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शुक्रवार, 2 अगस्त 2013

खरी खरी। ।तत्कल टिपणी राज्य सरकार के पुलिस महकमे में चुनावी राजनितिक तबादले

खरी खरी। ।तत्कल टिपणी राज्य सरकार के पुलिस महकमे में चुनावी राजनितिक तबादले 


बाड़मेर राज्य सरकार ने शुक्रवार को पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल करते हुए उनपचास आई पी एस अधिकारियो के तबादले किये हें। जिनमे अधिकांस जिलो में गत माह आर पी एस से पदान्नत हुए आई पी एस अधिकारियो को लगाया गया हें। आई पी एस अधिकारियो को ट्रेनिग सन्तरो या महकमो अथवा बटालियनो में खपाया गया हें। इस सूचि से यह स्पष्ट हो गया की कांग्रेस आ पी एस अधिकारियो पर चुनावी समय में भरोसा करने की बजे अपने कार्यकाल में पद्दोनत किये आर पी एस अधिकारियो पर भरोसा जता कर जिलो की कमान सौंपी हें। राज्य में कई काबिल पुलिस अधिकारी हें जिन्होंने अपने कर्कल में अपनी क्षमता का दम भरा और काबिलियत दिखाई मगर उन काबिल अधिकारियो पर चुनावी समय में सरकार भरोसा नहीं कर पी। यह भी अलग बात हें की अभी जिन अधिकारियो को जिला पुलिस अधीक्षक पद पर लगाया गया हें वे इस पद पर एक साल से कम समय तक ही रह पाएंगे। सरकार ने बड़ा जुआ खेला हें पदोन्नत किये अधिकारियो पर। सरकार की कंही न कंही यह सोच सामने आती हें की उनके कार्यकाल में पदोन्नत किये अधिकारी उनकी सरकार के प्रति सहानुभूति रखेंगे जिससे उन्हें चुनावो में फायदा होगा। इस तबादला सूचि में कई काबिल अधिकारियो को ऐसी वैसी जगह लगाया गया हें। सीधे आई पी एस चुनाव के समय शायद अपनी काबिलियत के आधार पर कम करते जो सरकार को गवारा नहीं। यह सूचि साफ़ तौर पर चुनावी तबादला सूचि हें। 

शनिवार, 23 मार्च 2013

बाड़मेर का लाल कभी कपड़ा मिलों में करते थे मजदूरी, आज राजस्थान के गौरव बने आई पी एस गुमनाराम!

बाड़मेर का लाल

कभी कपड़ा मिलों में करते थे मजदूरी, आज राजस्थान के गौरव बने आई पी एस गुमनाराम!

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बाड़मेर की रामसर तहसील के १क्क्क् लोगों की आबादी वाले आंटा गांव के आरपीएस गुमनाराम चौधरी परिवार व गांव के गौरव बन गए हैं। शुक्रवार को आरपीए में आयोजित दीक्षांत परेड समारोह में शामिल होने के लिए माता-पिता, पत्नी भूरी देवी व बेटा दुर्गेश बाड़मेर से यहां पहुंचे।
कभी कपड़ा मिलों में करते थे मजदूरी, आज गांव का गौरव बने IPS गुमनाराम!
गुमनाराम के पिता भीमाराम ने सफेद धोती कुर्ते पर ऊनी कोर्ट व सिर पर पगड़ी पहन रखी थी, तो मां मूली देवी ने दोनों हाथों में लाख के चूड़े व घाघरा लूगड़ी ओढ़ रखी थी। पासिंग परेड पूरी होने के बाद गुमनाराम ने माता-पिता के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। उसके बाद डीजीपी हरिश्चंद्र मीना व आरपीए डायरेक्टर बीएल सोनी समेत अन्य उच्चाधिकारियों से परिजनों की मुलाकात कराई।

गुमनाराम ने बताया कि पढ़ाई के लिए मुझे गांव से कई किलोमीटर दूर पैदल जाना पड़ता था। गांव में लाइटें नहीं होती थी। पिता मजदूरी करते थे। आठवीं से 12 वीं कक्षा तक स्कूल में छुट्टियों के दौरान अहमदाबाद जाकर कपड़े की मिलों में प्रिंटिंग व धुलाई का काम करता था। 12वीं करने के बाद बीएसटीसी की परीक्षा में पास हो गया।
गुमनाराम ने 1999 में ग्रेजुएशन किया।
कभी कपड़ा मिलों में करते थे मजदूरी, आज गांव का गौरव बने IPS गुमनाराम!
इससे पहले कभी प्रशासनिक नौकरी के बारे में बताने वाला कोई नहीं था। कॉलेज की पढ़ाई के दौरान अधिकारी बनने का ख्वाब गरीबी की वजह से मुश्किल लगा। कोचिंग के लिए फीस नहीं थी इसलिए स्कूलों में टीचिंग के दौरान ही आरएएस की तैयारी में जुट गया। वर्ष 2000 में आरएएस की परीक्षा दी। उसके बाद 2006 में राजस्थान राज्य बीमा सेवा में चयन हुआ। फिर 2011 में आरपीएस के लिए चयन हुआ।