गुडा मालानी विधानसभा क्षेत्र चुनावी रणभूमि से
कांटे कि टक्कर हें गुडा मालानी में। । मतदाता खामोश चुनावी हलचल में उत्साह नहीं
चन्दन सिंह भाटी
कांटे कि टक्कर हें गुडा मालानी में। । मतदाता खामोश चुनावी हलचल में उत्साह नहीं
चन्दन सिंह भाटी
बाड़मेर सरहदी जिले कि बहुचर्चित गुड़ा मलानी विधानसभा क्षेत्र में इस बार तीसरी बार फिर कांग्रेस के हेमाराम चौधरी और भाजपा के लादूराम विश्नोई आमने सामने हें। दो बार लगातार लादूराम से मुकाबला हेमाराम जीते हें ,मगर इस बार हेमाराम चौधात्री कड़े मुकाबले में फंस गए जहा कुछ भी परिणाम आ सकते हें ,
जाट सीट। । यह सीट परम्परागत रूप से जाट सीट हें जिसे आरम्भ से पिछले चुनावो तक कोई हिला नहीं सका। इस सीट पर जाट समाज के आदर्श पुरुष रमदान चौधरी ,उनके पुत्र गंगाराम चौधरी ,श्रीमती मदन कौर ,पारस राम मदेरणा विधायक रह चुके हें तो चार बार हेमाराम चौधरी विधायक और मंत्री बने।
कांग्रेस। कांग्रेस के पास इस वक्त राज्य में एक मात्र जाट नेता के नाम पर हेमाराम चौधरी हें जो इस सरकार में राजस्व मंत्री हें ,साफ़ और ईमानदार छवि के धनि हेमाराम चौधरी से क्षेत्र के लोगो कि अपणायत हें ,हेमाराम राजनीती नहीं सामाजिक व्यव्हार कुशल हें ,क्षेत्र में उनकी गहरी पकड़ हें ,उन्हें कभी चुनाव के लिए स्टार प्रचारक कि जरुरत नहीं पड़ती ,सहज ,सीधे और बेहद संवेदनशील व्यक्ति हेमाराम कि सादगी के लोग आज भी कायल हें ,वे अपने मतदाताओ से सीधे जुड़े हेह जिसका फायदा उन्हें चुनावो में मिलता हें। क्षेत्र में विकास के कम भी करवाए।
भाजपा। । भाजपा पिछले दो चुनावो में अभियंता रहे लादूराम विश्नोई को मैदान में उतर रही हें ,मैडम वसुंधरा राजे के नज़दीक मने जेन वाले विश्नोई भी बेहद सरल और सहज स्वाभाव के हें ,उन्होंने क्षेत्र में बहुत अच्छी पकड़ बनाई हें ,क्षेत्र के मतदाताओ से सीधा संपर्क होने के साथ उनके सुख दुःख में काम आते हें ,लादूराम राजनीती के खिलाडी नहीं हें ,दो बार चुनाव जीतते जीतते रह गए ,गत बार चुनाव हरने के बावजूद तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने उन्हें ख़ास विभाग मुख्यमंत्री मॉनिटरिंग सलाकार बना उन्हें राजनैतिक हैसियत दी ,इस हैसियत का उन्होंने अपने क्षेत्र के लोगो के लिए खूब फायदा उठाया ,चुनाव हरने के बाद लोगो के काम करवाए। लोगो ने उन्हें हमेशा हाथो हाथ लिया मगर उन्हें कूटनीति न आने के कारन मात खा गए। वसुंधरा राजे और नरेंद्र मोदी कि लोकप्रियता का उन्हें फायदा मिलेगा
कमज़ोरी कांग्रेस कि। । इस बार कांग्रेस प्रत्यासी के सामने कांग्रेस के बिखरते वोटबेंक को रोकना चुनौती बन गया ,कांग्रेस द्वारा सिवाना से कलबी जाति के उम्मीदवार को टिकट न देकर नाराजगी मूल ले ली वाही राजस्व मंत्री और विधायक हेमाराम चौधरी द्वारा पहले मंत्री पद से इस्तीफा ,फिर इस सीट से ना लड़ने का निर्णय ,ना नुकुर से मतदाताओ में उल्टा सन्देश गया कि मंत्रीजी हार के दर से चुनाव लड़ना नहीं चाहते थे। जातिगत समीकरणों को इस बार हेमाराम चौधरी पकड़ में नहीं रख प् रहे हें।
भाजपा कि कमज़ोरी। ।भजप इस सीट पर दो बार जीत के मुहाने पर पहुँच रणनीति के भाव में हर गई ,भाजपा के वास कर्मठ कार्यकर्ताओ का आभाव ,प्रत्यासी लादूराम विश्नोई सक्षम कार्यकर्ताओ का सही उपयोग नहीं कर पा रहे ,भीतरघात को पहचानने कि क्षमता नहीं होने से भाजपा का गेम हो जाता हें।
