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गुरुवार, 12 जनवरी 2017

बाड़मेर.बाड़मेर में अतिक्रमण के खिलाफ हुआ सर्जिकल स्ट्राइक, करोड़ों की जमीन अतिक्रमणमुक्त



बाड़मेर.बाड़मेर में अतिक्रमण के खिलाफ हुआ सर्जिकल स्ट्राइक, करोड़ों की जमीन अतिक्रमणमुक्त
बाड़मेर में अतिक्रमण के खिलाफ हुआ सर्जिकल स्ट्राइक, करोड़ों की जमीन अतिक्रमणमुक्त

शहर के प्रमुख चौराहों व सड़कों पर दिनरात बढ़ रहे अतिक्रमण पर आधी रात बाद नगर परिषद ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए दो दिनों में 400 से ज्यादा अवैध रूप से रखे केबिन जब्त कर लिए। मुख्य रास्तों पर हो रहे अतिक्रमण से आ रही परेशानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए जिला कलक्टर के निर्देशानुसार नगर परिषद ने त्वरित कार्रवाई कर शहर के चौराहा को करीब 150 मीटर तक चारों आेरसे अतिक्रमण मुक्त कर दिया। सुबह जल्दी जब कुछ लोगों को इसकी भनक लगी तो कई लोग अतिक्रमण रोधी दस्ते के सामने अनुनय-विनय करते नजर आए लेकिन जाब्ते ने किसी की भी सुने बिना अतिक्रमण हटाने का दौर जारी रखा। अतिक्रमण हटाने के दौरान भारी पुलिस बल मौजूद रहा। शहर के केंद्रीय बस स्टेंड व चौराहे के चारों आेर अतिक्रमण की भरमार होने के कारण यातायात में आ रही परेशानी व दुर्घटनाओं से बचाने के लिए पुलिस व नगर परिषद की ओर से यह कार्रवाई की गई।

केबिन के साथ उखाड़ दिए पेड़ भी

शहर के शहीद सर्किल के चारों आेर अवैध रूप से रखे केबिनों व ठेलों को नगर परिषद के कार्मिकों ने हटा दिया। मोबाइल, किराणा, चाय की स्टालें, फोटो कॉपी व ढाबे सहित कई दुकानदारों के केबिनों को हटाया गया। इस दौरान दस्ते ने रास्ते में खड़े दो-तीन पेड़ों को भी उखाड़ फेंका।

केबिन गिरोह सक्रिय

शहर में केबिन रखने वालों का पूरा गिरोह सक्रिय है। गिरोह के लोग पहले प्रमुख मार्गों व चौराहों पर आगे से आगे पंक्तिबद्ध रूप से केबिन रखते हैं। उनको पांच से सात दिन तक बंद रखकर प्रशासन और लोगों की प्रतिक्रिया देखते हैं। कोई प्रतिक्रिया नहीं होने पर केबिन को अवैध रूप से आगे बेच देते हैं या किराए पर दे देते हैं।

आदर्श स्टेडियम में रखा सामान, केबिन जब्त रहेंगे

कार्रवाई के दौरान जब्त किए गए केबिन और सामान को शहर के आदर्श स्टेडियम में रखा गया। इसके बाद गेट पर कार्मिक नियुक्त किया गया, ताकि अतिक्रमी अपना सामान अपनी मर्जी से वापस न ले जा सके। नगर परिषद की ओर से जब्त किए गए केबिन में से केवल सामान लौटाया जाएगा, केबिन जब्त रहेंगे। कार्रवाई के दौरान क्रेन व जेसीबी से उठाने के दौरान केबिन में रखे सामान को नुकसान पहुंचा। सुबह जब केबिन संचालक आए तो उनको खाली जगह दिखाई दी। नगर परिषद की ओर से अचानक हुई कार्रवाई के प्रति केबिन संचालकों ने रोष व्यक्त किया है।

