चित्रा सिंह लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
चित्रा सिंह लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, 9 नवंबर 2018

थार चुनावी रणभेरी 2018 पचपदरा विधानसभा क्षेत्र चित्रा मानवेन्द्र सिंह हो सकती हे दमदार प्रत्यासी

थार चुनावी रणभेरी 2018 

पचपदरा विधानसभा क्षेत्र  चित्रा मानवेन्द्र सिंह हो सकती हे दमदार प्रत्यासी ,

रिफायनरी का  फायदा दोनों दलों को नहीं भाजपा के पास उम्मीदवारों का टोटा

बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर की पचपदरा सीट पर सबकी निगाहें 2013 के चुनावो में भी लगी थी इस बार भी सबकी निगाहें लगी हे क्यूंकि गत चुनावो से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाँधी ने रिफायनरी का शिलान्यास किया था तो इस बार चुनावो से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रिफायनरी का शिलान्यास कर गए ,गत बार सोनिया गाँधी के द्वारा रिफायनरी का शिलान्यास के बावजूद कांग्रेस प्रत्यासी मदन प्रजापत चुनाव हार गए ,इस बार नरेंद्र मोदी द्वारा शिलान्यास के बावजूद वर्तमान विधायक अमराराम चौधरी बुरे दौर में हे ,

भाजपा के पास अमराराम के आलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं हे,पांच सालो में कोई नेता भाजपा तैयार ही नहीं कर पाई आज अमराराम का भाजपा के पास कोई विकल्प नहीं हे ,अमराराम की कार्यशैली इस बार बेहद्द निराशाजनक रही ,राजस्व मंत्री जैसी धाकड़ पद पर रहते हुए अमराराम की गिनती बेचारे मंत्री के रूप में होती रही ,जमीन विवादों से लेकर छोटे स्तर के स्थानांतरण में उनका नासम आया ,लोगो के काम नहीं करवा पाए ,रिफायनरी जैसा बड़ा काम भी उनकी लोकप्रियता बरकरार नहीं रख सका ,आज अमराराम की स्थति सबसे बुरी हे ,भाजपा के सर्वे में जिले की सात सीटों में सबसे कमजोर पचपदरा को ाँकि गयी हैं ,इसके बावजूद अमराराम भाजपा की मजबूरी हैं ,हालाँकि अमराराम ने अपने पुत्र अरुण की दावेदारी देकर उसको टिकट देने की मांग राखी हे मगर अरुण राजनीती में हे न ही आमजन में लोकप्रिय ,अमराराम के पुत्र होने की पहचान ,पचपदरा में दूसरे उम्मीदवारों में भगवत सिंह जसोल,गणपत बांठिया हे ,जो ज्यादा दमदार नहीं हे ,भाजपा के पास नए चेहरों का टोटा  हैं ,किसको उतरे समस्या बनी हुई हैं

कांग्रेस  में २००८ में मदन प्रजापत जीते ,फिर 2013 में चुनाव हार गए ,मदन प्रजापत कांग्रेस की नैया पार करवाने वाले उम्मीदवार नहीं रहे ,कांग्रेस में ही उनका जोरदार विरोध हैं,मदन प्रजापत सर्व मान्य नहीं होने के साथ कई समाज उनके खिलाफ उत्तर आये हैं ,मदन प्रजापत पहले अशोक गहलोत के फिओर हरीश चौधरी के नजदीक माने जाते हैं ,मगर प्रजापत जनता की छवि बनाने में नाकाम रहे ,माली ,कुम्हार ,राजपूत ,रावणा राजपूत ,जैन ,मुसलमान और दलित मतदाताओं का दबदबा हे ,गत माह यहाँ मानवेन्द्र सिंह जसोल ने स्वाभिमान रैली कर पुरे प्रदेश को हिल्ला दिया ,जसोल के कांग्रेस ज्वाइन के बाद पचपदरा क्षेत्र में विशेष फॉक्स रखा गया,मानवेन्द्र सिंह को क्षेत्र के लोगो ने हाथो हाथ लिया ,उनकी लोकप्रियता का ग्राफ काफी ऊँचा हे साथ ही उनके साथ विभिन्न समाज सीधे तौर से जुड़े हे ,हालाँकि मानवेन्द्र सिंह सांसद का चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हे ऐसे में पार्टी किसको उम्मीदवार बनाएगी यह भविष्य के गर्भ में हे ,कांग्रेस के लिए यह सीट जसोल परिवार आसानी से निकाल सकता हे ,पचपदरा के साथ पड़ौसी विधानसभा सिवाना में इसका प्रभाव रहेगा ,पार्टी को दमदार उम्मीदवार के रूप में श्रीमती चित्रा मानवेन्द्र सिंह को मैदान में लाना चाहिए ,मदन प्रजापत या अन्य से कई गुना ज्यादा लोकप्रिय होने के साथ उनका गत बीस वर्षो से मतदाताओं से सीधा जुड़ाव हे ,चित्रा सिंह का सससुराल जसोल इसी विधानसभा क्षेत्र में आता हे जिसका फायदा मिलना तय हैं ,

