मानवता लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
मानवता लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

सोमवार, 18 मई 2020

कोरोना कर्मवीर बाड़मेर सरहदी गाँवो में जरुरतमंदो का लॉक डाउन में भोजन सामग्री उपलब्ध करा अपना फर्ज निभा रहे धन सिंह

कोरोना कर्मवीर

बाड़मेर   सरहदी गाँवो में जरुरतमंदो का लॉक डाउन में भोजन सामग्री उपलब्ध करा  अपना फर्ज निभा रहे धन सिंह

धन सिंह मौसेरी

बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले में कोरोना संक्रमणकाल और लॉक डाउन अवधि में जनहितार्थ कार्यो के लिए युवाओ ने जिस कदर कमान संभाली वो काबिल ए तारीफ हैं ,जिला मुख्यालय पर जरुरतमंदो के लिए बहुत भामाशा आगे आये मगर भारत पाकिस्तान सीमा पर बसे गाँवो में रह रहे जरूरतमंद ग्रामीण परिवारों के लिए युवा उद्द्यमी धन सिंह मौसेरी मदददगार बनकर सामने आये ,उन्होंने मानवता अक परिचय देते हुए लोगो की मदद के लिए आगे आये ,धन सिंह मौसेरी ने बताया की शहरी क्षेत्र में बहुत से लोग कार्य कर रहे थे ,ऐसे में सरहद के अंतिम गाँवो में बैठे असहाय ,निर्धन ,पिछड़े ,दिव्यांग ,विधवाओं की दैनिक सामग्री की जरूरते पूरी करने वाला कोई नहीं था ,ऐसे में हमने अपने सहयोगी साथियो के साथ सरहदी   गाँवो हरसाणी,मगरा,तुडबी,गोरडिया,खारची,मौसेरी,बालेबा,बालेबाढाणी,रेडाणा,सोलीकिया,तानुमानजी,तानुरावजी,आचाराणीयो की ढाणी,कुभारो की ढाणी,व पुरे सीमावर्ती क्षेत्र के  गाँवो के जरूरतमंद परिवारों को दैनिक खाद्य सामग्री के किट वितरण के लिए सर्वे करवाकर उन्हें सामग्री पहुंचाई ताकि उन्हें समय पर भोजन उपलब्ध हो सके ,इन गाँवो में आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों का चयन कर उन्हें खाद्य सामग्री पहुंचाई गयी ,साथ ही उनके स्वास्थ्य और इम्मयूनिटी पावर बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक काढ़े की व्यवस्था कर उन्हें पिलाया गया ,लॉक डाउन अवधि में पांच सौ से अधिक सरहदी गाँवो के जरूरतमंद परिवारों को नियमित खाद्य सामग्री के किय भिजवाए जा रहे हैः ताकि कोई भूखा नहीं सोये ,उन्होंने अपने कार्यकर्ताओ की टीम बनाकर ग्रामीण क्षेत्रो में कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूकता का भी अभियान चला लोगो को जागरूक किया ,मौसेरी द्वारा सीमावर्ती गाँवो में बड़ी तादाद में मास्क और सेनेटाइजर का वितरण भी किया गया ताकि लोग संक्रमण से सुरक्षित रह सके ,मौसेरी ने सेवा भारती समिति बाड़मेर(संघ) को भी अपना आर्थिक सहयोग दिया ताकि लोगो को आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया जा सके ,भामाशा के रूप में धन सिंह मौसेरी लम्बे समय से बाड़मेर जिले की सेवा में जुटे हैं ,वो खुद ग्रामीण परिवेश से हे सरहदी क्षेत्र से आते हैं ,सहज ,सरल ,मिलनसार युवा उद्द्यमी धन सिंह मौसेरी के द्वारा संकट काल में सीमावर्ती गाँवो के लोगो की मदद करना निसंदेह पुनीत कार्यो में सुमार हैं ,सरहद वासी धन सिंह को पुनीत कार्य के लिए दुआएं दे रहे हैं

--------------------------------------------------------------------------------------------

  

सोमवार, 19 अगस्त 2013

बाड़मेर सीमा पर पाक नागरिक की सेवा कर मानवता का परिचय दिया भारतियों ने


फिर भी दिल हें हिंदुस्तानी। ।घर में आये दुश्मन को भी पनाह 

पाक नागरिक की सेवा कर मानवता का परिचय दिया भारतियों ने
चन्दन सिंह भाटी
बाड़मेर सीमा पर आये दिन भले ही पाकिस्तान अपनी घटिया हरकतों से बाज़ नहीं आये और वो भारत के जवानो को बेदर्दी से मारता हो लेकिन भारत की और से पाकिस्तान के नागरिको को मानवीयता के नाते हर तकलीफ से साथ रह कर उन्हें सहूलियत देने का प्रयास कर रहा हैं. भारत की दयालुता का उदाहरण देखने को मिला। आप यकीन मानिए कि अब्दुल वाहिद का कहना है कि इस तकलीफ की घड़ी में जो भारत के अधिकारिए ने मेरी जो खिदमत और ख्याल रखा है उसे में अब पूरी जिन्दगी नहीं भूल सकता हु

