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शनिवार, 12 सितंबर 2020

बाड़मेर, हत्या के दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सज़ा

बाड़मेर, हत्या के दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सज़ा

बाड़मेर गुरुवार को  बाड़मेर मुख्यालय पर अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 1
 सुशील कुमार जैन द्वारा हत्या के प्रकरण में मुलजिम रिडमलराम पुत्र भीयाराम और आसुराम पुत्र रिडमल राम जाति विश्नोई निवासी बारूडी को  हत्या का दोषी करार देते हुए दोनों अभियुक्तगण को आजीवन कारावास की सजा सुनाई

अपर लोक अभियोजक संख्या 1 जसवंत बोहरा ने बताया कि  दिनांक 7.06.2016 को प्रार्थी श्री हरिराम पुत्र रामचंद्र विश्नोई ने एक रिपोर्ट पुलिस थाना गुड़ामालानी में इस आशय की पेश की थी कि मेरे पिता रामचंद्र आज सुबह 10:30 बजे लगभग भाखारपुरा जा रहे थे तब बारूड़ी में रिडमल राम की दुकान के पास मुलजीमान रिडमल राम और आसूराम ने रास्ता रोककर उनके ऊपर हमला कर दिया रिडमल राम ने मेरे पिता के सर पर चोट मारी तथा मुलजिम आसुराम ने हाथ पर चोट मारी जिससे उनके गंभीर चोटें आई बाद में मुलजीमान ने रामचंद्र को नीचे पटक दिया और आसूराम ने रामचंद्र का ट्रैक्टर ऊपर चला दिया। मैं व भवरलाल घर से गुडामालानी आ रहे थे हमने उक्त घटना को देखकर रडे की तो मुलजी मान ट्रैक्टर छोड़कर भाग गए हम रामचंद्र को अस्पताल लाए जहां पर उन्हें मृत घोषित कर दिया जिस पर पुलिस द्वारा प्रकरण की जांच कर मुलजिमान रिडमल राम  और आसूराम को  अपराध अंतर्गत धारा 341,302 भा. द. सं.में दोषी मानते हुए आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया जिस पर आरोपियों को आरोप सुनाए गए एवं साक्ष्य  प्रारंभ की गई । विचारण में अभियोजन पक्ष द्वारा न्यायालय में कुल 26गवाहों को परीक्षित करवाया तथा कुल 71 दस्तावेजों को न्यायालय के सामने प्रदर्शित कराया गया.न्यायालय ने साक्ष्य समाप्ति के पश्चात दोनों पक्ष की बहस सुनकर आज इस प्रकरण में दोनों   मुलजिमान पिता पुत्र  रिडमल राम और आसुराम को हत्या के अपराध में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और बीस बीस हजार रुपए के अर्थदंड की  सजा सुनाई।प्रकरण में राज्य सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक जसवंत बोहरा  अभियुक्तगण की ओर से अधिवक्ता कन्हैया लाल जैन,राजेश विश्नोई एवं परिवादी की ओर से अधिवक्ता दिनेश विश्नोई द्वारा पैरवी की गई





