जोधपुर. वायुसेना की दक्षिण पश्चिमी वायु कमान (स्वैक) ने अति आधुनिकतम राडार अरूधरा को अपने बेड़े में शामिल किया है। इजरायल निर्मित इस राडार के लगने से सीमा पार से टोही विमानों से जासूसी करना अब आसान नहीं होगा। ना ही पाकिस्तानी लड़ाकू विमान गुपचुप हवाई सीमा का उल्लंघन कर पाएंगे।
इस राडार को फिलहाल गुजरात के नलिया एयरबेस पर स्थित एक यूनिट में लगाया गया है। यह राडार सर-क्रीक इलाके में जासूसी करने वाले टोही विमानों पर नजर रखेगा। वायु सेनाध्यक्ष एयर मार्शल पीवी नाइक ने शुक्रवार को नलिया एयरबेस पर अरूधरा राडार को वायुसेना में शामिल करने की औपचारिकता पूरी की। जोधपुर से नलिया शिफ्ट हुई युनिट में यह राडार ‘पीएसएम 33’ व ‘टीआरसी 2215’ की जगह लेगा।
करीब तीन किलोमीटर की दूरी तक इस राडार के दायरे में विमानों की आवाजाही का पता चल सकेगा। अब तक पाकिस्तानी लड़ाकू विमान और टोही विमान अक्सर काफी नीची उड़ान भरकर हवाई सीमा का उल्लंघन कर भारतीय सीमा में जासूसी कर जाते थे। विशेषकर सर-क्रीक इलाके में निगरानी करना काफी मुश्किल था। अब अरूधरा से पाकिस्तानी विमानों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रहेगी। आने वालों कुछ सालों में अरूधरा को जोधपुर, उतरलाई व बीकानेर एयरबेस पर भी स्थापित किया जाएगा।
इस राडार को फिलहाल गुजरात के नलिया एयरबेस पर स्थित एक यूनिट में लगाया गया है। यह राडार सर-क्रीक इलाके में जासूसी करने वाले टोही विमानों पर नजर रखेगा। वायु सेनाध्यक्ष एयर मार्शल पीवी नाइक ने शुक्रवार को नलिया एयरबेस पर अरूधरा राडार को वायुसेना में शामिल करने की औपचारिकता पूरी की। जोधपुर से नलिया शिफ्ट हुई युनिट में यह राडार ‘पीएसएम 33’ व ‘टीआरसी 2215’ की जगह लेगा।
करीब तीन किलोमीटर की दूरी तक इस राडार के दायरे में विमानों की आवाजाही का पता चल सकेगा। अब तक पाकिस्तानी लड़ाकू विमान और टोही विमान अक्सर काफी नीची उड़ान भरकर हवाई सीमा का उल्लंघन कर भारतीय सीमा में जासूसी कर जाते थे। विशेषकर सर-क्रीक इलाके में निगरानी करना काफी मुश्किल था। अब अरूधरा से पाकिस्तानी विमानों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रहेगी। आने वालों कुछ सालों में अरूधरा को जोधपुर, उतरलाई व बीकानेर एयरबेस पर भी स्थापित किया जाएगा।