इस वक्त सीमा पर तनाव है दोनों मुल्क के रिश्ते दिनों ब दिन बिगड़ते जा रहे है लेकिन जो कुछ रविवार को मुनाबाव अंतराष्टीय स्टेशन पर हुआ उसे सुनकर और देखकर शायद पाकिस्तान को अपने आप पर शर्म आ जाए वो सेनिको के सर काटने जेसी घटनाओ को दुबारा न करे भारत पाक सीमा पर स्थित मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर थार एक्सप्रेस से भारत आ रहे एक पाकिस्तानी नागरिक की तबियत बेहद खराब हो गई और उसको सीने में जबरदस्त दर्द के चलते मानवीयता के नाते भारत सरकार ने मुनाबाव से बाड़मेर अस्पताल भिजवाया जबकि नियम के मुताबिक थार एक्सप्रेस से यात्रा करने वाले हर नागरिक को जोधपुर जाना पड़ता हैं और वो बीच में कहीं पर भी नहीं उतर सकता। पाकिस्तान के इस नागरिक को बाड़मेर अस्पताल में आईसीयू वार्ड में गम्भीर अवस्था के चलते भर्ती करवाया गया हैं. 

इस पाक नागरिक का नाम अब्दुल वाहिद पुत्र जहूर अहमद निवासी गुल बहार कराची हैं. इसके साथ उसकी पत्नी हुस्ना बानो , पुत्र मुहम्मद हसनैन, मुहम्मद कुनैन साथ थे जिनमे उसकी पत्नी को जोधपुर भिजवाया गया हैं जबकि दोनों पुत्रो को बाड़मेर साथ ले आया गया हैं. मुनाबाव में इसको प्राथमिक उपचार दे दिया गया था लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा. ऐसे में इस पाकिस्तानी नागरिक को बाड़मेर लाया गया.मुनाबाव में ही इस पाकिस्तानी नागरिक को एम्बुलैंस की सुविधा मय चिकित्सक उपलब्द्ध करवाई गई.इस पाकिस्तानी नागरिक अब्दुल वाहिद के अनुसार जब वो पकिस्तान से बेठे तो सब ठीक था लेकिन गर्मी की वजह से अचनाक ही मुनाबाव ने हार्ड दर्द करने लग गया जब मेने मुनाबाव में भारत के अधिकारियो को बताया तो उन्होंने मुझे और मेरे बेटे को बाड़मेर के बड़े अस्पताल में मेरा इलाज शरू कराया अब मेरी तबियत एक दम सही है में जयपुर में अपने रिस्तेदारे से मिलने परिवार के साथ आया हु मेरी इन अधिकारियो ने जो खिदमत की है वो यकीनन काबिले तारीफ है इस बात को कभी भूल नहीं पाउगा बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं भारत की और से दी गई हैं और निशुल्क एम्बुलैंस उसको जोधपुर तक छोड़ कर आएगी ये भी वो नहीं भूल सकता।
 
 अचनाक ही मुनाबाव ने हार्ड दर्द करने लग गया जब मेने मुनाबाव में भारत के अधिकारियो को बताया तो उन्होंने मुझे और मेरे बेटे को बाड़मेर के बड़े अस्पताल में मेरा इलाज शरू कराया अब मेरी तबियत एक दम सही है में जयपुर में अपने रिस्तेदारे से मिलने परिवार के साथ आया हु मेरी इन अधिकारियो ने जो खिदमत की है वो यकीनन काबिले तारीफ है इस बात को कभी भूल नहीं पाउगा
भारत के कई अधिकारी और जवान पूरी रात इस पाकिस्तानी नागरिक को अच्छी चिकित्सा सुविधा दिलाने के लिए अस्पताल में बैठे रहे. सीआईडी सीबी के सब इन्स्पेटर दलपत सिंह चौधरी के अनुसार उन्होंने मानवीयता के नाते हर सुविधा पाकिस्तानी नागरिक को उपलब्ध करवाई हैं और इस नागरिक के स्वास्थ्य में काफी सुधर हुआ हैं.अब इससे जोधपुर इलाज के लिए भेजा जा रहा है जिसके लिए नि :शुल्क एम्बुलैंस में जोधपुर भेजा जा रहा है

उन्होंने मानवीयता के नाते हर सुविधा पाकिस्तानी नागरिक को उपलब्ध करवाई हैं और इस नागरिक के स्वास्थ्य में काफी सुधर हुआ हैं.अब इससे जोधपुर इलाज के लिए भेजा जा रहा है जिसके लिए नि :शुल्क एम्बुलैंस में जोधपुर भेजा जा रहा है

शायद यह मानवीयता है जो भारत को पकिस्तान को जुदा बनाती है एक तरफ तो हम मानवीयता के नाते इंसान कोई फर्क नहीं समझते है और तकलीफ में हम पाकिस्तानी नागरिक की भी नियमो के विरुद्ध जाकर मदद करते है तो दूसरी तरफ पाकिस्तान है जो कि मानवीयता की सारी हदे पार कर हमारे जाबाज जवानो के सर काट कर ले जाता है और शर्म तक नहीं आती पाकिस्तान को बहरहाल जो भी हो शायद इसलिए कहते है इट्स हैपन ओनली इन इंडिया