जसवंत सिंह का इस क्षेत्र में बड़ा आदर मान हैं ,मानवेन्द्र सिंह यहाँ काम कर चुके हे। लोगो के साथ सीधा जुड़ाव होने के साथ ही जातिगत समीकरण भी जसोल के पक्ष में हैं,मदन प्रजापत लगातार विवादों में रहने के कारन भी पिछड़े हैं,कांग्रेस में और कोई दमदार उम्मीदवार नहीं हैं

आंकड़े इस प्रकार हे

पचपदरा विधानसभा क्षेत्र में कुल दो लाख बाईस हजार नो सौ छियालीस मतदाता हे जिसमे एक लाख सत्रह हजार डॉ सौ छपन पुरुष मतदाता और एक लाख पांच हजार छह सौ नबे महिला मतदाता हैं ,जबकि यहाँ की कुल आबादी तीन लाख चौरानवे हजार हैं ,पचपदरा आने वाले समय में जिला मुख्यालय बनने की क्षमता रखता हैं ,औद्योगिक क्षेत्र के रूप में पचपदरा रिफायनरी के साथ ही विकसित होने की सम्भावना हैं ,

बहरहाल पचपदरा पर सबकी निगाहें हे ,मुकाबला भाजपा कांग्रेस के बीच तय हैं ,बदलती परिस्थतियो में भाजपा कमज़ोर पड़ी हे ,सत्ता विरोधी लहर का यहाँ भी प्रभाव देखने को मिल रहा हैं ,कांग्रेस यहाँ दिग्गजों के साथ संकल्प रैली कर चुकी हे जिसमे लाखो लोगो की भीड़ ने बदलाव के संकेत दिए थे ,सूरज यात्रा में वसुंधराराजे की भी यहाँ सभा हुई मगर उसमे भीड़  नहीं जुट पाई ,तीसरी सभा मानवेन्द्र सिंह की स्वाभिमान रैली हुई जिसमे में भी लाखो लोगो ने शिरकत की थी ,

सोमवार, 15 अक्तूबर 2018

मानवेन्द्र सिंह राष्ट्रीय राजनीति में तो चित्रा सिंह सूबे की सियासत संभालेगी,चुनाव लड़ने की संभावना

मानवेन्द्र सिंह राष्ट्रीय राजनीति में तो चित्रा सिंह सूबे की सियासत संभालेगी,चुनाव लड़ने की संभावना


