बाड़मेर में एक विवाहिता ने शादी के छह साल बाद तीन तलाक देने का मामला दर्ज करवाया
महिला थाना बाड़मेर में एक विवाहिता ने शादी के छह साल बाद तीन तलाक देने का मामला दर्ज करवाया है। पढ़े-लिखे और नौकरशाही परिवार में तीन तलाक का यह पहला मामला है।
अंबेडकर कॉलोनी बाड़मेर निवासी विवाहिता ने रिपोर्ट में बताया कि वह ग्रेजुएट तक पढ़ी हुई है। उसका निकाह 7 फरवरी 2014 को रीति रिवाज से मुराद खां पुत्र कमाल खां निवासी गागरिया हाल निवासी ऑफिसर कॉलोनी बाड़मेर के साथ हुआ था। विवाह में पिता ने दहेज में सोने-चांदी के गहने, टीवी, फ्रीज सहित अन्य सामान दिया था। शादी के करीब तीन साल तक पति-पत्नी के बीच अच्छे संबंध रहे। विवाहिता ने बताया कि वाे पढ़ना चाहती थी, पति मुराद खां, ससुर कमाल खां व सासू भी पढ़े-लिखे है। उसे पढ़ने से रोक दिया और कहा कि तुझे पढ़ाने के लिए ससुराल पक्ष के पास खर्चा नहीं है। जबकि पति और ससुर दोनों सरकारी कर्मचारी है। डिमांड करते रहे कि दहेज के लिए प्लॉट, गाड़ी लेकर आए। दहेज को लेकर विवाहिता को पति, सास-ससुर परेशान करते रहे। विवाहिता अपने परिवार को टूटने से बचाने के लिए कुछ समय तक सब कुछ सहन करती रही। इसके बाद पिता को आप बीती बताई। इस पर विवाहिता के पिता ने समाज के मौजिज लोगों के साथ विवाहिता के ससुराल जाकर समझाइश की। 6 दिसंबर 2019 को समझाइश के बाद विवाहिता को पीहर से वापस ससुराल छोड़ा था। इसके बावजूद ससुराल पक्ष के लोगों ने उससे बातचीत नहीं की। विवाहिता पढ़ना चाहती है, लेकिन ससुराल ने पढ़ाने की बात स्वीकार नहीं की। 5 दिन बाद ससुराल में रहने के बावजूद भी पति ने विवाहिता से बात तक नहीं की।
इसके बाद 9 दिसंबर को विवाहिता का भाई ससुराल आया। तब विवाहिता ने उसके साथ होने वाली प्रताड़ना को बताया। इस दौरान विवाहिता के भाई के सामने पति ने तलाक, तलाक, तलाक तीन बार बोला और कहा कि उसे तीन तलाक दे दिया है, मायके चली जा। 10 दिसंबर 2019 को उसके ससुर ने घर से निकाल दिया। पिछले काफी समय से वो परिवार को टूटने से बचाने के लिए के डर से पुलिस तक नहीं पहुंची। पति, सास-ससुर नहीं माने और 20 मार्च को विवाहिता को एक लेटर लिख कर दिया और कहा कि वो तलाक देना चाहता है, तीन तलाक पहले भी बोल दिया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
महिला थाना बाड़मेर में एक विवाहिता ने शादी के छह साल बाद तीन तलाक देने का मामला दर्ज करवाया है। पढ़े-लिखे और नौकरशाही परिवार में तीन तलाक का यह पहला मामला है।
अंबेडकर कॉलोनी बाड़मेर निवासी विवाहिता ने रिपोर्ट में बताया कि वह ग्रेजुएट तक पढ़ी हुई है। उसका निकाह 7 फरवरी 2014 को रीति रिवाज से मुराद खां पुत्र कमाल खां निवासी गागरिया हाल निवासी ऑफिसर कॉलोनी बाड़मेर के साथ हुआ था। विवाह में पिता ने दहेज में सोने-चांदी के गहने, टीवी, फ्रीज सहित अन्य सामान दिया था। शादी के करीब तीन साल तक पति-पत्नी के बीच अच्छे संबंध रहे। विवाहिता ने बताया कि वाे पढ़ना चाहती थी, पति मुराद खां, ससुर कमाल खां व सासू भी पढ़े-लिखे है। उसे पढ़ने से रोक दिया और कहा कि तुझे पढ़ाने के लिए ससुराल पक्ष के पास खर्चा नहीं है। जबकि पति और ससुर दोनों सरकारी कर्मचारी है। डिमांड करते रहे कि दहेज के लिए प्लॉट, गाड़ी लेकर आए। दहेज को लेकर विवाहिता को पति, सास-ससुर परेशान करते रहे। विवाहिता अपने परिवार को टूटने से बचाने के लिए कुछ समय तक सब कुछ सहन करती रही। इसके बाद पिता को आप बीती बताई। इस पर विवाहिता के पिता ने समाज के मौजिज लोगों के साथ विवाहिता के ससुराल जाकर समझाइश की। 6 दिसंबर 2019 को समझाइश के बाद विवाहिता को पीहर से वापस ससुराल छोड़ा था। इसके बावजूद ससुराल पक्ष के लोगों ने उससे बातचीत नहीं की। विवाहिता पढ़ना चाहती है, लेकिन ससुराल ने पढ़ाने की बात स्वीकार नहीं की। 5 दिन बाद ससुराल में रहने के बावजूद भी पति ने विवाहिता से बात तक नहीं की।
इसके बाद 9 दिसंबर को विवाहिता का भाई ससुराल आया। तब विवाहिता ने उसके साथ होने वाली प्रताड़ना को बताया। इस दौरान विवाहिता के भाई के सामने पति ने तलाक, तलाक, तलाक तीन बार बोला और कहा कि उसे तीन तलाक दे दिया है, मायके चली जा। 10 दिसंबर 2019 को उसके ससुर ने घर से निकाल दिया। पिछले काफी समय से वो परिवार को टूटने से बचाने के लिए के डर से पुलिस तक नहीं पहुंची। पति, सास-ससुर नहीं माने और 20 मार्च को विवाहिता को एक लेटर लिख कर दिया और कहा कि वो तलाक देना चाहता है, तीन तलाक पहले भी बोल दिया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।