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मंगलवार, 7 मई 2019

*बाडमेर सरहद पर उड़ी शारदा एक्ट की धज्जियां,दर्जनों बाल विवाह सम्पन,* *जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के बाल वुवः रोकने के दावे खोखले*


  • *बाडमेर सरहद पर उड़ी शारदा एक्ट की धज्जियां,दर्जनों बाल विवाह सम्पन,*


*जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के बाल वुवः रोकने के दावे खोखले*
*सोसल मीडिया पर वीडियो वायरल* *बाडमेर न्यूज़ ट्रैक के लिए चन्दन सिंह भाटी की रिपोर्ट*





*बाडमेर सरहदी जिले बाडमेर में अक्षय तृतिया के एक दिन पहले आखा बीज पर दर्जनों की संख्या में बाल विवाह सम्पन हुए।जिनमे कई तो दूध मुंह बच्चो के विवाह भी शामिल थे। जबकि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन दावे कर रहा था कि जिले में बाल विवाह रोकने के पर्याप्त कदम उठाए है कंट्रोल रूम स्थापित किया। जबकि ऐसे विवाहों की सूचना के लिए गांव स्तर पर ग्राम सेवक ,पटवारी अधिकृत किये गए थे इसके बावजूद जिला प्रशासन बाल विवाह रोकने में विफल रहा।।ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है।।प्रशासन ने जांच आरम्भ कर दी।।प्रशासन का दावा है वीडियो पुराना है ।

जानकारी के अनुसार बाडमेर जिला मुख्यालय से मात्र 13 किलामीटर दूरी पर सोनवार रात्रि को अबूझ सावे के तहत दूध मुन्हें दो जोड़ो की शादी परिजनों और ग्रामीणों की उपस्थिति में सामोन हुआ इसमे कुछ सरकारी कर्मचारी भी शामिल हुए।

पश्चिमी राजस्थान में परंपरागत रूप से आखा तीज के अबूझ सावे पर बाल विवाह की परम्पराए ग्रामीण अंचलि में सदियों से चली आ रही है।।इसे रोकने के प्रयासो के नाम जिला प्रशासन खूब मशक्कत करता है फिर भी बाल विवाह रुकने का नाम नही ले रहे।।इस वर्ष भी ग्रामीण अंचलों में दर्जनों बाल विवाह सम्पन हुए।।जिला प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा शारदा एक्ट की धज्जियां उड़ती रही।इसका जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के पास कोई जवाब नही।।दूध मुंहे बच्चो को गोदी में लेकर फेरे करवाए गए।।जिले में कई समाजो में परंपरागत रूप से बाल विवाह अक्षय तृतिया पर किये जाते हैं।

जिला प्रशासन की सख्ती को देखते हुए ग्रामीण भी उनके दो कदम आगे जाकर सोच अक्षय तृतीया के एक दिन पहले या दिन में ही विवाह सम्पन करवाने लग गए।।

सोमवार, 23 मई 2011

जनता जागी,प्रशासन सो गया शिकायतों के बावजूद बाल विवाह हो गऐ,अब शिकायतकर्ताओ के साथ ज्यादती





जनता जागी,प्रशासन सो गया
शिकायतों के बावजूद बाल विवाह हो गऐ,अब शिकायतकर्ताओ के साथ ज्यादती

