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शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019

दिल्ली: अवैध संबंध के शक में बुजुर्ग ने की पत्नी और बहू की हत्या

दिल्ली: अवैध संबंध के शक में बुजुर्ग ने की पत्नी और बहू की हत्या

प्रतीकात्मक चित्र
दिल्ली के रोहिणी में एक आदमी ने अपनी पत्नी और बहू की हत्या कर दी. आरोपी बुजुर्ग को अपनी पत्नी और बहू के बीच अवैध संबंध का शक था. घटना की जानकारी पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया.

पुलिस घटना की तहकीकात कर रही है. पुलिस का कहना है कि रिटायर प्राइवेट टीचर सतीश चौधरी ने अपनी पत्नी स्नेहलता और बहू प्रज्ञा चौधरी की हत्या कर दी. प्रज्ञा के पति गौरव सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और आईबीएम सिंगापुर में नौकरी कर रहे हैं.

जानकारी के अनुसार एक निजी स्कूल के रिटायर अध्यापक 64 वर्षीय सतीश चौधरी रोहिणी सेक्टर 4 के शिव अपार्टमेंट में परिवार के साथ रहते हैं. शिव के दो बेटे गौरव और सौरव सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. बड़ा बेटा आईबीएम सिंगापुर में कार्यरत है. सतीश को अपनी 62 वर्षीय पत्नी, डीटीसी की रिटायर कर्मचारी स्नेहलता चौधरी और गौरव की 35 वर्षीय पत्नी प्रज्ञा चौधरी के अवैध संबंधों का शक था.

सतीश ने शुक्रवार को तड़के अपनी पत्नी और बहू पर चाकू से हमला कर दिया. बीच- बचाव करने की कोशिश में छोटा बेटा 30 वर्षीय सौरव भी घायल हो गया. एसएपी बेंगलुरु में कार्यरत सौरव भी जख्मी हुआ है. इस घटना के संबंध में बेटे सौरव ने ही पुलिस को फोन कर जानकारी दी. सौरव ने पीसीआर को 5.55 बजे फोन कर घटना की जानकारी दी

शनिवार, 21 सितंबर 2019

जैसलमेर नेशनल युथ पार्लियामेंट में अपना जलवा बिखेरा पवन सिंह पंवार ने,पेयजल की समस्या और समाधान को रखा*

जैसलमेर  नेशनल युथ पार्लियामेंट में अपना जलवा बिखेरा पवन सिंह पंवार ने,पेयजल की समस्या और समाधान को रखा*

जैसलमेर  स्वर्ण नगरी के होनहार छात्र पवन सिंह पंवार पुत्र गजेंद्र सिंह पंवार ने छोटी उम्र में अपनी प्रतिभा का लोहा दिल्ली में मनवा लिया।हज़ारो लोगो के बीच पश्चिमी राजस्थान की पेयजल समस्या और उसके समाधान पर बात रख सभी को प्रभावित करने में सफल रहे।।जेसलमेर के एस बी के महाविद्यालय के छात्र पवन सिंह पंवार ने नेशनल युथ पार्लियामेंट 2019 में शिरकत कर दूसरे स्थान पर रहे।जिसके चलते उनका चयन दिल्ली में यू एन हाउस में आयोजित दो दिवसीय नेशनल युथ पार्लियामेंट में भाग लिया।पार्लियामेंट में उन्होंने क्षेत्र के सांसद और जल मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की भूमिका निभाते हुए पश्चिमी राजस्थान में पेयजल समस्या और उनके समाधान पर प्रभावी बात रखी।पवन सिंह ने जल मंत्रालय द्वारा संचालित जक योजनाओं और जल सरंक्षण के सरकारी प्रयासों को बड़े प्रभावी ढंग से पार्लियामेंट में रखा।।दो दिवसीय पार्लियामेंट पहले दिन यू एन हाउस तो दूसरे दिन गुलमोहर हॉल इंडिया हैबिटैट सेंटर में रखा गया। इस पार्लियामेंट में राजस्थान सहित सभी राज्यो के अस्सी छात्रों ने भाग लिया।।पंवार ने राजस्थान का प्रतिनिधित्व कर जैसलमेर को गौरवांवित किया।।

