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शनिवार, 5 अक्तूबर 2013

थार चुनावी रणभेरी २०१३। । सिवाना महेंद्र टाइगर के पक्ष में हें कांग्रेस की जीत के समीकरण

थार चुनावी रणभेरी २०१३। । सिवाना महेंद्र टाइगर के पक्ष में हें कांग्रेस की जीत के समीकरण



बाड़मेर राज्य में विधानसभा चुनावो की घोषणा के साथ ही राज्य के दोनों प्रमुख दलों में विधानसभा के उम्मीदवार तय करने को लेकर तेज़ी आई हें। मुख्यमंत्री संभावित उम्मीदवारों की सूचि के साथ दिल्ली जा रहे हें। बाड़मेर में कांग्रेस हर हाल में पिछले परिणाम लाने की फिराक में हें मगर यहाँ व्यक्तिगत स्वार्थो के चलते स्थापित नेता प्रभावशाली नेता को मैदान में उतरने की बजे अपनी जीत के लिए फिर फिसड्डी उम्मीदवार उतरने की जिद पाल रहे हें। सिवान में कांग्रेस के पास उम्मीदवारों के ढेर लगे। कोई त्रिपें लोगो ने अपनी दावेदारी पेश की मगर उनमे योग्यतम तीन चार ही थे जो विधानसभा चुनाव का मतलब भी जानते थे। सिवान में गत चुनावो में बसपा से सिवान में चुनाव मैदान में उतर कांग्रेस उम्मीदवार को तीसरे स्थान पर खिसकने वाले महेंद्र टाइगर कांग्रेस को जीत दिलाने में एक मात्र शक्षम उम्मीदवार हें। मगर जाट नेताओ की मज़बूरी बालाराम चौधरी हें जो गत चुनावो में तीसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस की गॉइड लाइन के हिसाब से बालाराम को टिकट मिलना मुश्किल हें। ऐसे में कांग्रेस के पास महेंद्र टाइगर ,संत निर्मलदास और गणपत सिंह के बीच चुनाव करना हें। गनपत सिंह राजपूत होने से होड़ से बहार हो गए। निर्मलदास और महेंद्र टाइगर में से आम जन महेंद्र टाइगर के समर्थन में हें। महेंद्र को जैन समाज के थोक वोट मिलाने के साथ अनुसूचित जाती ,रबारी , राजपूतो के वोट भी मिलने की संभावना हें। महेंद्र टाइगर कांग्रेस को सीट दिला सकते हें ,कांग्रेस उनकी दावेदारी पर गंभीरता के विचार भी कर रहा हें मगर बाड़मेर विधानसभा से भी जैन उम्मीदवार मेवाराम हें इसीलिए कांग्रेस के सामने दो जैन को टिकट देने की मज़बूरी हें। बाड़मेर से उम्मीदवार बदलने की चर्चे जोरो पर हें। महेंद्र टाइगर के सशक्त रूप से दावेदार के रूप में उभरने के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेताओ में खलबली मची हें। अनुसूचित जाती आयोग के अध्यक्ष और सिवाना के पूर्व विधायक गोपाराम मेघवाल भी महेंद्र टाइगर को उम्मीदवार के रूप में चाहते हें। लम्बे समय से कांग्रेस सिवान सीट से वंचित हें। ऐसे में कांग्रेस महेंद्र टाइगर के रूप में रिस्क ले सकती हें .इधर महेंद्र टाइगर को लेकर भाजपा भी सक्रीय हो गयी हें। टाइगर को भाजपा में लेन के प्रयास उच्च स्तर पर शुरू हुए हें। टाइगर गत चुनावो में अपना जनाधार बढ़ने के बरकरार रखने में सफल हुए हें। कांग्रेस के नेताओ ने उन्हें कांग्रेस में इसी शर्त पर शामिल किया था की अगली विधानसभा चुनावो में सिवाना उन्हें उम्मीदवारी दी जाएगी ,मगर नेता जातिगत राजनीती के चलते टाइगर की अनदेखी कर रहे हें मगर उनके बढ़ाते प्रभाव के चलते उनकी दावेदारी सभी पर भारी पड़ रही हें।

शनिवार, 3 अगस्त 2013

,हमीर सिंह भायल पर भाजपा की निगाहें ,पृथ्वी सिंह रामदेरिया महेंद्र टाइगर की दावेदारी मजबूत