राजस्थान में चुनावी जंग अब टिकट वितरण तक पहुंच गई है. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही मैराथन बैठकों के जरिए दावेदारों के नाम पर रायशुमारी कर रही हैं. इस बीच बीजेपी का साथ छोड़ चुके मानवेंद्र सिंहद्वारा कांग्रेस का हाथ थामने की प्रक्रिया भी अंतिम दौर में पहुंचती नजर आ रही है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा है कि मानवेंद्र 17 अक्टूबर को लाव-लश्कर के साथ कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. हालांकि, ये बात अलग है कि वो खुद प्रदेश की जगह राष्ट्रीय राजनीति में हाथ आजमाएंगे.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पू्र्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंहके बेटे मानवेंद्र सिंह फिलहाल शिव विधानसभा सीट से विधायक हैं. राजपूत समाज से आने वाले मानवेंद्र के कांग्रेस में शामिल होने से पश्चिमी राजस्थान की राजनीति में बड़ा बदलाव होने की उम्मीद है. इस इलाके में राजपूत परंपरागत रूप से बीजेपी के वोटर रहे हैं, ऐसे में राजपूत वोटर बड़ी संख्या में कांग्रेस से जुड़ सकते हैं.
पत्नी चित्रा सिंह लड़ सकती हैं चुनावबाड़मेर में मानवेंद्र सिंह के परिवार का प्रभुत्व रहा है. वो खुद बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए हैं. 1999 में मानवेंद्र ने पहली बार लोकसभा चुनाव इसी सीट से लड़ा था, हालांकि वो जीत नहीं पाए थे. इसके बाद 2004 में शाइनिंग इंडिया का नारा फेल होने के बावजूद मानवेंद्र सिंह बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से चुनाव जीत गए.

2013 के विधानसभा चुनाव में मानवेंद्र सिंह ने बाड़मेर की शिव सीट से बीजेपी के टिकट पर किस्मत आजमाई और वो जीत गए. लेकिन 2014 लोकसभा चुनाव में जब उनके पिता जसवंत सिंह को बीजेपी से टिकट नहीं मिला तो उनकी दूरी बीजेपी से बढ़ गई. अब जबकि मानवेंद्र सिंह कांग्रेस में जाना तय माना जा रहा है, ऐसे में चर्चा ये है कि पत्नी चित्रा सिंह बाड़मेर की पचपदरा सीट से चुनाव लड़ेगी।।

एक्टिव हुईं चित्रा सिंह

बाड़मेर के पचपदरा में 22 सितंबर को बुलाई 'स्वाभिमान रैली' मानवेंद्र सिंह ने बीजेपी को बड़ी भूल बताते हुए सब कुछ स्पष्ट कर दिया था. लेकिन इस रैली से पहले ही मानवेंद्र की पत्नी चित्रा सिंह सार्वजनिक तौर पर एक्टिव नजर आने लगी थीं.

स्वाभिमान रैली से पहले बाड़मेर में युवा आक्रोश रैली के दौरान चित्रा सिंह ने घूंघट के पीछे से कहा था कि ऐसी सरकार को उखाड़ फेंको, जो स्वाभिमान की रक्षा नहीं करती है. उन्होंने वसुंधरा राजे की राजस्थान गौरव यात्रा पर तंज किया था. इसके अलावा भी चित्रा सिंह कई मोर्चों पर खुलकर अपने विचार रख रही हैं.

मानवेंद्र के पिता रहे केंद्रीय मंत्री

मानवेंद्र सिंह के पिता जसवंत सिंह बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में रहे हैं. जसवंत सिंह सबसे ज्यादा सांसद रहने वाले नेताओं में शुमार किए जाते हैं. वो चार बार लोकसभा सांसद रहे हैं, जबकि पांच बार राज्यसभा सांसद के बतौर उन्होंने सेवाएं दी हैं. लेकिन 2014 के चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिसके पीछे वसुंधरा राजे को वजह माना गया.

हालांकि, जसवंत सिंह और सीएम वसुंधरा राजे के बीच पहले काफी अच्छे संबंध थे, लेकिन पिछले सात-आठ साल में दोनों के बीच दूरी पैदा हो गई. इसी का नतीजा था कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बाड़मेर से जसंवत सिंह को टिकट देने के बजाय कर्नल सोनाराम चौधरी को मैदान में उतारा.