शनिवार, 7 सितंबर 2019

बल्लीमरान की तंग गलियों में फंसा रजिया सुल्तान का मकबरा।

 बल्लीमरान की तंग गलियों में फंसा रजिया सुल्तान का मकबरा।
रजिया सुल्तान का मकबरा के लिए इमेज परिणाम

पुरानी दिल्ली के बुलबुली खाना इलाके में जाएंगे तो तंग गलियों से होते हुए पहुंचेंगे रजिया सुल्तान के मकबरे तक. पहली मुगल और तुर्क महिला शासक के तौर पर जाने जानी वाली रजिया अल दीन यानी कि रजिया सुल्तान ने 1236 से 1240 तक दिल्ली पर सलतनत की. पुरातत्व, इतिहास, धरोहर, पर्यटन हर लिहाज से ये मकबरा अपनी खासी अहमियत रखता है, लेकिन बदहाली में ये ऊंचे मकानों के बीच कहीं खो सा गया है.

कचरे के ढेर से अटी पड़ी तंग गलियों से होते हुए आप भोजला पहाड़ी पर बने इस मकबरे तक पहुंच सकते हैं. देशी सैलानी तो न के बराबर पर इतिहास में रुचि रखने वाले विदेशी सैलानी यहां भटकते भटकते पहुंच ही जाते हैं.  पिता की मौत के बाद गद्दी संभालने वाली रजिया सुल्तान ने पर्दा प्रथा को दूर किया. एक बहादुर महिला शासक के रूप में इतिहास में उन्हें जाना जाता है. पर अफसोस कि जिस दिल्ली पर सलतनत चलाई वहां आज उनकी कब्र तक आबादी की बसावट से नहीं बच पाई. चारों तरफ ऊंचे मकान बने हैं.. एक पतली गली मकबरे तक आने के लिए है. यहां स्थानीय निवासी नमाज पढ़ने आते हैं. बाकि इस एतिहासिक विरासत को इंतजार ही है कि कभी तो कोई यहां की सुध ले.

रविवार, 23 जून 2019

दिल्ली में ट्रिपल मर्डर, बुजुर्ग दंपत्ति समेत घर में काम करने वाली महिला की गला रेत कर हत्या

दिल्ली में ट्रिपल मर्डर, बुजुर्ग दंपत्ति समेत घर में काम करने वाली महिला की गला रेत कर हत्या

दिल्ली में ट्रिपल मर्डर, बुजुर्ग दंपत्ति समेत घर में काम करने वाली महिला की गला रेत कर हत्या

नई दिल्ली: दिल्ली के वसंत विहार इलाके में ट्रिपल मर्डर की घटना हुई है. यहां के वसंत अपार्टमेंट के एक घर में बुज़ुर्ग दंपत्ति और घर में काम करने वाली महिला की हत्या कर दी गई. बताया जा रहा है कि तीनों की हत्या गला रेतकर की गई है.  जिस दंपत्ति की हत्या हुई है उनका नाम विष्णु माथुर और शशि माथुर है, जबकि उनके घर काम कर रही महिला का नाम ख़ुशबू नौटियाल है. पुलिस का कहना है कि घटना साजिश के तहत की गई है. घटना स्थल से किसी भी तरह की लूटपाट की पुष्टि नहीं हुई है.

वसन्त विहार में इस घटना में मृतक का नाम विष्णु माथुर(80) था जो CGHS से रिटायर्ड थे और उनकी पत्नी का नाम शशि माथुर (75) था जो NDMC से रिटायर्ड थीं.  इनके साथ 24 घंटो के लिए एक महिला रखी गई थी जिसका नाम खुशबू नौटियाल (24) था. खुशबू इनकी देखभाल करती थी.

