द पड़े थे सफाई के आभाव में ना केवल खोले गए साफ़ भी किये।कई महीनो से बन्द पड़ा कार्डिल्योजी वार्ड भी आज खोल गया बाकायदा सफाई हुई।सबसे गंदे वार्ड स्त्री रोग और शिशु रोग वार्ड भी आज चमके।।एक दिन की सफाई से अस्पताल का नज़ारा बदला।ग्रुप के सामजिक मुद्दों से जुड़े होने का दबाव साफ़ दिखा।मगर अस्पताल की छतो पर लगी दो दर्जन पानी की टंकिया,छतो पे बिखरी शराब की बोतले कुत्तो की गन्दगी सारा किस्सा बयान कर रही थी।।ग्रुप सदस्यों ने छतो की सफाई करीने से की।।छतो पर पड़ी गन्दगी जहाँ एक पल खड़ा रहना मुश्किल होता हे को साफ़ किया।।मेडिकल दुकानों के आसपास सेकड़ो टन कचरा हटाया ।आखिर किराए के सफाईकर्मी एक दिन सफाई कर गए।यह सफाई अगर नियमित होती हे तो किसी को इस कार्य के लिए जाने की जरुरत नही।मगर इस दिखावटी व्यवस्था पर पी एम् ओ ने भी दुखड़ा रोया।।उन्होंने जरूर कहा की आपने दूसरी संस्थाओ की तरह हमे बताया क्यों नही।।हम आपका स्वागत करते।।ग्रुप ने साफ़ कहा की हम जन हित में श्रमदान करने आये थे किसी पर धौंस ज़माने नही।हमे जरुरी नही लगा की आप लोगो को बताये ।हमने अपना काम किया।पी एम् ओ भी ग्रुप की सकारात्मक सोच के कायल हुए।।बात व्ही रूकती हैं की जिस संस्था की शिकायत खुद पी एम् ओ ने की ।जिन्हें नियमित और पुरे सफाई कर्मी न लगाने पर नोटिस जारी किये ।आखिर पुनः उनकेक्सथ अनुबन्ध कैसे हुआ ।इस संस्था ने अपना अनुबंध सब टेंडर जिसे स्थानीय भाषा में पेटी कॉन्टेक्ट कहते हे दिया हुआ हे।जो अपनी मनमर्जी करते हैं।पी एम् ओ का इन पर कोई नियंत्रण नही।यह केसी व्यवस्था।अस्पताल में काम करे उस पर पी एम् ओ का नियंत्रण नही।इस सन्स्था में कुछ उन कार्मिको के नाम हज़ारी रजिस्टर में चल रहे जो रेन बसेरा अस्पताल में कार्यरत हैं एक व्यक्ति दो स्थानों पर उपलब्ध। केयर्न के कोई सुंदरम हे जिनकी इस संस्था से अच्छी सांठ गांठ हे।राजनीती वर्चस्व वाली यह संस्था अपने कर्तव्य के प्रति जवाबदेही नही निभा रही। जिला प्रशासन और केयर्न को इस संस्था के कार्मिको और चिकित्सको को पी एम् ओ के नियंत्रण में देना चाहियेताकि अस्पताल में नियमित और व्यवस्थित सफाई व्यवस्था हो ।केयर्न द्वारा संस्था के माध्यम से नियुक्त चिकित्सको को एक गाडी भी उपलब्ध करा राखी हे।जो आज तक इन चिकित्सको को नही दिखी।।आने वाले दिनों में केयर्न और संस्था की मिलीभगत को बेनकाब भी करने का काम करेगा ग्रुप।जनता के पैसे का दुरूपयोग हर जगह।।केयर्न शायद बड़मेट की भोली भली जनता को सही पकडे हैं।जिला प्रशासन को मोनिटरिंग के लिए अपना अधिकारी नियुक्त करना चाहिए।।अस्पताल के बाहर अतिक्रमियों की फौज खड़ी हैं।केन्टीन में प्लास्टिक और पॉलीथिन में सामन देने के कारन सर्वाधिक गंदगी फैलती हैं बाहर की और शौचालय बना हुआ हे जहा व्यक्ति खड़ा नही रह सकता।।गन्दगी इतना की दो मिनट कोई वहां खड़ा रहे तो बेहोश होगा।।वार्डो में एक दिन की सफाई तो हो गयी।इसे नियमित कैसे करे ताकि मेरा बाड़मेर का यह जीवन रक्षक स्थान साफ़ सुथरा और आदर्श दिखे। मानवीय कार्यो में बेईमानी कर संस्था अपना उल्लू सीधा कर रही हैं।केयर्न को चाहिए सॉलिड मोनिटरिंग करे ।।यह कमीशन के तले होने की संभावना नही। BNT@####

