2013 की 10 चर्चित मौतें लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
2013 की 10 चर्चित मौतें लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शनिवार, 28 दिसंबर 2013

2013 की 10 चर्चित मौतें

दक्षिण अफ्रीका का गांधी नेल्सन मंडेला


रंगभेद विरोधी आंदोलन चलाने के लिए 27 साल तक जेल में रहने के बाद दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बनने वाले इस गांधीवादी नेता ने कहा था कि आत्मिक शांति और स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए दिल से नफरत को निकालना एक बेहतरीन और कारगर उपाय है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा सहित दुनिया के करीब 100 वैश्विक नेताओं ने इन्हें इतिहास का पुरोधा बताया।

दक्षिण अफ्रिका के पूर्व राष्ट्रपति व नोबेल शांति पुरस्कार विजेता इस युग पुरूष को इस देश में भगवान की तरह पूजा जाता है। दक्षिण अफ्रीका के रंगभेद विरोधी आंदोलन के इस नायक ने
गत 5 दिसंबर 2013 को लंबी बीमारी के बाद अंतिम सांस ली। वे 95 वर्ष के थे।

फास्ट एण्ड फ्यूरिअस एक्टर पॉल वॉकर

इस हॉलीवुड एक्टर ने फास्ट एण्ड फ्यूरियस फिल्म सीरीज से ख्याति पाई थी। इस से पहले उन्हें वरसिटी ब्लू नामक एक हॉलीवुड फिल्म से भी काफी नाम मिला था। तेज गति के शौकीन इस सितारे की एक कार दुर्घटना में 30 नवंबर को दर्दनाक मौत हो गई। वे केवल 40 वर्ष के थे।

पॉल एक संवेदनशील इंसान थे और इसीलिए उन्होंने रीच आउट वर्ल्डवाइड नामक एक संस्था बना रखी थी। इस संस्था के द्वारा वे जरूरतमंद लोगों की हमेशा मदद देने को तैयार रहते थे।

आइरन लेडी मार्ग्रेट थैचर

ब्रिटेन की इस पहली महिला पूर्व प्रधानमंत्री को आइरन लेडी के नाम से जाना जाता है। अपने 11 वर्ष के शासनकाल में इन्होंने ब्रिटेन की पॉलिटिक्स और इकॉनामी को पारदर्शक बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। अपनी विलक्षण नेतृत्व क्षमता के दम पर उन्होंने फ्री मार्केट इकॉनामी का पक्ष लिया और ब्रिटेन को और भी धनवान देश बना दिया।

हालांकि उनके देश में उनके कार्यों की आलोचना करने वालों की कमी नहीं थी लेकिन सारे विश्व से उनके नेतृत्व के लिए उन्हें प्रशंसा ही मिली। अप्रेल में अपने निधन के समय वे 87 वर्ष्ा की थीं।

प्राण

एक समय था जब भारत में प्राण का इतना खौफ था कि मांओं ने अपने बच्चों का नाम प्राण रखना ही बंद कर दिया था। विलेन के रोल से आगाज अपने 60 वर्ष के फिल्मी जीवन में प्राण ने विलेन के अविस्मरणीय रोल किए लेकिन इन्होंने इसके बाद चरित्र भूमिकाओं में भी खूब झंडे गाड़े ।

12 जुलाई को जब इनकी मौत हुई तो वे 93 वर्ष्ा के थे। इनकी मौत का कारण निमोनिया था।




रितुपर्णा घोष

बंगाली फिल्मों के इस प्रतिभाशाली निर्देश्क की दूसरी फिल्म उनीशे अप्रेल को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इस फिल्म को 1994 में रिलीज किया गया था। रितुपर्णा ने अपने 20 वर्ष लंबे कैरियर के दौरान 12 राष्ट्रीय और कई अंत्तराष्ट्रीय पुरस्कार जीते थे।

30 मई को जब उनकी दिल के दौरे से मृत्यु हुई तब वे 50 वर्ष के थे।

डॉल्बी साउंड का जनक अमर बोस

आज अगर हम पिक्चर हॉलों में कानों को भाने वाला और मदहोश करने वाला डॉल्बी साउंड सुनते हैं तो इसका श्रेय अमर बोस को ही जाता है। अमर बोस को एक ऎसी तकनीक को विकसित करने के लिए जाना जाता है जिससे कि साउंड तकनीक में एक क्रांतिकारी परिवर्तन आ गया। इससे पहले तो साउंड के साथ में अजीब सी ध्वनि भी सुनाई देतीे थी। बोस के टेबलटॉप रेडियो का साउंड और नायज कैंसिल करने वाले हैडफोन ने म्यूजिक की दुनिया में एक बड़ा बदलाव पैदा कर दिया।

आज बोस कॉरपोरेशन साउंड तकनीक की एक विश्व स्तरीय कंपनी है। 12 जुलाई को अंतिम सांस लेने वाले अमर बोस 83 वर्ष्ा के थे।