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शनिवार, 28 मार्च 2020

केयर्न इंडिया की तेल उत्पादन साइटों पर श्रमिकों को जबरदस्ती बसों में ठूंस काम पे ले जाया जा रहा


केयर्न इंडिया की तेल उत्पादन साइटों पर श्रमिकों को जबरदस्ती बसों में ठूंस काम पे ले जाया जा रहा 
न सुरक्षा के लिए मास्क न सेनेटराइज उपलब्ध ,श्रमिकों ने घर जाने  इच्छा जताई ,

चंदन सिंह भाटी 
बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर में तेल उत्पादन में जुटी कैयर्न इंडिया और वेदांता की साइटों पर कोरोना वायरस के संक्रमण से कार्मिको की सुरक्षा के लिए कोई प्रबंध नहीं किये ,लॉक डाउन के नियमो के विपरीत कार्मिको कार्मिको को बसों में ठूंस ठूंस कर भर कर साइटों पर जबरदस्ती काम पे ले जाया जा रहा हैं ,इन कार्मिको के लिए कम्पनी ने न तो मास्क की व्यवस्था की न ही सेनेट्राइज की ,जबकि कम्पनी के दो कार्मिकों को इसी साइट से होम आईसोलेशन के लिए ले जाया गया हैं ,कार्मिको को कोरोना संक्रमण का खौफ  सत्ता रहा हैं कंपनी द्वारा सोसल डिस्टेटिंट की पालना भी नहीं की जा रही एक ही बस  में सौ व्यक्ति ठूंस कर ले जाये जा रहे हैं ,मगर कम्पनी वाले इनकी कोई बात नहीं सुन रहे ,कंपनी कार्मिको के जिंदगी के खिलवाड़ कर तेल प्रोडक्शन जारी रखना चाहता हैं जबकि देश भर के उद्योग ठप्प हैं ,कार्मिको ने साइटों से विडिओ बनाकर यूनीवार्ता को उपलब्ध कराये जिसमे कार्मिक साफ़ बोल रहे की उनसे जबरदस्ती काम कराया जा रहा हैं ,सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किये जा रहे ,इधर एम् पी टी मंगला वेलपैड 19 साइट पर सौ कार्मिक और कैलाश इंटनेशनल नागाणा बेस कैंप में पांच सो से अधिक कार्मिको की दुर्दशा हो रही हे मगर इनकी कोई सुनने वाला नहीं ,ऐसे में कार्मिको में विद्रोह होने की पूरी सम्भावना हैं। विद्रोह से अराजकता की स्थति पैदा हो सकती हैं जिससे निपटना कम्पनी के लिए मुश्किल होगा,कार्मिकों के  धरने और हड़ताल पर जाने से भी इंकार नहीं किया जा सकता ,

इस सम्बन्ध में कैयर्न इंडिया के वरिष्ठ लाइजन अधिकारी अयोध्या प्रसाद गौड़ ने बताया की देश कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा हैं तेल उत्पादन बंद नहीं रख सकते ,कार्मिको की सुरक्षा के अगर उपाय नहीं हे तो उन्हें उपलब्ध कराये जायेंगे ,कम्पनी कार्मिको की सुरक्षा के समस्त उपाय करेगी ,उन्होंने बताया की हम अपनी साइटों पर पता करवा रहे हैं जहाँ जहाँ कमियां आ रही उन्हें दुरुस्त कर रहे हैं

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ कमलेश चौधरी ने बताया की केयर्न की मंगला  एक संदिग्ध को लाये थे ,जिसे होने आईसोलेशन पर भेजा जाकर इसकी जाँच के नमूने भेजे गए थे जो नेगेटिव आये 

गुरुवार, 12 सितंबर 2019

बाड़मेर सी एस आर के पैसे का हिसाब मांगो कलेक्टर साहब।।बंदरबांट को रोको ।।जनता को लाभ पहुंचाओ।।*

बाड़मेर सी एस आर के पैसे का हिसाब मांगो कलेक्टर साहब।।बंदरबांट को रोको ।।जनता को लाभ पहुंचाओ।।*

*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक चन्दन सिंह भाटी*
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*बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर में कार्यरत केयर्न इंडिया,वेदांता और राजवेस्ट पावर प्लांट परियोजनाओं में सी एस आर फंड की व्यवस्था है।जिसका उद्देश्य परियोजना के आसपास और प्रभावित गांवों का सामुदायिक संगठन से विकास करना जिसके लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित है जो अब तक कि सबसे नकारा कमिटी हैं क्योंकि सी एस आर का फंड कंपनी अधिकारी अपनी मनमर्जी से बंदरबांट करते हैं।जिसमे लेनदेन करने वाली संस्थाए खूब फल फूल रही हैं।इस मद में अब तक कम्पनियों ने करोड़ो रुपये व्यय करने का दावा कर रही हैं।मगर यह पैसा आज तक प्रभावित क्षेत्र और उनके रहवासियों को राहत नही दे सका।निरंकुश हो चुके अधिकारी अपनी गणित को ध्यान में रख चंद संगठनों के साथ सेटिंग रख उन्ही को बजट आवंटित करती हैं इन अधिकारियों को हिसाब पूछने वाला कोई नही।।यह मामला विधानसभा में भी उठा।इसके खिलाफ धरने प्रदर्शन भी हुए मगर इन कंपनियों के कानों पे जूं नही रेंगी।इनकी मनमर्जी अनवरत जारी हैं।क्योंकि इनका कहना है सूचना का अधिकार इन पे लागू नही हैं।आर टी आई लगाई तो उसका जवाब एक लाइन में देते है कि हम आपको सूचना राष्ट्रहित में नही दे सकते।।जिला कलेक्टर सी एस आर कमिटी के अध्यक्ष होने के बावजूद उन्हें पता नही की कितना बजट ये लोग सामुदायिक विकास के नाम ठग चुके हैं।।जिला कलेक्टर को चाहिए जिन जिन संस्थाओं को सी एस आर बजट आवंटन किया उनकी स्पेसल ऑडिट के साथ कार्यो का भौतिक सत्यापन कराया जाए।।उच्च स्तरीय एजेंसी से जांच कराई जाए।सूत्रों की माने तो सारा खेल कमीशन खोरी पे चलता हैं।।सी एस आर फंड से बाड़मेर और बाड़मेर के गांवों का विकास होना चाहिए।इस फंड के पैसे का सदुपयोग हो।इसके लिए जिला कलेक्टर को कड़े कदम उठाने होंगे साथ ही चापलूस किस्म की संस्थाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे।।*

*बाड़मेर की जनता को युवा और ऊर्जावान कलेक्टर से बड़ी उम्मीदें हैं।भ्रस्टाचार के इस खेल की कलाई भी आप ख़ौल सकते हैं। सी एआस आर फंड का आवंटन सी एस आर कमिटी के माध्यम से स्वीकृति के बाद हो ऐसी व्यवस्था की जाए।।ताकि बाड़मेर की जनता को इसका लाभ मिले।।*