परिवार में दंपत्ति के बेटे की पहले एक्सीडेंट में मौत हो चुकी है. एक बेटी है जो बाहर रहती है.  सुबह घर आने वाले लोगों ने घर के दरवाजे से खून बाहर निकले हुए देखा, तो पुलिस को सूचना दी गई. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

गुरुवार, 15 नवंबर 2018

आदिशक्ति फाउंडेशन द्वारा हर्षोल्लास से मनाया बालदिवस


आदिशक्ति फाउंडेशन द्वारा हर्षोल्लास से मनाया बालदिवस

रिपोर्ट :- छगनसिंह चौहान

दिल्ली। देश के पहले प्रधानमंत्री और बच्चों के प्रिय चाचा नेहरू का जन्मदिन बाल दिवस के रूप में बड़े हर्षोंल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर उत्तमनगर स्थित लिटिल ऐंजल स्कूल में आदिशक्ति फाउंडेशन की टीम ने बाल दिवस पर स्कूली बच्चों को पर्यावरण प्रदूषण के प्रति जागरूक करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया ।


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साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति स्कूल से आने एवम जाने के दौरान धूल कण और वाहनों से निकलने वाले जहलीरी गैसों से बचाव के लिए बच्चों में मास्क वितरित किये गए। इसके बाद कई प्रतियोगिता आयोजित हुई । जिनमें विजेता रहे बच्चो पुरस्कृत किया गया।

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इस दौरान आदिशक्ति फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्षा सुषमासिंह पँवार,राष्ट्रीय महासचिव रागिनी पांडेय, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी सुषमा यादव ,दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष नीलम सैनी,सलाहकार और स्कूल की संचालिका श्रीमती मृदुला जी एवं श्री सतीश जी ,दिल्ली मीडिया प्रभारी करिश्मा सोनी , श्रीमती सुनीता शर्मा ने बच्चों को प्रदूषण और उसके निदान के उपाय को लेकर चर्चा की और उन्हें जागरूक किया। उन्होंने बच्चों का खूब उत्साहवर्धन किया। इस दौरान फाउंडेशन से कई सदस्यों सहित समस्त स्कूल स्टाफ मौजूद रहा ।

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मंगलवार, 9 अक्तूबर 2018

प्रगतिपथ पर अग्रसर आदिशक्ति फाउंडेशन

प्रगतिपथ पर अग्रसर आदिशक्ति फाउंडेशन

अहमदाबाद। आदिशक्ति फॉउंडेशन की गुजरात इकाई के नव निर्वाचित अध्यक्ष ज्योति चण्डक ने पदभार संभाल लिया। पदभार ग्रहण समारोह में आदिशक्ति फॉउंडेशन की राष्ट्रिय अध्यक्ष सुषमा सिंह पंवार , राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. श्वेता श्रीवास्तव , पत्रकार हरिप्रकाश , प्रताप सेना सयोजक गिरवर सिंह शेखावत , भवानी सिंह शेखावत , राजस्थान पत्रिका के प्रभारी संपादक प्रदीप जोशी , श्वेता शुक्ला , पार्षद मुकेश ,सुमेर सिंह भाटी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। अहमदाबाद में आयोजित पदभार ग्रहण समारोह में आदिशक्ति फॉउंडेशन की राष्ट्रिय अध्यक्ष सुषमा सिंह पंवार ने नव निर्वाचित अध्यक्ष ज्योति चण्डक को पदभार सौंपने की औपचारिकता निभाई। उन्होंने नव निर्वाचित अध्यक्ष ज्योति चण्डक को बधाई देते हुए जल्द कार्यकरणी का विस्तार करने के निर्देश दिए। कार्यक्रम की शुरू वात में सभी अतिथियों का साफा , शोल ओढ़ाकर एवं पुष्प गुच्छ देकर अभिनन्द किया गया।