बाउमेर आखातीज पर जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिऐ जिला प्रशासन द्धारा चलाऐ जागरूकजा अभियान से जिले की जनता तो जाग गई जी भर कर जनता ने ग्रामीण क्षैत्रों में होने वाले बाल विवाहों की सूचनाऐं जिला प्रषासन को दी।अलबता इन शिकायतों पर जिला प्रशासन द्धारा कार्यवाही करने की बजाऐं प्रशासन सोता रहा एबाल विवाह सम्पन्न हो गऐ अब शिकायतकर्ताओं कें साथ जातीय पंचायतें ज्यादती कर रहे हैं,जिला प्रशासन मौन हैं।आखिर जान जोखिम में दाल जिला प्रशासन को बाल विवाह की सूचनाऐ देने वाले जागरूक जनता समाज सेवा का खामियाजा भुगत रहे हैं।एक शिकायत कर्ता के हाथ पांव तोद दिऐ तो दूसरे के परिवार का जातीय पंचों ने हुक्का पानी बन्द कर समाज से ही बहिष्कृत कर दियाख्अब जान से मारने की सरेआम धमकिया दी जा रही हैं।
जिला प्रशासन कों रावतसर निवासी भैराराम नें सूचना दी थी कि दसके गांव में एक साथ दो बाल विवाह हो रहे हैं।जिला प्रशासन ने बाल विवाह करने वाले परिवार को पाबन्द कर अपने फर्ज की इतिश्री कर ली।ग्रामीणों ने जिला प्रशासन की हिदायत को दरकिनार कर बाल विवाह सम्पन्न करा दिऐ।इसके बाद शिकायतकर्ता भैराराम के परिवार पर जातीय पंचों का कहर टूट पदा।भैराराम के परिवार को समाज से बाहर कर दिया,असका हुक्का पानी बन्द कर दिया।अब उसे जान से मारने की घमकिया जातीय पंचो द्धारा दी जा रही हैंभैराराम जिला कलेक्टर गौरव गोयल के समक्ष पेश भी हुआ मगर उसे राहत नही मिली।इसी तरह गुउामालानी तहसील के पायलाकलां गांव निवासी हरिराम पुत्र नानजीराम नें लूणवा जागीर में होने वाले बाल विवाहों की सूचना जिला कलेक्टर को दी थी।जिस पर जिला कलेक्टर ने कार्यवाही कर बाल विवाह वाले परिवार के मुखिया मजनाराम को दो साल के लिऐ बाल विवाह नही कराने के लिऐ पाबन्द किया।जिला प्रशासन के ये आदेश हव्वा हो गऐ।इस परिवार नें पांच जून की रात को ही विवाह सम्पन्न करा दिऐ।इस बाल विवाह की सूचना जिला प्रश्षसन को देने वाले हरिराम पर 16 मई की रात्री हमला करउसके हाथ पांव तोड दिऐ।हरिराम शुक्रवार को जिला कलेक्टर के समक्ष पेश हुआ,जिला कलेक्टर ने उसे जिला पुलिस अधीक्षक के पास भेज यिा।हरिराम अतिरिक्त पुलिस अघीक्षक से मिला। अतिरिक्त पुलिस अघीक्षक ने गुडाथानाधिकारी को हरिराम का मामला दर्ज करने के आदेश दिऐ।हरिराम को जिला राजकीय अस्पताल में उपचार के लिऐ भर्ती कराया गया हैं।उसका इलाज चल रहा हैं।ऐसे कई प्रकरण सामने आऐ हैं जिन लोगो ने बाल विवाह की सूचना जिला प्रशासन को देकर जागरूक नागरिक होने का फर्ज अदा किया मगर जिला प्रशासन हैं कि अभी तक सो रहा हैं।आखिर प्रशासन की मदद करने वालों को ही न्याय के लिऐ ंना केवल दर दर की ठोकरे खानी पड रही हैं बल्कि उनकी जान की सुरक्षा को भी खतरा हो गया।इसिलिऐ कहते हैं कि जनता जाग गई सरकार सो रही हैं।

शनिवार, 7 मई 2011

ग्रामीण अंचलों में ‘शारदा एक्ट’ कानून) की धजिजयां उड़ाते हुए सैकड़ों की तादाद में बाल विवाह


ग्रामीण अंचलों में ‘शारदा एक्ट’ कानून) की धजिजयां उड़ाते हुए सैकड़ों की तादाद में बाल विवाह
बाड़मेर: पाकिस्‍तान की सीमा से लगे राजस्‍थान के बाड़मेर जिले में गुरुवार रात को ग्रामीण अंचलों में ‘शारदा एक्ट’ (बाल विवाह को हतोत्‍साहित करने के लिए बनाया गया कानून) की धजिजयां उड़ाते हुए सैकड़ों की तादाद में बाल विवाह सम्पन्न हुए। जिला प्रशासन को इसकी सूचना होने के बावजूद वह इन बाल विवाहों को रोकने में नाकाम रहा। अब प्रशासन कानूनी कार्रवाई की बात कर रहा है। जिले के एक थाने में बाल विवाह रोकने के लिऐं 17 स़ह शिकायते प्रापत होने के बावजूद रक भी बाल विवाह नही रोका गया।गा्रमीणों नें आाखा तीज के एक दिन पहले गुरूवार की रात ही विवाह सम्पन्न कराऐ वही कई गांवों में शुक्रवार को भी बाल विवाह सम्पन्न हुऐ।आष्चर्य की बात हैं कि जिला प्रशासन तथा पुलिस विभाग के पास बाल विवाह की सूचनाऐं होने के बाद भी बाल विवाह नही रूक पाऐं।

सुत्रों के मुताबिक बाड़मेर जिले के एक दर्जन गांवों में वाल विवाह बेरोकटोक संपन्‍न हुए। सानावड़ा और बाटाडू गांवों में 12 बाल विवाह हुए। इन विवाहों में कई राजनीतिज्ञ भी शामिल हुए। जिन बच्‍चों/बच्चियों का विवाह हो रहा था, उनमें कई इतने कम उम्र के थे कि अपनी शादी के वक्‍त सो रहे थे। एक मासूम बालिका को तो थाली में बिठाकर परिजनों ने फेरे लगवाए। जिले में बाल विवाहों की कुरीति निरन्तर बढ़ रही है, लेकिन इस पर रोक लगाने के लिए प्रशासन की ओर से कोई सार्थक कदम नहीं उठाया जा रहा है।