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गुरुवार, 26 दिसंबर 2013

रेत के समंदर थार में कड़ाके की ठण्ड, आक भी लगे मरने

रेत के समंदर थार में कड़ाके की ठण्ड, आक भी लगे मरने

सबलसिंह भाटी


बाड़मेर पिछले कई दिन से उत्तर भारत में हो रही भारी बर्फबारी का असर सीमावर्ती जिले बाड़मेर में भी रहा। दिनभर चली हाड़कंपाती सर्द हवाओं से बचने के लिए लोग गर्म लबादों में लिपटे नजर आए, तो जगह-जगह अलाव जलाकर भी सर्दी से बचने का जतन किया। वहीं रात्रि में तो सर्दी का असर और तेज हो गया। देर रात तो तेज हवाओं का दौर शुरू हो गया। शरीर पर ठंडी टीप हवा लगने के साथ शूल की तरह चुभ रही थी। सर्द हवाओं के दौर ने हर किसी को झकझोर दिया। हाड़ कंपकंपा देने वाली ठंड से यहाँ कि वनस्पति भी बुरी तरह से प्रभावित हुई।सरहदी रेगिस्तानी जिले कि वनस्पति कड़ाके कि ठण्ड से झुलसने लगी हें। बहुतायत में पाया जेन वाला आक के पोधो के पत्ते सर्दी का शिकार हो कर जलने लगे हें। हाड कम्पनी वाली सर्दी ने जन जीवन अस्त व्युअस्ट कर दिया हें।