शनिवार, 14 दिसंबर 2019

जालोर 13 वर्ष पुराने एक हत्या के मामले में 8 आरोपियों को आजीवन कारावास

 जालोर 13 वर्ष पुराने एक हत्या के मामले में 8 आरोपियों को आजीवन कारावास 

अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने 13 वर्ष पुराने एक हत्या के मामले में 8 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आठ आरोपियों में से एक आरोपी की 2013 में मौत हो चुकी है। 7 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा के साथ-साथ 18 हजार 500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। जानकारी के अनुसार करड़ा पुलिस थानान्तर्गत देवाराम पुत्र हिराजी रेबारी निवासी सामराणी ने 17 जून 2006 को रिपोर्ट पेश कर बताया कि वह भीनमाल से घर जा रहा था, अपने घर से करीबन 10 कदम की दूरी पर चल रहा था इस दौरान रंजिश को लेकर सामरानी निवासी भीखाराम पुत्र मोडाराम, हीरा पत्नी भीखाराम, लाखा पुत्र मोडाराम, महादेवा पुत्र प्रहलादा, खेताराम पुत्र प्रहलादा, घेवा पुत्र मोडा, मोडा पुत्र सुरता, घेवा पुत्र भीखा जाति रेबारी ने एकराय होकर देवाराम के साथ लाठियों, कुदाली से मारपीट की। इस दौरान देवाराम की पत्नी सापू व लच्छाराम ने बीच बचाव कर उसको आरोपियों के चंगुल से छुडाया।

इस दौरान देवाराम गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसको परिजनों ने घायलावस्था में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां इलाज के दौरान देवाराम की मौत हो गई थी। पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए जानलेवा हमले के सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनीष कुमार वैष्णव ने निर्णय देते हुए हत्या के आठों आरोपी भीखाराम पुत्र मोडाजी, हीरा पत्नी भीखाराम, लाखा पुत्र मोडाराम, महादेवा पुत्र प्रहलादा, खेताराम पुत्र प्रहलादा, घेवा पुत्र मोडा, मोडा पुत्र सुरता, घेवा पुत्र भीखा जाति रेबारी निवासी सामरानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जिसमें हीरा पत्नी भीखाराम रेबारी की 21 दिसंबर 2013 में मौत हो चुकी है। ऐसे में 7 आरोपियों को आजीवन कारावास के साथ-साथ अन्य धाराओं में 10 वर्ष 3 माह का कारावास व अदम अदायगी के रूप में 18 हजार पांच रुपए के अर्थदण्ड से भी दंडित किया है। सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक पदमसिंह इंदा व परिवादी की ओर से एडवोकेट बस्तीमल खत्री ने पैरवी की।

बुधवार, 4 सितंबर 2019

बाड़मेर पत्नी के हत्यारे पति को आजीवन कारावास की सज़ा

बाड़मेर पत्नी के हत्यारे पति को आजीवन कारावास की सज़ा 

आज बाड़मेर मुख्यालय पर अपर सेशन न्यायाधीश संख्या- 1 सुशील कुमार जैन द्वारा अभियुक्त ओमप्रकाश उर्फ़ पप्पुराम पुत्र देराजराम जाति मेघवाल निवासी ऐहसान का तला  को अपराध अंतर्गत धारा 302 भा.द.स के तहत दोषी मानते हुए अपराध अंतर्गत धारा 302 मे आजीवन कारावास व 100000 रूपये के अर्थदंड की सजा सुनाई .

अपर लोक अभियोजक संख्या– 1 जसवन्त बोहरा ने बताया कि परिवादी भगाराम द्वारा दिनांक 24.4.2015को पुलिस थाना सेड्वा में एक सुचना रिपोर्ट दर्ज करवाई गयी कि उसकी भतीजी चंपा देवी की शादी आज से  2 दिन पूर्व  मुलजिम ओमप्रकाश के साथ की थी.
दिनांक  23. 4.2015  की रात्रि को  उसकी भतीजी के पति  ओमप्रकाश ने  गला दबाकर  उसकी हत्या कर दी  उसे आज दिनांक  24.4.15 को फोन पर कालूराम ने  बताया कि  चम्पा की उसके पति ने गला दबाकर हत्या कर दी है  जिस पर  पुलिस थाना  सेड़वा द्वारा  प्रकरण संख्या  29/ 15  दर्ज कर  बाद अनुसंधान  अभियुक्त  ओमप्रकाश के विरुद्ध  अपराध अंतर्गत धारा  302  मै अपराध प्रमाणित मानते हुए आरोपपत्र  माननीय न्यायालय के समक्ष  प्रस्तुत किया गया . विचारण के  दौरान अभियुक्त ने  अपराध  अस्वीकार कर  अन्वीक्षा चाहने परअभियोजन पक्ष की ओर से माननीय न्यायालय में प्रभावी तरीके से समस्त 18 साक्षीगण  को परीक्षित करवाया व् संकलित साक्ष्य मै 27 दस्तावेजो को प्रदर्शित करवाया गया एवम दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात् अपर सेशन न्यायाधीश संख्या- 1 सुशील कुमार जैन द्वारा अभियुक्त ओमप्रकाश उर्फ़ पप्पू राम को दोषी मानकर आजीवन कारावास  और  ₹100000  के अर्थदंड की सजा सुनाई गयी !

