*जैसलमेर ज्योतिष के प्रकांड विद्वान चंडू जी की जन्मभूमि जैसलमेर में पहला अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष महासम्मेलन 11 अक्टूबर से*
देशभर के 300 से अधिक जाने माने ज्योतिषी और विद्वान करेंगे शिरकत
ज्योतिष एवं खगोलीय पंचांग गणना में विशेष योगदान रखने वाले महर्षि चंडू की जन्मभूमि जैसलमेर में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष महासम्मेलन होने जा रहा है। ज्योतिष से जुड़े महान विद्वानों का तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष महासम्मेलन 11 अक्टूबर को शाम 5:15 बजे जैसलमेर में दीप प्रज्वलन के साथ शुरू होगा। आयोजन समिति की ओर से एसके जोशी और कार्यक्रम प्रवक्ता डॉ सपना सारस्वत ने बताया कि *सीता ज्योतिष अनुसंधान केंद्र जोधपुर* के तत्वावधान में इस कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। इस महासम्मेलन में 300 से अधिक जाने-माने ज्योतिषी, वैदिक ज्योतिषी, कुंडली विशेषज्ञ, केपी विशेषज्ञ, टैरो कार्ड रीडर, रत्न शास्त्री, हस्तरेखा विशेषज्ञ, लाल किताब एक्सपर्ट, प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ, हस्तलिपि विशेषज्ञ और वास्तुविद शिरकत करेंगे। इस महासम्मेलन में परा विद्याओं के विद्वानों द्वारा खगोलीय गणना एवं पंचांग में जैसलमेर का महत्व बताया जाएगा और जैसलमेर संबंधी गणना मुख्य आकर्षक का केंद्र रहेगी।
527 साल पहले हुआ था महर्षि चंडू जी का जन्म, उनके नाम से आज भी निकलता है पंचांग
527 वर्ष पहले महर्षि चंडू का जन्म जैसलमेर के पुष्करणा ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका पंचांग चंडू पंचांग जोधपुर राजपरिवार का अधिकृत पंचांग है। राज परिवार की ओर से पदम सागर किले की तलहटी में खगोलीय गणना की जाती है और आज भी महर्षि चंडू के नाम से चंडू पंचांग का प्रकाशन होता है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पश्चिमी राजस्थान में युवाओं को वैदिक संस्कृति से जोड़ना और सुसंस्कृत एवं भारतीय प्राचीन ज्योतिष विज्ञान का प्रचार प्रसार करना है।
देशभर के 300 से अधिक जाने माने ज्योतिषी और विद्वान करेंगे शिरकत
ज्योतिष एवं खगोलीय पंचांग गणना में विशेष योगदान रखने वाले महर्षि चंडू की जन्मभूमि जैसलमेर में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष महासम्मेलन होने जा रहा है। ज्योतिष से जुड़े महान विद्वानों का तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष महासम्मेलन 11 अक्टूबर को शाम 5:15 बजे जैसलमेर में दीप प्रज्वलन के साथ शुरू होगा। आयोजन समिति की ओर से एसके जोशी और कार्यक्रम प्रवक्ता डॉ सपना सारस्वत ने बताया कि *सीता ज्योतिष अनुसंधान केंद्र जोधपुर* के तत्वावधान में इस कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। इस महासम्मेलन में 300 से अधिक जाने-माने ज्योतिषी, वैदिक ज्योतिषी, कुंडली विशेषज्ञ, केपी विशेषज्ञ, टैरो कार्ड रीडर, रत्न शास्त्री, हस्तरेखा विशेषज्ञ, लाल किताब एक्सपर्ट, प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ, हस्तलिपि विशेषज्ञ और वास्तुविद शिरकत करेंगे। इस महासम्मेलन में परा विद्याओं के विद्वानों द्वारा खगोलीय गणना एवं पंचांग में जैसलमेर का महत्व बताया जाएगा और जैसलमेर संबंधी गणना मुख्य आकर्षक का केंद्र रहेगी।
527 साल पहले हुआ था महर्षि चंडू जी का जन्म, उनके नाम से आज भी निकलता है पंचांग
527 वर्ष पहले महर्षि चंडू का जन्म जैसलमेर के पुष्करणा ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका पंचांग चंडू पंचांग जोधपुर राजपरिवार का अधिकृत पंचांग है। राज परिवार की ओर से पदम सागर किले की तलहटी में खगोलीय गणना की जाती है और आज भी महर्षि चंडू के नाम से चंडू पंचांग का प्रकाशन होता है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पश्चिमी राजस्थान में युवाओं को वैदिक संस्कृति से जोड़ना और सुसंस्कृत एवं भारतीय प्राचीन ज्योतिष विज्ञान का प्रचार प्रसार करना है।