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गुरुवार, 21 फ़रवरी 2013

मायड़ भाषा दिवस पर बाड़मेर जिले में धरने प्रदर्शन और रेलियो का आयोजन



मायड़ भाषा दिवस पर बाड़मेर जिले में धरने प्रदर्शन और रेलियो का आयोजन

राजस्थानी अपना भाषाई अधिकार लेकर रहेंगे ..अर्जुनदान देथा
बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर और घटक संगठनो की ओर से मायड़ भाषा दिवसपर राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूचि में शामिल करने की मांग को जिला मुख्यालय सहित सभी तहसीलों पर धरने और रेलियो का आयोजन कर प्रधानमंत्री ,गृहमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे गए .संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की बाड़मेर जिला मुख्यालय पर राजस्थानी रो हेल्लो जनजागरण रेली का आयोजन गुरूवार प्रातः दस बजे गांधी चौक से कलेक्ट्रेट तक किया गया ,जनजागरण रेली को राजस्थानी भाषा के विद्वान सांग सिंह लुणु ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया ,इस दौरान सेकड़ो छात्रो और राजस्थानी भाषा प्रेमियों ने राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता देने की आवाज़ बुलंद की वही आम जन को राजस्थानी भाषा का महत्त्व का सन्देश दिया ,समिति द्वारा राजस्थानी भाषा को मान्यता देने को लेकर एक दिवसीय धरना कलेक्ट्रेट परिसर के सामने दिया गया ,धरने में सेकड़ो राजस्थानी भाषा प्रेमियों ने शिरकत कर राजस्थानी भाषा के प्रति अपना समर्थन दिया ,इस अवसर पर समिति के प्रदेश प्रभारी अर्जुन दान देथा ,डॉ लक्ष्मी नारायण जोशी ,जिला संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ,जिला पाटवी रिड़मल सिंह दांता ,महेश दादनी ,बालोतरा पाटवी भीखदान चारण ,सुलतान सिंह रेडाना ,अशोक दरजी ,मोटियार परिषद् के पाटवी हिन्दू सिंह तामलोर ,माधो सिंह दांता ,महासचिव प्रकाश माली ,विजय कुमार ,राजस्थानी भाषा छात्र परिषद् संयोजक भोम सिंह बलाई ,पूर सिंह राठोड ,छुग सिंह राठोड ,अब्दुल रहमान जायडू ,कबूल खान ,मनीष गोदारा ,जीतेन्द्र फुलवारिया ,अशोक सिंह राजपुरोहित ,अध्यक्ष अशोक सारला ,मोटियार परिषद् नगर अध्यक्ष रमेश सिंह इन्दा ,दिग्विजय सिंह चुली ,दिनेश विश्नोई सहित समिति के कई कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित थे ,धरनास्थल पर संबोधित करते हुए अर्जुनदान देथा ने कहा की करोड़ों राजस्थानियों की मातृभाषा राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूचि में जोड़ा जाये। उन्होंने ने कहा की हम विश्व की सभी भाषाओं की कद्र करते है तथा चाहते है कि 6 से 14 वर्ष के बच्चों को अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार हो।

 मगर बड़े दुख की बात है कि राजस्थान के करोड़ों लोगों की मातृभाषा को मान्यता ही नहीं है। इस कारण राजस्थानियों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी अंकुश लगा है तथा जुबान पर ताला लगा हुआ है। यहां के बच्चे अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने से वंचित हैंं। सांग सिंह लुणु ने कहा कि भारत सरकार को सभी सूबों की मातृभाषा का सम्मान करना चाहिए। भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए। भारत में सूबों का गठन भाषा के आधार पर ही हुआ था और राजस्थान इससे अछूता नहीं है। राजस्थान का गठन यहां की राजस्थानी भाषा के आधार पर हुआ था तो राजस्थानी को मान्यता दे देने में सरकार को क्या अड़चन आ रही है? संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने इस अवसर पर कहा जी देश के लगभग सभी राज्यों की 22 भाषाओं को आठवीं अनुसूचि में शामिल किया गया है और अधिकांश राज्यों के बच्चे अपनी मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, मगर राजस्थान के बच्चे कितने अभागे हैं कि वे अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकते जबकि 'अनिवार्य एवं नि:शुल्क शिक्षा का अधिकारÓ इस पर बल देता है। 

सरकार को भी त्वरित कदम उठाकर राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूचि में शामिल कर राजस्थान के बच्चों को भी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार देना चाहिए। इस अवसर पर जिला पाटवी रिड़मल सिंह दांता ने कहा की राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए बजट सत्र में स्थानीय सांसदों को पुरजोर प्रयास करने चाहिए ,उन्होंने कहा की संसद में राजस्थानी और भोजपुरी भाषा को आठवी अनुसूची में शामिल करने के सकारात्मक प्रयास चल रहे हें ,इस अवसर पर विजय कुमार ने कहा की राजस्थानी भाषा को मान्यता इसी शीतकालीन सत्र में नहीं दी गई तो राजस्थानी अपने भाषाई अधिकार के लिए अपनी शक्ति का इस्तेमाल करेंगे .इस अवसर पर रमेश सिंह इन्दा ने कहा की संसद के शीतकालीन सत्र में राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए दबाव बनाया जाएगा ,इस अवसर पर दिग्विजय सिंह चुली ने कहा की शीतकालीन सत्र जब तक चलेगा तब तक मान्यता की मांग को लेकर हज़ारो पोस्टकार्ड नियमित रूप से आम जन लिखेंगे ,इस अवसर पर अशोक सारला ने भी अपनी बात कही ,,समिति के कार्यकर्ताओ ने उन्नीस सूत्रीय ज्ञापन सांग सिंह लुनु के नेतृत्व में जिला कलेक्टर भानु प्रकाश एटूरू को सुपुर्द किया .


सभी तहसीलों में राजस्थानी भाषा की मान्यता की मांग को लेकर दिए ज्ञापन 


बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर और घटक संगठनो की ओर से मायड़ भाषा दिवस पर जिले की सभी तहसील मुख्यालयों पर धरना देकर उप खंड अधिकारियो को ज्ञापन सौंपे गए .संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की मायड़ भाषा दिवस पर शिव उप खंड मुख्यालय पर ब्लोक अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह भियांड के नेतृत्व में ,बायतु में महावीर जीनगर ,सिवाना में जीतेन्द्र जांगिड ,सिनधरी में कल्याण सिंह दाखां ,बालोतरा में भगाराम पंवार ,तन सिंह जुगतावत और राजेन्द्र सिंह कंवरली गुडा में बाबूलाल मांजू के नेतृत्व में ज्ञापन सौंप राजस्थानी को मान्यता देने की मांग की .