खास रिपोर्ट सिवाना विधानसभा क्षेत्र ........ रोचक होगा मुकाबला सिवाना में

पृथ्वी सिंह रामदेरिया महेंद्र टाइगर की दावेदारी हुई मजबूत

हमीर सिंह भायल पर भाजपा की निगाहें ठहरी 



चन्दन सिंह भाटी 


बाड़मेर सरहदी बाड़मेर जिले की जालोर जिलो से लगती सिवाना विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में भाजपा के कान सिंह कोटड़ी विधायक हें ,कान सिंह कांग्रेस शासन में कुछ ख़ास काम क्षेत्र के लिए नहीं करा पाए .अपनी सादगी और सहज स्वाभाव के कारण बेहद सम्मानित कान सिंह सिवान के लोगो के लिए आज भी आदरणीय हें अलबता उनका कार्यकाल कोई विकास के हिसाब से ख़ास नहीं रहा इसके बावजूद भाजपा एक बार फिर उन्हें मौका देगी हालांकि यंहा से नरपत सिंह राजवी और केशर सिंह राठोड टिकट की कतार में हें मगर भाजपा अध्यक्षा वसुन्धरा राजे कान सिंह को एक और अवसर देने के मूड में हें ,वहीँ किसान नेता हमीर सिंह भायल इन दिनों शसक्त होकर उभरे हें खास कर वसुंधरा राजे की सुराज यात्रा के सफल आयोजन के बाद ,भाजपा नेतृत्व की निगाहें हमीर सिंह पर ठहरी हें . भाजपा ने पूरी ताकत लहगा कर सिवाना ने वसुंधरा राजे की शानदार भीड़ वाली सभा करा कर वह वाही लूटी .भजप की इस परम्परागत सीट पर कोंग्रेस की नज़रें हें ,गत बार कांग्रेस ने बालाराम चौधरी को मैदान में उतारा था जो कण सिंह और महेंद्र टाइगर की आंधी में उड़ गए तीसरे स्थान पर खिसक गए .बालरम अभी भी टिकट मांग रहे हें ,कांग्रेस सामान्य सीट पर गोपाराम मेघवाल को उतर दे तो कोई आश्चर्य नहीं ंअहेन्द्र टाइगर ने गत चुनावो में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा भाजपा को सीढ़ी टक्कर दी थी बहुत कम मतों से हरे .तिगेर अब कांग्रेस के पास हें ,उनकी दावेदारी मजबूत हें ,जिले से एक जैन को टिकट मिलनी हें ,बाड़मेर मेवाराम जैन भी जैन हें .उनकी टिकट काट कर ही टाइगर को दे सकती हें कांग्रेस . कांग्रेस इस बार सिवाना में विशेष मेहनत करेगी ,भाजपा के साथ उनकी सीधी जंग हो प्रयास कर रही हें . कांग्रेस ने क्षेत्र के पूर्व विधायक गोपाराम मेघवाल को अनुसूचित आयोग का अध्यक्ष बना कर उनका कद जनता के बीच बढ़ने का प्रयास किया हें ,गोपाराम को समदडी को तहसील बनाने का श्रेय जाता हें ,हालांकि विधायक भी इसका श्रेय लेने की जुगाड़ में हें ,इस बार आगामी विधानसभा चुनावों में कड़े मुकाबले की संभावना हें ,गत बार बालाराम चौधरी तीसरे स्थान पर रहे थे ,दुसरे स्थान पर महेंद्र टाइगर रहे थे , ,कांग्रेस से पिछली बार उम्मीदवारी माँगने वाले पृथ्वी सिंह रामदेरिया इस बार सशक्त दावेदारी के मूड में हें ,क्षत्रिय युवक संघ के संस्थापक और पूर्व सांसद तन सिंह जी के पुत्र पृथ्वी सिंह पर कांग्रेस तन सिंह जी की राजपूत समाज में लोकप्रियता के आधार पर डाव खेल सकती हें ,गत बार पृथ्वी सिंह के नाम पर मुहर लग चुकी थी मगर हेमा राम चौधरी के प्रबल विरोध के कारण उनकी दावेदारी को ऐनवक्त खारिज कर बालाराम को टिकट दिया गया .इस बार कांग्रेस राजपूतो को कांग्रेस के साथ जोड़ने की निति के चलते उन्हें प्राथमिकता दे सकती हें ,पृथ्वी सिंह की दावेदारी से कांग्रेस को बाड़मेर जिले के साथ साथ पाली ,जोधपुर ,सिरोही और जालोर में राजपूत मतों का फायदा होगा जन्हा तन सिंह जी घर घर पूजे जाते हें ,सिवान विधान सभा क्षेत्र गत चुनावो में आरक्षित से सामान्य हुआ था .कांग्रेस के पास इस वक्त गोपाराम मेघवाल और पृथ्वी सिंह प्रबल दावेदार हें वाही भाजपा के पास कान सिंह ,हमीर सिंह भायल ,मूल सिंह भायल जैसे सशक्त दावेदार हें ,भाजपा बाहरी उम्मीदवार पर भी डाव खेल सकती हें ,राजपूत बाहुल्य सिवान में अनुसूचित जाती के थोक वोट हे जिसे नज़र अंदाज नहीं किया जा सकता .रबारी ,कलबी और जैन मतदाता भी अपनी अच्छी खासी उपस्थिति रखते हें ,.बाड़मेर जिले की राजनीति में भाजपा में खासे बदलाव होने की संभावना हें वही अशोक गहलोत सिवान में नए समीकरणों का इजाद करने के चलते राजपूत उम्मीदवार पर दाव खेल सकते हें .सिवन में इस बार दिलचस्प घमासान होने की उम्मीद हें य़ह तय हें दोनों दल नए चहरे उतारेगी सिवान से 

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