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मंगलवार, 6 अगस्त 2013

संसद में गूंजेगा एमएलए के पिता की हिस्ट्रीशीट



कांग्रेस विधायक और जिला प्रमुख के पिता की हिस्ट्रीशीट खोलने के बाद हटाए गए जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी का मामला भाजपा संसद में उठाएगी। राज्य के भाजपा सांसदों को प्रदेश नेतृत्व की ओर से गाजी फकीर की 48 साल पुरानी हिस्ट्रीशीट से सम्बन्धी दस्तावेज मुहैया कराए गए है, जिससे वे अध्ययन कर सके। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राष्ट्रीय सचिव भूपेन्द्र यादव इस मामले को लेकर केन्द्रीय नेताओं के सम्पर्क में हैं।

भाजपा सांसद अर्जुन मेघवाल ने बताया कि वे इस मामले को संसद में उठाएंगे, उन्होंने आज भी शून्यकाल के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया था, लेकिन सदन स्थगित होने के कारण मामला नहीं उठा सके। अन्य सांसद भी इस मामले को अलग-अलग दिन संसद में उठाएंगे। भाजपा इस मुद्दे को आगामी विधानसभा चुनाव तक हवा देना चाहती है। पार्टी इस मामले को लेकर जैसलमेर एवं बाड़मेर जिलों में धरने-प्रदर्शन का कार्यक्रम बना रही है। वहीं जैसलमेर जिले के कई क्षेत्र आज भी पुलिस अधीक्षक तबादला किए जाने के विरोध में बंद रहे। पोकरण से कांग्रेस विधायक शालेह मोहम्मद और जैसलमेर के जिला प्रमुख अब्दुला फकीर के पिता गाजी फकीर का पाकिस्तान सीमा पर सटे जैसलमेर एवं बाड़मेर जिलों में पिछले 50 साल से जबरदस्त वर्चस्व है। वे पाकिस्तान के पीर-पगारों के अनुयायी और भारत में उनके प्रतिनिधि के तौर पर कई सालों से काम कर रहे है। वे पीर-पगारों से मिलने पाकिस्तान जाते रहे है। उनका संदेश अपने समाज में प्रचारित करते है।

आपराधिक रिकॉर्ड के कारण गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट 31 जुलाई, 1965 की खोली गई थी। हिस्ट्रीशीट में पाकिस्तान से आने वाले संदिग्ध लोगों को संरक्षण देने, राष्ट्र विरोधी कार्रवाई में शामिल होने, सीआईडी-आईबी की रिपोर्ट की बातें लिखी गई है।

पुलिस के मुताबिक गाजी फकीर भारत-पाक के बीच होने वाली अवैध तस्करी, तस्करों को संरक्षण, पाक सीमा से अवैध आवाजाही हथियारों की तस्करी, पाक से सटे क्षेत्रों में लोगों की धार्मिक भावनाएं भड़काकर राष्ट्र विरोधी हरकतें करता रहा है। चार साल पहले पाक सीमा पर भारतीय रेंजरों द्वारा पकड़ी गई 58 किलो हेरोइन मामले में भी वह आरोपी है। पाकिस्तान में भी गाजी फकीर के सम्बन्ध ऊपर तक है। उसके रसूख के कारण ही दोनों देशों के कुख्यात तस्कर सीकिया को पाकिस्तान में जमानत मिली बताई।

गौरतलब है कि गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट 31 जुलाई 1965 को खोली गई थी। तब से गाजी का नाम कोतवाली थाने के हिस्ट्रीशीटरों में दर्ज था। जैसलमेर के पूर्व एसपी अंशुमान भोमिया का तबादला 31 मई 11 को हुआ और ममता विश्नोई ने 18 मई 11 को कार्यभार ग्रहण किया। इस बीच पचास दिन तक जैसलमेर में एसपी पद खाली रहा। तब एएसपी गणपतलाल ने मामला विश्नोई के ज्वाइन करने से पांच दिन पहले 12 मई 11 को गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट बंद कर दी जबकि आरपीआर नियम कहता है कि हिस्ट्रीशीट का फैसला सिर्फ एसपी ही कर सकता है।

गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट बंद करने का आधार उनकी उम्र और आचरण को बनाया गया है। उनकी उम्र 70 वर्ष से ज्यादा हो चुकी है। और काफी समय से किसी आपराधिक गतिविधियों में उनकी भूमिका सामने नहीं आई है। राजस्थान सीआईबी सीबी के एडीजी कपिल गर्ग ने जून में निकाले आदेश में कहा कि कई मामलों में अफसर राजस्थान पुलिस नियम 4.13 के तहत हिस्ट्रीशीट बंद कर देते हैं जो गलत है।

हिस्ट्रीशीट पर नियम 4.12 लागू होता है। इसके अनुसार हिस्ट्रीशीट मृत्युपरांत ही बंद की जा सकती है। यदि वह व्यक्ति आपराधिक गतिविधियों में नहीं है तो हिस्ट्रीशीट को व्यक्तिगत पंजिका में शामिल कर दें। व्यक्तिगत पंजिका भी मृत्युपरांत ही बंद की जा सकती है।