राष्ट्रिय अध्यक्ष सुषमा सिंह पंवार ने कहा कि सामाजिक सरोकार के कार्यो में महिलाओ को आगे आने की जरूरत है। समाज के निर्माण के लिए संगठन प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि अगर नारी पढ़ी लिखी होगी तो वो समाज के कार्यो में योगदान दे सकती हैं । नारी पढ़ेगी तो परिवार को सुचारू रूप से चला पाएगी। उसे दूसरों पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा और अपने कर्तव्यों और अधिकारों के प्रति भी सजग रहेगी। उन्होंने ने भारत में नारियों और बच्चों की वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए हर संभव प्रयास जो की समाज से हो सकता है की आवश्यकता पर बल दिया.उनकी सेहत की चिंता पर बहुत ही प्रबलता से अपनी बात रखी। उन्होंने आदिशक्ति फाउंडेशन के बारे बताते हुए कहा महिलाओं को हर स्तर पर जागरूक और शिक्षित करने साथ उनको किसी ना किसी कार्यक्रम के द्वारा जोडक़र उनके अंदर छिपी प्रतिभा को दिखाने का अवसर देने का काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि आर्थिक स्थति से कमजोर परिवारों को छोटे छोटे काम दिलाकर रोजगार अवसर प्रदान करने महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।




वही फॉउंडेशन की राष्ट्रीय प्रवक्ता डा श्वेता श्रीवास्तव ने महिला शक्ति को एक रचना सुनाकर वीरता और सहनशीलता को परिभाषित किया और संस्था की सभी गतिविधियों से गुजरात की नवनियुक्त पदाधिकारियों को अवगत कराते हुए सभी को आश्वस्त किया कि समस्त राष्ट्रीय कार्यकारिणी गुजरात की नई कार्यकारिणी के साथ कदम से कदम मिलकर चलेगी। नव नियुक्त पदाधिकारियों ने अध्यक्षा ज्योति चांडक को हर संभव मदद का भरोसा दिया।



इस अवसर पर गिरिवर सिंह जी ने संस्थाओ की संख्या से ज्यादा संस्थाओं की एकजुटता की बात की। वहीँ भवानी सिंह जी ने भारतीय संस्क्रती को आगे ले जाने की कोशिश में आदिशक्ति की भागीदारी को महत्ता पर बल दिया। इस अवसर पर सचिव भारती केला,कोकिला डागा,टीना मेहता ,मुन्ना जी ,महासचिव कृष्णा काबरा उपाध्यक्षा अनुपमा महेश्वरी ,किरण महेश्वरी,महामंत्री ललिता झवर ,संगठन मंत्री दीपा दम्माणी,आईटी प्रभारी ज्योतिका जिगना संचार मंत्री संगीता बिसानी आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। कार्यक्रम में कई गणमान्य लोगो उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अवन्तिका महेश्वरी ने किया।



आदिशक्ति फॉउंडेशन के मुख्य सरंक्षक श्री राश दादा ' राश 'ने सफल कार्यक्रम लिए सभी पदाधिकारियों को सराहना करते हुए नवनियुक्त गुजरात इकाई के सदस्यों को बधाई देते हुए शुभकामानएं प्रेषित की।

बुधवार, 17 दिसंबर 2014

पाक विस्थापित परिवारो की सुध ली ठाकुर शिखा सिंह ने,दिल्ली में बेहाल हे पाक विस्थापित









पाक विस्थापित परिवारो की सुध ली ठाकुर शिखा सिंह  ने,दिल्ली में बेहाल हे पाक विस्थापित



