इश्क हें या अपहरण
बाड़मेर
इश्क मासूम है, इश्क में हो जाती है गलतियां। बाद में इन्हीं गलतियों को कानूनी चोला पहना कर उसे अपहरण की शक्ल दे दी जाती है। जिले में बीते तीन सालों में अपहरण के दर्ज हुए करीब सौ मामलों में से ज्यादातर प्रेम -प्रसंग में घर से भागने की बात सामने आई है। जिसे बाद में समाज के डर से परिजनों ने कानून का सहारा लेते हुए अपहरण की धाराओं में तब्दील कर पुलिस की परेड करवा दी। इश्क के चक्कर में युवक -युवती का पूरा कॅरिअर दाव पर लग जाता है। इसका ज्यादा खामियाजा युवक को भुगतना पड़ता है क्योंकि लड़की के परिजनों की ओर से दर्ज करवाए जाने वाले मामले में घर वालों के दबाव में आई युवती के बदले बयान से युवक को हवालात पंहुचा देती है।
उम्र घटाने पर हो रहा है मंथन
जिला पुलिस अधीक्षक संतोष चालके ने बताया कि ऐसे केस में नाबालिग के मामले में ज्यादा परेशानी होती है। पकड़े जाने के बाद युवक को ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ता है। उन्होंने बताया कि अब केंद्र सरकार इस मामले पर रुझान ले रही है कि लड़की की उम्र घटा कर सोलह या फिर चौदह साल कर दी जाए। अभी लड़की की उम्र अठारह व लड़के की इक्कीस साल बालिग मानी गई है। उम्र घटाने के मामले में महिला आयोग से भी मशविरा मांगा गया है।
उम्र घटाने पर हो रहा है मंथन
जिला पुलिस अधीक्षक संतोष चालके ने बताया कि ऐसे केस में नाबालिग के मामले में ज्यादा परेशानी होती है। पकड़े जाने के बाद युवक को ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ता है। उन्होंने बताया कि अब केंद्र सरकार इस मामले पर रुझान ले रही है कि लड़की की उम्र घटा कर सोलह या फिर चौदह साल कर दी जाए। अभी लड़की की उम्र अठारह व लड़के की इक्कीस साल बालिग मानी गई है। उम्र घटाने के मामले में महिला आयोग से भी मशविरा मांगा गया है।
एक नजर दर्ज मामलों पर |
वर्ष कुल मामले बालिग नाबालिग 2008 24 20 04 2009 29 16 13 2010 33 17 16 समाज की पुरानी रिवायतें और आधुनिकता के बीच होने वाले ऐसे मामलों में बच्चों का भविष्य दाव पर नहीं लगे इसे लेकर कोई समझ वाली पहल करने की आवश्यकता है। ऐसे केस में पुलिस कार्रवाई और अपहरण की धाराओं में दर्ज होने वाले मामलों में पूरा कॅरिअर दाव पर लग जाता है।’ संतोष चालके, जिला पुलिस अधीक्षक बाड़मेर |