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रविवार, 20 फ़रवरी 2011
राजस्थान की ओलखाण राजस्थानी
राजस्थानी भाषा मान्यता हस्ताक्षर अभियान, राजस्थान की ओलखाण राजस्थानीबाड़मेर[चन्दन भटी] राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए बाड मेर में कृष्णा संस्था, संकल्प एज्यूकेद्गानल एण्ड सोद्गिायल डवलपमेंन्ट सोसायटी एवं गु्रप फोर पीपुल्स द्वारा राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति के तत्वाधान में चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान को थार की जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। अभियान के तीसरे दिन शनिवार को साढे छः सौ से अधिक लोगो ने दस्तखत कर अपना समर्थन दिया। समिति राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के उद्देद्गय से जिला कलक्टर कार्यालय के बाहर हस्ताक्षर अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अवसर पर जिला परिषद् सदस्य श्रीमती कोसर बानो ने कहा कि राजस्थानी भाषा संसार की सिरेजोड ा भाषावा माये सू एक है, इण में रती भर रो ही फरक कोनी। इण भाषा रौ इतिहास ढाई हजार बरस जूनी है। अर इण रो सयद कौस सैसू लूंठौ है। जिणमें दो लाख दस हजार शब्द है। मिसरी सी मीठी भाषा के सागे भेदभाव कर लोगों मिनखौ रे मूडे माथे तालों लगा दियों। आज तकाल भारत सरकार २२ भाषावां रे मानता दे राखी है राजस्थानी साथे आ दुभांत क्यू? कठै है राजस्थानी लोगो रो समानता रो अधिकार। राजस्थानी मिनखांॅ ने राजस्थानी भाषा ने मानता दे और समानता रो अधिकार देवणों पड ी।
इस अवसर पर संयोजक रिड़मल सिह दांता ने कहा कि राजस्थान की पहचान राजस्थानी से है। राजस्थानी भाषा की मिठास और अदब का कोई सानी नही है। उन्होने कहा कि वृहद संस्कृति की पहचान मायड भाषा राजस्थानी भाषा कोई मान्यता देने दिलाने के लिए आम जनता में जबरदस्त उत्साह है। इस अवसर पर चन्दनसिंह भाटी ने कहा कि हर राजस्थानी के कण्ठ में बसी राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिये हर स्तर पर जरूरी प्रयास करने होगें। इसके लिए हर स्तर पर जरूरी प्रयास करने होगें। इसके लिए सामुहिक प्रयासों की आवद्गयकता रहेगी। इस अवसर पर पार्षद सुरतानसिह रेडाणा, अद्गवनी रामावत, रूपसिंह माडपुरा, पार्षद उमा जैन, बोला सरपंच चिमाराम चौधरी, मौलवी हनीफ, ताराराम मेगवाल, दिनेद्गा दवें, एडवोकेट उदयभानसिह, प्रकाद्गा जोद्गाी सहित सैकड ो थारवासियों ने हस्ताक्षर कर अभियान को समर्थन दिया
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