कार्रवाई में ये रहे मौजूद

कार्रवाई के दौरान नगर परिषद आयुक्त श्रवण कुमार विश्रोई, अधीशासी अभियंता ओमप्रकाश ढिंढ़वाल, पुलिस वृताधिकारी ओमप्रकाश उज्ज्वल, यातायात प्रभारी आनंद कुमार, शहर कोतवाल भंवरलाल सीरवी, महिला थानाधिकारी रणवीरसिंह, सदर थानाधिकारी जयराम चौधरी, उपखंड अधिकारी बाड़मेर सहित कई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

करोड़ों की जगह हुई खाली

जानकारों के अनुसार, शहर के सिणधरी चौराहा के निकट दस गुणा दस की एक दुकान की कीमत पचास लाख से अधिक आंकी जाती है। यहां दो सौ केबिन का मतलब करोड़ों की जगह है। केवल केबिन ही नहीं, यहां पर केबिन के आसपास की जमीन पर छप्पर डालकर अतिक्रमण किया हुआ था। नगरपरिषद की इस पहल से करोड़ों की जमीन अतिक्रमण मुक्त हुई।

पत्रिका व्यू : अच्छी पहल, लेकिन जारी रहे

नि:संदेह नगरपरिषद ने शहर के प्रमुख चौराहे पर केबिन हटाने की अच्छी पहल की है, लेकिन यह कार्रवाई इस चौराहे तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। शहर के लगभग सभी चौराहे अतिक्रमण की चपेट में है। यहां भी नगरपरिषद का पंजा चलना चाहिए। तभी शहर का बाजार सांस ले पाएगा। शहर में सर्वाधिक अतिक्रमण केबिन के ही है। अब तो इसको कारोबार बना दिया गया है। इतनी जमीन दबी पड़ी है कि खाली हो जाए तो शहर में यातायात सुगम हो जाए। उम्मीद करनी चाहिए कि यह कार्रवाई इसी जोश के साथ जारी रहेगी।

मंगलवार, 20 दिसंबर 2016

बाड़मेर.तस्करों से सांठगांठ का आरोप, हैडकांस्टेबल सहित तीन पुलिसकर्मी निलंबित

बाड़मेर.तस्करों से सांठगांठ का आरोप, हैडकांस्टेबल सहित तीन पुलिसकर्मी निलंबित

तस्करों से सांठगांठ का आरोप, हैडकांस्टेबल सहित तीन पुलिसकर्मी निलंबित
पुलिस अधीक्षक ने जिले के बाखासर पुलिस थाने में कार्यरत एक हैडकांस्टेबल सहित तीन पुलिसकर्मियों को तस्करों के साथ सांठ-गांठ करने के आरोप में निलंबित कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार 13 दिसम्बर की अलसुबह बाखासर क्षेत्र की देराम की ढाणी जाने वाले मार्ग पर नाकाबंदी की गई। इस दौरान इन पुलिसकर्मियों ने एक बोलेरो को रुकवाया और थाने ले आए।


जहां उन्होंने थानाधिकारी को सूचना दिए बगैर ही वाहन मालिक से सांठ-गांठ कर डोडा तस्करों को छोड़ दिया। इस मामले में जब थानाधिकारी को पता चला तो इन तीन पुलिसकर्मियों पर डोडा-पोस्त के तस्करों को छोड़ देने का आरोप लगाते हुए शिकायत पुलिस अधीक्षक तक पहुंचाई।

पुलिस अधीक्षक डॉ. गगनदीप सिंगला ने बाखासर थाने में कार्यरत हैडकांस्टेबल सुभानखान, कांस्टेबल धन्नाराम व हरेंन्द्रकुमार को निलंबित कर दिया। एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच चौहटन वृताधिकारी प्रभातीलाल को सौंपी है।