मंगलवार, 16 फ़रवरी 2016

बाड़मेर केयर्न इंडिया और राजवेस्ट के सी एस आर बजट खर्च को सार्वजनिक करने को ले कर ग्रुप फॉर पीपुल्स का धरना आज

बाड़मेर केयर्न इंडिया और राजवेस्ट के 
सी एस आर बजट खर्च को सार्वजनिक करने को ले कर ग्रुप फॉर पीपुल्स का धरना आज  


बाड़मेर तेल खोज के कार्य में जुटी केयर्न इंडिया और बिजली उत्पादन की राजवेस्ट इकाई भादरेश के सी एस आर बजट को सार्वजनिक करने की मांग को लेकर ग्रुप फॉर पीपुल्स बुधवार को कलेक्ट्रेट परिसर के आगे कल धरना देगा ,ग्रुप संयोजक चन्दन सिंह भाटी ने बताया की केयर्न और राजवेस्ट सी एस आर मद में बाड़मेर की जनता के विकास पर अरबो रुपये खर्च करने का दावा करती आई हैं ,मगर आम जनता और प्रभावित क्षेत्र को जमीनी स्तर पर कोई सहायता नही मिली ,इन कम्पनियो के बजट आवंटन की प्रक्रिया ,अब तक इस मद में खर्च किये गए बजट की राशि ,राशि के उपयोग सी एस आर के बजट का क्रियान्वन योजना आगामी दो सालो की और लाभान्वित क्षेत्र को सार्वजनिक करने की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना दिया जायेगा ,ग्रुप अध्यक्ष अक्षयदान बारहट ने बताया की इन कम्पनियो से आम तोर पर सूचना के अधिकार के तहत मांगी जाने वाली सूचनाऍ उपलब्ध नही कराई जाती ,आर टी आई कार्यकर्ताओ को नियमो और सुरक्षा का झूठा हवाला देकर टरका दिया जाता हैं ,उन्होंने बताया की बाड़मेर की जनता को यह जानने का हक हैं की उनके नाम पर खहरच किये जाने वाला पैसा कहा खर्च हुआ किसने किया कितना किया ,दोनों कंपनिया जब तक बजट सार्वजनिक नही करेंगे आंदोलन जारी रखेंगे ,धरने के साथ आंदोलन का बिगुल बज जाएगा ,

रविवार, 13 दिसंबर 2015

नई दिल्ली।बड़ी खबर: केयर्न इंडिया ने की राजस्थान ब्लॉक्स में 72 करोड़ डॉलर निवेश की घोषणा



नई दिल्ली।बड़ी खबर: केयर्न इंडिया ने की राजस्थान ब्लॉक्स में 72 करोड़ डॉलर निवेश की घोषणा

राज्य की वसुंधरा सरकार के मौजूदा कार्यकाल के दो साल पूरा होने के जश्न के बीच प्रदेश को एक बड़ी खुशखबरी मिली है। केयर्न इंडिया ने उन्नत तकनीक के ज़रिए राजस्थान ब्लॉक में कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने के लिए 72 करोड़ डॉलर के निवेश से दुनिया के सबसे बड़े इनहैंस्ड ऑयल रिकवरी (ईओआर) कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है।



निजी क्षेत्र की देश की सबसे बड़ी तेल एवं गैस उत्खनन और उत्पादक कंपनी केयर्न इस ईओआर कार्यक्रम के तहत राजस्थान के बाड़मेर स्थित मंगला तेल एवं गैस क्षेत्र के ईओआर के लिए 52 करोड़ डॉलर और भाग्यम में 20 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी। केयर्न कंपनी की ये अब तक की सबसे सबसे बड़ी योजना है।



इसके अंतर्गत वर्ष 2016 तक 100 ऐप्रेजल कुओं और 350 डेवलपमेंट कुओं का काम पूरा किया जाएगा। वर्तमान में मंगला में ईओआर की पायलट परियोजना चल रही है।