उक्त प्रकरण में  अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक संख्या एक एडवोकेट जसवंत बोहरा द्वारा पेरवी करते हुए बहस की गयी ! अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता सुनील कुमार रामावत एवम परिवादी पक्ष की और से अधिवक्ता राजेश विश्नोई द्वारा  पैरवी की गयी !

रविवार, 16 जून 2019

अलवर ,मासूम से दुष्कर्म का आरोप सिद्ध होने पर मामा को हुई आजीवन कारावास की सजा

 अलवर ,मासूम से दुष्कर्म का आरोप सिद्ध होने पर मामा को हुई आजीवन कारावास की सजा
मासूम से दुष्कर्म का आरोप सिद्ध होने पर मामा को हुई आजीवन कारावास की सजा
अलवर के भिवाडी में एक 6 साल की मासूम से सगे मामा द्वारा दुष्कर्म किये जाने के मामले में पॉक्सो कोर्ट नम्बर 4 की न्यायाधीश अलका शर्मा ने आरोपी मामा को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. आरोपी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अपर लोक अभियोजक सतेंद्र चौधरी ने बताया कि भिवाडी में सगे मामा ने दुष्कर्म किया था. इस मामले में आज कोर्ट ने धारा 376(A),(B) 5(M)/ 6 , 5 (आई) 6 पॉक्सो एक्ट में आरोपी को दोषी मानते हुए उसे उम्र कैद की सजा सुनाई है. अब दोषी को अपना शेष जीवन जेल में ही बिताना पड़ेगा.

प्रत्यक्षदर्शी ने कराई थी रिपोर्ट दर्ज
अपर लोक अभियोजक ने बताया कि प्रत्यक्षदर्शी परिवादी नितिन कौशिक ने 22 मई 2018 को भिवाड़ी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि आशियाना आर्केड के बाहर थड़ी पर जब वह दोस्तों के साथ बैठा था तब शाम को करीब 7 बजे 20-22 साल का एक युवक टेम्पो से 6 साल की बच्ची को लेकर आया. वह उस बच्ची को सामने बंद पड़ी फैक्ट्री में लेकर गया था. आरोपी पर उसे जब शक हुआ तब उसने आरोपी का पीछा किया. उसने बताया कि आरोपी ने नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म किया था. इसके बाद उसने आरोपी की पिटाई करते हुए उसे पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया था. साथ ही उसने इस मामले की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज करवाई. उसने नाबालिग को अस्पताल में भर्ती कराया. इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश कर दिया था.उन्होंने कहा कि इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई और बहस के बाद सभी गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर आज आरोपी को दोषी मानते हुए सजा सुना दी. पॉक्सो कोर्ट 4 की अदालत के न्यायाधीश अलका शर्मा ने आरोपी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 10000 का जुर्माना लगाया. इस मामले में पीड़िता के माता-पिता भी पक्ष द्रोही घोषित किए गए हैं. माता-पिता के पीड़िता के साथ खड़े नहीं होने पर कोर्ट ने चिंता जाहिर की. कोर्ट ने टिप्पणी की है कि आरोपी सगा मामा होने के बावजूद एक अबोध बालिका से जो कृत्य किया है, वह समाज के लिए घातक है. इसलिए आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. पीड़िता के माता पिता पक्षरोधी घोषित हुए हैं. इसलिए पीड़िता को प्रतिकर योजना का लाभ देने की अनुशंसा नहीं की गई.