बीजेपी से टिकट न मिलने के बाद जसवंत सिंह निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़े थे. मोदी लहर के बावजूद जसवंत सिंह 4 लाख से ज्यादा वोट पाने में कामयाब रहे थे, हालांकि वह जीत नहीं पाए थे. मानवेंद्र ने इस चुनाव में अपने पिता के खिलाफ और बीजेपी प्रत्याशी सोनाराम चौधरी के पक्ष में प्रचार करने से मना कर दिया था. जिसका नतीजा उन्हें पार्टी से साइड लाइन करने के रूप में झेलना पड़ा.

अब यह चर्चा है कि मानवेंद्र सिंह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे बल्कि बाड़मेर से अगले साल लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. अब तक मानवेंद्र सिंह के ग्रुप को पांच सीटों के आवंटन के दावे किए जा रहे हैं. इनमें उनकी पत्नी चित्रा के शिव सीट से लड़ने की उम्मीद है. जबकि राष्ट्रीय राजनीति की पिता कि विरासत को मानवेंद्र सिंह आगे बढ़ाएंगे.



गुरुवार, 27 सितंबर 2018

बाड़मेर जैसलमेर चुनाव घमासान 2018 जेसलमेर राजपरिवार और जसोल परिवार की बहू चित्रा सिंह की राजनीति दस्तक से बाड़मेर तपते धोरो में आया उबाल

बाड़मेर जैसलमेर चुनाव घमासान 2018

जेसलमेर राजपरिवार और जसोल परिवार की बहू चित्रा सिंह की राजनीति दस्तक से बाड़मेर तपते धोरो में आया उबाल


चन्दन सिंह भाटी

पश्चिमी राजस्थान की तपती धरती में इन दिनों उबाल आया हुआ है।ये उबाल बाड़मेर जैसलमेर में दो परिवारों के कारण आया। जिसके चलते दोनो प्रमुख दलों के संभावित उम्मीदवार मायूस हो गए।।राजनीति के समीकरण आने वाले दिनों में किस करवट बैठेंगे यह तो समय के गर्भ में है मगर इस बार दोनो जिलो की राजनीति महिला सशक्तिकरण का अहसास कराने वाली होगी।।
 पाकिस्तान की सीमा से सटे दोनो जिलो में जसवंत सिंह परिवार और जैसलमेर के राजपरिवार ने थार की राजनीति को दो राहै पर लाकर खड़ा कर दिया।।कारण स्पष्ठ है कि शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह ने भाजपा का दामन छोड़ दिया।।वही जेसलमेर की महारानी राशेश्वरी राज्यलक्ष्मी अपना प्रचार शुरू कर ताल चुनावी रण में ताल ठोक दी।।दोनो इस वक़्त किसी पार्टी में नही है।।संशय बरकार है।।महारानी सा का सीधा जवाब की चुनाव लड़ना है।।इधर मानवेन्द्र सिंह खुद विधानसभा चुनाव से शायद दूर रहे मगर इन दो महीनों में उनकी धर्म पत्नी चित्रा सिंह एक राजनैयिक के रूप में उभर कर सामने आई है।।लोगो की अपेक्षा चित्रा सिंह से काफी बढ़ी है।।।उनका आक्रामक राजनीतिक रवैया लोगो को पसंद आया है।।यह स्वाभिमान रैली में आये लाखो लोगो में चित्रा सिंह के क्रेज से साफ हो गया।।यह भी तय है अभी भले की ये दोनों परिवार किसी राजनैतिक दल में नही है मगर आने वाले दिनों में किसी एक प्रमुख दल का दामन थामेंगे इसमे कोई शक नही है।।

