बाड़मेर। हिन्दू रीति-रिवाजों से दी सांड को अंतिम विदाई
बाड़मेर। कहते हैं कि इंसान का पशुओं से नाता बरसों का है। यह नाता कई मर्तबा नजीर बनता नजर आता है। ऐसी ही नजीर देखने को मिली बाड़मेर के बायतु में। यहां दुर्घटना का शिकार एक सांड का लोगों ने हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया। सांड के अंतिम संस्कार में सैकड़ों की तादात में बायतु के बाशिंदे शरीक हुए। जानकारी के मुताबित गटर में गिरने से एक सांड की मौत हो गई। गौ भक्तों को जब इसका पता चला तो उन्होंने उसे बाहर निकाल कर समाधि दी। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। मामला बायतू के बाटाडू गांव का है। एक सांड की गटर मे गिरने से मौत हो गई। इस पर विश्व हिन्दू परिषद् गौ सेवा प्रमुख जोगाराम जांगिड़ बाटाडू, दोलाराम धुनधवाल, गजाराम, मुलाराम मायला, पुरखाराम, रेवताराम, लिखमाराम सियाग, बघीराम गौड, पुरखाराम जाणी, भेराराम सुथार और कई ग्रामीणों ने सांड को सोमवार के दिन समाधि दी।
बाड़मेर। कहते हैं कि इंसान का पशुओं से नाता बरसों का है। यह नाता कई मर्तबा नजीर बनता नजर आता है। ऐसी ही नजीर देखने को मिली बाड़मेर के बायतु में। यहां दुर्घटना का शिकार एक सांड का लोगों ने हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया। सांड के अंतिम संस्कार में सैकड़ों की तादात में बायतु के बाशिंदे शरीक हुए। जानकारी के मुताबित गटर में गिरने से एक सांड की मौत हो गई। गौ भक्तों को जब इसका पता चला तो उन्होंने उसे बाहर निकाल कर समाधि दी। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। मामला बायतू के बाटाडू गांव का है। एक सांड की गटर मे गिरने से मौत हो गई। इस पर विश्व हिन्दू परिषद् गौ सेवा प्रमुख जोगाराम जांगिड़ बाटाडू, दोलाराम धुनधवाल, गजाराम, मुलाराम मायला, पुरखाराम, रेवताराम, लिखमाराम सियाग, बघीराम गौड, पुरखाराम जाणी, भेराराम सुथार और कई ग्रामीणों ने सांड को सोमवार के दिन समाधि दी।