कंपनी का कहना है कि वर्ष 2004 में मंगला तेल एवं गैस क्षेत्र की खोज की गई और तब से लगातार बढ़ते हुए इस वित्त वर्ष में देश के कुल कच्चा तेल उत्पादन में उसके राजस्थान ब्लॉक की हिस्सेदारी 23 प्रतिशत पर पहुंच गई है।



कंपनी अधिकारियों का कहना है कि पॉलीमर फ्लडिंग तकनीक के जरिये ईओआर के तहत पुराने या आरक्षित कुओं से तेल के उत्पादन में बढ़ोतरी की जा रही है। मंगला क्षेत्र में इस तकनीक का इस्तेमाल करने से यहां के क्रूड उत्पादन में 11 प्रतिशत अतिरिक्त की बढ़ोतरी हुई है।







कंपनी ने कहा कि भाग्यम ईओआर के लिए इंजीनियरिंग एवं डिजाइन के ऑर्डर दिये जा चुके हैं और फिलहाल यह शुरुआती चरण में है। संयुक्त उपक्रम साझेदार की तरफ से क्षेत्र विकास योजना (एफडीपी) की स्वीकृति मिलने पर यहां खुदाई एवं अन्य कार्यों के लिए ठेके दिये जाएंगे।

रविवार, 12 अक्तूबर 2014

exclusive बाड़मेर केयर्न में अरबो रुपयो के तेल की चोरी टेंकर ठेकेदारो द्वारा,बाड़मेर में ही स्थापित हे तेल सोधक ,चोरी के तेल को खुले आम बेच रहे

exclusive बाड़मेर केयर्न में  अरबो रुपयो के तेल की चोरी टेंकर ठेकेदारो द्वारा,बाड़मेर में ही स्थापित हे तेल सोधक ,चोरी के तेल को खुले आम बेच रहे




बाड़मेर रेगिस्तानी धरा में तेल खोजने में कामयाब रही केयर्न इंडिया को उनके ही ठेकेदार अब तक अरबो रुपयो का चुना लगा चुके हे मगर केयर्न को इसकी भनक तक नहीं ,तेल चोरी के के इस  बाड़मेर जिले के कई सफ़ेद पॉश शामिल हे मजे की बात हे यह सबी सफेदपोश केयर्न इंडिया के अधिकृत ठेकेदार हे ,


इन सफेदपोशो का दुःसाहस ही हे की चोरी के तेल को साफ़ करने के लिए तेज शोधक का मिनी प्लांट बाड़मेर मुख्यालय पर ही स्थापित कर दिया जिसमे क्रूड आयल को साफ़ कर खुले बाज़ार में सस्ते दामो में बेचा जा रहा हैं

बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक ने पुरे घटना क्रम को बारीकी से देखने के बाद इसका खुलासा करने का निर्णय लिया


कैसे होता हे क्रूड आयल

बाड़मेर के एम पी टी नागाणा में केयर्न का सबसे बड़ा तेल कुआ मंगला स्थापित हे ,इसी कुए से गुजरात के  सलाया तक  लाइन के जरिये तेल शोधक कारखाने पहुँचाने का काम होता हैं ,

केयर्न के अन्य तेल कुए भाडखा ,नगर ,गुड़ा ,आडेल आदि स्थानो पर हे ,इन कुओ का तेल टेंकरों के जरिये मंगला तक पहुँचाया जाता हैं ,टेंकर उपलब्ध करने का ठेका गुजरात के गांधीधाम के अग्रवाल इस रोडलिने और बाड़मेर के इन आर रोडलिने को दे रखा ,यह ठेकेदार केयर्न को टेंकर उपलब्ध करते हैं।


क्रूड तेल की चोरी का खेल

बाड़मेर के विभिन स्थानो पर स्थित केयर्न के तेल कुओ से तेल टेंकर प्रतिदिन भरे जाते हैं करीब सौ से डेढ़ सौ  भरे जाते हैंजिसमे केयर्न के भाडखा के समीप स्थित भाग्यम आयल फील्ड से करीब अस्सी टेंकर प्रतिदिन भरे जाते हे जिन्हे मंगला नागाणा एम पी टी में खली करना होता हैं। वाही गुड़ा नगर क्षेत्र से भी सरस्वती रागेश्वरी सहित अन्य कुओं से भी इतने ही टेंकर भरे जाते हैं ,टेंकरों की उपलब्धता का काम गांधीधान गुजरात की ट्रांसपोर्ट अग्गरवाल स रोडलिने और दूसरी बाड़मेर के लोकल फर्म को दे रखा हैं। 

