बाड़मेर |मौत के 11 दिन बाद हत्या का मामला दर्ज, 40 दिन बाद फिर से पोस्टमार्टम
शिव थाना क्षेत्र के मौखाब का मामला : हत्या की आशंका पर कार्रवाई
बाड़मेर | शिवथाना क्षेत्र के मौखाब में मौत के चालीस दिन बाद एक विवाहिता के शव को कब्र से निकाल पोस्टमार्टम किया गया। 6 जून को शिव थाना क्षेत्र में विवाहिता ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या करने का मामला दर्ज हुआ था। इस घटना के 11 दिन बाद 19 जून को पीहर पक्ष ने बालोतरा थाने में पति समेत 5-6 लोगों पर विवाहिता को जहर देकर हत्या करने का मामला दर्ज करवाया। घटना को 15 दिन से अधिक समय हो जाने से कलेक्टर की अनुमति पर एसडीएम की मौजूदगी में मेडिकल बोर्ड की टीम ने विवाहिता का शव कब्र से निकाला और पोस्टमार्टम किया। विवाहिता की हत्या हुई या अात्महत्या, ये एफएसएल रिपोर्ट ही आने का बाद तय होगा।
शिव थानाधिकारी धन्नापुरी ने बताया कि हसीना पत्नी बरकत तेली निवासी पाबूमाली मौखाब ने 6 जून को फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने परिजनों की रिपोर्ट पर आत्महत्या का मामला दर्ज किया था। इसके 11 दिन बाद 19 जून को विवाहिता की मां पांची देवी ने बालोतरा में हत्या का मामला दर्ज करवाया। रिपोर्ट में बताया कि विवाहिता की जहर देकर हत्या की गई है। विवाहिता के चार बच्चे है। इसमें सबसे पुत्री सुमित्रा ने अब पुलिस को बताया है कि उसकी मां को पहले तरबूज खिलाया गया, उसमें जहर था। इससे वह बेहोश हो गई और फिर आत्महत्या का रूप देने के लिए फांसी के फंदे पर लटका दिया गया।
40दिन बाद हुआ पोस्टमार्टम : विवाहिताकी मौत के 40 दिन बाद मंगलवार को मौखाब में शिव एसडीएम चंद्रभानसिंह भाटी, शिव थानाधिकारी धन्नापुरी की मौजूदगी में मेडिकल बोर्ड से विवाहिता का पोस्टमार्टम किया गया। इसके लिए 40 दिन पहले दफनाए गए शव को कब्र से बाहर निकाल मेडिकल बोर्ड ने पोस्टमार्टम किया। सैंपल लेकर एफएसएल के लिए जोधपुर लेब भिजवाए गए है, जहां से रिपोर्ट आने पर ही खुलासा होगा कि हत्या है या फिर आत्महत्या। पूर्व में किए गए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में विवाहिता की मौत फांसी पर लटकने के कारण दम घुटने से होना सामने आया था।
15साल पहले हुई थी शादी : विवाहिताकी 15 साल पहले शादी हुई थी। उसके चार बच्चे है। विवाहिता का पीहर बालोतरा है। कोर्ट से इस्तगाशा पेश कर विवाहिता की हत्या करने का मामला 19 जून को बालोतरा थाने में विवाहिता की मांग पांची देवी ने दर्ज करवाया था। मौत के 15 दिन तक पोस्टमार्टम करवाने के आदेश देने का अधिकार एसडीएम को होता है, लेकिन 40 दिन बीत जाने से कलेक्टर की अनुमति पर एसडीएम की मौजूदगी में मेडिकल बोर्ड ने शव का वापस पोस्टमार्टम किया।