महारानी के चुनाव प्रचार में उतरते ही उन्हें शहरी क्षेत्र में उनका जोरदार स्वागत और ख्याला मठ के दर्शन कर ग्रामीणों के साथ जब वो बैठी तो ग्रामीणों के चेहरों पर उनके प्रति आदर भाव साफ झलक रहा था। ग्रामीण अपने बीच राजपरिवार की बहू को पाकर अचंभित  भी थे और खुश भी थे।।जैसलमेर में आज भी राजपरिवार के प्रति लोगो में जबरदस्त आस्था है। यही आस्था दोनो दलों के संभावित प्रत्यासियो पर भारी पड़ रही है।।महारानी किस दल से चुनाव लड़ेगी यह अभी स्पस्ट नही होने से राजनीतिक शतरंज में मोहरे फिट करने में दोनो दलों को पसीना आएगा।।यह तय है कि इस बार बाड़मेर जैसलमेर की टिकटें दोनो दल इन वक्त पर घोषित करेंगे।।कांग्रेस का इस वक़्त एक ही ध्येय है कि भाजपा से नाराज चल रहे क्षत्रियों को कांग्रेस में जोड़ के राजस्थान की राजनीति में आज़ादी के बाद से परंपरागत रूप से चल रहे समीकरणों को ध्वस्त कर नए समीकरण बनाये जाए।।।कांग्रेस के लिए जेसलमेर सीट सर दर्द भरी होगी।।इस सीट पर सबसे मजबूत दावेदार रूपाराम धनदे है।मौजूदा स्थति में वो नम्बर एक के दावेदार है।।क्योंकि कांग्रेस जानती है कि रूपाराम की अनुसूचित जाति के वोट पर बेहतर पकड़ है।।आठ सीट पर अपना प्रभाव रखते है।।महारानी राशेश्वरी राज्य लक्ष्मी कांग्रेस में आती है तो टिकट की शर्त पर ही आएगी।।इससे कांग्रेस को रूपाराम धनदे को किसी दूसरी प्रभावी विधानसभा क्षेत्र में भेजना  पड़ेगा। महारानी निर्दलीय लड़ती है तो उनके सामने रूपाराम ही उम्मीदवार होंगे। ऐसे में भाजपा के पास विकल्प बहुत कम बचते है।।उनके पास वर्तमान विधायक छोटू सिंह भाटी और बाड़मेर भाजपा जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर अपने गृह जिले की सेवा करने के उद्देश्य से जेसलमेर को कर्मभूमि बनाने आये डॉ जालम सिंह रावलोत मजबूत दावेदार होंगे।।महारानी के सामने कांग्रेस दलित मुस्लिम गठजोड़ को ध्यान में रख कर ही टिकट तय करेगी।।तो भाजपा उस नेता को टिकट देगी जो राजपूत वोटो में महारानी के सामने अच्छी सेंध लगा सके। भाजपा के परंपरागत वोट और राजपूत समीकरण रहेंगे।

ऐसे में जेसलमेर के चुनाव दिलचस्प होने के पूरे आसार है।।चूंकि कांग्रेस को अपने परंपरागत वोटर और मुस्लिम मेघवाल गठजोड़ पे भरोसा है मगर रूपाराम धनदे के साथ पिछले चुनाव की तरह भीतर्भात की संभावनाओं से इनकार नही किया जासकता।।फ़क़ीर परिवार के साथ भले ही हो समझौता कर बेठे इसके बावजूद वो रूपाराम को आने से रोकने के प्रयास करेंगे।।फकीर परिवार जेसलमेर सीट पर अपनी पकड़ बनाये रखना चाहते है।।

महारानी के लिए भी यह चुनाव चुनोतिपूर्ण होगा।।राजनीति में नई होने के साथ आखरी मतदाता तक पहुंचना सबसे बड़ी चुनोती है। वो अपने वोटों पर भरोसा कर सकती है साथ ही शहरी क्षेत्र में उन्हें प्राथमिकता मिलेगी सामने चाहे कोई भी हो।।क्योंकि राजपरिवार के प्रति आस्था और पहली बार चुनाव लड़ने के कारण उन्हें फायदा मिल सकता है।।कुल मिलाकर जेसलमेर की राजनीति फिल वक़्त संशय से भरी है।।