मगर इस बार भाजपा के प्रति लोगो में उत्साह में वृद्धि साफ़ देखि जा रही। हें भाजपा से कई समाज जुड़े हें तो कांग्रेस अपने वोट बेंक के बिखराव को रोकने कि जुगत में हें ,हेमाराम चौधरी अति संवेदनशील व्यक्ति हें और उन्हें इमोसनल वोट लेना आता हें लादूराम विश्नोई इस कला से अभिज्ञ हें। ऐसे में हेमाराम चौधरी पांचवी मर्तबा जीतने के लिए कड़ी टक्कर दे सकते हें लादूराम विश्नोई के लिए राह इतनी आसान नहीं जीतनी भाजपा समझ रही हें
जाट सीट। । यह सीट परम्परागत रूप से जाट सीट हें जिसे आरम्भ से पिछले चुनावो तक कोई हिला नहीं सका। इस सीट पर जाट समाज के आदर्श पुरुष रमदान चौधरी ,उनके पुत्र गंगाराम चौधरी ,श्रीमती मदन कौर ,पारस राम मदेरणा विधायक रह चुके हें तो चार बार हेमाराम चौधरी विधायक और मंत्री बने।
कांग्रेस। कांग्रेस के पास इस वक्त राज्य में एक मात्र जाट नेता के नाम पर हेमाराम चौधरी हें जो इस सरकार में राजस्व मंत्री हें ,साफ़ और ईमानदार छवि के धनि हेमाराम चौधरी से क्षेत्र के लोगो कि अपणायत हें ,हेमाराम राजनीती नहीं सामाजिक व्यव्हार कुशल हें ,क्षेत्र में उनकी गहरी पकड़ हें ,उन्हें कभी चुनाव के लिए स्टार प्रचारक कि जरुरत नहीं पड़ती ,सहज ,सीधे और बेहद संवेदनशील व्यक्ति हेमाराम कि सादगी के लोग आज भी कायल हें ,वे अपने मतदाताओ से सीधे जुड़े हेह जिसका फायदा उन्हें चुनावो में मिलता हें। क्षेत्र में विकास के कम भी करवाए।
भाजपा। । भाजपा पिछले दो चुनावो में अभियंता रहे लादूराम विश्नोई को मैदान में उतर रही हें ,मैडम वसुंधरा राजे के नज़दीक मने जेन वाले विश्नोई भी बेहद सरल और सहज स्वाभाव के हें ,उन्होंने क्षेत्र में बहुत अच्छी पकड़ बनाई हें ,क्षेत्र के मतदाताओ से सीधा संपर्क होने के साथ उनके सुख दुःख में काम आते हें ,लादूराम राजनीती के खिलाडी नहीं हें ,दो बार चुनाव जीतते जीतते रह गए ,गत बार चुनाव हरने के बावजूद तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने उन्हें ख़ास विभाग मुख्यमंत्री मॉनिटरिंग सलाकार बना उन्हें राजनैतिक हैसियत दी ,इस हैसियत का उन्होंने अपने क्षेत्र के लोगो के लिए खूब फायदा उठाया ,चुनाव हरने के बाद लोगो के काम करवाए। लोगो ने उन्हें हमेशा हाथो हाथ लिया मगर उन्हें कूटनीति न आने के कारन मात खा गए। वसुंधरा राजे और नरेंद्र मोदी कि लोकप्रियता का उन्हें फायदा मिलेगा
कमज़ोरी कांग्रेस कि। । इस बार कांग्रेस प्रत्यासी के सामने कांग्रेस के बिखरते वोटबेंक को रोकना चुनौती बन गया ,कांग्रेस द्वारा सिवाना से कलबी जाति के उम्मीदवार को टिकट न देकर नाराजगी मूल ले ली वाही राजस्व मंत्री और विधायक हेमाराम चौधरी द्वारा पहले मंत्री पद से इस्तीफा ,फिर इस सीट से ना लड़ने का निर्णय ,ना नुकुर से मतदाताओ में उल्टा सन्देश गया कि मंत्रीजी हार के दर से चुनाव लड़ना नहीं चाहते थे। जातिगत समीकरणों को इस बार हेमाराम चौधरी पकड़ में नहीं रख प् रहे हें।
भाजपा कि कमज़ोरी। ।भजप इस सीट पर दो बार जीत के मुहाने पर पहुँच रणनीति के भाव में हर गई ,भाजपा के वास कर्मठ कार्यकर्ताओ का आभाव ,प्रत्यासी लादूराम विश्नोई सक्षम कार्यकर्ताओ का सही उपयोग नहीं कर पा रहे ,भीतरघात को पहचानने कि क्षमता नहीं होने से भाजपा का गेम हो जाता हें।
मगर इस बार भाजपा के प्रति लोगो में उत्साह में वृद्धि साफ़ देखि जा रही। हें भाजपा से कई समाज जुड़े हें तो कांग्रेस अपने वोट बेंक के बिखराव को रोकने कि जुगत में हें ,हेमाराम चौधरी अति संवेदनशील व्यक्ति हें और उन्हें इमोसनल वोट लेना आता हें लादूराम विश्नोई इस कला से अभिज्ञ हें। ऐसे में हेमाराम चौधरी पांचवी मर्तबा जीतने के लिए कड़ी टक्कर दे सकते हें लादूराम विश्नोई के लिए राह इतनी आसान नहीं जीतनी भाजपा समझ रही हें