गुरुवार, 27 अक्टूबर 2016

दिवाली पर विवाहिता ने छीनी दो परिवार की खुशियां, मामूली बात पर कर दिया सुसाइड



बाड़मेर.दिवाली पर विवाहिता ने छीनी दो परिवार की खुशियां, मामूली बात पर कर दिया सुसाइड

कोतवाली थाना क्षेत्र जटियों का नया वास में बुधवार रात पारिवारिक क्लेश के चलते विवाहिता ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पीहर पक्ष ने हत्या की आशंका जताते हुए ससुराल पक्ष के खिलाफ महिला थाने में मामला दर्ज करवाया। पुलिस के अनुसार निरमा (23) ने घर के एक कमरे में पंखे के हुक से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

घटना की जानकारी मिलने पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। विवाहिता को फंदे से नीचे उतार अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। गुरुवार को पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया। इधर, विवाहिता के पीहर पक्ष ने हत्या की आशंका जताते हुए ससुराल पक्ष वालों के खिलाफ रिपोर्ट दी है।

बुधवार, 3 अगस्त 2016

बाड़मेर. मनरेगा एमआईएस मैनेजर बारह हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार

बाड़मेर. मनरेगा एमआईएस मैनेजर बारह हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार 

राजस्थान के बाड़मेर ज़िले के चौहटन पंचायत समिति में कार्यरत मनरेगा के एमआईएस मैनेजर को बारह हजार रुपए रिश्वत की राशि लेते भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो बाड़मेर की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
ब्यूरो के पुलिस निरीक्षक जितेन्द्रसिंह मेड़तिया ने बताया कि जेताराम पुत्र मोटाराम निवासी तारातरा की ओर से प्राप्त गोपनीय शिकायत का सत्यापन किया गया। आरोपो की पृष्टि होने पर ब्यूरो की टीम ने बुधवार को पंचायत समिति परिसर में कार्यवाही कर एमआईएस मैनेजर सूरजनराम पुत्र हनुमानराम विश्नोई निवासी राणासर कला को रिश्वत की राशि के साथ गिरफ्तार किया। 
यह राशि ग्रेवल सड़क निर्माण गोगाजी खेजड़ी से भोमासर स्कूल तक के मनरेगा मस्टररोल में कम्प्यूटर में प्रविष्ट करने के एवज में आरोपी से ली गई थी। ब्यूरो की कार्यवाही में अमरसिह, प्रेमकुमार, मिश्रीमल, चम्पालाल, हनीफ खां व अनोपसिंह शामिल रहे। 

शुक्रवार, 8 जुलाई 2016

बाड़मेर.बाड़मेर: सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद भड़की हिंसा, छावनी बना सेड़वा कस्बा, शांति की अपील



बाड़मेर.बाड़मेर: सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद भड़की हिंसा, छावनी बना सेड़वा कस्बा, शांति की अपील

ईद के मौके पर एक धर्म विषेश की आस्थाओं के विरूद्व फेसबुक एवं सोशियल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणियां वायरल करने को लेकर सेड़वा उपखंड मुख्यालय पर एक वर्ग विषेश के लोगों की और से विरोध प्रदर्शन किया गया, जिससे कस्बे में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई।

विरोध प्रदर्शन के दौरान सेड़वा कस्बे में एक वर्ग विशेष के लोगों की और से जबरन दुकानें बंद करवाने को लेकर दो समुदाय आमने सामने हो गए, कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा पत्थरबाजी शुरू करने पर माहौल अत्यधिक तनावपूर्ण हो गया तथा दोनों तरफ से पथराव शुुरू हो गया तथा दोनों पक्षों के लोगों की और कुछ गाडिय़ों के कांच तोड़ दिए गए तथा सड़क पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया।

मौके पर मौजूद पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों की और से समझाईश करने पर एक पक्ष के लोग वापस लौट गए तथा माहौल कुछ शांत हुआ। हालांकि एक वर्ग विशेष के लोगों की और से सेड़वा में जनसभा का आयोजन किया जा रहा है तथा कस्बे का समूचा बाजार बंद करवा दिया गया है।


