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रविवार, 7 अप्रैल 2013
अब बाली फोर्ट भी पर्यटकों के लिए संवरकर कर तैयार
अब बाली फोर्ट भी पर्यटकों के लिए संवरकर कर तैयार
रियासतकाल में गोडवाड़ का सिंहद्वार रहा बाली फोर्ट पहली बार गोडवाड़ महोत्सव में शामिल, भविष्य में लाइट एवं साउंड कार्यक्रम शुरू करने की योजना भी
बाली रियासतकाल में गोडवाड़ का सिंहद्वार रहे बाली फोर्ट के दिन अब फिरने वाले है। हाल ही में नए लुक में संवारे गए इस किले की मीनारों तथा स्थापत्य कला अब उभर कर सामने आ गई है। पर्यटन विभाग ने फोर्ट की दशा सुधारने के साथ ही पहली बार इसे गोडवाड़ महोत्सव के केलेंडर में भी शामिल कर लिया है। इस बार 9 अप्रैल से शुरू होने वाले गोडवाड़ महोत्सव का आगाज भी बाली किले से ही होगा। जोधपुर व रणकपुर के बीच नए डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहे इस किले को गोडवाड़ महोत्सव में शामिल करने से यहां पर देसी-विदेशी पर्यटकों की नजरें इनायत हो सकती है। इसी को देखते हुए पर्यटन विभाग ने बाली किले से गोडवाड़ महोत्सव का शुभारंभ कराया जा रहा है।
जोधपुर रियायत के महत्वपूर्ण केंद्र बिंदू रहे बाली किला समय से उपेक्षा का शिकार होने से यह जीर्ण-शीर्ण हो रहा था। जनप्रतिनिधियों तथा इतिहासविदों के लगातार दबाव के बाद पर्यटन विभाग ने इसकी सुध लेते हुए जीर्णोद्घार कराया था। नए लुक में संवारने के साथ ही किले में आकर्षक लाइटिंग भी की गई है।
इसके बाद पर्यटन विभाग ने एक और कदम बढ़ाते हुए गोडवाड़ महोत्सव की शुरूआत भी इसी किले से की जा रही है। पर्यटन के लिहाज से विकसित किए जा रहे इस किले में 9 अप्रैल को कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। अभी तक गोडवाड़ महोत्सव की शुरूआत रणकपुर से ही होती आई है। बाली के उपखंड अधिकारी चैनाराम चौधरी ने बताया कि बाली से गोडवाड़ महोत्सव की शुरूआत होने से यहां के लोगों में अपूर्व उत्साह का माहौल है। कार्यक्रम की तैयारियों के लिए नगरपालिका सहित अन्य विभागों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है।
महाराणा उदयसिंह ने बनाया था दूसरा परकोटा : बाली फोर्ट का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ। शिलालेखों में इसका नाम वाला ही तथा यहां के तत्कालीन शासकों का नाम वैजलदेव अथवा बलदेव मिलता है। जोधपुर, जालोर एवं सिरोही का संधि स्थल होने के कारण यह सामरिक महत्व का किला था। कहा जाता है कि 1620 में मेवाड़ के महाराणा उदयसिंह ने इसका दूसरा परकोटा बनाया।
जीर्णोद्धार पर 33 लाख खर्च
बरसों से किले की हालत पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था,जिससे यह किला दिनों-दिन क्षतिग्रस्त हो रहा था। वर्ष 2011 में पर्यटन विभाग के अफसरों का इस ऐतिहासिक धरोहर की तरफ ध्यान गया इसके बाद फोर्ट का जीर्णोद्घार के लिए पर्यटन विभाग द्वारा 33 लाख रुपए स्वीकृत किए थे। इस राशि से विगत कई वर्षों से टूटी दीवारों को पुन: ठीक करवाते हुए किले का रंग-रोगन किया गया, जिससे किला अब धीरे-धीरे अपने पुराने स्वरूप की यादें ताजा कराने लगा है।
9 अप्रैल को कई राज्यों के कलाकार जुटेंगे फोर्ट पर
गोडवाड़ महोत्सव का शुभारंभ बाली किले में दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया जाएगा। इस दौरान कई प्रांतों की संस्कृतियों का भी संगम होगा। अधिकाधिक पर्यटकों को यहां पर खींचने के लिए उड़ीसा, पंजाब छत्तीसगढ, गुजरात समेत अन्य प्रांतों के कलाकार अपनी रंगारंग प्रस्तुति देंगे। इसके साथ ही राजस्थान के परंपरागत गीतों पर कलाकार नृत्य कर पर्यटकों के दिलों-दिमाग पर अपनी अमिट छाप छोडऩे का प्रयास करेंगे। वहीं बाड़मेर व जिले की प्रमुख गेर दलों का भी प्रदर्शन होगा।
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