इधर शिव विधायक खुद चुनें नही लड़ेंगे मगर उनकी धर्मपत्नी चित्रा सिंह को राजनीति में प्रवेश करने के पुरजोर प्रयास होंगे।।मानवेन्द्र सिंह खुद लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।।चित्रा सिंह को किस सीट से उतरेंगे यह भी तय है। इस बार जसवंत सिंह परिवार शिव सीट से चुनाव नही लड़ेंगे यह मुस्लिम प्रत्यासी के लिए छोड़ेंगे।।चित्रा सिंह को सिवाना या पचपदरा से मैदान में उतारने की संभावना बलवती है। चित्रा सिंह के लिए राजनीति नई नही है।।जसवंत सिंह के मंत्री रहते उनके कामकाज में हाथ बंटाने के अलावा मानवेन्द्र सिंह के सभी चुनाव में उन्होंने जनता के बीच जाकर वोट मांगे जसवंत सिंह के चुनाव के समय भी उन्होंने पूरा दम लगाया था । आम ग्रामीणों खासकर महिलाओं के बीच उनके घूंघट में जाने की  परंपरा के कारण काफी प्रभावित है।हाल ही में उन्होंने स्वाभिमान सभा के लिए सौ से अधिक जन सभाए कर लोगो के बीच गई।।उन्हें जनता का पूरा समर्थन मिला यह स्वाभिमान रैली में राजनीतिक विशेषग्यो ने साफ तौर पे देखा। अब तक चित्रा सिंह का शांत और सहज रूप लोगो ने देखा था मगर इस बार स्वाभिमान रैली की सभाओं में उनका आक्रामक रवैया लोगो को खूब भा रहा।।अक्सर मीटिंगों में राजस्थानी भाषा मे अपना उद्बोधन देने वाली चित्रा सिंह को पहली बार लोगो ने राष्ट्रीय मीडिया को फर्राटेदार इंग्लिश में इंटरव्यू देते देखा।।चित्रा सिंह में काबिल राजनेत्री के तमाम गुण है जो उनके पक्ष में जाते है।।जनता की मांग पर उन्हें मैदान में उतारा जाएग।।

बाड़मेर जेसलमेर की राजनीति प्रदेश की राजनीति को प्रभावित करने वाली है।।

सोमवार, 7 अप्रैल 2014

चित्रा सिंह ने सिणधरी धोरीमना में सभाओं को किया सम्बोधित


चित्रा सिंह ने सिणधरी धोरीमना में सभाओं को किया सम्बोधित

महंगाई का मुंह तोड़ जवाब दे जनता। । चित्रा सिंह


बाड़मेर निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के समर्थन में चित्रा सिंह ने सोमवार को सिणधरी और धोरीमना के विभिन क्षेत्रो का दौरा कर जसवंत सिंह के लिए समर्थन माँगा । चित्रा सिंह ने सोमवार को पायलान कलां ,पायला खुर्द ,लोलावा ,सड़ा ,भैडाना ,सिन्धासवा ,लूणवा ,रतनपुरा ,भाखरपुरा ,गाँवो में सभाए कर जसवंत सिंह के लिए समर्थन जुटाया।
सभाओ को सम्बोधित करते हुए चित्रा सिंह ने कहा कि कांग्रेस शासन में जिस कदर भरष्टाचार और महंगाई बढ़ी हें उससे आम जन त्रस्त हो गया। कांग्रेस के खिलाफ जन आक्रोस हे ,उन्होंने कहा कि आम जनता को राहत दे ऐसा जन प्रतिनिधि चुने ,चित्र सिंह ने भाजपा पर वार करते हुए कहा कि भाजपा अति आत्मविश्वास में हें जिसके चलते अपने सिद्धांतो से समझौता कर कांग्रेस के भरष्ट नेताओ को शामिल कर रही हें ,उन्होंने कहा कि पार्टी ने जसवंत सिंह के साथ अच्छा व्यव्हार नहीं किया ,वरिष्ठ नेताओ के साथ जिस तरह का बर्ताव किया जा रहा हें उससे भाजपा पर अंगुलियां उठने लगी हें। उन्होंने कहा कि जसवंत सिंह के अपमान कर मलानी के स्वाभिमान को ललकारा हें जिसका जवाब आपको सत्तरह अप्रैल को भारी तादाद में पोलिंग कर के देना हें ,उन्होंने कहा कि जसवंत सिंह क्षेत्र के विकास के लिए तत्पर रहेंगे। आपके सुख दुःख में साथी रहेंगे। चित्र सिंह के साथ राकेश जारी ,रघुवीर सिंह तामलोर ,सुरेन्द्र सिंह दहिया ,सहित कई लोग साथ थे वाही बड़ी तादाद में जसवंत समर्थक उपस्थित थे