दिल्ली पाकिस्तान के पेशावर से आये चौरानवे पाकिस्तानी परिवार दिल्ली के मजनू का टिल्ला के पास खुले आसमान में इस आस के साथ डेरा डाले हे की केंद्र सरकार उनकी सुध लेगी।मगर केंद्र सरकार की और से कोई राहत आती इससे पहले आशी अह्हाना ए शेल्टर फॉर वीमेन संसथान ने ठण्ड से पीड़ित परिवारो की सुध ली।संसथान की प्रमुख ठाकुर शिखा सिंह चौहान ने इन पाक विस्थापित परिवारो के पास पहुँच न केवल उनकी सुध ली अपितु उन्हें ठण्ड से बचाव के लिए तत्काल दौ सौ कम्बल उपलब्ध कराए।शिखा सिंह ने बताया की पाकिस्तान के पेशावर इलाके से आये चौरानवे परिवारो में हिन्दू परिवार हे जिसमे राजपूत भील मेघवाल परिवार शामिल हे ।उन्होंने बताया की पाकिस्तान में कट्टर पंथियों के अत्याचारो से परेशां होकर पाक से विस्थापित होकर दिल्ली पहुंचे ,साथ ही उनकी परिवार की बहन बेटियोके साथ अत्याचार किया जाता हे।उन्हें हिन्दू रीती रिवाज से कपडे तक पहने नहीं दिए जाते ।सबसे महत्त्व पूर्ण की उन्हें हिन्दू धर्म के अनुसार रहने की इज़ाज़त नहीं थी।हिन्दू शवो का डाह संस्कार करने से रोक उन्हें दफनाने पर मज़बूर किया जाता हैं।बेटियो को पढ़ाने की इज़ाज़त नहीं ।ेपाकिस्तान से विस्थापित होकर आये इन परिवारो ने मजनू का टिल्ला के समीप अस्थायी बसेरा कर रखा हे।उन्हें इस बात की जानकारी मिली तो उनकी सुध लेने पहुंची ।उन्होंने बताया की ठण्ड के कारन बेहाल होने से इन परिवारो को तत्काल राहत देते हुए दौ सौ कम्बल उपलब्ध कराये हैं।उन्होंने बताया की पाक विस्थापितों के पुनर्वास की मांग केंद्र सरकार से करने के साथ ही उन्हें और सुविधाए उपलब्ध करने का प्रयास किया जा रहा हैं।पाक विस्थापित परिवारो ने शिखा सिंह का तत्काल राहत उपलब्ध कराने पर आभार जताया।

शुक्रवार, 8 अगस्त 2014

जसवंत सिंह के स्वास्थ्य की देखभाल का जिम्मा एम्स दिल्ली के विशेषज्ञ चिकित्सको

जसवंत सिंह के स्वास्थ्य की देखभाल का जिम्मा एम्स दिल्ली के विशेषज्ञ चिकित्सको



दिल्ली पूर्व रक्षा मंत्री जसवंत सिंह के स्वास्थ्य की देखभाल का जिम्मा एम्स दिल्ली के विशेषज्ञ चिकित्सको का दल करेगा करेगा। केन्द्रय स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल पहुँच जसवंत सिंह के स्वास्थ्य की जानकारी अस्पताल के चिकित्सको और उनके परिजनों से ली , स्वास्थ्य मंत्री ने एम्स से चिकित्सको की टीम उनकी स्वास्थ्य की देखभाल के लिए बुलाने के आदेश दिए।


जसवंत सिंह जी के लिए एम्स दिल्ली के विशेषग्य चिकित्सको की टीम देखभाल के लिए तैनात। जसवंत सिंह बेहोशी की हालत में मगर शरीर की हार्ट और पल्स सामान्य काम कर रही हें। जसवंत सिन्ह्ह को देखने लोकसभा अध्यक्ष ।केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ।अमर सिंह अरुण सौरी सहित सेकड़ो नेता कुशल क्षेम जानने अस्पताल पहुंचे। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने  अस्पताल पहुँच जसवंत सिंह के स्वास्थ्य की जानकारी  ली। 

गुरुवार, 3 जुलाई 2014

दिल्ली के धार्मिक और पर्यटन स्थल

दिल्ली के धार्मिक और पर्यटन स्थल 

निज़ामुद्दीन दरगाह


यह दिल्‍ली का प्रमुख स्‍थल है । यहां विख्‍यात संत हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया का मकबरा है। इसके परिसर में एक टैंक है जिसके चारों तरफ कई अन्‍य ऐतिहासिक मकबरे हैं। यहां अमीर खुसरो और सम्राट शाहजहां की पुत्री राजकुमारी जहांआरा की कब्रें भी हैं। साल में दो बार एक बारी हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया और दूसरी बार अमीर खुसरो की जयंती पर मेला आयोजित किया जाता है और जब सम्‍पूर्ण भारत से तीर्थ-यात्री यहां आते हैं तो यह स्‍थान जीवंत हो जाता है।