भाग्यमसे भरे  टेंकर भाडखा भीमड़ा रोड पर तेल के बड़े बड़े तीन स्टोरेज चोरी से बनाये हुए जिन्हे बाड़मेर के एक व्यापारी द्वारा दो स्टोरेज औए एक स्टोरेज गुजरात के एक  संचालित किया जा रहा हैं। 

इन व्यापारियों की केयर्न के मंगला आयल फील्ड के अधिकारी वर्ग से पूरी तरह सांठ गाँठ कर प्रति टेंकर बीस हज़ार लीटर क्रूड आयल में से करीब पन्द्र हज़ार लीटर क्रूड आयल इन निजी स्टोरेज में खली होता हैं ,इन्हे प्रति टेंकर ढाई से तीन लाख रुपये देने की पुख्ता जानकारी मिली ,इसी तर गुड़ा नगर से आने वाले टेंकर बाड़मेर धोरीमन्ना हाई रोड पर स्थित खेत सिंह की प्याऊ के आस पास बने निजी तेल स्टोरेज में खाली होते हैं 
यह तेल स्टोरेज भी बाड़मेर के ही एक व्यापारी का हैं ,

करोडो के तेल की चोरी प्रतिदिन 

केयर्न की साइट से रात को करीब आठ बजे टेंकर भर कर  निजी स्टोरेज में करीब रात दस बजे के बाद खाली होते हैं यह गोरख धंधा रात भर चलता हैं ताकि किसी को भनक ना लगे ,सुबह तीन चार बजे तक यहाँ केयर्न के टेंकर खाली होते हैं ,इन टेंकरों के चालकों को इसके लिए अतिरिक्त पैसा मिलता हे जो प्रति टेंकर पांच से दस हज़ार रुपये होता हैं ,एक दिन में चारो स्थानो पर करीब डेढ़ सौ टेंकरों से तेल चोरी किया जाता हैं 

तेल रिफाइन के लिए मिनी प्लांट की स्थापना 

बाड़मेर के व्यापारी द्वारा चोरी के तेल खरीदे जाने के बाद उसे बाड़मेर में रिफाइन करने के लिए रिफाइन का मिनी प्लांट स्थापित किया हैं ,यह प्लांट बाड़मेर डिगडा रोड पर होना बताया जा रहा हैं ,इस प्लांट में तेल साफ होता था बाद में इसे बाज़ार की डॉ से काम कीमत में फैक्टरियों और क्रेसरो सहित कई स्थानो पर आपूर्ति की जाती थी। 

बेखबर केयर्न 

इस तेल के खेल की भनक केयर्न को नहीं थीइस क्रूड आयल चोरी से बेखबर केयर्न निश्चिन्त थी की उनकी कंपनी के सबसे ईमानदार व्यक्ति की देख रेख में तेल आपूर्ति का काम हो रहा था ,मगर ईमानदारी की आड़ में प्रतिदिन करोडो रुपयो के क्रूड आयल की हेरा फेरी की जा रही थी 

केयर्न  घटना से हतप्रभ जांच शुरू 

केयर्न को जब इस गोरख धंधे की जानकारी मिली तो सहसा उन्हें विश्वास नहीं हुआ मगर प्रारंभिक जांच में ही इस क्रूड तेल चोरी का मामला बड़े  सामने आना शुरू हुआ तो कंपनी नेस्थनीय पुलिस के साथ मिल कर पुरे मामले की तह तक पहुँचने का प्रयास कर रही हैं 

टेंकर पक्से जाने के बाद तेल चोरी फिलहाल रोकी 


गत दिनों सिणधरी पुलिस ने करीब पेंशथ हज़ार लीटर क्रूड आयल से भरे टेंकर पकडे ,यह वाकया लगभग एक  हुआ ,इस टेंकर के पकडे जाने के बाद क्रूड चोरी में जुटे व्यापारियों ने मामला ठंडा होने तक तेल चोरी का काम रोक दिया। वाही नगर क्षेत्र में बीच रस्ते में टेंकर खाली करे जाने की पुख्ता जानकारी मिली हैं 