रविवार, 6 अप्रैल 2014

चित्रा सिंह सोमवार को सिणधरी धोरीमना दौरे पर

चित्रा सिंह सोमवार को सिणधरी धोरीमना दौरे पर

बाड़मेर निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के समर्थन में चित्रा सिंह सोमवार को सिणधरी और धोरीमना के विभिन क्षेत्रो के दौरे पर रहेंगी। प्रवक्ता बद्री शारदा ने बताया कि चित्रा सिंह सोमवार को पायलान कलां ,पायला खुर्द ,लोलावा ,सड़ा ,भैडाना ,सिन्धासवा ,लूणवा ,रतनपुरा ,भाखरपुरा ,गाँवो में सभाए कर जसवंत सिंह के लिए समर्थन जुटाएंगी।

बाड़मेर विधान सभा में जसवंत सिंह के समर्थन में दर्जनो गाँव आये आगे

चित्रा सिंह ने लिया जसवंत के विजयी भव का आशीर्वाद


बाड़मेर विधान सभा में जसवंत सिंह के समर्थन में दर्जनो गाँव आये आगे


बाड़मेर संसदीय क्षेत्र बाड़मेर जैसलमेर से निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के समर्थन में चित्रा सिंह ने रविवार को बाड़मेर संसदीय क्षेत्र के लंगेरा ,आटी ,मारूड़ी ,जसाई ,दारूडा ,गड़ीसर ,मीठीसर , रडवा ,बालेरा ,जूना आदि गाँवों में सभाए कर जसवंत सिंह को भरी मतों से विजयी बनाने का आह्वान किया।


सभाओ को सम्बोधित करते हुए चित्रा सिंह ने कहा कि बाड़मेर के समग्र विकास के लिए जसवंत सिंह ने भाजपा से अपने घर से टिकट माँगा था मगर भाजपा ने उनके साथ पार्टी के लोगो ने गद्दारी कर उनकी बजाय एक कांग्रेसी नेता जिसे दो माह पहले ही क्षेत्र कि जनता ठुकरा चुकी थी को टिकट देकर उतारा। उन्होंने कहा कि बाड़मेर कि जनता जसवंत सिंह के साथ उनके सम्मान में जिस तरह खड़ा हुआ हें उनके आगे हैम नतमस्तक हें ,उन्होंने कहा सभाओ में उमड़ रही जनता साफ़ संकेत दे रही हें कि उन्हें जसवंत सिंह के अलावा कोई मंजूर नहीं। चित्रा सिंह ने कहा कि मारवाड़ कि धरती अपने स्वाभिमान कि रक्षा के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार हें ,उन्होंने आम जन से सत्तरह अप्रैल को बेटरी टॉर्च पर बटन दबा कर जसवंत सिंह को दिल्ली भेजने का आह्वान किया। सभाओ को सम्बोधित करते हुए असरफ अली ने कहा कि राज्य कि मुख्यमंत्री मुस्लिमो को धमकिया दे रही हें कि चुनाव के बाद किसके टुकड़े होते हें ,उन्होंने कहा कि तानाशाही से सरकारे नहीं चलती ,भारत सांप्रदायिक सद्भाव का देश हें जहा हिन्दू मुस्लिम भारत माता कि दो आँखे हें ,उन्होंने कहा कि पीर पगारो साब हमारे ही नहीं छतीस कौम के सम्मानीय महापुरुष हें। भाजपा के जिन उपाध्यक्ष महोदय ओंकार सिंह ने पीर साब पर आरोप लगाया हें कि उनकी जांच कि जायेगी पहले तो यह कि स्व्यं लखावत साब जसवंत सिंह के साथ हिंगलाज यात्रा के दौरान पीर सब कि दावत में शामिल हो चुके हें। उन्होंने कहा कि लखावत साब ने तब बयान दिया था कि हज़ और हिंगला यात्रा एक सम्मान हें। फिर आज विवाद क्यूँ। चित्रा सिंह के साथराम सिंह बोथिया ,,रिडमल सिंह दांता ,मौलवी हनीफ गड़ीसर ,दुर्जन सिंह गुडिसार , सगत सिंह परो ,कान्ता कंवर सरपंच ,रानीगांव सरपंच उगम सिंह ,प्रेम सिंह ,नीम्ब सिंह उंडाखा ,रहमतुल्लाह खान ,आसूलाल खत्री ,उतमाराम भोपा ,हदवंत सिंह मिठड़ी ,हरी सिंह दरडा चेतन राम मेघवाल ,हसन खान कुम्भार ,पर्वत सिंह जसाई ,सहित कई जसवंत समर्थक साथ थे।