समुदाय विशेष के बीच तनाव को देखते हुए सेड़वा में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है तथा सेड़वा, चौहटन व बाखासर पुलिस थानों से भी जाब्ता तैनात किया गया है, जिला पुलिस अधीक्षक गगनदीप, चौहटन पुलिस उपअधीक्षक प्रभातीलाल, उपखंड अधिकारी जितेंद्रसिंह नरूका, सेड़वा तहसीलदार सूरजभान सहित विभिन्न पुलिस थानों के थानाधिकारी मौके पर पहुंचे है तथा आपसी समझाईश के प्रयास किए जा रहे हैं।
ईद के पर्व पर किसी एक व्यक्ति की और से सोशियल मीडिया पर धर्म विशेेष की आस्थाओं के विरूद्ध आपत्तिजनक टिप्पणियां वायरल की गई थी जिससे आपसी तनाव पैदा हो गया।

बुधवार, 29 जून 2016

बाड़मेर.पड़ोसी भी नहीं जानते कि चतरसिंह ने निशानेबाजी में 42 मेडल जीते



बाड़मेर.पड़ोसी भी नहीं जानते कि चतरसिंह ने निशानेबाजी में 42 मेडल जीते
पड़ोसी भी नहीं जानते कि चतरसिंह ने निशानेबाजी में 42 मेडल जीते

बाड़मेर-जैसलमेर जिले की सीमा पर बसा कोहरा गांव। अधिकृत तौर पर जैसलमेर जिले में आने वाला कोहरा गांव भौगोलिक रूप से इस कदर कोने में आया हुआ है कि जैसे अपने नाम को ही सार्थक कर रहा है। इस कोहरा गांव में वर्षों से कोहरे में घिरा एक नाम है चतरसिंह राठौड़, जिन्हें गुमनाम शख्सियत कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। सत्तर व अस्सी के दशक में इस शख्स की राइफल से निकली गोलियों ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुल 42 मेडल पर निशाना साधा।




यदि भाग्य ने साथ दिया होता तो यह अनपढ़ शख्स अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज करणीसिंह के बाद ओलिम्पिक खेलने वाला राजस्थान का दूसरा निशानेबाज बन जाता, लेकिन एेसा हो न सका। फिर भी जो उपलिब्धयां इस शख्स के खाते में हैं, वह गुमनाम रहने लायक तो कत्तई नहीं। लेकिन हकीकत यह है कि उनकी इन उपलब्धियों के बारे में उनके पड़ोसी तक ठीक से नहीं जानते।

प्रतिभा के धनी चतरसिंह

सीमा सुरक्षा बल के गठन के साथ ही अनपढ़ चतरसिंह राठौड़ को बीएसएफ में भर्ती होने का मौका मिल गया। वर्ष 1966 में बीएसएफ में भर्ती होने से पहले उन्होंने हथियार को हाथ भी नहीं लगाया। लेकिन बीएसएफ के इन्दौर स्थित टे्रनिंग सेण्टर में जैसे ही हथियार उनके हाथ में आया, वैसे ही उनकी कुदरती प्रतिभा खुलकर सामने आ गई।




ट्रेनिंग में वह अपने बैच के बेस्ट निशानेबाज बनकर उभरे। बीएसएफ ने उनकी निशानेबाजी की प्रतिभा को पहचाना। 22 राइफल व फुल बोर राइफल में उनकी महारत को देखते हुए उन्हें इसका विशेष अभ्यास करवाया गया। महज दो वर्ष के भीतर ही उन्हें नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इण्डिया की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में भाग लेने का मौका मिला।