केयर्न का बयान 

केयर्न के डी जी एम कॉर्पोरेट कम्मुनिकेशन अयोध्या प्रसाद गौड़ ने बताया की इस मामले की जानकारी मिली हे पुलिस के साथ मिल कर हम पुरे मामले की तह तक पहुँचने का प्रयास कर रहे हैं ,इसमे दोषी पाये जाने वालो के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। 



सोमवार, 8 सितंबर 2014

केयर्न इंडिया द्वारा सरकारी ख़ज़ाने में 35 हज़ार करोड़ रूपये का योगदान

राजस्थान के तेल भंडारों ने उत्पादन के पांच साल पूर्ण किये
केयर्न इंडिया द्वारा सरकारी ख़ज़ाने में 35 हज़ार करोड़ रूपये का योगदान 

केयर्न इंडिया द्वारा संचालित बाड़मेर के तेल भंडारों ने उत्पादन के पांच वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। इस अवधि में यहाँ से उत्पादित हाइड्रोकार्बन उत्पादों पर टैक्स और प्रॉफिट पेट्रोलियम के रूप में सरकार को 35 हज़ार करोड़ का योगदान मिला है।
केयर्न ने बाड़मेर में स्थित भारत के सबसे बड़े ज़मीनी तेल भंडार मंगला से 29 अगस्त 2009 को पेट्रोलियम उत्पादन शुरू किया और गत पांच वर्षो से यहाँ अनवरत उत्पादन जारी रहा। जानकारी के मुताबिक इस अवधि के दौरान मंगला तथा बाड़मेर बेसिन के अन्य तेल क्षेत्रों ने सरकारी ख़ज़ाने में लगभग पैंतीस हज़ार करोड़ रुपए का योगदान दिया है जो कि विभिन्न करों तथा प्रॉफिट पेट्रोलियम के रूप में हुआ है।
यहाँ से हुए तेल उत्पादन ने गत वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक भारत के तेल आयत बिल में एक लाख उन्नीस हज़ार करोड़ (लगभग 22 अरब डॉलर) की कटौती की है। भारत जैसे देश के लिए, जहाँ हम अपनी तेल ज़रूरतों का 80 प्रतिशत आयातित तेल से पूरा करते हैं, बाड़मेर के तेल भंडार घरेलू तेल उत्पादन का लगभग 25 प्रतिशत उत्पादित कर महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
राष्ट्र के राजस्व में योगदान के अलावा मंगला की खोज और उत्पादन ने इस क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य को भी बदल डाला है। काम वर्षा और अकाल से प्रभावित फसलों के क्षेत्र में आज आर्थिक विकास और बदलाव सहज ही महसूस किया जा सकता है। स्थानीय समुदाय ने भी उद्यमिता के सहज स्वभाव के चलते इसमें अपना योगदान दिया है। सन 2003 तक दो छोटे होटल वाला बाड़मेर शहर आज छोटे बड़े 18 होटल सहित स्वागत को तैयार है।
2009 में शुरुआत से अब तक राजस्थान के थार रेगिस्तान में स्थित इन विश्वस्तरीय तेल भंडारों से कुल 24 करोड़ बैरल तेल उत्पादित किया जा चुका है। जानकारी के मुताबिक इस ब्लॉक में हुयी 36 तेल खोजों के साथ ही उल्लेखनीय गैस भंडारों की उपस्थिति भी ज्ञात हुयी है। एक आंकलन के अनुसार इस ब्लॉक में एक से तीन खरब घन फ़ीट गैस उपस्थित है जिसमें से आधी से अधिक उत्पादित की जा सकती है।
वर्तमान में केयर्न रागेश्वरी डीप गैस फील्ड से लगभग 80 से 90 लाख घन फ़ीट गैस प्रतिदिन उत्पादित कर रहा है। इसे वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत तक दुगुने से अधिक बढ़ाते हुए लगभग 2.2 करोड़ घन फ़ीट प्रतिदिन करने और वित्तीय वर्ष 2016 तक इसको 9 करोड़ घन फ़ीट प्रतिदिन के स्तर पर ले जाने की योजना है।

गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

रिफाइनरी पर अशोक गहलोत का खेल ख़त्म किया बजट ने

रिफाइनरी पर अशोक गहलोत का खेल ख़त्म किया बजट ने


रिफायनरी की घोषणा नहीं होने से निराश राजस्थान

बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर में रिफायारी लगाने की उमीदे आज केन्द्रीय बजट में ख़तम हो गयी ,राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की चुनावी रणनीति उनके ही वित् मंत्री ने फेल कर दी .पिछले दो सालो से गहलोत रिफायारी पर बयानबाजी कर लोगो की भावनाओ के साथ खिलवाड़ कर रहे थे ,गहलोत इसे अपने चुनावी हथियार बनाना चाहते थे .पिछले दो महीनो में तो गहलोत जहां भी जाते रिफायारी की ही बात करते .गहलोत की मुहीम को वित् मंत्री ने करत्रा झटका दे दिया ,बाड़मेर के लोग ही नहीं राजस्थान के लोग इससे निराश हुए हें ,बाड़मेर के लोगो को कोंग्रेस के नेता रिफायारी लगाने की बात पर हर बार बरगला रहे थे ,वास्तविकता सामने अब आ ही गई .हालांकि विशेषज्ञ जानते थे की रिफायनरी राजस्थान में किसी सूरत में लगनी नहीं .खैर बजट ने गहलोत का खेल ख़त्म कर दिया . वित्त मंत्री पी. चिदंबरम गुरूवार को जब संसद में आम बजट पेश कर रहे थे,राजस्थान तेल रिफाइनरी की घोषणा पर टकटकी लगाए ब्ौठा था। लेकिन प्रदेश को इस बहुप्रतिक्षित रिफाइनरी को लेकर मायूसी के अलावा कुछ हाथ नहीं लगा।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान वर्ष में राज्य के चुनाव के मद्देनजर आम बजट में राज्य सरकार प्रदेश में रिफाइनरी की मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद थी। लेकिन अब माना जा रहा है कि यूपीए सरकार ने आने वालो चुनावों को ध्यान में रखते हुए ही रिफाइनरी की घोषणा को अपने पिटारे में ही रखा। और राजनीतिक फायदा देखते हुए इसकी घोषणा अब चुनावों से पहले कभी भी की जा सकती है।


ज्ञात हो कि राजस्थान में 9 मिलियन टन की तेल रिफाइनरी लगाने की तैयारी है। वर्तमान में प्रदेश में उत्पादन भी सालाना 9 मिलियन टन हो रहा है। वहीं डायरेक्टर जनरल हाइड्रो कार्बन का आकलन है कि प्रदेश में 2020 के बाद कच्चे तेल के उत्पादन में गिरावट आ सकती है। इन हालात में प्रदेश में करीब 40 हजार करोड़ रूपए से लगाई जा रही रिफाइनरी के लिए कच्चा तेल आयात करना पड़ सकता है।

उल्लेखनीय है कि हाल ही रिफाइनरी लगाने को लेकर हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (एचपीसीएल) के अधिकारियों से वार्ता के लिए मुम्बई गए अधिकारियों की इस मुद्दे पर उनसे मंथन हुआ था।


केयर्न ने तैयारी शुरू की

केयर्न इंडिया ने 1.25 लाख बैरल और तेल उत्पादन बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। कम्पनी सूत्रों के अनुसार दो-तीन महीने में तेल का उत्पादन बढ़ने लगेगा। इसे पहले 1.90 लाख बैरल,फिर 2.40 लाख बैरल व अन्त मे तीन लाख बैरल के लक्ष्य को छु लिया जाएगा। इसमें करीब एक साल लगेगा।

कम्पनी राज्य के सबसे बड़े तेल क्षेत्र मंगला का उत्पादन बढ़ाएगी। इसके लिए मंगला से जुड़े छोटे-छोटे तेल कुओं को मुख्य लाइन से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा ऎश्वर्या,शक्ति,कामेश्वरी व तुगाराम तेल क्षेत्रों से तेल का उत्पादन शुरू किया जाएगा। अभी मंगला से 1.50 लाख व भाग्यम व सरस्वती से 25 हजार बैरल तेल का खनन किया जा रहा है।

गुजरात के रास्ते आएगा अरब का तेल !

पेट्रोलियम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक वहां यह बात भी रखी गई थी कि राजस्थान में तेल उत्पादन में गिरावट पर अरब देशों से गुजरात होते हुए बाड़मेर पाइपलाइन के जरिए कच्चे तेल का का आयात किया जा सकता है।