गुरुवार, 3 अप्रैल 2014

चित्रा सिंह ने बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र का किया दौरा ,जगह जगह चुनड़ी ओढ़ाकर किया स्वागत


चित्रा सिंह ने बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र का किया दौरा ,जगह जगह चुनड़ी ओढ़ाकर किया स्वागत


बाड़मेर के समग्र विकास के लिए जसवंत सिंह को जिताए

बाड़मेर बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्यासी जसवंत सिंह के समर्थन में चित्रा सिंह ने गुरूवार को चुली ,लुणु ,त्रिसिंगाड़ी ,धनोड़ा ,विशाला ,विशाल आगोर ,भादरेश ,सुरा ,कनौड़ा ,दुदा बेरी ,सम्मो कि ढाणी ,मलवा ,सहित कई गाँवो का दौरा कर जसवंत सिंह के समर्थन में सभाओं का आयोजन किया। इस दौरान जगह जगह चित्र सिंह का चुन्दडी ओढ़ाकर स्वागत किया गया ,उनके साथ अशरफ अली ,रिडमल सिंह दांता ,युसूफ खान ,रघुवीर सिंह तामलोर ,छुग सिंह गिराब ,सुरेन्द्र सिंह ,दुरजन सिंह ,शेषकरण चारण ,गौतम जैन ,शायम खान ,कालू खान ,सादिक खान ,मौलवी शौकत ,मौलवी लतीफ़ ,काज़ी खान ,मोइब खान ,भीखदान चारण ,हाज़ी जान ,सहित जंसवत सिंह के कई समर्थक थे।

चित्रा सिंह कि सभाओ में उमड़ी भारी भीड़ ने दोनों हाथ खड़े कर जसवंत सिंह को समर्थन का भरोसा दिया , सभा को सम्बोधित चित्रा सिंह ने कहा कि जसवंत सिंह का टिकट काट कर भाजपा ने कार्यकर्ताओ का अपमान किया हें। उन्होंने कहा कि जसवंत सिंह अपना आखिरी चुनाव गृह जिले से इसीलिए थे कि बाड़मेर जैसलमेर में कई विकास के काम बाकी थे जो करने थे। उन्होंने कहा कि जसवंत सिंह को जानबूझ कर टिकट से वंचित रख वसुंधरा राजे ने कांग्रेस नेता को टिकट दे ले आये। उन्होंने कहा कि जसवंत सिंह ने बाड़मेर जैसलमेर के विकास कि प्राथमिकताए तय कर ली हें। आप उन्हें भारी बहुमत से जिताए बाकी काम वो खुद कर लेंगे। सभा को सम्बोधित करते हुए अशरफ अली ने कहा कि जसवंत देश कि शान हें ,उनका अपमान कर भाजपा ने अच्छा नहीं किया ,उन्होंने कहा कि बाड़मेर जैसलमेर के मुसलमान भाजपा से जसवंत सिंह के कारन जुड़े थे उनके कारण भाजपा को भी छोड़ दिया ,मुस्लिम दिल से जसवंत सिंह के साथ हें ,सभाओ को कई वक्ताओ ने सम्बोधित किया।