वर्ष 1971 में राठौड़ ने 22 राइफल 75 मीटर डिस्टेंस व फुल बोर राइफल 300 मीटर डिस्टेंस में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया। यह सिलसिला वर्ष 1984 तक चलता रहा। इस दरम्यान उन्होंने देश के विभिन्न शहरों में आयोजित राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में कुल 42 मेडल जीते। 1980 के मास्को ओलम्पिक में क्वालीफाई करने का मौका भी उनके हाथ आया, लेकिन वह चूक गए।

सेवानिवृत्ति के बाद खेती

कुदरती प्रतिभा का धनी यह निशानेबाज वर्ष 1995 में बीएसएफ में हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हो गया और गांव में बसे-बसाए परिवार के साथ नई जिन्दगी एक किसान के रूप में शुरू कर दी। निशानेबाजी में मिले मेडल व सर्टिफिकेट एक बक्से में डालकर रख दिए। बीते बीस वर्ष से चतरसिंह गांव में ही खेती कर रहे हैं।

अरे साहब! इतने सारे मेडल

भारतीय खाद्य निगम बाड़मेर में पदस्थापित रहीमखां छीपा कोहरा गांव के निवासी हैं। आखातीज पर वह गांव गए तो उन्हें पता चला कि चतरसिंह का पांव फ्रेक्चर हो गया है। छीपा उन्हें देखने चले गए। किसी कारणवश मेडल से भरा वह संदूक छीपा के सामने खुला तो उन्होंने पूछ लिया कि यह क्या है? चतरसिंह ने जवाब दिया कि ये पुरानी यादें हैं, लेकिन अब किसी काम की नहीं।




चतरसिंह ने को बताया कि अब मैं भी यह चाहता हूं कि कोई मुझसे भी निशानेबाजी का हुनर सीखे। हालांकि यह कैसे होगा, कोई नहीं जानता।

शनिवार, 11 जून 2016

बायतु/बाड़मेर.बायतु में निकली भव्य शोभायात्रा, श्रीमद्भागवत महापुराण पारायण एवम् पुष्टि महोत्सव का आगाज



बायतु/बाड़मेर.बायतु में निकली भव्य शोभायात्रा, श्रीमद्भागवत महापुराण पारायण एवम् पुष्टि महोत्सव का आगाजVideo : बायतु में निकली भव्य शोभायात्रा, श्रीमद्भागवत महापुराण पारायण एवम् पुष्टि महोत्सव का आगाज
उपखण्ड मुख्यालय के तहसील परिसर के पास स्थित शंकर सिटी कॉलोनी में श्रीनाथजी की हवेली में श्रीमद्भागवद कथा कार्यक्रम का शुभारंभ शनिवार सुबह उपखंड मुख्यालय स्थित खेमाबाबा मन्दिर से भव्य शोभायात्रा के साथ हुआ । शोभायात्रा कस्बे के विभिन्न मार्गों से होते हुए श्रीनाथजी की हवेली स्थित ठाकुरजी मन्दिर पहुंची।

इसके बाद तालाब ग्राऊण्ड स्थित कथा स्थल पर 108 पंडितों की ओर से भागवद कथा के मूल पाठ का अध्ययन व श्रवण करवाया। वहीं दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्रदास महाराज श्रीमद्भागवद कथा का वाचन करेंगे। रात 9 से 11 बजे तक ठाकुरजी के मंदिर परिसर में फूल बंगले का मनोरस होगा।