जामा मस्जिद

लालकिला के निकट यह भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है। प्रत्‍येक शुक्रबार को मध्‍याह्न में दो घंटों के दौरान यह गैर-मुस्लिमों के लिए बंद कर दिया जाता है। कुछ मस्जिदों में से यह भी एक मस्जिद है जहां महिलाएं प्रवेश कर सकती हैं। उपयुक्‍त पोशाक पहनकर जिसे उत्‍तरी गेट से किराये पर लिया जाता है, और नंगे पांव जाना यहां अनिवार्य है। इसके प्रांगण में 25000 तक श्रद्धालु समाहित हो सकते हैं। शाहजहां की इस भव्‍य वास्‍तुकला की सौगात 1658 में पूरी हुई थी इसके तीन द्वार हैं और चार मीनार तथा दो छोटी मीनारें हैं। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि दिन के किसी भी पहर में, किसी भी दिशा से देखें तो यह एक समान दिखेगा इसकी भव्‍यता आपको अवश्‍य रोमांचित करेगी।



गुरूद्वारा रकाब गंज

संसद भवन के नजदीक इसका निर्माण 1732 में लक्‍खी बंजारा ने कराया था जिन्‍होंने शहीद सिख गुरू तेगबहादुर जी का अंतिम संस्‍कार किया था। इसमें सिक्‍ख गुरूद्वारों की स्‍थापत्‍य शैली का अनुकरण किया गया है। एडविन ल्‍यूटन की टीम ने केवल ये ही कहा कि इस सिक्‍ख धार्मिक स्‍थल को “किसी भी सूरत में विस्‍थापित नहीं किया जा सकता।”



गुरूद्वारा शीशगंज

लालकिला के सामने चांदनी चौक से थोड़ी दूरी पर गुरूद्वारा शीश गंज स्थित है। यह गुरूद्वारा सिक्‍खों के नौवें गुरू तेगबहादुर की याद में बनाया गया था। जिनका यहां 1675 ई. में मुगल सम्राट औरंगज़ेब के आदेश पर इस्‍लाम न कबूलने के फलस्‍वरूप इनका शीश काट दिया गया था। आज भी उस बरगद के वृक्ष को देखा जा सकता है जहां उन्‍हें शहीद किया गया था और वह अपनी कैद के दौरान जिस दीवार पर बैठकर वे दैनिक स्‍नान करते थे उसे देखा जा सकता है।


बहाई टैम्‍पल

नेहरू प्‍लेस के पूर्व में यह मंदिर “कमल के फूल” के आकार में निर्मित किया गया है और बहाई टैम्‍पल श्रृंखला के तहत यह विश्‍व का सातवां और अंतिम टैम्‍पल है । इसे 1986 में पूरा किया गया और इसके आस-पास हरे-भरे मनमोहक बाग हैं। वास्‍तुविद् फारीबर्ज सबहा ने प्रतीक के रूप में “कमल” को चुना जो हिन्‍दुत्‍व बुद्धवाद, जैनवाद और इस्‍लाम सभी में सर्व ग्राहय प्रतीक है।

किसी भी समुदाय या सम्‍प्रदाय के अनुयायी यहां आकर प्रार्थना या ध्‍यान कर सकते हैं। पुष्पित फूल-पंखुड़ियों के आस-पास यहां पानी की नौ पुलियाँ हैं। जिसे प्राकृतिक प्रकाश द्वारा प्रकाशमय कराया गया है। जब इस पर फ्लडलाइट डाली जाती है तो सायंकाल में यह गौधूलि का अदभुत दृश्‍य प्रदान करता है।

खुलने का समय (रविवार को बंद रहता है) : प्रात: 8.30 से 12.30 और सायं 4.00 से 7.30 बजे तक।


लक्ष्‍मी नारायण मंदिर

इसे बिरला मंदिर के नाम से भी जानते हैं। यह दिल्‍ली का प्रमुख मंदिर और पर्यटकों के लिए दर्शनीय–स्‍थल है। इसे उद्योगपति जी. डी. बिरला ने 1938 में बनवाया था। यह सुंदर मंदिर कनॉट प्‍लेस (राजीव चौक) के पश्चिम में स्थित है। यह मंदिर लक्ष्‍मी (संपन्‍नता की देवी) और नारायण (प्रजापति/संरक्षक) को समर्पित है इस मंदिर का उद्घाटन महात्‍मा गांधी ने इस शर्त पर किया था कि इसमें सभी जाति वालों को प्रवेश की अनुमति दी जाए।


