जैसलमेर पोकरण विधानसभा क्षेत्र चुनाव कांग्रेस लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
जैसलमेर पोकरण विधानसभा क्षेत्र चुनाव कांग्रेस लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

रविवार, 27 अक्टूबर 2013

पोकरण विधानसभा क्षेत्र। । व्यक्तिगत प्रभाव कारगार साबित होगा इस बार


पोकरण विधानसभा क्षेत्र। । व्यक्तिगत प्रभाव कारगार साबित होगा इस बार

गाजी फ़क़ीर परिवार के वर्चस्व को मिलेगी चुनोती 


सरहदी जिले जैसलमेर के पोकरण विधानसभा का गठन 2008 के चुनावो से पूर्व परसीमन के दौरान हुआ। स्वतंत्र रूप से पहला चुनाव 2008 में हुआ। जिसमे कांग्रेस के उम्मीदवार साले मोहम्मद ने भाजपा प्रत्यासी शैतान सिंह को कुछ सौ मतों से पराजित कर पोकरण के प्रथम विधायक बनाने का सुख हासिल किया। मतगणना के अंतिम राउंड में शाले मोहम्मद ने भाजपा के शैतानसिंह को पोकरण निर्वाचन क्षेत्र में मात्र 339 मतों से हराकर जिले में पहली बार एक मुस्लिम विधायक बनने का गौरव हासिल किया। इस बार चुनावी रंगत में बदलाव नज़र आ रहा हें। भाजपा और कांग्रेस अपने शक्तिशाली नेताओ की प्रारंभिक सभे कर चुके हें ,कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और भाजपा के लिए वसुंधरा राजे चुनावी बिगुल की शुरुआत कर चुकी हें। 

संसदीय चुनावो में पोकरण विधानसभा को जोधपुर संसदीय क्षेत्र का हिस्सा बनाने से लोगो को परेशानी हो रही हें। परिसीमन के बाद पोकरण विधानसभा जैसलमेर बाड़मेर संसदीय क्षेत्र से हटा कर इसे जोधपुर में शामिल किया गया। 

जातिगत समीकरण पोकरण विधानसभा में सेंतीस हज़ार राजपूत ,उनचालीस हज़ार मुस्लिम ,उनीस हज़ार अनुसूचित जाती बारह हज़ार अनुसूचित जन जाती तेरह हज़ार जाट विश्नोई चार चार हज़ार बाकी अन्य जातीय के वोट हें। वैसे देखा जाये तो जातिगत आंकड़े कांग्रेस के पक्ष में हें। मुस्लिम एस सी एस टी और जाट विश्नोई कांग्रेस के परम्परागत वोट रहे हें। 
गत जीत। । गत चुनावो में साले मोहम्मद कांग्रेस के गढ़ में महक तीन सौ उनचालीस मतों से ही चुनाव जीते ,इसका सीधा अर्थ हें कांग्रेस के परंपरागत मतों में सेंधमारी हुई थी।


इस बार विधानसभा चुनावो में कांग्रेस भाजपा आमने सामने होगी। कांग्रेस साले मोहम्मद या अब्दुला फ़क़ीर को तो भाजपा शैतान सिंह को चुनावी मैदान में उतरने की तयारी में हें 
पिछले छ माह से बाड़मेर जिले के तारातरा मठ के स्वामी प्रताप पूरी पोकरण में सभे कर माहौल गर्माने में जुटे हें। पहले उनके मन में कही पोकरण से चुनाव लड़ने का इरादा साफ़ नज़र आ रहा था ,मगर उनके चुनाव लड़ने से पोकरण में हिन्दू मुस्लिम कार्ड चलना तय था ,राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ का पोकरण गढ़ हें ,शैतान सिंह संघ की पहली पसंद थे। जिसे भाजपा ने भी स्वीकार किया। गत चुनावो में ब्व्हाजापा के धुरंधर नेताओ ने ही भाजपा को जीतने से रोका था। मगर अब पोकरण की गणित वसुंधरा राजे को समझ आ गयी ,उन्होंने भाजपा के भीतरघात करने वाले धुरंधरो को हडकाते हुए पहले से ही चेता। दिया भाजपा के संभावित प्रत्यासी शैतान सिंह की साफ़ छवि उन्के सहायक सिद्ध हो सक्लती हें हार के बावजूद पांच साल लोगो के बीच रहे। उन पर गुटबाजी का भी कोई आरोप नहीं हें। 
भाजपा पोकरण सीट जीतने के लिए विशेष प्रयास कर रही हें। अल्पसंख्यक वर्ग में कायाम्दीन कोटवाल भाजपा के लिए सारथि साबित हो सकते हें। 
कांग्रेस गाजी फ़क़ीर प्रकरण से परेशां। … पोकरण विधायक साले मोहम्मद पर जिला पुलिस रास्ग्त्र द्रोह के संगीन आरोप जड़ चुके हें जिसमे पाकिस्तान नागरिक को विधायक द्वारा पनाह देना ,पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट। के आलावा उनके पिता गाजी फ़क़ीर की बंद हिस्ट्रीशीट वापस खुलना घटक साबित हो सकता हें इस प्रकरण से विधायक परिवार को नुकसान होता हें या फायदा मिलता हें देखने वाली बात हें। हल ही में गाजी प्रकरण की जांच पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने रिपोर्ट तलब की हें। फ़क़ीर परिवार के सबसे छोटे पुत्र के भरष्टाचार के कारनामो की गूंज राष्ट्रीय चेनलो तक जा पहुंची हें। जैसलमेर और पोकरण की सरकारी योजनाओ के सारे काम इनके या या इनके समर्थको की फार्म को दिए गए हें। सरकारी योजनाओ के काम गाँवों में हो नहीं रहे मगर फर्जी उपयोगिता प्रमाण पत्रों के जरिये करोडो रुपयों का फर्जी भुगतान उठाया गया हें। यह सब पोकरण की जनता की जेहन में हेंपांच साल की उपलब्धिया। । साले मोहम्मद के पांच साल के कार्यकाल की कोई खास उपलब्धि पोकरण के लिए खास नहीं रही उनका सारा ध्यान जैसलमेर विधानसभा में रहा। विधायक कोष का पैसा जरुर पोकरण में लगा। मगर योजनाओ की जिस कदर वर्ग विशेष के खास लोगो में बंदरबांट की गयी उससे जनता जरुर खफा हें।