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शुक्रवार, 24 अगस्त 2018

जैसलमेर स्थापना दिवस पर राजपरिवार ने भाटी को किया सम्मानित


जैसलमेर स्थापना दिवस पर राजपरिवार ने भाटी को किया सम्मानित

रिपोर्ट :- छगनसिंह चौहान / बाड़मेर 

बाड़मेर वरिष्ठ पत्रकार चन्दन सिंह भाटी को जैसलमेर के 863 वें स्थापना दिवस पर आयोजित राजपरिवार के भव्य कार्यक्रम हज़ारो लोगो की उपस्थिति में सम्मानित किया गया। जैसलमेर के मूल निवासी चन्दन सिंह भाटी को उनके द्वारा पत्रकारिता क्षेत्र में दिए जा रहे योगदान को ध्यान में रख विशेष रूप से राजपरिवार द्वारा जेसलमेर स्थापना दिवस पर अखेप्रोल में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में महारावल बृजराज सिंह एमहारानी सा राशेश्वरी राज लक्ष्मीएयुवराज चैतन्यराज सिंह की उपस्थिति में मुख्य अतिथि मेजर जनरल ओ पी गुलिया द्वारा सम्मान किया । भाटी को 1986 से लगातार पत्रकारिता के क्षेत्र में दे रहे योगदान के लिए जेसलमेर मूल निवासी होने पर शॉल ओढ़ाकर प्रस्सति पत्र देकर सम्मानित किया।




ये सम्मान बहुत खास है- भाटी
भाटी ने हिंदी साप्ताहिक ब्लिट्ज से पत्रकारिता की शुरुआत करने वाले भाटी ब्लिट्जएदैनिक हिंदुस्तानएदैनिक नवज्योतिएसहित दर्जनों समाचार पत्रों के लिए काम किया। अभी यूनीवार्ता के संवाददाता के रूप में कार्य कर रहे है। भाटी ने बताया कि 28 साल की पत्रकारिता में कई मर्तबा सम्मानित होने का सौभाग्य मिला। मगर जो सम्मान अपने घर मे हमारी आस्था और निष्ठा के प्रतीक राजपरिवार जैसलमेर की और से मिला यह सम्मान उनके लिए उनके लिए बहुत खास है।

बुधवार, 22 अगस्त 2018

जैसलमेर स्थापना दिवस पर भाटी होंगे सम्मानित

जैसलमेर स्थापना दिवस पर भाटी होंगे सम्मानित


रिपोर्ट :- छगनसिंह चौहान /बाड़मेर 


बाड़मेर वरिष्ठ पत्रकार चन्दन सिंह भाटी को जैसलमेर स्थापना दिवस पर आयोजित होने वाले राजपरिवार के भव्य कार्यक्रम में राजमाता द्वारा सम्मानित किया जाएगा। जैसलमेर के मूल निवासी चन्दन सिंह भाटी को उनके द्वारा पत्रकारिता क्षेत्र में दिए जा रहे योगदान को ध्यान में रख विशेष रूप से राजपरिवार द्वारा जॉसलमेर स्थापना दिवस पर आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में महारावल बृजराज सिंह ,युवराज चैतन्यराज सिंह की उपस्थिति में सम्मान किया जाएगा। भाटी विगत 1986 से लगातार पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे है हिंदी साप्ताहिक ब्लिट्ज से पत्रकारिता की शुरुआत करने वाले भाटी ब्लिट्ज,दैनिक हिंदुस्तान,दैनिक नवज्योति,सहित दर्जनों समाचार पत्रों के लिए काम किया। अभी यूनीवार्ता के संवाददाता के रूप में कार्य कर रहे है। भाटी ने बताया कि जेसलमेर राजपरिवार द्वारा दिया जा रहा यह सम्मान उनके लिए खास मायने रखता हैं।


