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मंगलवार, 16 अक्तूबर 2018

*थार की दमदार राजनीतिक शख्सियत* *जेसलमेर की राजनीति के चाणक्य किशन सिंह भाटी,बहुआयामी प्रतिभा के धनी*


*थार की दमदार राजनीतिक शख्सियत*

*जेसलमेर की राजनीति के चाणक्य किशन सिंह भाटी,बहुआयामी प्रतिभा के धनी*

*चन्दन सिंह भाटी बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक के लिए*



*जेसलमेर के तपते धोरों से बहुमुखी प्रतिभाओं ने अपने कर्म से ख्याति अर्जित कर जिले का और खुद का नाम रोशन किया।।जैसलमेर की बात चले और किशन सिंह भाटी का जिक्र न हो यह बहुत कम होता है। राजनीति या सामाजिक कोई भी चर्चा हो किशन सिंह भाटी को उनकी बेबाकी,ईमानदारी और निष्ठा को लेकर लोग याद करते है।।

जेसलमेर के सत्याया ठिकाने के प्रयाग सिंह के घर जन्मे किशन सिंह भाटी ने अपनी प्रारंभिक शिक्ष दीक्षा जेसलमेर में करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए जोधपुर और जयपुर रहे।।छात्र जीवन मे प्रखर वक्ता होने के कारण जकड़ उनकी ख्याति बढ़ गई।।महाविद्यालय स्तर पे वे विभिन पदों पर रहे।।छात्र संघ चुनाव भी लड़े।।स्नातकोत्तर शिक्षा के बाद उन्होंने वकालत की शिक्षा अर्जित की।।1950 से 1962 तक महाविद्यालयी गतिविधियों के मुख्य केंद्र रहे।।राजनीति का उन्हें शौक था।।1957 में लोकसभा चुनाव में महारावल रघुनाथ सिंह के चुनाव की जिम्मेदारी आपकीं थी।।आपने उस चुनाव में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया तो जोधपुर में 1962 में  खास तौर से चुनाव में राजदादी के पक्ष में प्रचार के लिए गए।।1977 में तन सिंह और 1971 में भेरू सिंह शेखवत के चुनाव की कमान जैसलमेर में आपने संभाल रखी थी।।प्रखर वक्ता और आम जन के हितैषी होने के कारण क्षेत्र में जल्द अपनी खास पहचान बना ली।।क्षत्रिय युवक संघ के साथ वो छात्र जीवन से जुड़ गए।।उसके बाद निरंतर आंदोलनों और सामाजिक गतिविधियों में खुद को सक्रिय कर लिया।।किशन सिंह भाटी बहुआयामी प्रतिभा के स्वाभिमानी व्यक्ति थे।।उन्होंने अपने जीवन मे जो ख्याति अर्जित की वह अतुल्य है।।

किशन सिंह उस वक्त चर्चा में आये जब भारत पाक के बीच हुए युद्ध के बाद पाक शरणार्थी भारत आये उनके शिविर लगे।इन शिविरों में आपने लोगो की खूब मदद की।।बाद में गडरा आंदोलन जन संघ के बैनर तले चला उसमे हिस्सा लिया।इससे पहले आर एस एस के 1948 में महात्मा। गांधी की हत्या के बाद लगे प्रतिबंध के खिलाफ चले अभियान,इमेरजेंसरी में मिस्सा के तहत आंदोलन में जेल यात्रा भी की ।।किशन सिंह  आंदोलनों के अभिप्राय बन गए,किसानों की समस्या हो या आम जनता की उनकी आवाज़ बने।।जन संघ के जिला अध्यक्ष,फिर प्रदेश उपाध्यक्ष रहे।।सहकारी समोतियो में विभिन पदों पे रहे दो बार लगातार उपभोक्ता भंडार के अध्यक्ष रहे।।आपने छपनिया काल मे लोगो की खूब सेवा की।।अकाल में कई गई लोगो की निस्वार्थ सेवा से लोगो के मन मे किशन सिंह के प्रति आदर भाव जगा।।लोगो मे उनका नाम सम्मान से लिया जाता।।उन्हें 1977 का विधानसभा चुनाव लड़ाया गया जिसमें बिजयी होकर विधानसभा पहुंचे।विधानसभा में जेसलमेर की आवाज़ को मुखर किया।।वो जिला परिषद के सदस्य रहे साथ ही भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष का दायित्व भी निर्वाह किया।।किशन सिंह सामाजिक कार्यो में अग्रणी रहे।।खरी बात कहने वाले किशन सिंह ने जिले के विकास के सतत प्रयास किया।।।पूर्व विधायक किशनसिंह भाटी 1977 में जैसलमेर विधायक बने थे। भाटी भारत विभाजन के उपरांत संचालित शरणार्थी सेवा शिविरों में सक्रिय भागीदारी योगदान दिया। इसके साथ ही 1948 से क्षत्रीय युवक संघ के कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभाई, गौ हत्या विरोधी आंदोलन में भी सक्रिय भागीदारी एवं तिहाड़ जेल यात्रा भी की। भाटी 1968 में पांच वर्ष तक भारतीय जनसंघ जैसलमेर के जिलाध्यक्ष रहे, साथ ही 1972 से आपातकालीन की समाप्ति तक राजस्थान प्रदेश भारती जनसंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे, 2001 से 2003 तक भाजपा जिलाध्यक्ष रहे। भाटी 1988 से 1996 तक जैसलमेर केन्द्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड में दो बार निर्विरोध निर्वाचित अध्यक्ष चुने गए। सीमावर्ती रेगिस्तानी जैसलमेर एवं बाड़मेर जिलों की अकाल संघर्ष समितियों के माध्यम से उन्होंने संचालित आंदोलनों, किसान आंदोलनों में सक्रिय भागीदारी एवं गिरफ्तारी दी।

14 अगस्त को उनका 78 साल की उम्र में निधन हो गया।।उनके निधन पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने उनके घर सत्याया पहुंच श्रद्धांजलि अर्पित की।।

उनके निधन से एक रिक्तता आ गई।।उनके जैसा बेबाक और दबंग राजनेता जेसलमेर की वर्तमान राजनीति में नही है।।