बाड़मेर चुनावी रणभेरी 2013
बायतु विधानसभा क्ष्रेत्र। ऱिफ़यनरि की राजनीती भारी पड़ सकती हें कर्नल को चुनावो में
बाड़मेर सरहदी जिले की बायतु विधानसभा क्षेत्र जन्हा दूसरी बार विधायक आगामी चुनाव में चुना जाना हें ,इस बार बायतु में राजनीति करवटें लेने लगी हें ,बायतु के विधायक कर्नल सोनाराम बायतु में मजबूती से जमे थे मगर रिफायनरी पर की गयी राजनीती में उन्हें क्षेत्र में कमज़ोर कर दिया। खासकर श्रीमती सोनिया गांधी के पचपदरा में रिफायनरी का शिलान्यास करने के बाद। बायतु गत चुनावो से पहले विधानसभा बनी ,गत चुनावो में भाजपा के कैलाश चौधरी से उनका मुकाबला हुआ। जिसमे कर्नल ने बड़ी जीत हासिल की। कर्नल गत पांच सालो में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार की खिलाफत में गुजरे ,बायतु में रिफायनरी लगाने की घडी में सरकार ने किसानो द्वारा अधिक मुआवजा मांगने की आड़ में रिफायनरी पचपदरा शिफ्ट कर ली। जन प्रतिनिधि कुछ नहीं कर पाए। कर्नल सोनाराम चौधरी और उनके पुत्र डॉ रमण चौधरी ने रिफायनरी बायतु में ही लगे इसके लिए आन्दोलन की अगुवाई की। जिला मुख्यालय पर यह आन्दोलन चलता ही रहा। बायतु की जनता कर्नल के दिलेरी की खुले में प्रसंशा करते नहीं थकते थे ,की कर्नल साब रिफायनरी बायतु जरुर ले आयेंगे ,इसी बीच कर्नल सोनाराम चौधरी को कांग्रेस की चुनाव समिति में सदस्य बना दिया ,इस समिति में आने के बाद कर्नल का विरोध स्वर लडखडा गया। अशोक गहलोत ने पचपदरा में रिफायनरी समिति की विरोध की चेतावनी की बावजूद सोनिया गांधी से शिलान्यास करा दिया ,बायतु के ,गए आगामी विधानसभा चुनावप में इसका असर जरुर देखने को मिलेगा ,हालांकि भाजपा भी इस मुद्दे पर कोई कारगर रणनीति नहीं अपना पाई ,कर्नल का क्रेज युवा वर्ग में जरुर हें मगर रिफायनरी पर की राजनीती से बायतु कर्नल से खफा हें ऐसा बायतु के लोग बताते हें। वही बायतु में रिफायनरी या पेट्रोकेमिकल यूनिवर्सिटी ना ला पान कर्नल की कमज़ोर कड़ी में शुमार हें। सोनिया गाँधी का पचपदरा में शांतिपूर्वक शिलान्यास होना कर्नल के उस दावे पर भरी पद सकती हे जिसमे उह्नोने बायतु में रिफायनरी ना लगने पर शिलान्यास ना होने देने की चेतावनी दी थी। बहरहाल कर्नल के सामने भाजपा के कई उम्मीदवार तयारी में जुटे हें। हाल में बायतु में संकल्प रथ यात्रा गाँव गाँव घूम रही हें जिसे जनता का समर्थन ठीक ठाक से ज्यादा मिल रहा हें। ऐसे में अब बायतु चल रहा कर्नल सोनाराम का एक तरफ़ अभियान थमता नज़र आ रहा हें
बायतु विधानसभा क्ष्रेत्र। ऱिफ़यनरि की राजनीती भारी पड़ सकती हें कर्नल को चुनावो में
बाड़मेर सरहदी जिले की बायतु विधानसभा क्षेत्र जन्हा दूसरी बार विधायक आगामी चुनाव में चुना जाना हें ,इस बार बायतु में राजनीति करवटें लेने लगी हें ,बायतु के विधायक कर्नल सोनाराम बायतु में मजबूती से जमे थे मगर रिफायनरी पर की गयी राजनीती में उन्हें क्षेत्र में कमज़ोर कर दिया। खासकर श्रीमती सोनिया गांधी के पचपदरा में रिफायनरी का शिलान्यास करने के बाद। बायतु गत चुनावो से पहले विधानसभा बनी ,गत चुनावो में भाजपा के कैलाश चौधरी से उनका मुकाबला हुआ। जिसमे कर्नल ने बड़ी जीत हासिल की। कर्नल गत पांच सालो में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार की खिलाफत में गुजरे ,बायतु में रिफायनरी लगाने की घडी में सरकार ने किसानो द्वारा अधिक मुआवजा मांगने की आड़ में रिफायनरी पचपदरा शिफ्ट कर ली। जन प्रतिनिधि कुछ नहीं कर पाए। कर्नल सोनाराम चौधरी और उनके पुत्र डॉ रमण चौधरी ने रिफायनरी बायतु में ही लगे इसके लिए आन्दोलन की अगुवाई की। जिला मुख्यालय पर यह आन्दोलन चलता ही रहा। बायतु की जनता कर्नल के दिलेरी की खुले में प्रसंशा करते नहीं थकते थे ,की कर्नल साब रिफायनरी बायतु जरुर ले आयेंगे ,इसी बीच कर्नल सोनाराम चौधरी को कांग्रेस की चुनाव समिति में सदस्य बना दिया ,इस समिति में आने के बाद कर्नल का विरोध स्वर लडखडा गया। अशोक गहलोत ने पचपदरा में रिफायनरी समिति की विरोध की चेतावनी की बावजूद सोनिया गांधी से शिलान्यास करा दिया ,बायतु के ,गए आगामी विधानसभा चुनावप में इसका असर जरुर देखने को मिलेगा ,हालांकि भाजपा भी इस मुद्दे पर कोई कारगर रणनीति नहीं अपना पाई ,कर्नल का क्रेज युवा वर्ग में जरुर हें मगर रिफायनरी पर की राजनीती से बायतु कर्नल से खफा हें ऐसा बायतु के लोग बताते हें। वही बायतु में रिफायनरी या पेट्रोकेमिकल यूनिवर्सिटी ना ला पान कर्नल की कमज़ोर कड़ी में शुमार हें। सोनिया गाँधी का पचपदरा में शांतिपूर्वक शिलान्यास होना कर्नल के उस दावे पर भरी पद सकती हे जिसमे उह्नोने बायतु में रिफायनरी ना लगने पर शिलान्यास ना होने देने की चेतावनी दी थी। बहरहाल कर्नल के सामने भाजपा के कई उम्मीदवार तयारी में जुटे हें। हाल में बायतु में संकल्प रथ यात्रा गाँव गाँव घूम रही हें जिसे जनता का समर्थन ठीक ठाक से ज्यादा मिल रहा हें। ऐसे में अब बायतु चल रहा कर्नल सोनाराम का एक तरफ़ अभियान थमता नज़र आ रहा हें