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गुरुवार, 21 अगस्त 2014

राजस्थानी भाषा में योगदान देने वालो को कैलगरी और कनाडा राणा अवार्ड समारोह तीस को

राजस्थानी भाषा में योगदान देने वालो को कैलगरी और कनाडा राणा अवार्ड समारोह तीस को 

बाड़मेर राजस्थानी भाषा आंदोलन में सक्रीय योगदान देने वाली हस्तियों को सम्मानित करने के लिए केलागरी और कनाडा राणा अवार्ड समारोह तीस अगस्त को जोधपुर में होगा आयोजित। इस समारोह में अरब देशो  फंसे बयासी भारतीयों को सुरक्षित लाने में योगदान देने वाले अधिकारियो को भी सम्मानित किया जायेगा ,

राणा के अंतराष्ट्रीय मीडिया सलाहकार और विधि प्रकोष्ट सलाहकार  राजस्थानी भाषा समिति  अंतराष्ट्रीय संयोजक प्रेम भंडारी ने बताया की राजस्थानी भाषा आंदोलन  उल्लेखनीय योगदान देने वाली हस्तियों को राणा  और से सम्मानित किया जायेगा ,उन्होंने बताया की कन्हैयालाल सेठिया स्मृति भाषा साहित्य सम्मान भी इसी समारोह में दिया जायेगा ,भंडारी ने बताया की समारोह में द्विमर्शिक राजस्थानी पत्रिका कथेसर का लोकार्पण भी किया जायेगा। 

उन्होंने बताया की अन्तराष्ट्रीय नयायाधीश माननीय दलबीर भंडारी होंगे मुख्य अतिथि। मुख्य न्यायाधीश राजस्थान सुनील अम्बवानी अति विशिष्ठ मेहमान ,होंगे जोधपुर महाराज गजे सिंह जी अध्यक्षता करेंगे। साथ ही समरोह में  लोकायुक्त सज्जन सिंह कोठारी ,जगदीश चन्द्र etv हेड ,जोधपुर सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत ,पाली सांसद पी पी चौधरी ,राजयसभा सांसद राम नारायण डूडी ,नारायणलाल पंचारिया और ओंकार सिन्ह् लखावत सहित कई हस्तियाँ शिरकत करेंगी। समारोह में कन्हैयालाल सेठिया पुरस्कार सहित राजस्थानी भाषा के विकास में योगदान देने वालो को भी समानित किया जायेगा।

गुरुवार, 19 मई 2011

धरती धोरां री ! धरती धोरां री ! कन्हैयालाल सेठिया (1919-2008)


धरती धोरां री !

धरती धोरां री !
कन्हैयालाल सेठिया (1919-2008)


















आ तो सुरगां नै सरमावै
ईं पर देव रमण नै आवै
ईं रो जस नर नारी गावै
               धरती धोरां री !
सूरज कण कण नै चमकावै
चन्दो इमरत रस
     बरसावै
तारा निछरावल कर
   ज्यावै
                  धरती धोरां री !
काळा बादलिया घहरावै
बिरखा घूघरिया घमकावै
बिजली डरती ओला खावै
                धरती धोरां री !
लुळ लुळ बाजरियो लैरावै
मक्की झालो दे’र बुलावै
कुदरत दोन्यूं हाथ लुटावै
              धरती धोरां री !
पंछी मधरा मधरा    बोलै
मिसरी मीठै सुर स्यूं घोलै
झीणूं बायरियो
     पंपोळै
                 धरती धोरां री !
नारा नागौरी हिद    ताता
मदुआ ऊंट अणूंता खाथा !
ईं रै
    घोड़ां री     के बातां ?
                  धरती धोरां री !
ईं रा फल फुलड़ा मन भावण
ईं रै
    धीणो     आंगण आंगण
बाजै सगळां स्यूं
   बड़ भागण
                      धरती धोरां री !
ईं रो    चित्तौड़ो गढ़    लूंठो
ओ तो रण वीरां रो खूंटो
ईं
  रो    जोधाणूं     नौ कूंटो
              धरती धोरां री !
आबू    आभै रै    परवाणै
लूणी
    गंगाजी ही जाणै
ऊभो जयसलमेर सिंवाणै
               धरती धोरां री !
ईं रो    बीकाणूं     गरबीलो
ईं रो अलवर जबर हठीलो
ईं रो
   अजयमेर    भड़कीलो
                 धरती धोरां री !
जैपर नगरयां में पटराणी,
कोटा बूंटी कद अणजाणी ?
चम्बल कैवै
   आं री का’णी
                 धरती धोरां री !
कोनी नांव भरतपुर छोटो
घूम्यो सुरजमल रो
   घोटो
खाई
    मात फिरंगी   मोटो
              धरती धोरां री !
ईं स्यूं नहीं माळवो न्यारो
मोबी
   हरियाणो है     प्यारो
मिलतो तीन्यां रो उणियारो
                  धरती धोरां री !
ईडर पालनपुर   है    ईं रा
सागी जामण जाया बीरा
 तो टुकड़ा मरू रै जी रा
                धरती धोरां री !
सोरठ बंध्यो सोरठां लारै
भेळप सिंध आप
    हंकारै
मूमल बिसरयो हेत चितारै
                  धरती धोरां री !
ईं पर तनड़ो मनड़ो वारां
ईं पर जीवण प्राण उवारां
ईं री धजा उडै गिगनारां
              धरती धोरां री !
ईं नै मोत्यां थाल बधावां
ईं री धूल लिलाड़ लगावां
ईं रो
    मोटो भाग    सरावां
                धरती धोरां री !
ईं रै सत री आण निभावां
ईं रै
    पत नै नहीं    लजावां
ईं नै
     माथो भेंट     चढ़ावां
                  मायड़ कोड़ां री
                धरती धोरां री !
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