अहिंसा स्‍थल

कुतुब के पीछे एक छोटी सी ऊंची पहाड़ी पर महावीर की एक बड़ी प्रतिमा स्‍थापित की गई है। जिसे 1980 के दशक में स्‍थापित किया था। इसके आस-पास के क्षेत्र को समर्पित भाव से विकसित करके बाग में परिवर्तित किया गया है। इसे “अहिंसा स्‍थल ”या “एरिया ऑफ पीस” के नाम से पुकारा जाता है।


गुरूद्वारा बंगला साहिब

यह कनॉट प्‍लेस से आधा किलोमीटर की दूरी स्थित है। जब 1664 में सिक्‍खों के अष्‍टम गुरू हरकृष्‍ण देव इस “हवेली” में शाही मेहमान के तौर पर रह रहे थे तो उसके बाद मिर्ज़ा राजा जयसिंह ने इस “हवेली” को गुरूद्वारा के रूप में समर्पित किया था। इसके बाद यह सिक्‍खों का धार्मिक स्‍थल बना और आज इसे बंगला साहिब के नाम से जाना जाता है। ऐसी जनश्रुति है कि इस मंदिर के अंदर जो जल का तालाब जिसे गुरू हरिकृष्‍ण देव ने पवित्र किया और इसके जल से चेचक और हैजा के रोगियों को चंगा किया था और आज भी जिनका विश्‍वास है, उन्‍हें उसका जल वितरित किया जाता है। सिक्‍ख इतिहास को दर्शाने वाला एक संग्रहालय भी गुरूद्वारा परिसर में स्थित है।




इस्‍कान मंदिर

हरे कृष्‍णा मूवमेन्‍ट के सौजन्‍य से इस बेहतरीन मं‍दिर का निर्माण किया गया है। और इस अदभुत मंदिर को अवश्‍य देखा जाए। न यह केवल मंदिर बल्कि यहां हरे कृष्‍णा सम्‍प्रदाय और ड्राविनिज़्म व आंतरिक विज्ञान के रहस्‍यात्‍मक दृष्टिकोण को प्रदर्शित करने के लिए अत्‍याधुनिक मल्‍टी‍मीडिया शो में एनीमेशन साउंड एन्‍ड लाइट, पेंटिंग डायोरामस तथा शिल्‍पकला का प्रयोग किया जाता है। राधा और कृष्‍ण की हस्‍त-निर्मित चित्रकला इस मंदिर को सुसज्जित बनाती है। इसके परिसर में गोविन्‍दा नाम रेस्‍तरां में कोई भी लजीज़ शाकाहारी भोजन का आनन्‍द उठा सकता है।


सेन्‍ट जेम्‍स चर्च

कश्‍मीरी गेट से थोड़ी दूरी पर स्थित सेन्‍ट जेम्‍स गिरजाघर जेम्‍स स्किनर ने निर्मित कराया और 1836 में प्रतिष्ठित किया गया था। दिल्‍ली का यह बेहद पुराना गिरजाघर है। इसका निर्माण ग्रीक क्रास शैली के साथ प्राचीन पश्चिमी वास्‍तु-शैली में किया गया है। क्रॉस के तीनों भुजाओं में पोर्टिको बनाई गई है। जबकि पूर्वी भुजा को वदिका का रूप दिया गया है। गिरजाघर का मध्‍य क्षेत्र एक गुम्‍बद से ढका है जो ब्रर्नेलैस्की द्वारा निर्मित फलोरेन्‍स केथेड्रल के गुम्‍बद से मेल खाता है।


