गंगा राम चौधरी |
चुनावी रण भेरी
चुनावी चौपाल बाड़मेर विधानसभा चुनाव
चौदह चुनावो में मात्र छह बार जीती हें कांग्रेस
बाड़मेर भारत पाकिस्तान सरहद पर बसे बाड़मेर जिले की बाड़मेर विधानसभा के अब तक हुए चौदह चुनावों में कांग्रेस को मात्र छह बार सफलता मिली वही भाजपा को सिर्फ एक बार खाता खोलने का मौका मिला। बाड़मेर विधानसभा जिला मुख्यालय की सीट होने के कारन यहाँ हर कोई दल अपना विधाय क चाहता हें ,बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र में जातिगत ध्रुवीकरण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हें उम्मीदवार के भाग्य का फैसला करने में।
तन सिंह जी |
बाड़मेर मौजूदा समय में सरवाधिक जाट मतदाता हें जिनकी संख्या लगभग पेंतालिस हज़ार हें इसके बाद मेघवालों के अट्ठाईस हज़ार ,रवाना राजपूतो के बाईस हजार ,राजपूतो के चौदह हज़ार ,जैन लगभग दस हज़ार ,मुस्लिम बारह हज़ार ,ब्राहमण समस्त दस से बारह हज़ार मोटा मोती महत्वपूर्ण मतदाता हें ,पहले विधानसभा चुनाव १९५१ में राम राज्य परिषद् के श्री तन सिंह ने चुनाव जीता तथा बाड़मेर से विधानसभा में पहुँचाने वाले पहले विधायक बने इस समय बाड़मेर नाम से तीन विधानसभा सीट थी जहा दो अन्य पर निर्दलीय नाथू सिंह और माधो सिंह ने चुनाव जीता ,१९५७ में एक बार फिर तन सिंह ने राम राज्य परिषद् से चुनाव लड़ा और जीते।
१९६२ में रावत उम्मेद सिंह ने निर्दलीय चुनाव जीता ,१९६७ में पहली मर्तबा कांग्रेस के विरधी चाँद जैन ने जनता पार्टी के उम्मेद सिंह को चुनाव में हराकर कांग्रेस का खता खोल विधानसभा में पहुंचे ,इस दौरान तक जात बाहुल्य बायतु बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र का भाग था ,विरधी चाँद जैन की जाट मतदाताओ पर अछि पकड़ होने से पहली बार कांग्रेस को सफलता मिली
वृद्धि चंद |
इसके बाद १९७२ ,१९७७ में भी विरधी चाँद जैन चुनाव जीते कांग्रेस की और से ,१९८० में कांग्रेस ने पंडित देवदत्त तिवारी को टिकट दिया ,कांग्रेस का अब तक गढ़ बन चुके बाड़मेर में देवदत चुनाव जीत गए ,उसके बाद बाड़मेर विधानसभा चुनावो में फिर बदलाव का दौर आया जाट नेता गंगा राम चौधरी ने वर्ष १९८५ में लोकदल से ,१९९० में जनता दल और १९९३ ने निर्दलीय चुनाव लड़ कर विधानसभा पहुंचे ,इस दौरान भेरो सिंह शेखावत सरकार में मंत्री भी रहे ,
१९९८ में फिर भाजपा ने तगाराम चौधरी को टिकट दिया तो कांग्रेस ने विरधी चाँद जैन को उतार मुकाबला दिलचस्प कर दिया ,यह चुनाव विरधी चाँद जैन ने तीस हज़ार से अधिक जीत विधानसभा की राह पकड़ी ,दो हज़ार तीन में फिर भाजपा के तगाराम चौधरी और कांग्रेस के सामने थे ,
तगा राम |
इस बार वसुंधरा राजे की लहर में विरधिचंद जैन बह गए ,तगाराम चौधरी ने यह चुनाव तेंतीस हज़ार मतों से जीता ,२००८ में भाजपा ने तगाराम की टिकट काट कर गंगाराम चुधारी को दी ,मगर गुटबाजी और चालों के चलते गंगाराम चौधरी की ताकत एन वक़्त काट कर उम्मीदवार मृदुरेखा चौधरी को टिकट दी तो कांग्रेस ने पूर्ण नगर पालिका अध्यक्ष मेवाराम जैन को मैदान में उतार ,मेवाराम जैन ने भाजपा के असंतुस्ठो के सहारे चुनावी वैतरणी करीब चौबीस हज़ार मतों से फिर कांग्रेस की झोली में सीट दी ,विगत चौदह चुनावो में इस विधानसभा के मतदाताओ ने एक ही पार्टी को मौका देने की बजाय अलग अलग दल के लोगो को आजमाया।
-- बाड़मेर विधानसभा चुनाव परिणाम तब से अब तक
Candidate | Party | Year | ||
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तन सिंह | रा रा प | 1951 | ||
नाथू सिंह | निर्द | 1951 | ||
माधो सिंह | निर्द | 1951 | ||
तन सिंह | रा रा प | 1957 | ||
उम्मेद सिंह | निर्द | 1962 | ||
विरधी चंद | कांग्रेस | 1967 | ||
| कांग्रेस | 1972 | ||
विरधी चंद | कांग्रेस | 1977 | ||
देवदत्त तिवारी | Iकांग्रेस | 1980 | ||
गंगाराम चौधरी | लोकदल | 1985 | ||
गंगाराम चौधरी | निर्द | 1990 | ||
गंगाराम चौधरी | निर्द | 1993 | ||
वृद्धि चन्द जैन | कांग्रेस | 1998 | ||
तागा राम चौधरी | भाजपा | 2003 | ||
मेवाराम जैन | कांग्रेस | 2008 |