शनिवार, 13 अगस्त 2016

जैसलमेर स्थापना दिवस को मात्र प्रातःकालीन कार्यक्रम होंगे:-

जैसलमेर स्थापना दिवस को मात्र प्रातःकालीन कार्यक्रम होंगे:-


जैसलमेर का 861 वाँ स्थापना दिवस इस वर्ष 15 अगस्त 2016 को श्रावण सुदी 12 के अनुसार आया है ।
जिला प्रषासन, नगर परिषद एवं षिक्षा विभाग एवं अन्य कई महत्वपूर्ण सस्थानों, विघालयों के परम सानिध्य में उनके बहुमूल्य सहयोग से हर वर्ष मनाया जाता रहा है । परन्तु इस वर्ष राष्ट्रीय पर्व, भारत के 70 वाँ ‘‘स्वतन्त्रता दिवस समारोह’’ 15 अगस्त 2016 को आयोजित कार्यक्रमों में व्यवस्तता के कारण स्थापना दिवस उपरोक्त वर्णित सभी विभागों, संस्थाओं की सहायता  व सहयोग के बिना भव्य रूप में मनाना सम्भव नहीं होगा ।
अतः 15 अगस्त 2016 को प्रातः कालीन कार्यक्रमों में प्रातः 9.00 बजे कुलदेवी माता स्वांगिया का पूजन 9.30 बजे जैसलमेर की जनता की कुषलता हेतु एक यज्ञ 10.30 बजे जैसलमेर के संस्थापक महारावल जैसलदेव जी का पूजन तŸापष्चात 10.45 बजे पर ध्वजारोहण एवं ध्वज पूजन का कार्यक्रम होगा । जैसलमेर के प्रबुधजनों, प्रत्येक नागरिकगण इसमें साषिल होने के लिए आमन्त्रित हैं । पधार कर इसे सफल बनावें ।

गुरुवार, 27 अगस्त 2015

मंगलवार, 18 अगस्त 2015

जैसलमेर स्थापना दिवस विशेष। जैसलमेर दर्शन। जैसलमेर सोनार दुर्ग का निर्माण


जैसलमेर स्थापना दिवस विशेष। जैसलमेर दर्शन। जैसलमेर सोनार दुर्ग का निर्माण

:: जैसलमेर सोनार दुर्ग का निर्माण ::
महारावल जैसल ने संवत 1212 विक्रमी सन 1156 ई. श्रावण सुदी ग्यारहस ने रविवार घन लग्न रोहिणी नक्षत्र में त्रिकुट पर्वत पर दुर्ग की स्थापना की पहाड़ी के नीचे शहर बसाया और जैसलमेर के दुर्ग की स्थापना की और पहाड़ी के नीचे शहर बसाया और जैसलमेर के दुर्ग में सिंहासन पर विराजे महारावल जैसल । महारावल जैसल ने ईशाल को बहुत द्रव्य दिया । दो कोस ( ६ मील ) की सीवदी और पांच बेरा दिया । जैसलमेर में महारावल ने जैसलसर तालाब का निर्माण करवाया । गढ़ में चार महल बनवाया । उस समय उनकी लागत 16940 रु थी जो भाटी की बही में लिखी है । संवत १२१८ में प्रोहितो को दक्षिणा दी ।
:: दोहा ::
संवत बारह सो बारह सावन मास सुमेर ।
जैसल थाप्यो जोरावर महिपत जैसलमेर ।
लंका ज्यों अगजीत है घणा घाट रे घेर ।
रघु रहसी भाटियों महिपत जैसलमेर ।
:: महारावल जैसल के गढ़ों की विगत ::
१ गढ़ जैसलमेर २ देरावर ३ तनोट ४ बीकमपुर ५ रोहड़ी ६ भखर ७ घोटाड़ू ८ फलोदी ९ खावड़ १० मारोट ११ सातल १२ नोहर १३ चौहटन १४ पूगल १५ बाड़मेर १६ नाचनो १७ जुनोगढ़
:: छपय ::
बारह सो बारोतरो कियो जैसल जैसलगिरी ।
ईसा वरस सोवनमेर मंड्यो मेरावर ।
सुद सावण ११ रोहिणी नक्षत्र रविवारे ।
प्रथ्वी में प्रगट्यो त्रिकुट गढ़ लंका कारे ।
तहां छेद लगे नको , सुख निवास भाटी रहे ।
पहवीय गढ़ सिणगार ऐ , देखेय दुर्जन उदहे ॥
:: दोहा ::
बारह सो चोबीस में सावण सुद पूनम ।
एता दिन सुख भोगवे सरग पोहतो जादम ॥ (१ )
जैसलमेर कराय गढ़ बारह वर्ष कियो राज ।
जैसल सरग पधारियो देय दन्त द्रव वाज ॥ ( २ )
:: खंडन :
भाटियों के रावो की बही के अनुसार जैसलमेर की स्थापना संवत 1212 श्रावण मास रोहिणी नक्षत्र घन लग्न श्रावण सुदी ११ ने रविवार अंकित है परन्तु कई इतिहासकारों व् ख्यात्कारों ने जैसलमेर की स्थापना संवत १२१२ श्रावण सुदी १२ दर्शाया है ।
लगातार ................