सेन्ट थॉमस चर्च

मंदिर मार्ग, नई दिल्‍ली स्थित इस चर्च का निर्माण 1930-32 में हुआ था। यह उन भारतीयों के लिए बनाया गया था जिन्होंने ईसाई धर्म को अपनाया था। यह लाल ईंटों से निर्मित है जो वास्‍तुविद वॉल्‍टर जार्ज की प्रिय सामग्री थी।


सेक्रेड हार्ट केथेड्रल

दिल्‍ली की यह शानदार और अदभुत चर्च इमारत है। यह कनॉट प्‍लेस में गुरूद्वारा बंगला साहिब के सामने गोल डाकखाने के निकट स्थित है। इस चर्च की संरचना फादर ल्‍यूक ने तैयार की थी और तत्‍कालीन सुप्रसिद्ध वास्‍तुविद हेनरी मैडॅड ने निर्मित कराया था । फादर ल्‍यूक ने 14 एकड़ भूमि अधिग्रहित की थी जो दो स्‍कूलों सेन्‍ट कोलंबिया और कॉन्‍वेन्‍ट ऑफ जीसस एन्‍ड मैरी के मध्य स्थित है । चर्च का मुख्‍य वेदिका शुद्ध मार्बल की बनी है और विशेष अवसरों तथा क्रिसमस आदि पर चर्च की घंटियों को तरन्‍नुम में बजाया जाता है। 1930 में निर्मित केथेड्रल ऑफ सेक्रेड हार्ट दिल्‍ली में नायाब स्‍थापत्‍यकला की निशानी है।




बौद्ध मंदिर

यह मंदिर मार्ग पर स्थित है। इस मंदिर की आधारशिला 31 अक्‍टूबर, 1936 को रखी गई थी और 18 मार्च, 1939 को महात्‍मा गांधी ने इसका उद्घाटन किया था।



हनुमान मंदिर

इसे महाराजा जयसिंह ने उसी दौरान बनाया था जब जन्‍तर-मन्‍तर निर्मित कराया था। तब से इसकी मौलिक संरचना में कई परिर्वतन किए जा चुके हैं। यहां प्रत्‍येक मंगलवार और शनिवार को मेले जैसी बहार आ जाती है। बाबा खड़ग सिंह मार्ग पर स्थित यह मंदिर जन्‍तर मन्‍तर से दो-तीन मिनट की दूरी पर है।



छतरपुर मंदिर

सुविख्‍यात छतरपुर मंदिर कुतुबमीनार से 4 किलामीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिर का परिसर तीन भागों में विभाजित किया गया है। मुख्‍य मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है। दूसरा भाग का मंदिर देवी लक्ष्‍मी और भगवान गणपति को समर्पित है जबकि तीसरा भाग मंदिर के संस्‍थापक सन्‍त बाबा नागपाल को समर्पित है। यह विशालकाय क्षेत्र में स्‍थापित है जिसमें कई मूर्तियां पत्‍थरों और लकड़ी से उकेरकर बनाई गई है। आज आधुनिक हिन्‍दू मंदिरों में जो शैली और भव्‍यता विलुप्‍त हो गई थी उसे यहां सफेद संगमरमर के व्‍यापक प्रयोग द्वारा पुनजीवित किया गया है। दशहरा और नवरात्रों में सितंबर-अक्‍टूवर के दौरान बड़ी संख्‍या में श्रद्धालु यहां एकत्रित होते हैं। यह मंदिर सदैव खुला रहता है और यहां देवी दुर्गा को समर्पित संगीत बजता रहता है।




कैथेड्रल चर्च ऑफ रिडेम्‍पशन

मध्‍य दिल्‍ली के केन्‍द्रीय टर्मिनल के निकट एक भव्‍य भवन स्थित है। हेनरी मेड द्वारा डिजाइन चर्च की आधार शिला 1927 में लार्ड इर्विन ने रखी थी। 15 फरवरी 1931 को लाहौर के बिशॅप ने इसे प्रतिष्ठित किया था। इस चर्च का निर्माण कार्य 1935 में पूरा हुआ, यह चर्च एक क्रॉस-प्लान पर निर्मित हुआ जिसका प्रवेश-द्वार पश्चिम में है और पूर्व में एक वेदिका है।