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शुक्रवार, 1 मार्च 2013

ऐतिहासिक कारेली नाडी के सरंक्षण का बीड़ा उठाया जनता ने



ऐतिहासिक कारेली नाडी के सरंक्षण का बीड़ा उठाया जनता ने 

सरंक्षण के लिए बनेगी कमेटी

बाड़मेर बाड़मेर जिला मुख्यालय पर स्थित ऐतिहासिक कारेली नाडी का कायाकल्प करने की जिम्मेदारी आम जन ने ली हें ,इसके लिए जल्द एक कमेटी का गठन कर इसके सरंक्षण के लिए अभियान छेड़ा जाएगा .इस आशय की जानकारी देते हुए सांग सिंह लुणु ने बताया की बाड़मेर की परंपरागत पेयजल स्रोतों में कारेली नाडी अहम् थी .आसपास के पचासों गाँवो के लोग इस नाडी के पानी से प्यास बुझाते थे .वहीं इस तालाब की बड़ी मान्यता थी ,लोगो की इस तालाब के प्रति गहरी आस्था थी ,आज इस तालाब की दुर्दशा कर इसे कचरा पात्र बना दिया ,उन्होंने बताया की जिला प्रशासन द्वारा कारेली नाडी के सौन्दर्यकरण के नाम पर विदेशी कंपनियों से पैसा भी लिया मगर उसका इस नाडी पर कोई उपयोग नहीं किया .आज तालाब गन्दगी से भरा पडा हें ,जिला प्रशासन और नगर परिषद् लगातार इस नाडी की उपेक्षा कर रहे हें जबकि सरकार ने परंपरागत पेयजल स्रोतों के विकास के लिए कई योजनाए बना रखी हें .रिड़मल सिंह दांता ने बताया की सोमवार को जिला कलेक्टर से मिलकर इस नाडी के विकास की मांग की जायेगी ,यदी जिला प्रशासन सकारात्मक नहीं हुआ तो युवा इसके विकास का कार्य अपने हाथ में लेंगे .चन्दन सिंह भाटी ने बताया की कारेली नाडी के पुराने स्वरुप को पुनः लौटाने के सतत सामूहिक प्रयास किये जायेंगे .आज इस नाडी के आगे से आम आदमी गुजर नहीं सकता इस तालाब में मृत पशु तक डाले जा रहे हें वही इसे कचरा पात्र बना दिया .इसके लिए रवीवार को एक अहम् बैठक का आयोजन रखा गया हें ,बैठक में इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा जिसकी देखरेख में कारेली नाडी के सौन्दर्यकरण और विकास का कम होगा .शुक्रवार को माधो सिंह दांता के नेतृत्व में कारेली नाडी का अवलोकन कर इसके विकास की रूपरेखा तय की .