रविवार, 9 सितंबर 2012

बाड़मेर.रक्षा प्रयोजनार्थ सेना अवाप्त करेगी तीन हजार बीघा जमीन

रक्षा प्रयोजनार्थ सेना अवाप्त करेगी तीन हजार बीघा जमीन

बाड़मेर. रक्षा प्रयोजनार्थ सेना शिव तहसील के मतुजा व रावत का गांव में करीब तीन हजार बीघा जमीन अवाप्त करेगी। इसमें से 68 बीघा सरकारी भूमि भी शामिल है। सेना की 125 एस एटीए रेजीमेंट को उक्त भूमि अवाप्त करना प्रस्तावित है। कलेक्टर कार्यालय से ग्राम पंचायत हाथीसिंह का गांव सरपंच को एनओसी के लिए पत्र जारी किया गया है। इसके बाद किसानों को नोटिस जारी कर अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू होगी। शिव तहसील की ग्राम पंचायत हाथीसिंह का गांव के राजस्व गांव मतुजा व रावत का गांव में अलग अलग खसरों में कुल पांच हजार बीघा भूमि सेना अवाप्त करेगी। सेना की ओर से सर्वे के बाद उक्त भूमि को अवाप्त करने के लिए राजस्व शाखा कलेक्टर को रिपोर्ट पेश की गई। जहां पर भूमि अवाप्ति प्रक्रिया के लिए ग्राम पंचायत से एनओसी मांगी गई है। जानकारी के अनुसार खसरा न. 52, 53, 54 समेत कुल 35 खसरों का चयन किया गया है। जहां पर तीन हजार बीघा भूमि अवाप्ति के लिए प्रस्तावित है। भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू होते ही विरोध के स्वर मुखरित होने लगे हैं।

किसान बोले जान दे देंगे, मगर जमीन नहीं देंगे: शिव. ग्राम पंचायत हाथीसिंह के गांव के राजस्व गांव मतुजा व रावत का गांव में सेना के लिए प्रस्तावित भूमि को लेकर किसान लामबद्ध हो गए हैं। दोनों गांवों के किसानों ने कहा कि सिंचित एरिया की भूमि को डीएलसी दरों पर नहीं देंगे। किसानों ने चेतावनी दी है कि जान दे देंगे, मगर जमीन किसी भी सूरत में नहीं देंगे। प्रशासन की ओर से पंचायत से मांगी गई एनओसी का विरोध जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। किसान संघर्ष समिति के संयोजक सांवतसिंह कोटडिय़ा ने बताया कि प्रशासन किसानों की सिंचित भूमि को कौडिय़ों के दामों पर अवाप्त करना चाहता है। लेकिन किसान किसी भी सूरत पर जमीन अवाप्त होने नहीं देंगे। डीएलसी दरों व उक्त जमीन की वर्तमान दरों में जमीन व आसमान का फर्क हैं। किसान बच्चू खां मतुजा ने बताया कि बैंकों से कर्ज लेकर खेतों में टयूबवेल खुदवाएं है। डबल क्रॉप एरिया की भूमि को डीएलसी दरों पर अवाप्त होने का विरोध किया जाएगा। इसी तरह किसान पीराराम ने बताया कि शिव तहसील के एक फसली क्षेत्रों की भूमि अवाप्त करने की बजाय दो फसली क्षेत्र की भूमि अवाप्त कर ग्रामीणों को बेघर किया जा रहा है।

क्यों आई यह नौबत: राजस्व गांव मतुजा व रावत का गांव में वर्तमान डीएलसी दर 12 से 15 हजार रुपए प्रति बीघा है। जबकि सिंचित भूमि की बाजार दर एक से सवा लाख रुपए प्रति बीघा है। डीएलसी दर के हिसाब से छह बीघा भूमि का मुआवजा महज 72 हजार रुपए मिलेगा। बाजार दर के हिसाब से छह बीघा भूमि का मूल्य छह लाख रुपए है।

दरों में भारी अंतर होने से किसान भूमि अवाप्ति के पक्ष में नहीं है।

किसान कल सौंपेंगे ज्ञापन

किसान संघर्ष समिति के संयोजक सांवतसिंह कोटडिय़ा ने बताया कि अवाप्ति से प्रभावित किसान सोमवार को जिला मुख्यालय पहुंचेंगे। जहां पर कलेक्टर को भूमि अवाप्ति से मुक्त रखने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपेंगे। इस दौरान दोनों गांवों के दर्जनों किसान बाड़मेर जाएंगे। इसके बाद आगामी रणनीति तय करेंगे।